‘इंडियन पुलिस फोर्स’ रिव्यू: रोहित शेट्टी का दमदार कॉप यूनिवर्स – भाग 2

दूसरी ओर बच्चा उस आतंकवादी का स्केच बनवाता है. कबीर और विक्रम तौफीक नाम के आदमी को उठाते हैं. पर वह कुछ नहीं बताता. लेकिन पिस्तौल की नोक पर कबीर उस से सच उगलवा लेता है. उस ने बताया कि कुछ दिन पहले यूपी का बौर्डर पार कर के 4 लोग फिरोजनगर आए थे. इस के आगे उसे कुछ नहीं पता.

आगे कबीर और विक्रम पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल से मिल कर उन्हें सारी इन्फार्मेशन दे कर कहते हैं कि ऐसे विस्फोट गुजरात में हुए थे. पर उन के पास कोई इन्फार्मेशन नहीं थी कि दिल्ली में भी ब्लास्ट होने वाले हैं. पुलिस कमिश्नर की भूमिका बौलीवुड और साउथ के दिग्गज अभिनेता मुकेश ऋषि ने निभाई है. लेकिन वह इस सीरीज में केवल शो पीस भर लगता है, जबकि वह अपनी हर भूमिका में जान डाल देता है.

बच्चा आतंकवादी का स्केच बनवा देता है तो सारे पुलिस वाले उस संदिग्ध आदमी को ढूंढने में लग जाते हैं. इस के बाद जरार नाम के आदमी को दिखाते हैं, जिस ने दिल्ली में ये सारे बम ब्लास्ट किए थे.

वह किराए के एक मकान में हैदर नाम से रह रहा था. वह इत्र बेचने का काम करता था. जरार की भूमिका में मयंक टंडन है. उसे सीरीज में जितना बड़ा आतंकवादी बताया गया है, वह कहीं से भी नहीं लगता.

अगले सीन में नफीसा नाम की युवती हैदर से मिल कर उसे चाय देती है. यहां पता चलता है कि नफीसा और हैदर एकदूसरे को कहीं न कहीं पसंद करते हैं. नफीसा का रोल मराठी फिल्मों में काम करने वाली वैदेही परशुराम ने किया है.

इस के बाद नफीसा के पिता सईद खान दिखाई देते हैं, जिन के घर में जरार किराए पर रहता था. सईद भी जरार के साथ बम ब्लास्ट में शामिल था. सईद की भूमिका ललित परिमू ने निभाई है. नफीसा का एक भाई है मोइन. पर उसे पिता और जरार के बारे में कुछ भी नहीं पता. जरार अपने घर से निकलता है तो दूसरी ओर उधर पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे.

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दूसरा एपिसोड

दूसरे एपिसोड के शुरू में पार्क का सीन दिखाया जाता है, जहां कबीर अपनी पत्नी रश्मि के साथ है. यहां पता चलता है कि किसी बीमारी की वजह से रश्मि की मौत हो गई थी. जबकि कबीर उसे भुला नहीं पा रहा था. कबीर की मां आ कर उसे हौसला देती है. कबीर अपनी ड्यूटी पर चला जाता है, जहां वह और विक्रम पुलिस कमिश्नर जयदीप बंसल से मिलते हैं.

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यहां तारा शेट्टी को दिखाया जाता है, जो गुजरात एटीएस से आई है. तारा यहां विक्रम के साथ मिल कर आतंकवादियों को पकडऩे और खास कर इस केस को सुलझाने आई है. तारा की भूमिका 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने निभाई है. वह सीरीज में गुजरात एटीएस प्रमुख की भूमिका में हैं.

तारा के यहां आते ही विक्रम से उस की बहस हो जाती है. तब जयदीप बंसल दोनों को शांत कर के इस केस को मिलजुल कर सुलझाने के लिए कहते हैं, जिस से जल्द से जल्द आतंकवादी पकड़े जा सकें.

जयदीप के जाने के बाद तारा, विक्रम और कबीर आपस में बातें करते हैं, जिस से पता चलता है कि विक्रम और तारा की आपस में हमेशा बहस होती रहती है, पर वे आपस में अच्छे दोस्त हैं. तारा उन्हें बताती है कि जब अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुए थे, तब जांच में उसे एक नंबर मिला था. जो उन आतंकवादियों में से किसी एक का हो सकता है. पर वह काफी समय से बंद है. इसलिए वह ट्रैस नहीं हो पा रहा है. लेकिन उस ने उस मकान मालिक से पूछ कर उस आतंकवादी का स्केच बनवा लिया था, जिस के घर वह किराए पर रह रहा था.

आगे जरार जा कर अपने साथियों से मिलता है और बताता है कि उन की कामयाबी से उन के सारे लोग खुश हैं और पूरी दुनिया से उन के लिए बधाइयां आ रही हैं. आगे जरार शादाब के पास जाता है, जिस की तबीयत खराब है. यहां पता चलता है कि यह वही आदमी है, जिस का स्केच पुलिस के पास है.

जरार उसे कामयाबी की बधाई देता है तो शादाब कहता है कि उसे अपने परिवार की बहुत याद आ रही है. तब जरार उसे आश्वासन देता है कि बस कुछ दिनों की बात और है, उस के बाद सभी अपनेअपने घर चले जाएंगे. जाने से पहले जरार साथियों से कहता है कि शादाब को फोन से दूर ही रखना, कहीं उस की वजह से सभी फंस न जाएं, क्योंकि वह बहुत इमोशनल हो रहा है.

अगले सीन में पुलिस वाले हार्डवेयर की दुकानों पर जा कर पता करते हैं, जहां से पुलिस को अब्दुल नाम के आदमी के बारे में पता चलता है कि उस ने एक दुकान से ऐसा सामान खरीदा था, जिस का उपयोग बम बनाने में किया जाता है.

इस के बाद कबीर और राणा विर्क अब्दुल को उठा लेते हैं और उस से बम के बारे में पूछते हैं. राणा की भूमिका साउथ और बौलीवुड के मशहूर अभिनेता निकितन धीर ने निभाई है. पर सीरीज में वह सिर्फ अपना शरीर दिखाते हुए नजर आता है.

अब्दुल कहता है कि वह तो हलवाई है, उसे बम के बारे में कुछ नहीं पता. तब कबीर पूछता है कि उस ने हार्डवेयर की दुकान से इतनी सारी कीलें और बाल बियरिंग क्यों खरीदीं?

अब्दुल बताता है कि उस ने ऐसा खान साहब के कहने पर किया था. खान साहब बहुत बड़े आदमी हैं, जिन की पौलिटिक्स में अच्छीखासी पकड़ है.

तब कबीर और विक्रम कमिश्नर से मिल कर खान के बारे में बताते हैं. क्योंकि खान को ऐसे ही नहीं पकड़ा जा सकता था. पुलिस कमिश्नर का कहना था कि बिना सबूत के वह खान पर हाथ डालने के लिए नहीं कह सकते.

