Love Story in Hindi : आरती का गुनाह यही था कि उस ने नेतराम से प्यार किया और घर वालों के मना करने के बावजूद उस से कोर्टमैरिज कर ली. घर के अन्य लोगों ने इसे एक दुर्घटना माना और सोच लिया कि आरती मर गई. लेकिन राकेश इस बात को भुला नहीं सका और 7 सालों बाद उसे मौत के घाट उतार दिया.
आरती आगरा की डिफेंस कालोनी के रहने वाले लौहरे सिंह चाहर की बेटी थी. उस के अलावा उन की 3 संतानें और थीं, जिन में 2 बेटे प्रवीण, राकेश और एक बेटी बीना थी. लौहरे सिंह सेना से सूबेदार से रिटायर हुए थे. उन का बड़ा बेटा प्रवीण भी पढ़लिख कर सेना में भर्ती हो गया था. नौकरी लगते ही लौहरे सिंह ने उस का विवाह कर दिया था. इस के बाद उस से छोटी बेटी बीना का भी विवाह लौहरे सिंह ने सेना में सिपाही की नौकरी करने वाले कमल सिंह सोलंकी के साथ किया था. वह चाहते थे कि उन का छोटा बेटा भी सेना में जाए. वह अपनी छोटी बेटी आरती की भी शादी सेना में नौकरी करने वाले से करना चाहते थे, लेकिन न तो उन का छोटा बेटा सेना में गया और न ही वह छोटी बेटी आरती की शादी सेना में नौकरी वाले लड़के से कर पाए.
दरअसल, लौहरे सिंह का छोटा बेटा राकेश लाड़प्यार की वजह से बिगड़ गया था. पढ़नेलिखने के बजाय यारदोस्तों की सोहबत उसे कुछ ज्यादा अच्छी लगती थी. दोस्तों के साथ वह जो उलटेसीधे काम करता था, उस की शिकायतें घर आती रहती थीं, जिस से लौहरे सिंह परेशान रहते थे. उन्होंने बड़े बेटे प्रवीण के साथ मिल कर उसे सुधारने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन की इस कोशिश का कोई लाभ नहीं हुआ. राकेश को न सुधरना था, न सुधरा. बेटे की वजह से लौहरे सिंह की काफी बदनामी हो रही थी. बेटे को इज्जत की धज्जियां उड़ाते देख उन्होंने सोचा कि उसे किसी रोजगार से लगा दिया जाए तो दोस्तों का साथ अपनेआप छूट जाएगा.