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जीशान अपने भांजे शानू के पैर की ड्रेसिंग करने नहीं आया तो उस की बड़ी बहन अलीशा ने पहले उसे फोन किया, फोन बंद मिला तो उस ने उस की खोजखबर करवाई. लेकिन जब उस का कुछ पता नहीं चला तो अलीशा को लगा कि वह किसी जरूरी काम से कहीं बाहर चला गया होगा, घंटे-2 घंटे में लौट कर ड्रेसिंग कर देगा. यही सोच कर वह अपने कामकाज में लग गई. शाम के 5 बज गए और जीशान नहीं आया तो उसे चिंता हुई. चूंकि उस के पति एहसान किसी जरूरी काम से अहमदाबाद गए हुए थे और घर में कोई दूसरा बड़ाबूढ़ा नहीं था, इसलिए अलीशा ने पड़ोस में रहने वाले समीर को मोहल्ला मकबरा स्थित अपने दूसरे मकान पर जीशान के बारे में पता करने के लिए भेज दिया.

अलीशा के उस दूसरे 4 मंजिला मकान में कुल 6 कमरे थे, जिन में नीचे की 2 मंजिलों में 3 किराएदार अपने परिवार के साथ रहते थे. उस के ऊपर की तीसरी और चौथी मंजिल के 3 कमरों में 2 लड़के और उस का छोटा भाई जीशान हैदर रहता था. जीशान की खोज में आया समीर दूसरी मंजिल पर पहुंचा तो तीसरी मंजिल पर जाने वाले दरवाजे पर ताला लगा था. वह वहीं रुक गया. तभी उसे वहां कुछ सड़ने जैसी बदबू महसूस हुई. ताला बंद होने की वजह से वह ऊपर नहीं जा सका तो नीचे रहने वाले किराएदारों से जीशान के बारे में पूछा. लेकिन वे लोग जीशान के बारे में कुछ नहीं बता सके.

जब समीर को जीशान के बारे में कुछ पता नहीं चला तो लौट कर उस ने अलीशा को बताया कि तीसरी मंजिल पर जाने वाले दरवाजे पर ताला लगा है, इसलिए वह जीशान के कमरे तक पहुंच नहीं सका. लेकिन ऊपर से लाश के सड़ने जैसी बदबू आ रही थी. यह सुन कर अलीशा परेशान हो उठी. उस के दिल में छोटे भाई को ले कर तरहतरह की आशंकाएं उठने लगीं. वह खुद तो वहां नहीं जा सकी, लेकिन मोहल्ले के 2 अन्य लड़कों को बुला कर कहा, ‘‘तुम लोग समीर के साथ वहां जा कर तीसरी मंजिल पर जाने वाले दरवाजे का ताला तोड़ कर ऊपर के सभी कमरों को ठीक से देखना. मुझे किसी गड़बड़ी की आशंका हो रही है.’’

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