बात माधुरी की बरामदगी की भी थी. इस के लिए राहुल के पास कोई सुराग नहीं था. माधुरी कहां चली गई थी, इस बात को कोई नहीं जानता था. उस का प्रेम प्रसंग राहुल से था और राहुल को ही उस की खबर नहीं थी. पुलिस के लिए यह मामला काफी पेचीदा हो गया था. इस बीच पुलिस को पता चला कि माधुरी चोरीछिपे मोबाइल फोन इस्तेमाल करती थी. पुलिस को लगा कि इस से कोई सुराग मिल सकता है. लेकिन घर वालों को माधुरी का मोबाइल नंबर पता नहीं था. पुलिस ने गांव के टावर से जितने भी मोबाइल नंबर इस्तेमाल हो रहे थे, सभी का डाटा निकलवाया. यह संख्या 3 हजार से अधिक थी, लेकिन पुलिस को उम्मीद थी कि इस से कोई न कोई सुराग जरूर मिल जाएगा.
पुलिस ने मोबाइल नंबरों को खंगाला तो उन में 2 मोबाइल नंबर एक ही सीरीज के मिले. उन नंबरों को संदिग्ध मान कर जांच शुरू की गई. इस में खास बात यह थी कि माधुरी के लापता होने के 2 दिनों बाद दोनों नंबर बंद कर दिए गए थे. पुलिस ने उन नंबरों की आईडी निकलवाई तो वे जनपद पीलीभीत के एक ही पते पर लिए गए थे. सिमकार्ड लेते वक्त जो पहचानपत्र दिया गया था, वह भी फरजी था. पुलिस ने आईएमईआई नंबर के जरिए मोबाइल का पता किया तो पता चला कि जिस मोबाइल में दोनों सिम में से एक सिम का उपयोग हो रहा था, उसी टावर के अंतर्गत उस में दूसरा नंबर चल रहा था. पुलिस ने उस नंबर के बारे में पता किया तो वह माधुरी के पड़ोसी हेमंत का निकला. इस से हेमंत शक के दायरे में आ गया. 7 जनवरी, 2017 को थानाप्रभारी शाबेज खान एसआई श्रीपाल सिंह, नरेश कुमार, कांस्टेबल जकी अहमद और जितेंद्र को साथ ले कर गांव पहुंचे और पूछताछ के लिए हेमंत को हिरासत में ले लिया.
पूछताछ में हेमंत शातिर खिलाड़ी निकला. उस के न केवल माधुरी से प्रेमसंबंध थे, बल्कि उसी ने सुनियोजित तरीके से माधुरी की हत्या कर के उस की लाश को ठिकाने लगा दिया था. आपराधिक घटनाओं पर आधारित टीवी सीरियलों और फिल्मों से शातिर सोच पैदा कर के उस ने पूरी योजना बनाई थी. उस के प्रेम में अंधी हो चुकी माधुरी उस के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली बन चुकी थी तो राहुल मोहरा. माधुरी के लिए हेमंत ही वह आकर्षक करिश्माई आदमी था, जिस का राज माधुरी ने अपने सीने में दफन कर रखा था. हेमंत की निशानदेही पर पुलिस ने गांव के ही एक खेत से माधुरी के शव को बरामद कर लिया था. पुलिस ने शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया, साथ ही हेमंत के खिलाफ अपराध संख्या 2/2017 पर धारा 364, 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था.
पुलिस ने हेमंत से विस्तार से पूछताछ की तो एक ऐसे शातिर दिमाग इंसान की कहानी निकल कर सामने आई, जिस ने एक लड़की को प्यार के जाल में फांस कर पहले उस की भावनाओं और विश्वास को छला, उस के बाद उसे मौत की चौखट पर पहुंचा दिया. पड़ोसी होने के नाते माधुरी और हेमंत के घर वालों का एकदूसरे के यहां आनाजाना था. करीब 10 महीने पहले हेमंत ने माधुरी पर डोरे डालने शुरू किए. माधुरी उम्र के नाजुक मोड़ पर थी. उस ने हेमंत का झुकाव अपनी ओर देखा तो वह भी उस की ओर आकर्षित हो गई. बहुत जल्दी दोनों के प्रेमसंबंध बन गए. हेमंत माधुरी को केवल मौजमस्ती का साधन बनाना चाहता था, लेकिन माधुरी उस से दिल से प्यार कर बैठी.
