लव, सैक्स और गोली के इस केस में खुशबू, राजीव समेत सभी आरोपी पुलिस के फंदे में फंस चुके हैं. राजीव फिजियो थैरेपिस्ट है और जनता दल (यू) के मैडिकल सैल का उपाध्यक्ष है. इस केस में नाम आने के बाद पार्टी ने उसे पद से हटा दिया है.
पिछले 18 सितंबर की सुबह 6 बजे विक्रम लोहानीपुर महल्ले के अपने घर से जिम जाने के लिए स्कूटी से निकला, तो रास्ते में कदमकुआं इलाके के बुद्ध मूर्ति के पास शूटरों ने उस पर गोलियां चला दीं. विक्रम लहूलुहान हो कर स्कूटी से गिर पड़ा और आसपास खड़े लोगों से अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाने लगा. किसी ने दर्द से छटपटाते विक्रम की बात नहीं सुनी. आखिरकार खून से लथपथ विक्रम खुद ही उठा और स्कूटी चला कर पास के प्राइवेट अस्पताल पहुंचा. प्राइवेट अस्पताल ने उसे भरती करने से इनकार कर दिया, तो वह पटना मैडिकल कालेज पहुंचा. वहां तुरंत आपरेशन किया गया और उस के जिस्म से 5 गोलियां निकाली गईं.
आशिकी के चक्कर में खुशबू ने विक्रम पर सुपारी किलर से गोलियां चलवाई थीं. इस के लिए पुराने दोस्त मिहिर सिंह के जरीए सुपारी किलर को ढाई लाख रुपए दिए गए थे. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि राजीव, खुशबू, मिहिर और 3 सुपारी किलरों को गिरफ्तार किया गया है. सुपारी किलर अमन कुमार, शमशाद और आर्यन उर्फ रोहित से पुलिस पूछताछ कर चुकी है और सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
18 सितंबर को सुपारी किलरों ने विक्रम के जिस्म में 5 गोलियां दागी थीं. अपराधियों ने कबूल किया कि उन्हीं लोगों ने विक्रम पर गोलियां चलाई थीं और इस काम के लिए मिहिर ने उन्हें रुपए दिए थे.
अमन एमबीए का स्टूडैंट है और डिलीवरी बौय का काम करता है. शमशाद गोवा में राजमिस्त्री का काम करता था और लौकडाउन की वजह से वह पटना आया हुआ था. अमन और शमशाद भागवतनगर में किराए के मकान में साथ रहते हैं. मकान का किराया 14,000 रुपए है. मिहिर के चचेरे भाई सूरज ने मिहिर की मुलाकात अमन से कराई थी.
जिम ट्रेनर को जान से मारने की धमकी देने का आडियो भी पुलिस को मिला. ट्रेनर की बीवी और परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि आडियो में धमकी देने वाली महिला खुशबू की आवाज है, जो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव कुमार सिंह की बीवी है.
ट्रेनर की बीवी वर्षा का आरोप है कि फिजियो थैरेपिस्ट की बीवी ने उस के पति को फोन पर गंदीगंदी गालियां भी दी थीं. उस ने बताया कि खुशबू अकसर पटना मार्केट के ‘द जिम सिटी’ पहुंच जाती थी. पहले तो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव ने पुलिस को बताया कि जिम ट्रेनर विक्रम पर हुए हमले में उस का और उस की बीवी का कोई हाथ नहीं है.
अलबम बनाने के नाम पर विक्रम ने 60,000 रुपए लिए थे. अलबम नहीं बनाने पर राजीव और विक्रम से तीखी नोकझोंक हुई थी और रुपया लौटाने की बात हुई थी. बाद में विक्रम ने राजीव के अकाउंट में 40,000 रुपए और खुशबू के अकाउंट में 20,000 रुपए डाल दिए थे. मई महीने के बाद से राजीव और विक्रम से कोई बातचीत नहीं हुई थी. एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि खुशबू का कहना है कि विक्रम उस का पीछा नहीं छोड़ रहा था और वह उस से पीछा छुड़ाना चाह रही थी. खुशबू का कहना है कि 60,000 रुपए के लेनदेन को ले कर विवाद पैदा हुआ था.