लेकिन जाते हुए वह कहते हैं कि जब वह भी उन की उम्र के थे, तब एक ससपेक्ट को उठाया था. बाद में सौरी बोल दिया था. उन की इस बात पर कबीर और विक्रम मुसकराते हैं, क्योंकि वे समझ गए थे कि अब उन्हें क्या करना है.

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आतंकियों के घर वालों से भी की पूछताछ

इस के बाद जरार अपने लीडर रफीक से बात करता है. रफीक उन के मिशन की कामयाबी के लिए बधाई देता है और बताता है कि उसे और उस के साथियों को जल्दी ही पैसे मिल जाएंगे. रफीक का रोल अभिनेता ऋतुराज सिंह ने किया है.

जरार घर पहुंचता है और नफीसा से बातें करता है. यहां पता चलता है कि जरार का एक भाई भी है, जिस का नाम शेखू है. उस के मातापिता की बहुत पहले मौत हो चुकी है.

आगे उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की एक जगह दिखाई जाती है, जहां कुछ पुलिस वाले शादाब के घर जा कर पूछताछ करते हैं. इस पूछताछ में पता चलता है कि उन के पास जो नंबर था, वह शादाब का था. वह 2 महीने से घर नहीं आया था. शादाब के मातापिता को भी शक था कि वह गलत रास्ते पर चल रहा है. यह जानने के बाद पुलिस वाले चले जाते हैं.

दूसरी ओर कबीर और राणा खान को पकडऩे जाते हैं. वे वहां देखते हैं कि एक आदमी खान से कुछ पैसे ले कर जा रहा था. कबीर राणा को उस आदमी को पकडऩे भेजता है और खुद खान को पकड़ कर अपने साथ ले जाता है. राणा उस आदमी का काफी पीछा करता है, लेकिन वह भाग जाता है. क्योंकि राणा जाम में फंस गया था.

आगे दिखाया जाता है कि वह आदमी जरार को जा कर पैसे देता है. वह आदमी कोई और नहीं जरार का भाई शेखू था. उधर कबीर खान के साथ उस के पोते को भी उठा लाए थे. पोते के सामने खान से पूछताछ की जाती है तो खान बताता है कि इस गैंग में एक आदमी का नाम शादाब है. दूसरे को वह नहीं जानते. एक आदमी को उन्होंने 2 लाख रुपए और बाल बियरिंग दी थी, जिस से बम ब्लास्ट हुए थे. इस के आगे उसे कुछ नहीं पता. इस के बाद खान को अरेस्ट कर लिया जाता है.

आगे जरार नफीसा के परिवार के साथ लंच कर रहा होता है, तभी नफीसा की अम्मी उस से नफीसा के साथ शादी के लिए कहती है. इस के बाद छत पर जरार नफीसा को शादी के लिए प्रपोज करता है और नफीसा मान जाती है.

दूसरी ओर कबीर के साथ विक्रम अपने बेटे की बर्थडे पार्टी में जाता है, जहां तारा भी आई थी. थोड़ी देर बाद तारा चली जाती है, क्योंकि उसे कुछ काम था. उधर जरार के साथी के घर की लाइट चली जाती है, तब अंधेरे में शादाब चुपके से अपना फोन औन कर के अपने घर फोन करता है. तभी शादाब का नंबर दिल्ली पुलिस ट्रैस कर लेती है.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 3

नेहा आदित्य को घेरने की पूरी प्लानिंग के साथ एयरपोर्ट पहुंचती है. एयरपोर्ट पर आदित्य नेहा का इंतजार कर रहा है. नेहा जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचती है, उस का ट्रौली बैग के ऊपर रखा हैंडबैग गिर जाता है, जिसे एक छोटी बच्ची उठा कर देती है.

शुरुआती सीन पर ही खत्म होती है वेब सीरीज

आदित्य को शक होता है कि नेहा का बैग इतना हल्का क्यों है? शक होने पर आदित्य वहां से भागने लगता है और नेहा पुलिस टीम के साथ उस का पीछा करती है. कुछ समय दोनों तरफ से गोलीबारी होती है, तभी नेहा आदित्य के पीछे से पिस्टल तान कर उसे रुकने को कहती है.

नेहा आदित्य से कहती है कि तुम यहां से भाग नहीं सकते. सारा परदाफाश हो चुका है, इसलिए तुम सरेंडर कर दो. इस पर आदित्य नेहा को बताता है कि वह दीया को मार कर गौरी को पार्टनर बनाना चाहता था, तभी तुम मेरी जिंदगी में आ गईं. आदित्य सफाई देने की कोशिश करता है, मगर नेहा उसे अदालत में सच्चाई बताने को कहती है.

आदित्य नेहा से पूछता है कि वह उस के साथ है या खिलाफ तो नेहा कहती है कि वह उस के खिलाफ है और दुआ करती है वह  कभी भी उस की जिंदगी में दोबारा न आए.

तभी एक कार आती है और आदित्य नेहा के हाथ से पिस्टल छीन कर उस कार के ड्राइवर को बाहर निकाल कार में बैठ कर भागने लगता है. नेहा भी दूसरे रास्ते पर जा कर आदित्य की कार के आगे पिस्टल ले कर खड़ी हो जाती है. जैसे ही आदित्य कार आगे बढ़ाता है, नेहा ट्रिगर दबा देती है और गोली कार के शीशे को पार कर आदित्य को लगती है और उस का काम तमाम हो जाता है.

जिस सीन के साथ एपिसोड शुरू हुआ था, वह पूरा हो जाता है. एपिसोड के अंत में नेहा अपने फोटो फ्रेम को सीने से लगा कर मेज पर रखती है और लैपटाप पर बिजी हो जाती है. तभी कैमरा फोटो फ्रेम पर घूमता है, जो पूरी तरह खाली है.

बिपाशा बसु

बौलीवुड की हौट एक्ट्रैस बिपाशा बसु का जन्म 7 जनवरी, 1979 को दिल्ली में एक बंगाली फैमिली में हुआ था. उस के पिता हीरक बसु सिविल इंजीनियर हैं, जबकि मां ममता एक हाउसवाइफ हैं. बिपाशा 3 बहनें हैं, जिन में बड़ी बहन विदिशा और छोटी बहन विजयेता हैं.

बिपाशा ने 8 साल की उम्र तक दिल्ली में रह कर ही पढ़ाई की, इस के बाद उस की फैमिली कोलकाता शिफ्ट हो गई, जहां स्कूल में उसे बच्चे ‘लेडी गुंडा’ कहते थे. वह क्लास की हेड गर्ल रही और छोटे बाल, दमदार पर्सनैलिटी से हमेशा लाइमलाइट में रहती थी.