दिल के हाथों मजबूर हो कर माधुरी राह भटक गई. उन के रिश्ते की कोई मंजिल नहीं थी. बात एक ही गांव, पड़ोस और अलगअलग जाति की थी, इस से भी बड़ी बात यह थी कि हेमंत शादीशुदा ही नहीं, 2 बच्चों का बाप था. माधुरी इन बातों को भूल गई और उस के साथ जीनेमरने की कसमें खा लीं. हेमंत शातिर था. वह आपराधिक टीवी सीरियलों से भी खासा प्रभावित था. हेमंत किसी खतरे में नहीं पड़ना चाहता था, इसलिए उस ने फरजी आईडी पर 2 मोबाइल नंबर लिए. एक नंबर उस ने अपने पास रखा और दूसरा माधुरी को देते हुए कहा, ‘‘माधुरी, इस नंबर से मेरे सिवा किसी और से बात मत करना.’’
‘‘मैं भला किसी और से बातें क्यों करूंगी. वैसे भी मेरे लिए अब तुम ही सब कुछ हो.’’ माधुरी ने कहा ही नहीं, किया भी ऐसा ही. माधुरी फोन को छिपा कर रखती थी. उस से वह केवल हेमंत से ही बातें करती थी या एसएमएस करती थी. दोनों का संबंध इतना गुप्त था कि किसी को कानोंकान खबर नहीं थी. दोनों चूंकि पड़ोसी थे, इसलिए उन के संबंधों पर किसी ने कभी शक भी नहीं किया. इस मामले में हेमंत काफी सतर्क रहता था. हेमंत गांव से बाहर कंप्यूटर और मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था. वह सुबह घर से निकलता था तो शाम को ही वापस आता था. इस दौरान वह मोबाइल से माधुरी से जम कर बातें करता था और उस के प्यार के सपनों को पंख लगाता था. आखिर एक दिन माधुरी ने उस से कह ही दिया कि वह हमेशा के लिए उस की होना चाहती है. हेमंत ने भी ऐसा करने का वादा कर लिया. उस ने सोचा कि वक्त आने पर वह माधुरी से पीछा छुड़ा लेगा, लेकिन माधुरी की सोच ऐसी नहीं थी. वह उसे अपना सब कुछ मान चुकी थी, इसलिए प्यार की बातों के दौरान एक दिन उस ने हेमंत से पूछ लिया, ‘‘तुम कभी मुझे धोखा तो नहीं दोगे ’’
‘‘मैं ने तुम्हें धोखा देने के लिए प्यार नहीं किया माधुरी. मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं.’’
‘‘हम शादी कब करेंगे ’’
‘‘तुम जानती हो माधुरी कि यह सब इतना आसान नहीं है. इस के लिए हमें इंतजार करना होगा.’’ हेमंत ने उसे यह कह कर टाल तो दिया, लेकिन वह यह सोच कर चिंतित जरूर हो उठा कि माधुरी उस की पत्नी बनने का पक्का इरादा बना चुकी है.
इस के बाद आए दिन माधुरी हेमंत से शादी की बातें करने लगी. एक दिन बातोंबातों में माधुरी ने उस से कहा कि राहुल उसे पसंद करता है तो यह सुन कर वह खुश हो गया, क्योंकि इस से उसे माधुरी से छुटकारा पाने की राह सूझ गई. उस ने कहा, ‘‘माधुरी, तुम राहुल से भी बातें कर लिया करो, अब वही हमारी शादी कराएगा.’’
‘‘मतलब ’’ माधुरी ने पूछा.
‘‘यह मैं तुम्हें समय आने पर बताऊंगा. मैं जैसा कह रहा हूं, तुम वैसा ही करती रहो. उस के बाद हमें शादी से कोई नहीं रोक सकेगा. तुम अपने पिता के नंबर से उस से बातें किया करो.’’ माधुरी ने ऐसा ही किया. वह पिता के नंबर से राहुल को फोन करने लगी. दरअसल राहुल सीधासादा लड़का था. उसे पता नहीं था कि वह मोहरा बन रहा है. हेमंत के कहने पर माधुरी ने राहुल के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. दोनों ही जानते थे कि घर वाले उन की शादी के लिए कभी तैयार नहीं होंगे. इस का एक ही उपाय था कि भाग कर शादी की जाए. माधुरी ने अधिक दबाव डाला तो राहुल इस के लिए तैयार हो गया. हेमंत ने माधुरी को समझाया, ‘‘तुम्हें राहुल से शादी भी करनी है और पकड़ी भी जाना है. इस से सब को विश्वास हो जाएगा कि राहुल तुम्हारा प्रेमी है. फिर एक दिन हम दोनों घर से भाग कर शादी कर लेंगे, जिस का सारा शक राहुल पर जाएगा. उस के जेल जाने पर मामला अपने आप शांत हो जाएगा.’’