पुलिस को दिए गए बयान में विक्रम ने कहा है कि खुशबू उसे पिछले एक साल से परेशान कर रही थी. एक साल तक वह राजीव को उन के पाटलीपुत्र कालोनी वाले घर में ऐक्सरसाइज कराने जाता था. पैसे को ले कर हिसाबकिताब ठीक नहीं रहने पर उस ने वहां जाना बंद कर दिया. उस के बाद खुशबू ने उसे सोशल मीडिया के जरीए तंग करना चालू कर दिया. एक बार खुशबू ने गुस्से में उस के सीने पर ब्लेड से हमला किया था.
पुलिस ने खुशबू और राजीव के मोबाइल फोन को खंगाला तो खुलासा हुआ कि जनवरी में खुशबू और विक्रम के बीच 1100 बार बातचीत हुई. राजीव से आखिरी बार 18 अप्रैल को बातहुई थी. उन के बीच ह्वाट्सएप और वीडियो काल के जरीए बातचीत होती थी.
सितंबर, 2020 से मई, 2021 के बीच खुशबू ने विक्रम को 1875 काल की थी. दोनों के बीच साढ़े 5 लाख सैकंड बातचीत हुई थी. इतने ही समय के दौरान खुशबू ने अपने पति राजीव को महज 13 बार फोन किया. खुशबू और विक्रम के बीच अकसर घंटों बातें होती थीं.
मिहिर ने पुलिस को बताया कि वह 5-6 सालों से खुशबू को जानता था. खुशबू ने ही उस से कहा था कि विक्रम उसे परेशान करता है, इस वजह से वह उस की हत्या करवाना चाहती है. सुपारी किलर को जुलाई में ही एक लाख, 85 हजार रुपए दिए थे. एसएसपी ने बताया कि कुछ साल पहले मिहिर और खुशबू की पहचान भी फेसबुक के जरीए ही हुई थी.
पुलिस की छानबीन से यह बात भी सामने आई कि 5-6 साल पहले खुशबू और मिहिर के बीच भी गहरा रिश्ता रहा था. मिहिर भी खुशबू का प्रेमी रह चुका है. जब विक्रम ने खुशबू से कन्नी काटना शुरू किया, तो खुशबू को पुराने आशिक मिहिर की याद आई. उस ने मिहिर से कहा कि विक्रम उसे बहुत परेशान कर रहा है और फिर दोनों ने मिल कर विक्रम को रास्ते से हटाने की साजिश रची.
खुशबू ने मिहिर से यह भी कहा कि विक्रम को ठिकाने लगाने के लिए वह रुपयों की चिंता न करे. विक्रम को मारने के लिए मिहिर ने खुशबू से 3 लाख रुपए मांगे. खुशबू ने 3 किस्तों में एक लाख, 85 हजार रुपए मिहिर को दिए. मिहिर ने अपने चचेरे भाई सूरज के साथ मिल कर पूरी साजिश रची. उस के बाद शार्प शूटर अमन, आर्यन और शमशाद को विक्रम को मारने की सुपारी दी गई.
शूटरों के साथ यह डील अगस्त महीने की शुरुआत में ही हुई थी. अगस्त महीना खत्म हो गया और उस के बाद सितंबर भी आधा खत्म हो गया और विक्रम को ठिकाने नहीं लगाया जा सका तो खुशबू परेशान हो गई. उस ने मिहिर पर दबाव बनाना शुरू किया. विक्रम राजीव को जिम ट्रेनिंग देने के लिए उस के घर पर जाता था. वहीं खुशबू से जानपहचान हुई और बातचीत शुरू हुई. विक्रम के गठीले बदन को देख खुशबू उस पर फिदा हो गई. वह धीरेधीरे विक्रम के करीब आती गई. वह पटना मार्केट के पास विक्रम के जिम में पहुंचने लगी और वहीं कईकई घंटों तक बैठी रहती थी.
