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भाजपा से निष्कासित पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को ले कर की गई टिप्पणी को ले कर उपजा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. धर्म विशेष के लोगों ने जितने क्रूर तरीके से उदयपुर में कन्हैयालाल और अमरावती में उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की हत्या की है, इस से यही लग रहा है कि उन के अंदर नफरत की आग किस तरह दहक रही है.

इन घटनाओं की गूंज देश से ले कर विदेश तक में सुनी गई. दोनों जघन्य हत्याकांड का कनेक्शन, आतंकी संगठन के साथसाथ हिंदूमुसलिम समाज, राजनीतिक गलियारे और धर्म की रोटियां सेंकने वाले धर्मांधों तक से जुड़ गया.

सामान्य दिनों की तरह ही मंगलवार 28 जून, 2022 का दिन भी था, किंतु कन्हैयालाल साहू ने 6 दिनों से बंद अपनी टेलरिंग की दुकान खोली थी. मुसलिम बहुल इलाका भूतमहल (मालदास स्ट्रीट) के पास ‘सुप्रीम टेलर्स’ नाम से उस की दुकान थी. जबकि वह उदयपुर के गोवर्धन विलास इलाके में रहता था. उस की दुकान में और दूसरे कारीगर गिरीश शर्मा और राजकुमार भी काम करते थे. उस दिन वे भी दुकान पर आ कर अपनेअपने काम में जुट गए गए थे.

उस रोज कन्हैया अपनी दुकान के अगले हिस्से में कपड़ों की कटिंग का काम कर रहा था. शाम के करीब 3 बजे थे. गिरीश शर्मा दुकान के भीतरी हिस्से में सिलाई के काम में लगा हुआ था. वह पिछले 10 सालों से उस की दुकान में काम कर रहा था. उस के साथ दूसरा कारीगर राजकुमार भी सिलाई कर रहा था.

वैसे वे वहां से बाहर से आनेजाने वालों को देख सकते थे. उस दिन 2 मुसलिम युवक दुकान पर आए. उन में एक कन्हैयालाल से बोला, ‘‘मास्टरजी, झब्बा वाला पायजामा सिल दोगे क्या?’’

‘‘हांहां भई क्यों नहीं, बिलकुल सिलेंगे.’’ कन्हैयालाल ने पेशेवराना अंदाज कहा.

‘‘अच्छे वाले कपड़े आप के पास होंगे न?’’ वह युवक बोला.

‘‘हां है न, अभी दिखाता हूं.’’ कहते हुए कन्हैयालाल सामने रैक पर रखे कपड़े की थान निकालने लगा.

तभी साथ आया दूसरा युवक बोल पड़ा, ‘‘अरे इस में देखना क्या है, जो पायजामे के लायक तुम्हें अच्छा लगे उसी को निकाल दो. और हां, मेरा कुरता भी टाइट करवाना है. बहुत ढीला है.’’

‘‘क्यों नहीं भाई. यह सफेद वाला गरमी के लिए अच्छा रहेगा.‘‘ कन्हैयालाल बोला.

‘‘ठीक है, मैं उधर आ जाता हूं, मेरा नाप ले लो.’’ पायजामा सिलवाने वाला युवक बोला.

कन्हैयालाल ने उस के पायजामे की नाप लेने के लिए गरदन में लटका फीता निकाल लिया. तभी उस युवक के साथ आए दूसरे युवक ने अपने मोबाइल से दोनों की वीडियो बनानी शुरू कर दी.

‘‘ठीक से वीडियो बनइयो गौस! यूट्यूब पर डालनी है. इन भाईजान की दुकान वायरल करनी है, ताकि ग्राहकों की लाइन लग जाए.’’ युवक बोला.

‘‘भाई रियाज, देखना एकदम झक्कास वीडियो बनाऊंगा. तभी तो पब्लिक जानेगी झब्बेवाले पायजामे की नाप कैसे ली जाती है… और पायजामा कैसे सिला जाता है…’’ हाथ में मोबाइल लिए हुए गौस बोला.

कन्हैयालाल जैसे ही नाप लेने के लिए नीचे की ओर झुका वैसे ही रियाज ने अपनी कमर में छिपा कर लाए तेजधार और चौड़े फन का चाकू निकाल उस की गरदन से सटा दिया और डपटते हुए गाली के साथ बोला, ‘‘रुक साले! हम ने क्या कहा था तेरा सिर धड़ से अलग कर दूंगा. यह ले और कर उस… (भद्दी गालियां) का समर्थन…साले हरामी की औलाद, हमारे धर्म को भलाबुरा कहता है… मादर…(गालियों की बौछार)’’

कन्हैयालाल अचानक गरदन से सटे चाकू को देख कर समझ गया कि जिस का उसे डर था वही हुआ. मुंह से चीख निकल गई. टेबल पर से कैंची गिरने और स्टूल लुढ़कने की आवाज और चीख सुन कर कारीगर राजकुमार तेजी से सिलाई का काम छोड़ कन्हैयालाल की तरफ भागा.

तब तक उस युवक ने कन्हैयालाल की गरदन रेत डाली थी. वह लहूलुहान हो गया था. वहीं जमीन पर गिर पड़ा था. इस के बाद भी उस ने चाकू से कन्हैया पर कई वार किए. राजकुमार ने बीचबचाव किया किंतु रियाज ने उस पर भी कातिलाना हमला कर दिया. वह भी घायल हो गया और अपना बचाव करता हुआ दुकान से बाहर आ गया. बाहर निकल कर ‘बचाओ बचाओ’ चिल्लाने लगा.