साल 1996 में कोलकाता के एक होटल में बिपाशा बसु को मौडल मेहर जेसिया रामपाल ने देखा तो उस की खूबसूरती को देख कर बिपाशा को मौडलिंग करने का सुझाव दिया.

उसी साल बिपाशा ने सुपर मौडल प्रतियोगिता में हिस्सा ले कर जीत हासिल की. इस के बाद मियामी में फोर्ड मौडल्स सुपर मौडल औफ द वल्र्ड कांपिटीशन में देश का प्रतिनिधित्व किया. यहीं से बिपाशा का सफर शुरू हुआ.

उसी दौरान बिपाशा बसु और डिनो मोरिया मिले और एकदूसरे को डेट करने लगे. उस समय दोनों ने साथ में एक बोल्ड विज्ञापन किया, जो काफी समय तक विवादों में रहा था. इस के बाद वह कई मैगजींस के कवर पेज पर छा गई. उस ने तब तक मौडलिंग की, जब तक फिल्म का औफर नहीं आ गया.

साल 2001 में बिपाशा बसु ने बौलीवुड में कदम रखा. वह पहली बार अक्षय कुमार के साथ ‘अजनबी’ फिल्म में नजर आई, जिसे अब्बास-मस्तान ने डायरेक्ट किया था. उस की पहली फिल्म सफल रही और इमेज एक बोल्ड अभिनेत्री की बन गई.

अगले ही साल 2002 में बिपाशा ने एक और फिल्म ‘राज’ में काम किया और इस में उस की ऐक्टिंग और बोल्डनैस की खूब तारीफ हुई. फिल्म के डायलौग से ले कर गाने तक हिट हुए थे. इस फिल्म को विक्रम भट्ट ने डायरेक्ट किया था.

इस के बाद बिपाशा ने जिस्म, जमीन, मदहोशी, बरसात, नो एंट्री, धूम 2, फिर हेराफेरी, ओमकारा आदि फिल्में कीं. वह साउथ की फिल्मों में भी नजर आई.

पर्सनल लाइफ की बात करें तो साल 1996 से 2002 तक बिपाशा बसु ने डिनो मोरिया को डेट किया, लेकिन फिर इन का रिश्ता टूट गया. इस के बाद 2002 में बिपाशा की जौन अब्राहम से नजदीकियां बढ़ीं. दोनों 2011 तक एकदूसरे के साथ थे.

बताया जाता है कि बिपाशा ने हरमन बावेजा को भी डेट किया था, लेकिन 2014 में दोनों अलग हो गए थे. इसी साल ‘अलोन’ के सेट पर बिपाशा की मुलाकात करण सिंह ग्रोवर से हुई. यहीं से दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने 2016 में शादी कर ली. 12 नवंबर, 2022 को बिपाशा ने एक बेटी को भी जन्म दिया, जिस का नाम देवी रखा गया है.

करण सिंह ग्रोवर

टीवी इंडस्ट्री से बौलीवुड तक अपनी पहचान बनाने वाले करण सिंह ग्रोवर का जन्म 23 फरवरी, 1982 को नई दिल्ली में हुआ था. सऊदी अरब में उस की शुरुआती पढ़ाई हुई, इस के बाद आईएचएम मुंबई से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की. कुछ वक्त तक उस ने होटल इंडस्ट्री में काम किया, लेकिन उस की मंजिल ग्लैमर इंडस्ट्री में पूरी हुई.

करण सिंह ग्रोवर आज अपनी जिंदगी कभी बौलीवुड की टौप मोस्ट एक्ट्रैस में शुमार बिपाशा बसु के साथ गुजार रहा है. दोनों की जोड़ी बौलीवुड के रोमांटिक जोड़ी में से एक हैं. ऐसा नहीं है कि बिपाशा करण का पहला प्यार है, इस से पहले भी वह कई बार अलगअलग लड़कियों को दिल दे चुका है.

करण सिंह का नाम दिलफेंक ऐक्टर के  रूप में जाना जाता है. उस की जिंदगी में कई लड़कियां आईं. बिपाशा बसु से शादी करने से पहले वह 2 बार दूल्हा भी बन चुका है.

करण ने 2008 में अभिनेत्री श्रद्धा निगम के साथ सात फेरे लिए, लेकिन इस रिश्ते में वह ईमानदार नहीं रह पाया. एक बार तो श्रद्धा ने उसे रंगेहाथों पकड़ा, जिस के बाद उस ने करण से शादी तोड़ दी. यह रिश्ता महज 10 महीने तक ही कायम रहा.

श्रद्धा से अलग होने के बाद करण का नाम डांस कोरियोग्राफर निकोल के साथ भी जुड़ा, फिर एक्ट्रैस जेनिफर विंगेट के साथ वह प्यार में पड़ा. साल 2012 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए, लेकिन यहां भी करण अपने दिल को नहीं संभाल पाया. वह दूसरी लड़कियों के प्रति आकर्षित होने लगा.

एक बार तो जेनिफर ने एक टीवी सीरियल के सेट पर करण को किसी लड़की के साथ देख लिया तो वह अपना आपा खो बैठी और भरी महफिल में करण को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इस के बाद साल 2014 में दोनों ने तलाक ले लिया.

फिर करण का दिल बिपाशा बसु पर आ गया. करण और बिपाशा 31 दिसंबर, 2015 की रात थाईलैंड में थे और इस दौरान करण ने एक रिंग के साथ बिपाशा को प्रपोज किया. बिपाशा उसे न नहीं बोल पाई और 2016 में दोनों ने शादी कर ली.

फिलहाल करण और बिपाशा एकदूसरे के साथ बेहद खुश हैं. अकसर दोनों एकदूसरे के साथ रोमांस करते नजर आते हैं.

सोनाली राउत

‘द एक्सपोज’ फिल्म में काम कर चुकी एक्ट्रेस और बिग बौस की पूर्व कंटेस्टेंट सोनाली राउत का जन्म 23 दिसंबर, 1990 को दिल्ली में हुआ था. सोनाली न सिर्फ अपने बोल्ड और बिंदास अंदाज के लिए चर्चा में रही है, बल्कि अपनी सैक्सी इमेज और फिगर को ले कर भी उस ने खूब लोकप्रियता बटोरी है.

सोनाली भारत की पहली सुपर मौडल के नाम से पहचानी जाने वाली उज्जवला राउत की छोटी बहन है. सोनाली साल 2010 में उस समय चर्चा में आई, जब उस ने किंगफिशर कैलेंडर के लिए स्विमसूट पहन कर पोज दिए थे.

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सोनाली राउत

आज हौट और स्लिम दिखने वाली यह बाला एक वक्त पर बेहद मोटी थी. सोनाली राउत ने अपने करिअर की शुरुआत मौडलिंग से की थी, इस के बाद उस ने हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘द एक्सपोज’ के जरिए बौलीवुड में कदम रखा और इसी दौरान वह रियलिटी शो ‘बिग बौस’ के आठवें सीजन में भी नजर आई.