विक्रम ने पुलिस को बताया कि वह उस के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाना चाहती थी. ऐसा नहीं करने पर वह उसे फंसाने और ब्लैकमेल करने की धमकी देने लगी. जब विक्रम उस से दूर रहने की कोशिश करने लगा तो एक रात को विक्रम के घर पहुंच गई और हंगामा मचाने लगी. खुशबू की हरकतों से आजिज आ कर विक्रम ने डाक्टर राजीव को फोन कर सारे मामले की जानकारी भी दी. विक्रम ने उस से कहा कि खुशबू उसे पिछले कई दिनों से परेशान कर रही है. डाक्टर राजीव ने विक्रम की बातों पर यकीन नहीं किया और उस से कहा कि सुबूत ले कर आओ, उस के बाद देखा जाएगा.
विक्रम के बयान पर कदमकुआं थाने में केस दर्ज किया गया. केस नंबर है-477/2021. आरोपियों पर आईपीसी की धारा-307, 120बी, 34 और 27 के तहत केस दर्ज किया गया है.
तेजाब डालने के बाद दोनों शास्त्रीनगर के डी ब्लौक पहुंचे. यहां उमंग ने बाइक अपने घर पर खड़ी की और राहुल औटो से गोविंदपुरम पहुंचा. यहां से उस ने अपनी कार उठाई और मुरादनगर, मोदीनगर होते हुए वह हरिद्वार की तरफ निकल गया. राहुल ने सबूत नष्ट करने के लिए घटना के वक्त पहने हुए कपड़े भी रास्ते में जला दिए और डिब्बा फेंक दिया. अगले दिन वह आ गया. उस दिन वह उमंग के साथ जब बाइक पर कहीं जा रहा था, तभी पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तेजाब का खाली डिब्बा, वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक, दोनों के मोबाइल फोन और घटना के समय पहने गए कपड़े अधजली हालत में बरामद कर लिए. पुलिस ने मदद के लिए आगे आई और नेहा को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाली संजयनगर की महिला कांता देवी को प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया. वहीं पुलिस को काल करने वाले युवक अमित शर्मा की भी सराहना की. पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
नेहा ने भावनाओं में बह कर इस तरह किसी से रिश्ता न बनाया होता, तो शायद ऐसी नौबत कभी नहीं आती. वहीं राहुल ने भी नेहा के पीछे न पड़ कर विवेक का परिचय दिया होता तो उस का भविष्य भी चौपट होने से बच जाता. उस ने जो दुख नेहा को दिया, उस की भरपाई मुश्किल है. ?
हलाला का विरोध करने वाली शबनम पर एसिड अटैक
पुलिस के ढीले रवैए का ही नतीजा है कि एसिड अटैक की घटनाएं आए दिन बढ़ती जा रही हैं. 21 अगस्त को गाजियाबाद में एसिड अटैक की घटना के बाद सीमावर्ती जिले बुलंदशहर में भी एक महिला को शिकार बनाया गया. वह महिला कोई और नहीं बल्कि बहुविवाह और हलाला को ले कर चर्चा में आई शबनम रानी थी.
13 सितंबर, 2018 को शबनम रानी अपने बच्चे के साथ बुलंदशहर के एसपी से मिलने जा रही थी. इसी दौरान बुलंदशहर के कालाआम चौक के नजदीक बाइक सवार 2 युवक आए. उन में से एक ने उस के ऊपर तेजाब फेंक दिया. इस के बाद दोनों वहां से फरार हो गए.
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस को जब पता चला कि पीडि़ता शबनम रानी है तो इस की सूचना जिला प्रशासन और अपने आला अधिकारियों को दे दी. पुलिस शबनम को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गई. सूचना मिलते ही डीएम, एसपी सहित बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए. बाद में वह पीडि़ता से मिलने अस्पताल पहुंचे. शबनम ने अपने देवर पर एसिड फेंकने का आरोप लगाया.
दरअसल, सन 2010 में शबनम की शादी शरीयत के अनुसार हुई थी. बाद में वह 3 बच्चों की मां भी बनी. सब कुछ ठीक चल रहा था कि उसी दौरान शबनम के पति ने किसी महिला से दूसरी शादी कर ली. इस के बाद शबनम पर परेशानियां बढ़ने लगीं. पति बातबेबात पर उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगा. आरोप यह है कि शबनम के पति ने उसे 3 तलाक दे दिया.
