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सुधीर ने जल्द ही जीत लिया था सोनाली का दिल

इस बीच आम चुनाव की तैयारियां जोरों पर शुरू हो चुकी थीं. भाजपा ने सोनाली को भी राजनीतिक मंच पर उतार दिया था. उन का फिल्मों की शूटिंग और उन की पोस्ट प्रोडक्शन के कामकाज के अलावा जनसभाओं में जाने का शेड्यूल भी बन गया था. इसे बैलेंस कर कार्यक्रमों को मैनेज करने का काम सुधीर ने बखूबी संभाल लिया था.

बताते हैं सुधीर ने एक तरह से अपनी कार्यशैली और हमेशा तत्पर रहने के चलते सोनाली का दिल जीत लिया था. वह सोनाली के इतने करीब आ गया था कि उस के बगैर एक पत्ता तक नहीं हिलता था.

एक बार सोनाली फोगाट के जेठ कुलदीप फोगाट चुनाव के दौरान ही सोनाली से मिलने गए. सुधीर ने उन्हें सोनाली से मिलने से मना कर दिया. जब उन्होंने बताया कि वह सोनाली के जेठ हैं, तब सोनाली से मिलवाया था.

सुधीर ने सोनाली को पहली मुलाकात में खुद को एनआरआई बताया था. उस ने यह भी बताया कि आस्ट्रेलिया में उस की फैक्ट्री थी, जिसे वह बेच चुका है.

बाद में पता चला कि सुधीर न तो एनआरआई था और न ही उस की कहीं कोई फैक्ट्री ही थी, बल्कि उस ने एक समय में पोल्ट्री फार्म का बिजनैस जरूर किया था. उस में असफल होने पर पोल्ट्री बिजनैस के लिए सब्सिडी दिलाने संबंधी बिचौलिए का काम करने लगा था. हां, उस ने वकालत की डिग्री ले रखी थी और हरियाणा के ही लोअर कोर्ट में प्रैक्टिस करता था.

दरअसल, वह गोहाना बार एसोसिएशन का सदस्य है. एलएलबी करने के बाद उस ने गोहाना में एक वकील के रूप में करिअर की शुरुआत की थी, उस में असफल होने पर अपने गांव के पास पोल्ट्री फार्म शुरू किया था, उस में भी सफलता नहीं मिली.

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