दूसरी ओर बच्चा उस आतंकवादी का स्केच बनवाता है. कबीर और विक्रम तौफीक नाम के आदमी को उठाते हैं. पर वह कुछ नहीं बताता. लेकिन पिस्तौल की नोक पर कबीर उस से सच उगलवा लेता है. उस ने बताया कि कुछ दिन पहले यूपी का बौर्डर पार कर के 4 लोग फिरोजनगर आए थे. इस के आगे उसे कुछ नहीं पता.
आगे कबीर और विक्रम पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल से मिल कर उन्हें सारी इन्फार्मेशन दे कर कहते हैं कि ऐसे विस्फोट गुजरात में हुए थे. पर उन के पास कोई इन्फार्मेशन नहीं थी कि दिल्ली में भी ब्लास्ट होने वाले हैं. पुलिस कमिश्नर की भूमिका बौलीवुड और साउथ के दिग्गज अभिनेता मुकेश ऋषि ने निभाई है. लेकिन वह इस सीरीज में केवल शो पीस भर लगता है, जबकि वह अपनी हर भूमिका में जान डाल देता है.
बच्चा आतंकवादी का स्केच बनवा देता है तो सारे पुलिस वाले उस संदिग्ध आदमी को ढूंढने में लग जाते हैं. इस के बाद जरार नाम के आदमी को दिखाते हैं, जिस ने दिल्ली में ये सारे बम ब्लास्ट किए थे.
वह किराए के एक मकान में हैदर नाम से रह रहा था. वह इत्र बेचने का काम करता था. जरार की भूमिका में मयंक टंडन है. उसे सीरीज में जितना बड़ा आतंकवादी बताया गया है, वह कहीं से भी नहीं लगता.
अगले सीन में नफीसा नाम की युवती हैदर से मिल कर उसे चाय देती है. यहां पता चलता है कि नफीसा और हैदर एकदूसरे को कहीं न कहीं पसंद करते हैं. नफीसा का रोल मराठी फिल्मों में काम करने वाली वैदेही परशुराम ने किया है.
इस के बाद नफीसा के पिता सईद खान दिखाई देते हैं, जिन के घर में जरार किराए पर रहता था. सईद भी जरार के साथ बम ब्लास्ट में शामिल था. सईद की भूमिका ललित परिमू ने निभाई है. नफीसा का एक भाई है मोइन. पर उसे पिता और जरार के बारे में कुछ भी नहीं पता. जरार अपने घर से निकलता है तो दूसरी ओर उधर पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे.
दूसरा एपिसोड
दूसरे एपिसोड के शुरू में पार्क का सीन दिखाया जाता है, जहां कबीर अपनी पत्नी रश्मि के साथ है. यहां पता चलता है कि किसी बीमारी की वजह से रश्मि की मौत हो गई थी. जबकि कबीर उसे भुला नहीं पा रहा था. कबीर की मां आ कर उसे हौसला देती है. कबीर अपनी ड्यूटी पर चला जाता है, जहां वह और विक्रम पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल से मिलते हैं.
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यहां तारा शेट्टी को दिखाया जाता है, जो गुजरात एटीएस से आई है. तारा यहां विक्रम के साथ मिल कर आतंकवादियों को पकडऩे और खास कर इस केस को सुलझाने आई है. तारा की भूमिका 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने निभाई है. वह सीरीज में गुजरात एटीएस प्रमुख की भूमिका में हैं.
तारा के यहां आते ही विक्रम से उस की बहस हो जाती है. तब जयदीप बंसल दोनों को शांत कर के इस केस को मिलजुल कर सुलझाने के लिए कहते हैं, जिस से जल्द से जल्द आतंकवादी पकड़े जा सकें.
जयदीप के जाने के बाद तारा, विक्रम और कबीर आपस में बातें करते हैं, जिस से पता चलता है कि विक्रम और तारा की आपस में हमेशा बहस होती रहती है, पर वे आपस में अच्छे दोस्त हैं. तारा उन्हें बताती है कि जब अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुए थे, तब जांच में उसे एक नंबर मिला था. जो उन आतंकवादियों में से किसी एक का हो सकता है. पर वह काफी समय से बंद है. इसलिए वह ट्रैस नहीं हो पा रहा है. लेकिन उस ने उस मकान मालिक से पूछ कर उस आतंकवादी का स्केच बनवा लिया था, जिस के घर वह किराए पर रह रहा था.
आगे जरार जा कर अपने साथियों से मिलता है और बताता है कि उन की कामयाबी से उन के सारे लोग खुश हैं और पूरी दुनिया से उन के लिए बधाइयां आ रही हैं. आगे जरार शादाब के पास जाता है, जिस की तबीयत खराब है. यहां पता चलता है कि यह वही आदमी है, जिस का स्केच पुलिस के पास है.
जरार उसे कामयाबी की बधाई देता है तो शादाब कहता है कि उसे अपने परिवार की बहुत याद आ रही है. तब जरार उसे आश्वासन देता है कि बस कुछ दिनों की बात और है, उस के बाद सभी अपनेअपने घर चले जाएंगे. जाने से पहले जरार साथियों से कहता है कि शादाब को फोन से दूर ही रखना, कहीं उस की वजह से सभी फंस न जाएं, क्योंकि वह बहुत इमोशनल हो रहा है.