इस में शबनम का तो कोई कुसूर ही नहीं था, वह तो पति की ज्यादतियों में पिस रही थी. उस ने अपनी परेशानी अपने रिश्तेदारों को बताई. रिश्तेदारों ने शबनम के पति से बात की तो उस ने कहा कि वह शबनम को 3 तलाक दे चुका है. यदि इसे उस के साथ रहना है तो शबनम को अपने देवर से हलाला करवाना होगा. शबनम इस के लिए तैयार नहीं हुई, बल्कि उस ने मुसलिम समाज में चल रही बहुविवाह और हलाला के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला लिया.
बता दें कि निकाह हलाला के अंतर्गत अगर 3 तलाक दी गई महिला अपने पति के पास वापस जाना चाहती है तो उसे एक अन्य मर्द से शादी करनी होगी, फिर उस मर्द को तलाक देना होगा. इस के बाद ही वह अपने पति से शादी कर सकती है. शबनम इस परंपरा के खिलाफ थी.
शबनम अपने देवर के साथ हलाला के लिए तैयार नहीं हुई. लिहाजा बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने के लिए शबनम रानी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी. याचिका दाखिल करने के बाद शबनम को धमकियां मिलनी शुरू हो गईं. ससुराल वालों ने तो शबनम को परेशान करने के लिए उस के घर के पानी की सप्लाई तक काट दी थी. उस के साथ बदसलूकी की जाने लगी थी. पति और देवर तो हाथ धो कर उस के पीछे पड़ गए थे.
बहरहाल, शबनम ने तेजाब हमले का आरोप अपने देवर पर लगाया है. अस्पताल में उस की हालत गंभीर बनी हुई है. इस संबंध में शबनम की तरफ से प्रोटेक्शन की मांग को ले कर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने बुलंदशहर के सीएमओ को निर्देश दिया है कि वह शबनम रानी का इलाज सुनिश्चित कराएं.
साथ ही जिला प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि शबनम रानी को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के एडीशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्य भाटी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शबनम रानी को सुरक्षा प्रदान कर दी गई है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई मुआवजे की स्कीम है और इस के लिए कोई अरजी दाखिल की गई है तो उस का निपटारा 2 हफ्ते के भीतर कर दिया जाए.
-कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
जयकुमार 2 दिन घर नहीं आया तो उस की मां गंजू के घर गई. उस ने बताया कि जयकुमार 2 दिनों से घर नहीं आया है और उस का फोन भी नहीं लग रहा है तो गंजू को भी चिंता हुई. उस ने रीना से प्रीति के बारे में पूछा तो पता चला कि वह तो परीक्षा देने अलीगढ़ गई है. जब उसे पता चला कि देवेंद्र भी घर पर नहीं है तो उस ने देवेंद्र को फोन कर के कहा कि वह जयकुमार को वापस भेज दे.
गंजू के इस फोन से देवेंद्र शर्मा घबरा गया. वह क्या जवाब दे, एकदम से उस की समझ में नहीं आया. लेकिन अचानक उस के मुंह से निकल गया, ‘‘प्रीति भी घर से गायब है. लगता है, वह उसे कहीं भगा ले गया है.’’
यह सुन कर संध्या परेशान हो उठी. उसे विश्वास नहीं हुआ कि उस का बेटा ऐसा भी कर सकता है. दूसरी ओर देवेंद्र परेशान था. वह गुनाह का ऐसा जाल बुनना चाहता था, जिस में जयकुमार का परिवार इस तरह फंस जाए कि कोई काररवाई करने के बजाए वह बचने के बारे में सोचे. उस ने पड़ोस में रहने वाले चौकीदार राकेश को बताया कि जयकुमार नाम का एक लड़का उस की बेटी को भगा ले गया है.
इस के बाद वह वकील मुन्नालाल के पास पहुंचा और उसे सारी बात बता दी. वकील मुन्नालाल देवेंद्र का परिचित था. उस ने उसे सलाह दी कि वह जयकुमार के खिलाफ बेटी को भगाने का मुकदमा दर्ज करा दे.
