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पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से किया गिरफ्तार

अगले दिन यानी 11 जनवरी को देविंदर सिंह जैसे ही उन्हें अपनी कार से श्रीनगर से ले कर जम्मू के लिए रवाना हुआ तो कुलगाम के मीर बाजार इलाके में उसे घेर लिया गया. सादे लिबास में कुलगाम पुलिस की 2 टीमें लगातार देविंदर की गाड़ी का पीछा कर रही थीं, जो उच्चाधिकारियों को पलपल की जानकारी दे रही थीं. देविंदर से पूछताछ में पता चला कि आतंकी नावीद बाबू को श्रीनगर से जम्मू ले जाने के लिए उस ने ड्यूटी से छुट्टी ले रखी थी.

फिलहाल हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर नावीद बाबू के साथ गिरफ्तार डीएसपी देविंदर सिंह को जम्मूकश्मीर सरकार ने निलंबित कर दिया है. उसे दिया गया वीरता पदक भी वापस ले लिया गया है. कुलगाम पुलिस ने देविंदर सिंह व उस के 3 अन्य साथियों के खिलाफ अपराध संख्या 5/2020 पर आर्म्स एक्ट की धारा 7/25, विस्फोटक अधिनियम की धारा 3/4 और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम की धारा 18, 19, 20, 39, 29 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है, जिस की जांच नैशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए को सौंप दी गई है.

अब तक मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने डीएसपी के बैंक खाते और अन्य संपत्तियों की जांच भी शुरू कर दी है, जिस से यह खुलासा हुआ है कि देविंदर सिंह कुछ विदेशी एजेंसियों के संपर्क में था. उस के खातों में विदेशों से कुछ रकम जमा हुई है. माना जा रहा कि डीएसपी कश्मीर पुलिस की वरदी में आईएसआई एजेंट के रूप में डबल एजेंट का रोल निभा रहा था.

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