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नेता के रसूख के आगे कुछ न कर सका बाबू सिंह

इधर राहुल जैन ने डा. प्रियरंजन आशू दिवाकर के रसूख के चलते रजिस्ट्री कराई गई, जमीन का दाखिल खारिज करा लिया. बाबू सिंह की आपत्ति के बावजूद दाखिल खारिज कर दिया गया. इतना ही नहीं, राहुल जैन ने जमीन के 2 मामूली टुकड़े 70-70 लाख में बेच भी दिए. एक टुकड़ा उस ने नई सब्जीमंडी निवासी राजेंद्र पांडेय को तथा दूसरा टुकड़ा आजाद नगर, रसूलाबाद (कानपुर देहात) निवासी नैंसी चंदेल व विजय लक्ष्मी को बेच दिया.

8 सितंबर, 2023 को बाबू सिंह जब खेत पर पहुंचा तो इसी जमीन पर बिल्डर चारदीवारी खींच कर प्लाटिंग कर रहे थे. बाबू सिंह ने प्लाटिंग का विरोध जताया तो उसे बेइज्जत कर वहां से भगा दिया गया. इस सदमे को वह बरदाश्त नहीं कर पाया और उस ने 9 सितंबर की सुबह 4 बजे ट्रेन से कट कर आत्महत्या कर ली.

इधर राहुल जैन को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम एक सप्ताह से नोएडा व दिल्ली में डेरा डाले थी. उस ने नोएडा स्थित फ्लैट छोड़ दिया था और होटलों में फरारी काट रहा था. 16 सितंबर, 23 को पुलिस टीम को मोबाइल सर्विलांस के जरिए एक रिश्तेदार का नंबर मिला, जिस के जरिए पुलिस टीम मयूर विहार स्थित होटल आईएलडी पहुंची और सुबह 4 बजे राहुल जैन को गिरफ्तार कर थाना चकेरी लाया गया.

Rahul Jain (Aropi)

पूछताछ में राहुल जैन पहले तो चुप्पी साधे रहा, फिर बोला कि आशू ने उसे कौडिय़ों के भाव बेशकीमती जमीन दिलाने का लालच दे कर फंसा दिया. वह चैक देने व छीनने का जवाब नहीं दे सका, न ही शिवम द्वारा चैक देने का जवाब दे सका. पूछताछ के बाद उसे कानपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

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