इस के बाद देवेंद्र मुन्नालाल वकील और कुछ पड़ोसियों को साथ ले कर थाना गांधीपार्क पहुंचा और जयकुमार के खिलाफ अपनी नाबालिग बेटी प्रीति को भगा ले जाने का मुकदमा दर्ज करा दिया. यह मुकदमा 12 दिसंबर, 2013 में दर्ज हुआ था. मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच एसआई अभय कुमार को सौंपी गई.
अभय कुमार ने जयकुमार को नाबालिग प्रीति को भगाने का दोषी मानते हुए जांच शुरू की तो देवेंद्र को लगा कि उस ने जो किया है, पुलिस उस बारे में जान नहीं पाएगी. लेकिन चिंता की बात यह भी थी कि प्रीति का वह क्या करे. अब उसे घर में रखना ठीक नहीं था. दूसरी ओर उसे पता भी चल गया था कि जयकुमार की हत्या हो चुकी है.
पूछताछ में प्रीति सच्चाई उगल सकती थी, इसलिए उस ने उसे धमकाया कि अगर उस ने किसी को भी यह बात बताई तो वह उस की भी हत्या कर के उस की लाश को जयकुमार की लाश की तरह रेल की पटरी पर डाल आएगा. प्रीति डर गई. उस ने पिता से वादा किया कि वह मर सकती है, लेकिन यह बात किसी को बता नहीं सकती.
अब प्रीति को छिपा कर रखना था. इस के लिए देवेंद्र ने प्रीति को थाना सादाबाद, जिला हाथरस के गांव करसोरा स्थित अपने साले प्रमोद कुमार की ससुराल भिजवा दिया. चूंकि प्रमोद उस के साथ जयकुमार की हत्या में शामिल था, इसलिए देवेंद्र जो चाहता था, उसे वैसा ही करना पड़ता था. प्रीति मामा की ससुराल पहुंच गई, जबकि पुलिस जयकुमार और प्रीति की तलाश में दरदर भटकती रही.
प्रीति से छुटकारा पाने के लिए देवेंद्र उस के लिए लड़का तलाशने लगा. थोड़ी कोशिश कर के थाना वृंदावन के मोहल्ला चंदननगर के रहने वाले पूरन शर्मा का बेटा राहुल उसे पसंद आ गया तो करसोरा से ही उस ने प्रीति की शादी राहुल से कर दी. प्रीति की यह शादी 27 फरवरी, 2014 को हुई.
इस तरह प्रीति को ससुराल भेज कर देवेंद्र निश्चिंत हो गया. मजे की बात यह थी कि वह शांत नहीं बैठा था. वह महीने, 15 दिनों में थाने पहुंच जाता और पुलिस से बेटी की तलाश के लिए गुहार लगाता. यही नहीं, वह फरीदाबाद में रहने वाले जयकुमार के घर वालों को भी धमकाता कि वे जयकुमार के बारे में पता कर के उस की बेटी को बरामद कराएं, वरना वह उन्हें शांति से जीने नहीं देगा.
भले ही जयकुमार का कत्ल हो गया था और प्रीति की शादी हो गई थी. फिर भी पुलिस का डर तो देवेंद्र को सताता ही रहता था. कहीं जयकुमार की हत्या का रहस्य खुल न जाए, इस बात से परेशान देवेंद्र एक बार फिर वकील मुन्नालाल से मिला. उस ने कहा कि अगर पुलिस को प्रीति के बारे में पता चल गया तो उस की परेशानी बढ़ सकती है. पुलिस उस पर शिकंजा कस सकती थी. अब तक प्रीति गर्भवती हो चुकी थी.
मुन्नालाल ने पूरी कहानी पर एक बार फिर नए सिरे से विचार किया. इस के बाद उस ने सलाह दी कि वह प्रीति को पुलिस के सामने पेश कर के उस से कहलवाए कि वह जयकुमार के बच्चे की मां बनने वाली है. वह उसे धोखा दे कर मथुरा रेलवे स्टेशन पर छोड़ कर कहीं भाग गया है. उस के बाद वह पिता के पास आ गई है.
