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टीचर सोनाली साव की हत्या से कोडरमा की जनता मर्माहत भी थी और आक्रोशित भी. 28 मार्च की शाम आक्रोशित लोगों ने बेहराडीह से शांति कैंडल मार्च निकाला और कोडरमा-जमुआ राष्ट्रीय राजमार्ग ले जा कर खत्म किया. सभी के मन में आक्रोश का लावा फूट रहा था. शांति मार्च के बीच वे हत्या में शामिल सभी आरोपियों को फांसी देने, पीडि़त परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पुलिस की नाकामी के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे.

बीचबीच में वे ‘सोनाली हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के भी नारे लगा रहे थे. शांति मार्च का नेतृत्व पूर्व मुखिया राजेंद्र मेहता कर रहे थे. आंदोलित नागरिकों के भारी आक्रोश के चलते पुलिसप्रशासन की बुरी तरह छिछालेदर हो रही थी. स्थानीय नेताओं का बाकी के बचे तीनों आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का दबाव बना हुआ था.

police-officers

आखिरकार, अगले दिन यानी 29 मार्च, 2023 को तीनों आरोपियों भरत कुमार उर्फ कारू, संतोष मेहता और संजय मेहता को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे तीनों शहर छोड़ कर कहीं भागने के फिराक में थे. पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपियों ने भी सोनाली के अपहरण करने और बाद में हत्या करने का अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस उन्हें भी अदालत के सामने पेश कर जेल भेज दिया.

पुलिस पूछताछ में शिक्षिका सोनाली साव उर्फ सोनी कुमारी के पाचों हत्यारों दीपक साव, रोहित मेहता, भरत उर्फ कारू, संतोष मेहता और संजय मेहता ने जो बयान दिए थे, उस के आधार पर दिल को कंपा देने वाली एकतरफा प्यार में मर्डर की जो कहानी सामने आई, वह कुछ ऐसी थी—

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