Crime Story : समाज में ऐसे दरिंदों की कोई कमी नहीं है जो मौका मिलने पर छोटीछोटी बच्चियों को भी हवस का शिकार बनाने से नहीं चूकते. ऐसे ज्यादातर मामलों में दरिंदगी की शिकार हुई बच्ची को मौत के घाट उतार दिया जाता है. नीरजा के साथ भी यही हुआ था.

पिथौरागढ़ निवासी विशंभरलाल अपने परिवार के साथ जब हल्द्वानी आए थे तो बहुत खुश थे. खुशी स्वभाविक ही थी. 18 नवंबर, 2014 को उन के साले विष्णु की शादी थी. विशंभरलाल भी बड़े व्यवसाई थे और विष्णु भी. खुशीखुशी शादी संपन्न भी हो गई. 20 नवंबर की रात विष्णु ने हल्द्वानी के शीशमहल इलाके के रामलीला मैदान में अपनी शादी की रिसैप्शन पार्टी रखी थी. शानदार पार्टी थी, जिस में कई सौ लोग आए हुए थे. जब पार्टी चल रही थी, तभी साढ़े 7 बजे विशंभरलाल की बेटी नीरजा अचानक लापता हो गई. 7 वर्षीया नीरजा दूल्हे की सगी भांजी थी और विशंभरलाल के परिवार की आंख का तारा. तुरंत उस की खोजबीन शुरू हो गई.

जब वह कहीं नहीं मिली तो रिसैप्शन पार्टी के रंग में भंग पड़ गया. दोनों परिवार, रिश्तेदार और उन के परिचित पार्टी भूल कर नीरजा की खोज में लग गए. जब घंटों तक नीरजा का कोई पता न चला तो उस के लापता होने की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई. पुलिस ने भी अपने स्तर पर बच्ची को हर जगह खोजा, लेकिन उस का कहीं पता न चला. ऐसे में संभावना व्यक्त की गई कि किसी ने नीरजा का अपहरण कर लिया है. इसी संभावना के चलते पुलिस ने थाना कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया. 21 नवंबर की सुबह से ही नीरजा की खोजबीन शुरू हो गई. बडे़ लोगों का मामला था, इसलिए पुलिस एसओजी टीम और एलआईयू की टीमें नीरजा को ढूंढने में लगी थीं.

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