प्रीति के अपहरण के मामले की जांच अब तक कई थानाप्रभारी कर चुके थे. लेकिन कोई मामले की तह तक नहीं पहुंच सका था. शायद उन्होंने कोशिश ही नहीं की थी. जबकि पुलिस ने कई बार फरीदाबाद जा कर जयकुमार की मां एवं रिश्तेदारों से पूछताछ की थी.
पूछताछ में जयकुमार की विधवा मां ने हर बार यही कहा था कि जयकुमार और प्रीति एकदूसरे को प्यार करते थे. दोनों को प्रीति के पिता देवेंद्र ने ही गायब किया है. मुकदमा दर्ज कराने के बाद देवेंद्र फरीदाबाद छोड़ कर बल्लभगढ़ में रहने लगा था. उस ने प्रीति को फोन कर के कहा कि वह सासससुर से लड़ाई कर के उस के यहां आ जाए. प्रीति पिता के हाथ की कठपुतली थी, इसलिए पिता ने जैसा कहा, उस ने वैसा ही किया.
इस की वजह यह थी कि वह नहीं चाहती थी कि उस के प्रेमसंबंधों की जानकारी उस की ससुराल वालों को हो. क्योंकि जानकारी होने के बाद वे उसे घर से निकाल सकते थे. पिता के कहने पर प्रीति ने सास से लड़ाई कर ली तो उसी दिन देवेंद्र उसे विदा कराने उस की ससुराल पहुंच गया.
वकील की सलाह के अनुसार देवेंद्र ने 1 सितंबर, 2015 को प्रीति को एसएसपी के सामने पेश कर दिया. प्रीति ने पुलिस के सामने वही सब कहा, जैसा उसे वकील ने सिखाया था. एसएसपी के आदेश पर प्रीति का मैडिकल कराया गया. जिस समय प्रीति को एसएसपी के सामने पेश किया गया था, उस समय थाना गांधीपार्क के थानाप्रभारी अमित कुमार थे. मजे की बात यह थी कि उन्होंने प्रीति से यह भी जानने की कोशिश नहीं की थी कि जयकुमार के साथ भागने के बाद वह उस के साथ कहांकहां रही.
पुलिस की देखरेख में ही प्रीति ने बच्चे को जन्म दिया. पुलिस ने अदालत में भी प्रीति के बयान करा दिए. वहां भी प्रीति ने वही कहानी सुना दी. अदालत ने प्रीति को उस के पिता को सौंप दिया. अब तक वैसा ही हो रहा था, जैसा देवेंद्र चाह रहा था. लेकिन इसी के बाद जब अलीगढ़ के एसएसपी बन कर राजेश पांडेय आए तो सब उलटा हो गया और वह पकड़ा गया.
मृतक जयकुमार के घर वालों को भी उस की हत्या की सूचना दे दी गई थी. पुलिस ने उस की मां को बुला कर जब जयकुमार के रखे सामान को दिखाया तो उस ने बेटे के जूते और कपड़ों की पहचान कर के फोटो में भी उस की शिनाख्त कर दी.
इस के बाद पुलिस ने प्रीति, देवेंद्र और प्रमोद को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. एसएसपी ने इस मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है, साथ ही थानाप्रभारी दिनेश कुमार दुबे को शाबाशी दी.
प्रीति की ससुराल वालों को जब सच्चाई का पता चला तो वे हैरान रह गए. प्रीति ने प्रेम क्या किया, अपनी तो जिंदगी बरबाद की ही, प्रेमी को भी मरवा दिया जो विधवा मां का एकलौता सहारा था.
मां ने भले ही समझाया, लेकिन जयकुमार के प्यार में डूबी प्रीति को मां की बात समझ में नहीं आई. परेशान हो कर रीना ने सारी बात पति को बता दी. बेटी की आशिकी के बारे में सुन कर देवेंद्र तिलमिला उठा. वह मकान मालिक गंजू से मिला और उन से कहा कि वह जयकुमार को घर आने से मना करें, क्योंकि वह उस की बेटी प्रीति को बरगला रहा है.
