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नंदकिशोर और उस की पत्नी सुधा को खुशबू और आकाश की नजदीकियों की जानकारी थी, इसलिए दोनों का शक आकाश पर ही था, परंतु आकाश नंदकिशोर के साथ खुशबू को खोजने में उस का साथ दे रहा था. इसलिए कई बार नंदकिशोर को लगता कि खुशबू के गायब होने में आकाश का हाथ न हो.

रांझी पुलिस ने जब खुशबू की मम्मी सुधा से पूछा कि तुम्हें किसी पर शक है, जो खुशबू को अगवा कर सकता है तो सुधा ने बेहिचक आकाश का नाम लिया था.

पुलिस टीम ने आकाश को 4 बार हिरासत में ले कर पूछताछ की, मगर वह हर बार वह यही कहता कि उसे खुशबू के गायब होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

धीरेधीरे समय बीत रहा था और पुलिस खुशबू को नहीं खोज पाई थी. नंदकिशोर पुलिस के बड़े अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा चुका था, लेकिन उस की शिकायत दर्ज कर उसे केवल आश्वासन ही दिया जा रहा था.

पुलिस की हीलाहवाली से परेशान हो कर नंदकिशोर ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करा दी. शिकायत की जांच हेतु जब रांझी पुलिस थाने के टीआई पर दबाव पड़ा तो टीआई आर.के. मालवीय ने खुशबू को तलाश करने के बजाय नंदकिशोर को थाने में तलब किया.

टीआई ने नंदकिशोर को 2 दिन के भीतर खुशबू को खोज निकालने का भरोसा दिला कर उस पर दबाव बना कर शिकायत वापस करवा ली.

2 दिन बाद नंदकिशोर जब पुलिस स्टेशन गया तो टीआई बेकाबू हो कर बोले, ‘‘पुलिस के पास बहुत सारे काम हैं, एक अकेली तुम्हारी लड़की को खोजने नहीं बैठे रहेंगे.’’

पुलिस के इस व्यवहार से नंदकिशोर बहुत दुखी हुआ. अपनी बेटी के बारे में पता लगाने के लिए नंदकिशोर पिछले 3 महीनों में 50 बार से अधिक रांझी थाने और 5 बार एसपी से मिल चुका था, परंतु उसे कोरे आश्वासन ही मिलते थे. जिस से वंशकार समाज के लोग लामबंद हो कर पुलिस की इस लापरवाही पर आक्रोशित थे.

इस के बाद टीआई आर.के. मालवीय का तबादला कर दिया गया और रांझी पुलिस थाने की कमान तेजतर्रार टीआई विजय परस्ते को सौंप दी गई. टीआई विजय परस्ते ने एएसआई रामकुमार मार्को की मदद से पूरे केस की फिर से पड़ताल शुरू कर दी.

टीआई विजय परस्ते के निर्देश पर पुलिस टीम ने लापता खुशबू के प्रेमी आकाश की निगरानी शुरू कर दी. उस की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही थी.

इधर चारों तरफ से घोर निराशा मिलने के बाद नंदकिशोर ने वकील से मिल कर जबलपुर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगा दी. हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल दे कर जबलपुर एसपी को खुशबू को खोजने का आदेश दिया तो एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने प्रकरण में क्राइम ब्रांच को भी लगा दिया.

पूरे मामले में शुरू से ही आकाश बेन पहला संदेही था. क्राइम ब्रांच और रांझी पुलिस ने 23 सितंबर, 2021 की रात को आकाश को थाने में बुला कर जब सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया. पुलिस पूछताछ में दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई.

रांझी के बजरंग नगर के गंगा मैया इलाके में रहने वाला सूरज बेन व्हीकल फैक्ट्री के मेस में खानसामा था. उस के 2 बेटे आकाश और प्रकाश थे. 24 साल का आकाश कुछ समय पहले रिछाई के इंडस्ट्रियल एरिया में एक इंजेक्शन बनाने वाली फार्मा कंपनी में काम करता था.

बाद में अपने पिता सूरज बेन के कहने पर वह उस के साथ ही व्हीकल फैक्ट्री के मेस में वेटर का काम करने लगा. लौकडाउन के चलते व्हीकल फैक्ट्री का मेस जब बंद हो गया तो आकाश का काम छूट गया.

लौकडाउन खत्म होने के बाद वह काम की तलाश में राइस मिल गया तो उसे हम्माल का काम मिल गया. राइस मिल में चावल के बोरे काटने, भरने और सिलने का काम करने वाले मजदूरों को हम्माल कहा जाता है. आकाश मैट्रिक तक ही पढ़ा था, लेकिन वह फैशनपरस्त लड़का था.

पिता की आमदनी भी परिवार के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर थी, इस वजह से आकाश ने हम्माली के काम को शौक से अपना लिया था.

आकाश और खुशबू दसवीं कक्षा तक जबलपुर के स्कूल में साथसाथ ही पढ़े थे और दोनों के परिवारों की आपस में नजदीकियां थीं.

रोज ही उन का एकदूसरे के घरों में आनाजाना लगा रहता था. इसलिए उन के मेलजोल पर किसी को ऐतराज भी नहीं था.

स्कूल में हुई बचपन की दोस्ती जवां होते ही कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता ही नहीं चला. दोनों एकदूसरे को दिलोजान से चाहने लगे. आकाश और खुशबू के घरवाले भी उन की परवान चढ़ती मोहब्बत से अंजान नहीं थे.  आकाश अकसर ही खुशबू को बाइक से शहर घुमाने ले जाता था. जबलपुर शहर के पार्क में घंटों वे बांहों में बांहें डाल अपने प्यार की पींगें बढ़ाने लगे थे. दोनों को जब भी एकांत मिलता तो आकाश खुशबू के होंठों को चूमते हुए कहता, ‘‘खुशबू, मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा चाहता हूं और जल्दी ही तुम से शादी करना चाहता हूं.’’

आकाश खुशबू की हर ख्वाहिश का ध्यान रखता था. वह उसे घुमानेफिराने के साथ उसे नए कपड़े गिफ्ट करता था. यही वजह थी कि खुशबू भी आकाश की दीवानी थी.

पिछले साल मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब लौकडाउन हुआ तो आकाश की फैक्ट्री बंद हो गई और उसे पैसे की तंगी होने लगा.

आकाश खुशबू की फरमाइशें पूरी नहीं कर पा रहा था. घूमनेफिरने की आदी और स्मार्टफोन की शौकीन खुशबू सोशल मीडिया के जरिए दूसरे लड़कों से नजदीकियां बढ़ाने लगी तो खुशबू के पिता नंदकिशोर और उस की पत्नी बेटी की इन हरकतों से परेशान रहने लगे.

मोहल्ले में नंदकिशोर की बदनामी होने लगी तो उस ने घमापुर में रहने वाले दिनेश नाम के लड़के से खुशबू की शादी तय कर दी. जून महीने में खुशबू की शादी होने वाली थी. खुशबू भी इस रिश्ते को ले कर अब गंभीर हो गई थी.

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