तब तक कन्हैयालाल की हत्या की जा चुकी थी. उस का रक्तरंजित शरीर जमीन पर गिर गया था. उस की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. यह जघन्य हत्याकांड उदयपुर के धनमंडी थानाक्षेत्र में हुआ.

कन्हैयालाल की हत्या की खबर जल्द ही बाजार में फैल गई और डर की वजह से लोगों ने दुकानें बंद कर दीं.

हत्या के बाद दोनों मुसलिम युवक मोटरसाइकिल से फरार हो गए. कुछ समय बाद ही कन्हैयालाल हत्याकांड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में दोनों युवकों को साफसाफ देखा और पहचाना जा सकता है.

हत्यारों ने इस जघन्य वारदात का वीडियो एक घोषणा के साथ वायरल किया था. वीडियो के अनुसार कन्हैयालाल पर आधा दरजन से अधिक वार कर दिए थे. वहीं हत्यारों ने उस की गरदन रेत दी थी. वीडियो में दोनों हाथों में छुरे ले कर अपना जुर्म कुबूल करते दिखे.

वीडियो में हत्यारे हथियार पर खून और चेहरे पर हंसी के साथ दिख रहे थे. जिस में वे कहते हैं, ‘मैं मोहम्मद रियाज अंसारी और ये हमारे गौस मोहम्मद भाई, उदयपुर के अंदर जो माता स्टेट वाला है उस का सिर कलम कर दिया है.’ आगे मजहबी नारा लगाते हुए कहता है, ‘हम जिएंगे आप के लिए और मरेंगे आप के लिए.’

हत्याकांड के बाद दोनों ने एक और वीडियो बनाया. उसे भी सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. जिस में उन्होंने टेलर कन्हैयालाल की हत्या को कुबूल कर लिया. वीडियो में उन्होंने यह भी दावा किया कि यह हत्या बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई गलत टिप्पणी का बदला है.

यही नहीं, हमलावर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरदन काटने और नूपुर शर्मा को धमकी देते हुए कहता है, ‘ये नरेंद्र मोदी सुन ले, आग तूने लगाई है और बुझाएंगे हम. इंशाअल्लाह मैं रब से दुआ करता हूं कि यह छुरा तेरी गरदन तक भी जरूर पहुंचेगा और उस ‘कुतिया’ तक भी पहुंचेगा. उदयपुर वालो, नारा लगाओ गुस्ताखे नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा… दुआओं में याद रखना.’

उदयपुर पुलिस तत्पर तब हुई, जब हत्याकांड का वीडियो मीडिया में वायरल हो गई. जबकि पुलिस की डायरी में कन्हैयालाल को मिली धमकियों की शिकायतें पहले से ही दर्ज थीं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कन्हैयालाल की जघन्य हत्या की भर्त्सना की, साथ ही इस घटना में शामिल सभी अपराधियों के खिलाफ कठोर काररवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने दूसरे ट्वीट में एक अपील भी की कि इस घटना का वीडियो शेयर कर माहौल खराब करने का प्रयास न करें. उन का कहना था कि वीडियो शेयर करने से अपराधी का समाज में घृणा फैलाने का उद्देश्य सफल होगा.

कन्हैयालाल की हत्या के बाद लोगों में आक्रोश भर गया. हिंदू संगठनों के अलावा अन्य लोग भी सड़कों पर उतर आए. वे हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे थे. भीड़ को देख कर प्रशासन के भी हाथपैर फूल गए. पुलिस ने पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी और इंटरनेट सेवा भी बंद करा दी ताकि लोग भड़काऊ सामग्री का प्रचार न कर सकें.

प्रदेश के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने 29 जून की शाम को ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, लेकिन उस बैठक में भारतीय जनता पार्टी का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा. बैठक में सभी ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने पर सहमति जताई.

दोनों हत्यारों के फोटो मीडिया में प्रचारित हो चुके थे, इसलिए पूरे राजस्थान की पुलिस अलर्ट हो गई थी. हत्यारों को दबोचने में राजसमंद के 2 जांबाज युवकों शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह चूड़ावत की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही. राजसमंद पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी बाइक से भीलवाड़ा-देवगढ़ इलाके की तरफ गए हैं. चालीस मील नाम से प्रसिद्ध इस मार्ग पर न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही यहां पुलिस थाना या चौकी है.

ऐसे में भीम थाने के कांस्टेबल बाबूसिंह ने अपने जानकार शक्ति सिंह को फोन किया. शक्ति सिंह और प्रह्लाद कई मामलों में पुलिस की पहले भी मदद करते रहे हैं. बाबूसिंह ने बता दिया कि हत्यारे 2611 नंबर की बाइक पर हैं.

इस के बाद दोनों दोस्तों ने सूरजपुरा बसअड्डे पहुंच कर नजर रखनी शुरू कर दी. जैसे ही उक्त नंबर की बाइक पर 2 युवक आते दिखाई दिए, उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस ने उन से कहा कि हम अभी दूर हैं, तुम उन पर नजर रखो.

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