‘‘जाओ यहां से, मरने का शौक है तो सुसाइड का सामान भेज दूंगी. जो भी करना लाइव करना मैं अपने मायके से देखूंगी तुम्हारा तमाशा.’’ वंदना की बोली गई इस बात से विशाल भीतर से छिल गया. उस रोज चुपचाप घर आ गया, लेकिन दिमाग में खलबली मची रही.

खाना खाने के बाद विशाल अपने कमरे में आ गया था. रोज की तरह कंप्यूटर औन कर लिया था. कुछ समय काम करता रहा, लेकिन मन को एकाग्र नहीं कर पाया. फिर इंटरनेट पर देश दुनिया की खबरें पढ़ने लगा. उस में भी मन नहीं लग रहा था. इसी तरह आधी रात बीत चुकी थी.

अब नींद आने लगी थी. सोने की तैयारी करने लगा. कंप्यूटर शटडाउन करने के दौरान उस का ध्यान उस पौलीथिन में पर गया, जो वंदना का आदमी दे गया था.

उस ने पैकेट खोला. बड़ी मजबूती से पैक किया हुआ था. जैसे ही पैकेट का आखिरी आवरण हटा, वह चौंक गया. उस में रिवौल्वर था. वह भी गोलियों से भरा हुआ. रिवौल्वर देखते ही उस का माथा एक बार फिर भन्ना गया. उसे वंदना की वह बात याद आ गई. उस ने कहा था, ‘‘घर पर लाइसैंसी रिवौल्वर छोड़ कर आई हूं. दम है तो खुदकुशी कर के दिखाओ. मैं मां के घर टीवी के सामने बैठी हूं. सभी के साथ बैठ कर तुम्हारी मौत की खबर देखूंगी.’’

लोडेड रिवौल्वर देखने के बाद विशाल ने बेचैनी के साथ वंदना को कई काल किए. उस वक्त रात के 2 बज रहे थे. वंदना ने कोई काल रिसीव नहीं की. वह और भी बेचैन हो गया.

वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे और क्या नहीं. रिवौल्वर को पौलीथिन में रख कर सोने की कोशिश करने लगा. मन में कई तरह के खयाल आते रहे. एक खयाल सुबहसुबह वंदना के घर जा कर रिवौल्वर लौटाने का था जबकि दूसरा खयाल उस के ताने देने और किसी और के साथ चल रहे अफेयर का था. इन्हीं विचारों में कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला.

सुबह देर तक सोया रहा. कमरे का दरवाजा भिड़ा हुआ था. कमरे के बाहर चहलपहल शुरू हो चुकी थी. सभी अपनेअपने रोजमर्रा के काम से निपट कर पूजापाठ तक कर चुके थे. रसोई में सुबह का नाश्ता भी बनने लगा था.

मां ने वैशाली से कहा कि विशाल को जगा दे 10 बजने वाले हैं. इस पर वैशाली ने कहा जाग जाएंगे भैया. मां कुछ और बोलने ही वाली थी कि विशाल के कमरे से गोली चलने की आवाज आई.

सभी भागेभागे विशाल के कमरे में गए. उस ने कनपटी से रिवौल्वर सटा कर गोली मार ली थी. पिता अनूपम कुमार सिन्हा, मां शारदा सिन्हा व छोटी बहन वैशाली सिन्हा कमरे का दृश्य देख कर दहल गए. विशाल बैड पर खून से लथपथ पड़ा था. पास में एक रिवौल्वर पड़ी थी.

बुरी तरह से जख्मी विशाल को उस की छोटी बहन वैशाली तुरंत सगुना मोड़ स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले कर गई. उस की गंभीर हालत देख कर वहां के डाक्टर ने राजाबाजार स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान जाने को कहा. वहां देर शाम तक विशाल का इलाज हुआ, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

इतने समय में पूरे शहर में पत्रकार विशाल द्वारा गोली मार कर आत्महत्या की खबर फैल गई. खगौल थाने की पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली. थानाप्रभारी फूलदेव चौधरी ने घटनास्थल का मुआयना किया. विशाल के सभी घर वालों के बयान लिए. उन में बहन वैशाली के बयान को प्रमुखता से रिपोर्ट में दर्ज किया गया.

वैशाली ने बताया कि घटना के बाद उस ने जब अपना मोबाइल देखा तब उस में विशाल का मैसेज था. मैसेज में विशाल ने खुदकुशी करने की बात लिखी थी. वह एक तरह से उस का सुसाइड नोट था.

इस के अलावा थानाप्रभारी फूलदेव चौधरी ने विशाल के कमरे से लाइसैंसी रिवौल्वर और एक मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले कर कमरे को सील कर दिया. इस से पहले फोरैंसिक जांच टीम ने नमूने इकट्ठा कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए थे.

विशाल का सुसाइड नोट कंप्यूटर के टेबल पर मिला था. उसे ही विशाल ने वैशाली को वाट्सऐप किया था. इस में विशाल ने लिखा था, ‘मुझे सुसाइड के लिए वंदना और उस के बच्चों ने उकसाया है. वंदना ने इस के लिए मुझ से कहा था… दम है तो खुदकुशी कर के दिखाओ. मैं ने वंदना को कई फोन किए, लेकिन उस ने नहीं उठाया.’

विशाल ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि वंदना और उस ने 2 अक्तूबर, 2020 को शादी कर ली थी.

वैशाली ने पुलिस को दिए बयान में साफतौर पर उस की खुदकुशी का आरोप वंदना पर लगाते हुए कहा कि वह भैया को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त कर रही थी. शादी को सामाजिक रूप से उजागर नहीं करना चाहती थी.

इस बयान और सुसाइड नोट के आधार पर 32 वर्षीय पत्रकार विशाल कुमार सिन्हा की मौत को ले कर 30 जुलाई, 2022 को खगौल थाने में 4 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर लिया गया. इस में वंदना सिंह, उस के भाई मिथिलेश सिंह, अभिषेक सिंह और वंदना के नाबालिग बेटे को घटना का आरोपी बनाया गया. पुलिस इन के खिलाफ भादंवि की धारा 306, 34 आईपीसी, 25 (1-बी)/26/30 आर्म्स ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया.

पुलिस का मानना है कि जिस रिवौल्वर से विशाल ने खुद को गोली मारी थी, वह गैरलाइसेंसी है. घटना के बाद पुलिस ने विशाल के घर पर 9 एमएम का एक पिस्टल, जिस से विशाल ने खुद को गोली मारी थी, के साथ ही एक राइफल व 13 गोलियां भी बरामद कीं.

कथा लिखे जाने तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके थे. पुलिस उन की गिरफ्तारी के लए संभावित ठिकानों पर दबिशें डाल रही थी.     द्य

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