सोनाली अपने गुस्सैल स्वभाव के लिए भी जानी जाती है. कपिल शर्मा के शो ‘कौमेडी नाइट्स विद कपिल’ के सेट पर सोनाली राउत और जोया अफरोज के बीच जम कर झगड़ा हुआ था और बात इस कदर बढ़ी कि जोया ने सोनाली को थप्पड़ तक जड़ दिया था. दोनों यहां हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘द एक्सपोज’ के प्रमोशन के लिए आई थीं.

इस के बाद सोनाली साल 2016 की एडल्ट कौमेडी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में दिखाई दी थी. बिग बौस सीजन 8 में सोनाली ने अली कुली मिर्जा को थप्पड़ मार दिया था. अली ने सोनाली पर गलत टिप्पणी की थी, जिस के बाद सोनाली ने अली को गुस्से में मारा था.

फिल्म के अलावा सोनाली रणवीर सिंह के साथ अपने एक बोल्ड फोटोशूट को ले कर भी खूब चर्चा में रही. वह सोशल मीडिया पर अकसर अपनी ग्लैमरस तसवीरें शेयर करती रहती है और इस के चलते चर्चा में भी बनी रहती है.

‘इंडियन पुलिस फोर्स’ रिव्यू: रोहित शेट्टी का दमदार कॉप यूनिवर्स – भाग 1

कलाकार: सिद्धार्थ मल्होत्रा, विवेक ओबेराय, शिल्पा शेट्टी, मुकेश ऋषि, मयंक टंडन, ईशा तलवार, वैदेही परशुराम, शरद केलकर आदि.

निर्देशक: रोहित शेट्टी और खुशवंत प्रकाश

लेखक: विधि घोडग़ांवकर, अनुषा नंदकुमार, संदीप साकेत, संचित बेदरे और आयुष त्रिवेदी.

निर्माता: रोहित शेट्टी.

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लेखक हों या निर्माता निर्देशक, सभी को लगता है कि लोगों को अपराध कथाएं या अपराध आधारित फिल्में या वेब सीरीज अधिक पसंद हैं. एक तरह से देखा जाए तो यह सच भी है, क्योंकि अपराध से हर वह आदमी घबराता है, जो सीधीसादी जिंदगी जीने वाला होता है. बाकी तो अपराध करने वाला भी उसी समाज का हिस्सा है, जिस में सीधीसादी जिंदगी जीने वाला रहता है.

यही वजह है कि लोग समाज में होने वाले अपराधों के बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन इस से ज्यादा रुचि उन्हें इस में होती है कि पुलिस ने उस अपराध करने वाले को पकड़ा कैसे? यह जानने की जिज्ञासा ही उन्हें अपराध कथाओं की ओर आकर्षित करती है.

वेब सीरीजों का भी लगभग वही हाल है. हर ओटीटी पर अपराध कथाओं की भरमार है, पर दर्शक जो देखना चाहता है, वही किसी भी वेब सीरीज में देखने को नहीं मिलता. इस की वजह है लेखकों, निर्माताओं और निर्देशकों की अपनी मनमानी. उन्हें यही लगता है कि हम जो दिखाएंगे, दर्शकों को वही देखना होगा.

दिल्ली के ‘बाटला हाउस’ की असली घटना को ध्यान में रख कर उस के पहले और बाद में कुछ काल्पनिक कहानियां जोड़ कर करीब आधा दरजन लोगों ने औसतन 45 से 50 मिनट के 7 एपिसोड वाली (Web Series) वेब सीरीज लिखी है, ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ (Indian Police Force). सितारे, तलवारें और अशोक की लाट देखने से लगता है कि हैदराबाद की पुलिस अकादमी से निकले आईपीएस अफसरों से सीरीज के लेखकों ने कभी ठीक से बैठ कर बात नहीं की.

भीड़ भरे इलाके में आतंकवादियों से लडऩे निकली दिल्ली पुलिस की यह कौन सी छवि सीरीज का निर्देशक गढऩा चाह रहा है. इसे देख कर लगता है कि यह पुलिस की सीरीज नहीं, बल्कि मजाक चल रहा है.

‘इंडियन पुलिस फोर्स’ सीरीज (Indian Police Force Series) कहानी के मामले में ही नहीं, संवाद के मामले में भी काफी कमजोर है. पूरी फोर्स को औफिस की बालकनी में खड़े हो कर संबोधित करने वाले विवेक ओबेराय (Vivek Oberoi) जब अमिताभ बच्चन बनने की कोशिश करता है तो सीरीज की एक और कमजोर परत खुलती है.

ईशा तलवार के पास चमकने का काम है, लेकिन नफीसा बनी वैदेही का काम नोटिस करने लायक है. बाकी कामों में निकितन धीर ने अपना डीलडौल दिखाने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. एक कलाकार ऐसा भी रखा गया है, जो खुद को हरियाणवी दिखाने की नाकाम कोशिश करता रहता है.

‘इंडियन पुलिस फोर्स’ को देखने का एकलौता कारण इस के साथ जुड़ा रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) का नाम है, लेकिन जब वह खुद ही अपने नाम और काम को गंभीरता से न ले रहा हो तो फिर बाकियों से क्या उम्मीद की जा सकती है. स्टूडियो में बनाए गए पुरानी दिल्ली के इस के सेट भी काफी कमजोर लगते हैं.

इस सीरीज में न तो कहीं सस्पेंस दिखता है न ही कहीं रोमांच और न ही कहीं पुलिस की वह कार्यशैली दिखती है, जो दर्शकों को आकर्षित करे तो ऐसी सीरीज को देखना ही बेकार है.

पहला एपिसोड

पहले एपिसोड की शुरुआत में ही दिल्ली के एक स्थान पर बम विस्फोट का दृश्य दिखाया जाता है, जहां लाशें पड़ी थीं और बचे लोग भाग रहे थे. तभी दिल्ली पुलिस के डीसीपी कबीर मलिक और उन की टीम दिखाई देती है. कबीर मलिक एक बच्चे को देखते हैं. उन्हें लगा कि उस बच्चे के बैग में बम है. उस बैग से टाइमर की आवाज भी आ रही थी. सभी लोग उस बच्चे पर पिस्तौल तान देते हैं.

कबीर मलिक की भूमिका सिद्धार्थ मल्होत्रा (Siddharth Malhotra) ने निभाई है. अपनी भूमिका के साथ उस ने न्याय करने की बहुत कोशिश की है, पर जब लेखक और डायरेक्टर ने ही उस की भूमिका के साथ न्याय नहीं किया तो अपने अभिनय से वह भूमिका के साथ न्याय कैसे कर पाता.