‘‘आप का कहना ठीक है, लेकिन अपने किसी रिश्तेदार को मैं घर आने से कैसे रोक सकता हूं. आप अपनी बेटी को थोड़ा संभाल कर रखिए.’’ मकान मालिक गंजू ने कहा.
गंजू की इस बात से देवेंद्र ने खुद को काफी अपमानित महसूस किया. अब वह मकान मालिक से तो कुछ नहीं कह सकता था, लेकिन जयकुमार उसे जब भी मिलता, उसे धमकाता कि वह जो कर रहा है, ठीक नहीं है. वह उस की बेटी का पीछा छोड़ दे वरना उसे पछताना पड़ सकता है. लेकिन जयकुमार भी प्रीति के प्रेम में इस तरह डूबा था कि देवेंद्र की चेतावनी का उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था. जबकि देवेंद्र मन ही मन बौखलाया हुआ था.
प्रीति की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तारीख आ गई तो वह परीक्षा देने अपने मामा प्रमोद कुमार के यहां अलीगढ़ चली गई. उस के मामा अलीगढ़ के थाना गांधीपार्क की बाबा कालोनी में रहते थे. घर वाले तो यही जानते थे कि प्रीति बस से अलीगढ़ गई है, लेकिन घर से निकलने से पहले उस ने जयकुमार को फोन कर दिया था, इसलिए वह मोटरसाइकिल ले कर उसे रास्ते में मिल गया था. उस के बाद प्रीति उस की मोटरसाइकिल से अलीगढ़ गई थी.
मामा के घर रह कर प्रीति ने परीक्षा दे दी. उसी बीच प्रीति के मामामामी अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी में चले गए तो घर खाली देख कर उस ने जयकुमार को फोन कर के अलीगढ़ बुला लिया. प्रेमिका के बुलाने पर घर में बिना किसी को कुछ बताए जयकुमार उस से मिलने अलीगढ़ पहुंच गया. प्रेमी को देख कर प्रीति का दिल बल्लियों उछल पड़ा. वह प्रेमी के आगोश में समा गई.
जयकुमार और प्रीति को उस दिन पहली बार एकांत और आजादी मिली थी, इसलिए उन्होंने सारी सीमाएं तोड़ दीं. ऐसे में जयकुमार ने प्रीति से वादा किया कि कुछ भी हो, हर हालत में वह उसे अपना कर रहेगा. प्रीति को भी प्रेमी पर पूरा विश्वास था. लेकिन उस दिन दोनों ने एक गलती कर दी. जयकुमार को प्रेमिका से मिल कर वापस आ जाना चाहिए था, लेकिन वह तो उस दिन और पिला दे साकी वाली स्थिति में था. प्रीति भी भूल गई थी कि अगले दिन मामामामी लौट आएंगे.
दोनों एकदूसरे में इस तरह खो गए कि सब कुछ भूल गए. याद तब आया, जब दरवाजे पर दस्तक हुई. प्रीति ने दरवाजा खोला तो मामामामी को देख कर सन्न रह गई. जयकुमार घर में ही था. प्रमोद ने अपने घर में जयकुमार को देखा तो पूछा, ‘‘यह कौन है?’’
‘‘यह जयकुमार है. मेरे मकान मालिक का साला.’’ प्रीति ने बताया.
प्रमोद को जब पता चला कि जयकुमार एक दिन पहले उस के घर आया था और प्रीति के साथ रात में रुका था तो उसे इस बात की चिंता हुई कि यह लड़का यहां क्यों आया था? उसे दाल में कुछ काला लगा तो उस ने जयकुमार को एक कमरे में बंद कर दिया और अपने बहनोई देवेंद्र को फोन कर के सारी बात बता दी. देवेंद्र उस समय उत्तराखंड के रुद्रपुर में था. उस ने कहा, ‘‘जब तक मैं आ न जाऊं, तब तक उसे उसी तरह कमरे में बंद रखना.’’
