हम ने जल्दी से गाड़ी स्टार्ट की और उस तरफ चल पड़े, जिधर कब्र होने का अंदाजा था. 20 मिनट में हम ने वह कब्र तलाश कर ली. अगले 10 मिनट में हमें एक गैस स्टेशन के पीछे कचरे के ड्रम में तेजाब की बोतल, बेलचा, दस्ताने और चश्मा भी मिल गया. वह गैस स्टेशन कच्ची सड़क से करीब 1 किलोमीटर दूर था.
शौहर की लाश मिलने के बाद भी कीसले ने जुबान नहीं खोली. वह बारबार वकील को बुलाने को कहती रही. रेमंड हम सब को साथ ले कर सिमेट के लिए रवाना हो गए. रास्ते में मोंक के सवालों ने कीसले को सच बोलने पर मजबूर कर दिया. कीसले का शौहर नारमन एक मशहूर आर्किटैक्ट था. वह खुद भी अच्छे जौब पर थी. इन लोगों का सिमेट में एक खूबसूरत बंगला था, पास में 4 कीमती कारें थीं. पतिपत्नी के दोस्तों के साथ शराब की शानदार महफिलें जमती थीं.
घटना से एक दिन पहले सुबह को नाश्ते पर नारमन ने कीसले को बताया कि वह पूरी तरह दिवालिया हो गया है. वह चोरीछिपे जुआ खेलने का आदी था और यह सोच कर बड़ीबड़ी बाजी खेलता था कि शायद किस्मत साथ दे दे और उस का नुकसान पूरा हो जाए. लेकिन उस की यह उम्मीद पूरी नहीं हुई और वह दलदल में फंसता चला गया. यहां तक कि इस के चलते वह दिवालिया हो गया.
इस से ज्यादा बुरी खबर यह थी कि जुए में लगातार हारने की वजह से नारमन का बैंक एकाउंट, जिस में कीसले की भी जमापूंजी थी, एकदम खाली हो गया था. शेयर्स और कीमती चीजें भी बिक गई थीं. इस से भी बुरी बात यह थी कि उस ने अपनी कंपनी में 3 लाख डौलर्स का गबन किया था. इस मामले में नारमन का जेल जाना तय था. उस के जेल जाने के बाद देनदारी के सारे मामले और तकाजे कीसले को अकेले बिना पैसे के भुगतने पड़ते.
इस खौफनाक हकीकत को जान कर कीसले की आंखों के आगे अंधेरा छा गया. पहले तो उस की समझ में नहीं आया कि क्या करे? फिर वह गुस्से और हताशा में उठ कर किचन में गई. वहां से वह भारी फ्राइंगपैन उठा कर लाई और पीछे से नारमन के सिर पर 2 बार जोरदार वार किए. दूसरे वार ने नारमन की जान ले ली.
कीसले उस की लाश को घसीटते हुए गैराज में ले गई और उसे कचरा रखने वाली खाली थैली में डाल कर उस के मुंह पर एक डोरी बांध दी. इस के बाद उस ने लाश गाड़ी में रखी और उसे ठिकाने लगाने के लिए रवाना हो गई. कीसले में इतनी ताकत थी कि बिना किसी की मदद के वह सब कुछ कर सकती थी. अगर ऐसा न होता तो उसे लाश के टुकड़े करने पड़ते.
पति की हत्या के बाद कीसले ने कंप्यूटर खोल कर नेट के जरिए ये मालूम किया कि लाश ठिकाने लगाने का बेहतरीन तरीका क्या है? उसे पता चला कि लाश दफन करने के बाद अगर उस पर तेजाब छिड़क दिया जाए तो वह जल्दी गल जाती है.
अब सवाल यह था कि लाश को कहां दफन करे? उसे याद आया कि कुछ साल पहले उस के शौहर ने एक प्लाट लेने का इरादा किया था. पर कीमत पर बात नहीं बन पाई थी और वह जमीन नहीं ले सका था. वह जगह जंगल के किनारे बिलकुल सुनसान थी. वहां लाश के देख लिए जाने के चांसेज न के बराबर थे. लिहाजा वह बाजार जा कर वहां से लाश ठिकाने लगाने का जरूरी सामान ले आई.
रात गए उस ने अपनी गाड़ी निकाली और लाश को उसी जगह ले जा कर दफन कर दिया, वापस आते हुए उस ने रास्ते में गैस स्टेशन के पीछे कचरा घर में बेलचा, चश्मा और तेजाब की बोतल वगैरह फेंक दी.
‘‘दरअसल किसले ने सोचा था कि सब लोग यही समझेंगे कि नारमन गिरफ्तारी और बदनामी से बचने के लिए कहीं छिप गया है. किसी को इस बात का शक भी नहीं होगा कि उस की परेशान बीवी ने उसे मार डाला है. ऐसे केस में बीवी के मारने का खयाल भी किसी के दिल में नहीं आता, पर किस्मत ने उस का साथ नहीं दिया.
कीसले को ले कर हम पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे, जहां उस का वकील इंतजार में बैठा था. वह एक बड़ा महंगा और काबिल वकील था. पर जब उसे मालूम हुआ कि कीसले बयान दे चुकी है और उस ने जुर्म भी कुबूल कर लिया है, तो उस ने उस के मुकदमे की पैरवी करने से साफ इनकार कर दिया. रेमंड जानते थे कि ऐसी स्थिति में कोई भी वकील उस का केस नहीं लेगा. इसलिए उन्होंने उस के लिए सरकारी वकील का इंतजाम कर दिया.
इस दौरान हम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर के रेमंड के औफिस में जमा कर दी. उसे देख कर रेमंड ने कहा, ‘‘तुम दोनों मेरी बुद्धिमत्ता की दाद दो कि मैं ने कैसे आउट औफ वे जा कर तुम दोनों को यहां बुला लिया.’’
इस पर मोंक ने हंसते हुए कहा, ‘‘इस में आप की बीवी की मरजी भी शामिल है, क्योंकि वह मेरी तफ्तीश और मुजरिम पकड़ने की योग्यता से बहुत प्रभावित हैं. वैसे हमें अपने साथ रखने से आप भी तो फायदे में हैं. अब आप को कत्ल की खबर से पहले ही कातिल मिल जाएंगे.’’ कमरे में हम तीनों का कहकहा गूंज उठा.