इस के बाद 2 घंटे पहले का अशोक बाग का दृश्य दिखाया जाता है, जहां लोग अपनेअपने काम में लगे थे. तभी बम का जोरदार धमाका होता है, जिस में तमाम लोग मारे जाते हैं. फिर डीसीपी कबीर मलिक को दिखाते हैं, जो अपनी मां रुखसाना मलिक के साथ रहता है. उस की पत्नी भी थी रश्मि मलिक, जिस की मौत हो चुकी है. कबीर अकसर उसी की यादों में खोया रहता है.

कबीर अपनी मां से बातें कर रहा होता है, तभी उस के पास फोन आता है और उसे दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बारे में बताया जाता है. कबीर तुरंत अपनी गाड़ी से निकल जाता है.

कबीर की मां रुखसाना की भूमिका मृणाल कुलकर्णी ने निभाई है तो पत्नी रश्मि मलिक की भूमिका ईशा तलवार ने निभाई है. इन दोनों अभिनेत्रियों की इस सीरीज में कोई महत्त्वपूर्ण भूमिका नहीं है.

आगे के दृश्य में विक्रम बख्शी को दिखाते हैं, जो एक जांबाज पुलिस अधिकारी है. उस की पत्नी का नाम श्रुति बख्शी है. इन का एक बेटा है आयुष. श्रुति अपने बेटे को स्कूल छोडऩे जा रही होती है, तभी कबीर फोन कर के अपने अधिकारी जौइंट पुलिस कमिश्नर विक्रम को दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बारे में बताता है.

विक्रम अपनी पत्नी और बेटे को घर पर ही रहने के लिए कह कर खुद चला जाता है. जौइंट पुलिस कमिश्नर के रोल में विवेक ओबेराय है तो उस की पत्नी श्रुति बख्शी का रोल श्वेता तिवारी ने किया. दोनों ही जानेमाने और पुराने कलाकार हैं, पर सीरीज में अपना स्थान बनाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.

अब इंडिया गेट को दिखाया जाता है, जहां एक बेंच पर 2 बच्चे खेल रहे थे. उन में से एक बच्चा बेंच के नीचे बम देखता है. वह उसे अपने हाथ में ले लेता है. जैसे ही इस की जानकारी पुलिस वालों को होती है, सभी को वहां से भगा कर इस की सूचना विक्रम सर को देते हैं. विक्रम सीधे इंडिया गेट के लिए चल पड़ता है.

दूसरी ओर कबीर को जिस बच्चे के बैग में बम होने का शक था, उस में से बम नहीं निकलता. पर वह बच्चा उस से कहता है कि उस ने उस आदमी को देखा था, जिस ने कचरे के डिब्बे में बम वाला बैग डाला था.

कबीर उस बच्चे को पुलिस स्टेशन भिजवा देता है, जिस से उस आतंकी का स्केच बनवाया जा सके. तभी एक सिपाही कबीर को बताता है कि इंद्रलोक यूनिवर्सिटी के पास एक बम मिला है. यह जान कर कबीर वहां के लिए चल देता है.

विक्रम इंडिया गेट पहुंच कर देखता है कि एक बच्चे के हाथ में बम है. पहले वह अपने सिपाही को डांटता है कि बच्चे के हाथ से बम क्यों नहीं लिया? सिपाही ने डरने की बात की तो वह खुद बच्चे के पास जाता है और उस के हाथ से बम ले कर बच्चे को भगा देता है. इस के बाद बम निरोधक दस्ता आ जाता है और बम को डिफ्यूज कर देता है.

विक्रम मुसकराते हुए सभी को बताता है कि बम डिफ्यूज हो गया, तभी वहां से कुछ दूरी पर धमाका होता है. इस पर सभी डर जाते हैं. इस के बाद मीडिया वालों को एक मेल मिलता है, जिस में दिल्ली में 6 बम धमाकों की खबर थी. इन सभी बम धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन जेहादी नाम के टेररिस्ट संगठन  ने ली थी. मीडिया वाले इस खबर को दिखा कर सभी को अलर्ट कर देते हैं.

कबीर इंद्रलोक यूनिवर्सिटी पहुंचता है तो वहां देखता है कि एक कार में बम लगा है, जिसे कार के स्टार्टिंग प्लग से जोड़ा गया था. इस का मतलब बम को कार खोल कर नहीं निकाला जा सकता था. जबकि बम डिफ्यूज करने वालों को आने में काफी समय लग सकता था.

तब डीसीपी कबीर अपनी कार से उस कार को ठेलते हुए सामने के खाली गोडाउन में ले जाता है. वहां बम विस्फोट तो होता है, पर कबीर के इस साहसिक कार्य से सभी बच जाते हैं.

इस के बाद दिल्ली पुलिस हैडक्वार्टर में पुलिस वालों की एक मीटिंग होती है, जहां कबीर और विक्रम कहते हैं कि वे हर हाल में उन आतंकवादियों को पकड़ कर रहेंगे, जिन्होंने दिल्ली का यह हाल किया है. जब तक आतंकवादी पकड़े नहीं जाते, तब तक कोई पुलिस वाला न घर जाएगा और न आराम से बैठेगा.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 2

एपिसोड- 3

तीसरे एपिसोड में नेहा आदित्य के घर उस के रूम की तलाशी लेती है. तलाशी के दौरान उसे एक फोटो फ्रेम हाथ लगता है, जिसे देख कर नेहा आदित्य के साथ बिताए प्यार भरे पलों को याद करती है. नेहा एक छोटी डिब्बी खोल कर देखती है, जिस में हीरे की अंगूठी रखी होती है, यह वही अंगूठी है जिसे नेहा आदित्य को उस वक्त लौटाती है, जब वह दीया से शादी करने का निर्णय लेता है.

तलाशी के दौरान नेहा को ड्रग्स की पिल्स मिलती हैं, जिन का इस्तेमाल डिप्रेशन में किया जाता है. नेहा जैक्स के माध्यम से उस मनोचिकित्सक डा. सायरा खान तक पहुंच जाती है, जो दीया का इलाज करती है. डा. खान दीया के साथ हुई बातचीत की रिकौर्डिंग नेहा को इस शर्त पर उपलब्ध कराती है कि इस रिकौर्डिंग को पुलिस के अलावा किसी को नहीं सुनाई जाएगी.

नेहा अपने असिस्टेंट जैक्स के साथ दीया और डा. खान के बीच हुई बातचीत की रिकौर्डिंग सुनती है तो उस में नेहा कहती है कि वह डिप्रेशन की नहीं रिजेक्शन की शिकार है. आदित्य शादी के बाद भी हर वक्त नेहा को मिस करता है. डाक्टर के यह पूछने पर दीया बताती है कि वह ड्रग्स ले कर रातरात भर विशाल की बाहों में रहती है.

