मृतक के बड़े भाई उमेश शाही चीखचीख कर कह रहे थे कि सत्ता पक्ष (जनता दल यूनाइटेड) के विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय ने साजिश रच कर मेरे भाई की हत्या करवाई है. साजिश में आदित्य भी शामिल है.

खैर, पुलिस ने कृष्णा शाही की लाश पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल गोपालगंज भिजवा दी. इस के साथ ही पुलिस ने आदित्य राय एवं 4 महिलाओं को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया और थाने लौट आई.

उमेश शाही ने भाई की हत्या में 6 लोगों के खिलाफ लिखित तहरीर दी. इन 6 आरोपियों के नाम आदित्य राय, जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय, सतीश पांडेय, उन के पुत्र जिला परिषद के चेयरमैन मुकेश पांडेय, चौनपुर गांव के निवासी यशवंत राय, सुशील उर्फ राजन थे.

मृतक के भाई उमेश शाही का आरोप था कि आरोपियों ने साजिश कर के उन के भाई कृष्णा की हत्या की है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201 और 120बी के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया.

20 जुलाई को कृष्णा शाही के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पुलिस को मिल गई. रिपोर्ट में उन की मौत की वजह खाने में जहर मिला होना बताया गया था. पुख्ता जांच के लिए विसरा सुरक्षित रख लिया गया था.

हिरासत में लिए गए आदित्य और चारों महिलाओं से कड़ाई से पूछताछ की गई. आदित्य राय हर बार अपना बयान बदलता रहा. कभी वह शाही के घर से पैदल निकलने की बात कहता तो कभी किसी अनजान व्यक्ति का फोन आने पर रात में अकेले ही चले जाने की बात बताता.

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