प्रीति डर गई. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि प्रेमी को छुड़ाने के लिए वह क्या करे. उस ने मामामामी से बहुत विनती की कि वे जयकुमार को छोड़ दें, लेकिन प्रमोद कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता था, इसलिए उस ने जयकुमार को नहीं छोड़ा.
शाम को देवेंद्र अलीगढ़ पहुंचा तो उस ने पहले ही मन ही मन तय कर लिया था कि बेटी के इस प्रेमी के साथ उसे क्या करना है? उस ने रास्ते में ही शराब की बोतल खरीद ली थी और साले के यहां पहुंचने से पहले ही उस ने शराब पी कर मूड बना लिया था.
नशे में धुत्त वह साले के यहां पहुंचा तो जयकुमार को कमरे से निकाल कर बातचीत शुरू हुई. इस बातचीत में जयकुमार ने साफसाफ कह दिया कि वह प्रीति से प्यार करता है और उस से शादी करना चाहता है. यह सुन कर देवेंद्र का खून खौल उठा और वह जयकुमार की पिटाई करने लगा.
पिटाई करते हुए ही उस ने जयकुमार से कहा, ‘‘इस बार तुम ने जो किया, माफ किए देता हूं. अब दोबारा ऐसी गलती मत करना. चलो, हम तुम्हें दिल्ली जाने वाली बस में बिठा देते हैं. फरीदाबाद आऊंगा तो तुम्हारी मां से बात करूंगा.’’
प्यार में बड़ी उम्मीदें होती हैं, जयकुमार को भी लगा कि शायद प्रेमिका का बाप मां से बात कर के शादी करा देगा. लेकिन देवेंद्र के मन में तो कुछ और था. अब तक अंधेरा गहरा चुका था. देवेंद्र और प्रमोद जयकुमार को ले कर पैदल ही चलते हुए नगला मानसिंह होते हुए रेलवे लाइन की ओर नई बस्ती के अवतारनगर में रहने वाले अपने एक परिचित विनोद के घर पहुंचे.
विनोद ने चाय बनवाने के लिए कहा तो देवेंद्र ने सिर्फ पानी लाने को कहा. विनोद ने जयकुमार के बारे में पूछा तो देवेंद्र ने बताया कि यह उस के दोस्त का बेटा है. विनोद पानी ले आया तो प्रमोद और देवेंद्र ने शराब पी. नशा चढ़ा तो दोनों जयकुमार को ले कर रेलवे लाइन की ओर चल पड़े. अब तक काफी अंधेरा हो चुका था. जयकुमार कुछ समझ पाता, उस के पहले ही सुनसान पा कर दोनों ने उसे एक गड्ढे में गिरा दिया.
वह संभल भी नहीं पाया, उस के पहले ही दोनों ने उस की गला दबा कर हत्या कर दी. इस के बाद दोनों वहीं बैठ कर ट्रेन के आने का इंतजार करने लगे. थोड़ी देर बाद उन्हें ट्रेन आती दिखाई दी तो जयकुमार की लाश को उठा कर दोनों ने पटरी पर रख दिया. ट्रेन लाश के ऊपर से गुजर गई तो वह कई टुकड़ों में बंट गई.
देवेंद्र और प्रमोद ने राहत की सांस ली, क्योंकि अब कांटा निकल गया था. लेकिन अब क्या करना है, अभी देवेंद्र को इस बारे में सोचना था. उस ने जो किया था, उसे भले ही किसी ने नहीं देखा था, लेकिन उसे होशियार तो रहना ही था. सुबह प्रीति ने उस से पूछा, ‘‘पापा, जयकुमार चला गया क्या?’’
देवेंद्र ने उसे खा जाने वाली नजरों से घूरते हुए कहा, ‘‘तू अपनी पढ़ाई से मतलब रख. कौन कहां गया, इस से तुझे क्या मतलब?’’
प्रीति को शक हुआ. अगले दिन उस ने जयकुमार को फोन किया. लेकिन उस का तो फोन बंद था, इसलिए बात नहीं हो सकी. अब प्रीति की समझ में आ गया कि जयकुमार के साथ क्या हुआ है. वह बुरी तरह डर गई.
क्रमशः