मीका सिंह के गाए गाने पर विशाल और दीया के बोल्ड इंटीमेट सीन भी इस एपिसोड में देखने को मिलते हैं. एक रात विशाल के आगोश में समाई दीया को विशाल सलाह देता है कि आदित्य को परेशान करने के लिए वह जिम जाने के दौरान 2-3 दिनों के लिए बिना बताए कहीं गायब हो जाए.

इस के बाद के सीन में किसी अंधेरे कमरे में विशाल ने दीया को कैद कर रखा है और वह किसी से फोन पर कह रहा है कि आदित्य से किसी तरह पैसा मिलना जरूरी है, क्योंकि अब ज्यादा दिन दीया को संभालना मुश्किल है.

इधर नेहा आदित्य को सच बता देती है कि विशाल ने तुम्हें और दीया को धोखा दिया है, उस का अफेयर दीया के साथ चल रहा है. आदित्य अफसोस के साथ कहता है कि ऐसी बीवी की रिहाई की कीमत चुकानी पड़ेगी. नेहा कहती है कि किसी भी तरह दीया की जान बचानी है.

एपिसोड- 4

इस एपिसोड के शुरुआत में विशाल का दीया के प्रति बर्ताव इस तरह होता है, जिस से साफ झलकता है कि किडनैपिंग के जरिए वह आदित्य से पैसा वसूलना चाहता है. विशाल आदित्य को फोन कर के अमेरिका की टिकट और फिरौती की रकम देने की बात कहता है.

जब आदित्य उस से पूछता है रकम कहां लानी है तो विशाल बताता है कि उस के घर के बाहर उस के मेल बौक्स में एक पार्सल रखा है. उसे खोल कर देखो फिर बात करता हूं.

पुलिस टीम की मौजूदगी में बाहर मेल बौक्स में रखे पार्सल को खोलने पर पता चलता है कि उस में पैरों में पहनने वाली एक ऐसी विस्फोटक डिवाइस निकलती है, जिस का संबंध चिप के जरिए सेलफोन से होता है.

बाद में विशाल फोन कर के कहता है कि इस डिवाइस को नेहा के पैरों में पहना कर उसे साथ ले कर तुम्हें पैसे ले कर आना है. पहले तो वह मना करता है, मगर नेहा के कहने पर वह मान जाता है.

नेहा अपने पैरों में वो डिवाइस पहन कर आदित्य के साथ विशाल के बताए टेलीफोन बूथ पर पहुंचती है, वहां एक लिफाफे में कार की चाबी और लेटर मिलता है, जिस में एक कार का नंबर और कहां जाना है, यह लिखा रहता है. दोनों वहां खड़ी उस नंबर की कार से रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं और ट्रेन में बैठ कर विशाल के बताए अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ते हैं.

आगे किसी स्टेशन पर ट्रेन रुकती है तो पता चलता कि इलैक्ट्रिक फेलियर से ट्रेन आगे नहीं जाएगी. नेहा जैक्स को फोन कर के कोई दूसरा इंतजाम करने को कहती है. तभी विशाल आदित्य को फोन कर के उसे 5 मिनट बाद दूसरी ट्रेन से आने की चेतावनी देता है.

आदित्य नेहा से पैरों में पहनी डिवाइस निकालने को कहता है तो नेहा कहती है ऐसा करने से ब्लास्ट हो सकता है और वह आदित्य को उस से दूर जाने को कहती है, मगर आदित्य भावुक हो कर उस के गले लग जाता है.

एपिसोड- 5

पांचवें एपिसोड में विशाल आदित्य को फोन लगा कर कहता है कि इलैक्ट्रिक फेलियर की वजह से आज कोई ट्रेन आगे नहीं जा सकती, इसलिए आज तुम वहीं रुको, कल मैं बताऊंगा कि कहां आना है.

दूसरे दिन नेहा और आदित्य एक सुनसान जगह पहुंचते हैं, जहां विशाल भी मिलता है. विशाल पैसे देने की बात कहता है तो आदित्य पूछता है कि दीया कहां है. विशाल के कहने पर आदित्य ब्रीफकेस खोल कर पैसा दिखाता है. विशाल के निर्देश पर एक तरफ से आदित्य चल कर उस के पास जाता है, दूसरी तरफ से दीया नेहा की तरफ बढ़ती है.

पैसा मिलने के बाद विशाल नेहा के पैर में फंसी डिवाइस का रिमोट औफ कर आदित्य को देता है. दीया के साथ नेहा और आदित्य कार में वापस लौटते हैं. रास्ते में दीया के मुंह से खून निकलने पर दोनों उसे हौस्पिटल ले कर जाते हैं, जहां पर डाक्टर हाथ खड़े करते हुए कहते हैं कि आर्सेनिक पाइजनिंग की वजह से दीया को बचा पाना नामुमकिन है.

आदित्य दीया से मिलने अंदर जाता है तो वह कांपते हाथों से कुछ लिखने का इशारा करती है. आदित्य उसे कागज पेन देता है तो वह ‘सौरी’ लिख देती है. आदित्य उस का माथा चूमता है और दीया की मौत हो जाती है.

इधर विशाल पैसे ले कर अपने ठिकाने पर पहुंचता है तो वहां गौरी दिखाई देती है, जो दीया की किडनैपिंग के खेल की मास्टरमाइंड थी. गौरी का अगला प्लान विशाल को ले कर देश छोडऩे का है और लंदन पुलिस विशाल का दीया के मर्डर के सिलसिले में लुक आउट नोटिस जारी करती है.

गौरी आदित्य से कुछ दिनों की छुट्टी मांगने की बात करना चाहती है तभी डोर बेल बजती है और नेहा आ जाती है. आदित्य और नेहा भावुक हो कर फिर से नई जिंदगी की शुरुआत करने का निर्णय लेते हैं. एक गाने के साथ नेहा की बोल्ड और मादक अदाओं से भरपूर आदित्य के साथ इंटीमेट सीन फिल्माए गए हैं.

एपिसोड के आखिर में जैक्स नेहा को फोन कर विशाल के एक होटल में मिलने की सूचना देता है.

एपिसोड- 6

छठवें एपिसोड की शुरुआत में गौरी विशाल को फोन करती है, उस समय वह बाथरूम में शावर ले रहा होता है. ठीक उसी वक्त आदित्य और नेहा पुलिस टीम के साथ होटल पहुंच जाते हैं. विशाल नहा कर आता है तो गौरी का फोन फिर से आता है तो गौरी बताती है कि पुलिस को उस के होटल में होने का पता चल गया है.

इधर पुलिस होटल को चारों तरफ से घेर लेती है. विशाल और पुलिस के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग होती है. तभी नेहा विशाल पर पिस्टल तान कर उसे सरेंडर करने को कहती है, लेकिन विशाल नेहा पर गोली चलाता है और बीच में आदित्य आ जाता है. मौके का फायदा उठा कर विशाल वहां से भाग जाता है और गौरी के पास पहुंचता है.

