9 मई की रात तकरीबन साढ़े 8 बजे का वक्त था. उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम  में किसी ने फोन कर के सूचना दी कि न्याय खंड-3 में एक महिला को किसी ने गोली मार दी है.

इस संवदेनशील सूचना के मिलते ही थानाप्रभारी वीरेंद्र सिंह मय पुलिस बल के सूचना में बताए स्थान पर पहुंच गए. उस इलाके में सैकड़ों की तादाद में जनता फ्लैट बने हुए हैं. जिस जगह यह वारदात हुई, वह गली एकदम सुनसान थी. गली फ्लैटों के पीछे की साइड में होने की वजह से लोग उस का इस्तेमाल कम ही किया करते थे.

थानाप्रभारी ने मौका मुआयना किया तो वहां करीब 28-30 साल की महिला खून से लथपथ पड़ी थी. गोली उस की कनपटी पर मारी गई थी. मौके पर मोबाइल फोन और एक थैला भी पड़ा था, जिस में सब्जियां थीं. महिला शायद जिंदा बच जाए इसलिए आननफानन में पुलिस उसे नजदीक के एक निजी अस्पताल ले गई. लेकिन डाक्टरों ने उस महिला को देख कर मृत घोषित कर दिया.

महिला के पास से ऐसी कोई चीज नहीं मिली थी जिस से तुरंत उस की शिनाख्त हो सके. लिहाजा घटनास्थल के आसपास के फ्लैटों में रहने वाले लोगों से पुलिस उस महिला के बारे में पूछताछ करने लगी.

उसी समय अजय झा नाम का एक युवक पुलिस के पास पहुंचा. उस ने बताया कि उस की पत्नी रूपम काफी देर पहले सब्जी लेने गई थी, वह अभी तक नहीं लौटी है. पुलिस ने अजय को लाश दिखाई तो उस ने तुरंत लाश को पहचान लिया और उस की पुष्टि अपनी पत्नी रूपम के रूप में कर दी.

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