अगले सीन में पुलिस वाले हार्डवेयर की दुकानों पर जा कर पता करते हैं, जहां से पुलिस को अब्दुल नाम के आदमी के बारे में पता चलता है कि उस ने एक दुकान से ऐसा सामान खरीदा था, जिस का उपयोग बम बनाने में किया जाता है.
इस के बाद कबीर और राणा विर्क अब्दुल को उठा लेते हैं और उस से बम के बारे में पूछते हैं. राणा की भूमिका साउथ और बौलीवुड के मशहूर अभिनेता निकितन धीर ने निभाई है. पर सीरीज में वह सिर्फ अपना शरीर दिखाते हुए नजर आता है.
अब्दुल कहता है कि वह तो हलवाई है, उसे बम के बारे में कुछ नहीं पता. तब कबीर पूछता है कि उस ने हार्डवेयर की दुकान से इतनी सारी कीलें और बाल बियरिंग क्यों खरीदीं?
अब्दुल बताता है कि उस ने ऐसा खान साहब के कहने पर किया था. खान साहब बहुत बड़े आदमी हैं, जिन की पौलिटिक्स में अच्छीखासी पकड़ है.
तब कबीर और विक्रम कमिश्नर से मिल कर खान के बारे में बताते हैं. क्योंकि खान को ऐसे ही नहीं पकड़ा जा सकता था. पुलिस कमिश्नर का कहना था कि बिना सबूत के वह खान पर हाथ डालने के लिए नहीं कह सकते.
लेकिन जाते हुए वह कहते हैं कि जब वह भी उन की उम्र के थे, तब एक ससपेक्ट को उठाया था. बाद में सौरी बोल दिया था. उन की इस बात पर कबीर और विक्रम मुसकराते हैं, क्योंकि वे समझ गए थे कि अब उन्हें क्या करना है.
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आतंकियों के घर वालों से भी की पूछताछ
इस के बाद जरार अपने लीडर रफीक से बात करता है. रफीक उन के मिशन की कामयाबी के लिए बधाई देता है और बताता है कि उसे और उस के साथियों को जल्दी ही पैसे मिल जाएंगे. रफीक का रोल अभिनेता ऋतुराज सिंह ने किया है.
जरार घर पहुंचता है और नफीसा से बातें करता है. यहां पता चलता है कि जरार का एक भाई भी है, जिस का नाम शेखू है. उस के मातापिता की बहुत पहले मौत हो चुकी है.
आगे उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की एक जगह दिखाई जाती है, जहां कुछ पुलिस वाले शादाब के घर जा कर पूछताछ करते हैं. इस पूछताछ में पता चलता है कि उन के पास जो नंबर था, वह शादाब का था. वह 2 महीने से घर नहीं आया था. शादाब के मातापिता को भी शक था कि वह गलत रास्ते पर चल रहा है. यह जानने के बाद पुलिस वाले चले जाते हैं.
दूसरी ओर कबीर और राणा खान को पकडऩे जाते हैं. वे वहां देखते हैं कि एक आदमी खान से कुछ पैसे ले कर जा रहा था. कबीर राणा को उस आदमी को पकडऩे भेजता है और खुद खान को पकड़ कर अपने साथ ले जाता है. राणा उस आदमी का काफी पीछा करता है, लेकिन वह भाग जाता है. क्योंकि राणा जाम में फंस गया था.
आगे दिखाया जाता है कि वह आदमी जरार को जा कर पैसे देता है. वह आदमी कोई और नहीं जरार का भाई शेखू था. उधर कबीर खान के साथ उस के पोते को भी उठा लाए थे. पोते के सामने खान से पूछताछ की जाती है तो खान बताता है कि इस गैंग में एक आदमी का नाम शादाब है. दूसरे को वह नहीं जानते. एक आदमी को उन्होंने 2 लाख रुपए और बाल बियरिंग दी थी, जिस से बम ब्लास्ट हुए थे. इस के आगे उसे कुछ नहीं पता. इस के बाद खान को अरेस्ट कर लिया जाता है.
आगे जरार नफीसा के परिवार के साथ लंच कर रहा होता है, तभी नफीसा की अम्मी उस से नफीसा के साथ शादी के लिए कहती है. इस के बाद छत पर जरार नफीसा को शादी के लिए प्रपोज करता है और नफीसा मान जाती है.
दूसरी ओर कबीर के साथ विक्रम अपने बेटे की बर्थडे पार्टी में जाता है, जहां तारा भी आई थी. थोड़ी देर बाद तारा चली जाती है, क्योंकि उसे कुछ काम था. उधर जरार के साथी के घर की लाइट चली जाती है, तब अंधेरे में शादाब चुपके से अपना फोन औन कर के अपने घर फोन करता है. तभी शादाब का नंबर दिल्ली पुलिस ट्रैस कर लेती है.