कहानी में ट्विस्ट आता है और गौरी विशाल से पूछती है कि उस ने मुझ पर भरोसा कर एक बार भी नहीं सोचा तो विशाल कहता है हम दोनों प्यार करते हैं, इस पर गौरी इडियट कह कर विशाल को गोली मार कर उस की जेब में मोबाइल रख कर भाग जाती है.

इधर पुलिस टीम विशाल के पास पहुंच कर एंबुलेंस से हौस्पिटल भेजती है. इलाज के दौरान हौस्पिटल में विशाल की जेब से मोबाइल गिरता है, जिस में गौरी और विशाल की फोटो देख कर नेहा और जैक्स चौंक जाते हैं और नेहा कहती है कि आदित्य की जान खतरे में है.

उधर गौरी आदित्य के घर पहुंच कर उस पर पिस्टल तान कर उसे अपनी पिस्टल दूर फेंकने और दरवाजा बंद करने को कहती है. जैसे ही आदित्य दरवाजा बंद कर के वापस आता है, गौरी उस के माथे पर कातिल मुसकान के साथ पिस्टल अड़ा देती है, मगर आदित्य चालाकी से उस की पिस्टल छीन कर उसे बेतहाशा चूमने लगता है.

दोनों की बातचीत से ऐसा लगता है कि आदित्य और गौरी की प्लानिंग से ही यह सब किया गया है. इस के बाद ‘तेरा प्यार डेंजरस…’ गाने के साथ गौरी और आदित्य के इंटीमेट सीन्स की भरमार दिखाई देती है, जिसे देख कर दर्शकों की सांसें तेज चलने लगती हैं.

बाथटब में आदित्य और गौरी का रोमांस चल रहा है, उसी दौरान नेहा आदित्य को काल करती है. काल गौरी रिसीव करती है. नेहा के पूछने पर गौरी कहती है कि आदित्य के हाथ, पैर, मुंह बंधे हैं. यदि तुम ने घर में घुसने की कोशिश की तो वह आदित्य की जान ले लेगी.

इधर नेहा पुलिस टीम के साथ आदित्य के घर के अंदर आ जाती है तो आदित्य गौरी के सिर पर वार कर उसे गिरा देता है और गौरी के हाथ से पिस्टल ले कर खिड़की के शीशे पर गोली चलाता है.

गौरी उस से कहती है कि तुम ने मुझे धोखा दिया है तो आदित्य कहता है कि मैं नेहा को खोना नहीं चाहता. गौरी के बेहोश होने पर आदित्य पिस्टल उस के हाथ में पकड़ा कर खुद गिरने का नाटक करता है तभी पुलिस टीम के साथ नेहा आ जाती है.

एपिसोड- 7

सातवें एपिसोड की शुरुआत एक रोमांटिक सीन से होती है, जिस में नेहा आदित्य से केस का खुलासा होने की बात करती है. तब आदित्य कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता कि हम कुछ दिनों के लिए कहीं चले जाएं और कुछ नई यादें बनाएं.

नेहा इस के लिए राजी भी हो जाती है और जैक्स को केस की रिपोर्ट और लीव एप्लिकेशन साहब की डेस्क पर रखने को देते हुए बताती है वह आदित्य के साथ कुछ दिनों के लिए फ्रांस जा रही है.

जैक्स नेहा को एक और केस सुलझाने की बात कहता है कि बाहर उस होटल की मालकिन बैठी हुई है. जिस होटल में विशाल रुका हुआ था, वह होटल में हुए नुकसान की भरपाई मांग रही है.

बाहर आ कर नेहा और जैक्स उस महिला से रिपोर्ट करने को कहते हैं. इस पर बूढ़ी महिला नाराज हो जाती है, तब नेहा उसे बताती है कि उस के पति का फोन आया था. इस पर महिला चौंक कर बताती है कि उस का पति तो 15 साल पहले मर चुका है. जैक्स कहता है हमारे पास रिकौर्डिंग है जिस में वह टीवी के बारे में कह रहा है.

बूढ़ी महिला आश्चर्य से बोलती है कि कमरों के अलावा कहीं टेलीविजन नहीं है, तुम लोग क्या बोल रहे हो. मामला संदिग्ध लगता है और उस रिकौर्डिंग को नेहा और जैक्स बारबार सुनते हैं.

उस में कोई कह रहा है कि मेरे पास विशाल के मर्डर के बारे में जानकारी है, तुम लोगों को चाहिए तो जल्दी आ जाओ वरना… उस में चल रहे बैकग्राउंड म्यूजिक से नेहा समझ जाती है कि इस पूरे खेल में आदित्य का ही हाथ है.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 1

निर्देशक: भूषण पटेल

निर्माता: मीका सिंह, विक्रम भट्ट

लेखक: विक्रम भट्ट

छायांकन: शैलेश कुमार सिंह, अरविंद गुप्ता, गैरी केंट

कलाकार: बिपाशा बसु, करण सिंह ग्रोवर, सुयश राय, सोनाली राउत, नताशा सूरी, नितिन अरोरा

ओटीटी: एमएक्स प्लेयर

सस्पेंस थ्रिलर (Suspense thriller) और हौरर (Horror) फिल्मों के जानेमाने निर्देशक विक्रम भट्ट ने बिपाशा बसु (Bipasha Basu) और उस के हसबैंड करण सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) की रियल लाइफ केमिस्ट्री को ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform)  पर दिखाने की कोशिश की है. विक्रम भट्ट बौलीवुड का बड़ा नाम है. लगभग 30 साल के अपने करिअर में उस ने ‘गुलाम’, ‘राज’, ‘आवारा पागल दीवाना’ और ‘1920’ जैसी कई ब्लौकबस्टर फिल्मों का निर्देशन किया है.

अगर उस की फिल्मोग्राफी पर एक नजर डाली जाए तो साफ दिखता है कि थ्रिलर और हौरर फिल्मों में उस का खासा लगाव रहा है. इसलिए जब उस की लिखी वेब सीरीज ‘डेंजरस’ (Dangerous) का ट्रेलर लौंच हुआ तो सोशल मीडिया पर लोगों का उत्साह देखने लायक था. ‘डेंजरस’ वेब सीरीज (‘Dangerous’ Web Series) में अपहरण, फिरौती, बदला, अविश्वास और प्यार समेत कई बातों को क्राइम, सस्पेंस और थ्रिलर की शक्ल देने की कोशिश की गई है.

डायरेक्टर भूषण पटेल के निर्देशन में बनी एमएक्स प्लेयर (MX Player) की वेब सीरीज ‘डेंजरस’ कहानी है पुलिस औफिसर नेहा सिंह की. विदेश में शूट हुई इस वेब सीरीज में उसे एक करोड़पति बिजनैसमैन आदित्य धनराज की लापता बीवी दीया धनराज की किडनैपिंग का केस सुलझाना होता है.

सीरीज में नेहा सिंह की भूमिका बिपाशा बसु और दीया धनराज की भूमिका सोनाली राउत (Sonali Raut) ने निभाई है.

संदिग्ध परिस्थितियों में दीया अचानक किडनैप हो जाती है. नेहा जब आदित्य धनराज के घर पहुंचती है तो उसे देख कर चौंक जाती है. वह इसलिए क्योंकि दोनों शादी से पहले एकदूसरे के साथ रिलेशन में थे.

दीया के साथ उस के ड्राइवर और आदित्य धनराज (करण सिंह ग्रोवर) के दोस्त विशाल (सुयश राय) का भी कोई अतापता नहीं है. क्या दीया की गुमशुदगी में विशाल का हाथ है? क्या दोनों किसी हादसे का शिकार हो गए हैं? नेहा और उस की टीम इन सवालों पर गौर कर रही होती है कि तभी विशाल जख्मी हालत में एक हौस्पिटल में पाया जाता है. इसी दौरान आदित्य के फोन पर किडनैपर की काल आती है और कहानी एक नया ट्विस्ट ले लेती है.

लेकिन यह ट्विस्ट तो सिर्फ शुरुआत है. ‘डेंजरस’ की कहानी में ऐसे कई ट्विस्ट हैं, जो आप को आखिरी मिनट तक बांधे रखते हैं. सीरीज की स्क्रिप्ट काबिलेतारीफ है. कहानी हर वक्त दर्शकों की सोच से 2 कदम आगे चलती है और शक की सुई लगातार एक किरदार से दूसरे किरदार की तरफ घूमती रहती है. लेकिन असली मुलजिम कौन है, इस का पता तो आप को सीरीज देख कर ही चलता है.

रंग जमा गई पतिपत्नी की कैमिस्ट्री

वेब सीरीज ‘डेंजरस’ के निर्माता जानेमाने सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर मीका सिंह हैं. मीका ने सीरीज में 4 गाने भी गाए हैं. मुख्य किरदार निभाए हैं रियल लाइफ जोड़ी बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर ने.

गौरतलब है कि 2016 में अपनी शादी के बाद बिपाशा और करण ने पहली बार इस सीरीज में एक साथ काम किया है. दोनों की औन स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को और खासकर उन के फैंस को काफी पसंद आएगी.

शो की कास्ट में सुयश राय, सोनाली राउत, नताशा सूरी और नितिन अरोरा भी शामिल हैं और इन सभी ने अपनेअपने किरदारों को बखूबी निभाया है. कई लोगों ने तो सीरीज के सारे एपिसोड बिंज वाच भी कर डाले हैं. लेकिन इस में उन की कोई गलती नहीं है. शो का सस्पेंस ही कुछ ऐसा है कि एक बार देखना शुरू करने के बाद रुकना मुश्किल है.

लंबे अरसे के बाद परदे पर वापसी करने वाली बिपाशा बसु के साथ ‘डेंजरस’ वेब सीरीज में उस का पति करण सिंह ग्रोवर भी प्रमुख भूमिका में है. 7 एपिसोड वाली इस सीरीज में सब से प्रभावी करण सिंह ग्रोवर ही है. यह वेब सीरीज काफी दिलचस्प है और बिपाशा-करण ने अपनी ऐक्टिंग से भी फैंस का दिल जीता है.वहीं इस वेब सीरीज में सब से जबरदस्त है बिपाशा का हौट अवतार, जिस के लिए वह जानी जाती है.

एक इंटरव्यू के दौरान बिपाशा ने बताया था कि इंटीमेट सीन शूट करने से पहले वह काफी परेशान हो जाती है और इसी वजह से उसे ऐसे सीन शूट करने से डर लगता था, मगर यही सीन जब करण के साथ शूट होते हैं तो सीन शूट करने में कंफर्टेबिलिटी रहती है. ‘डेंजरस’ में बिपाशा बसु के साथ नताशा सूरी और सोनाली राउत ने भी हौट और बोल्ड अदाओं का जलवा दिखाने की कोशिश की है.

एपिसोड-1

पहले एपिसोड की शुरुआत होती है ऐसे सीन से जहां पर एक गाड़ी आ कर रुकती है और हाथ में पिस्टल लिए नेहा (विपाशा बसु) उस गाड़ी पर गोली चलाती है. इस के बाद स्क्रीन पर 3 महीने पहले की कहानी दिखाई जाती है. सामान शिफ्टिंग के दौरान एक कार्टून में से नेहा सिंह एक फोटो फ्रेम निकालती है और अपनी कपल फोटो को फ्रेम से निकाल कर खाली फ्रेम एक तरफ रख देती है.

नेहा यूके में पुलिस की खुफिया अधिकारी है, जिसे एक केस को सुलझाने के लिए मैनचेस्टर से लंदन भेजा गया है. नेहा के लंदन पहुंचने पर नेहा के पहले से परिचित जगमोहन उर्फ जग्गू जो अपने आप को जैक्स (नितिन अरोड़ा) कहता है, उसे केस की जानकारी देते हुए बताता है कि इंडियन मिलेनियर आदित्य धनराज (करण सिंह ग्रोवर), जिस ने पिछले 7 सालों में जीरो से हीरो तक का सफर तय किया है, उस की पत्नी दीया (सोनाली राऊत) पिछले 30 घंटे से लापता है. नेहा तब पूछताछ के लिए धनराज के घर पहुंचती है.

यहीं से दर्शकों को पता चलता है कि नेहा पहले धनराज की गर्लफ्रेंड रही है. यहां फ्लैशबैक में दिखाया गया है कि नेहा की मुलाकात दीया से एक क्लब में होती है. दीया धनराज को ले कर क्लब में पहुंचती है, वहीं नेहा भी अपने बौयफ्रेंड के साथ क्लब में है. यहीं पर आदित्य दीया के साथ उस की एंगेजमेंट की बात नेहा को बताता है. शराब के पैग लेने के बाद डांस पार्टी में मीका सिंह का एक गाना चलता है.

इस के बाद नेहा अपने स्टाफ को केस के लिए जरूरी निर्देश देती है, तभी आदित्य की हाउसकीपर गौरी (नताशा सूरी) उस के पास आ कर नेहा को धनराज और दीया के रिलेशन के बारे में बताती है कि दोनों के बीच आए दिन झगड़ा और मारपीट होती रहती थी.

गौरी कहती है कि आदित्य अपने बिजनैस में इतना व्यस्त रहता है कि उस के पास दीया के लिए समय ही नहीं है, उस के लिए उस का बिजनैस ही बीवी है. ऐसे में दीया रातरात भर क्लब में जा कर ड्रिंक कर के अपना मन बहलाती है. धनराज अपने दोस्त विशाल को दीया का ड्राइवर बना कर उस पर नजर रखता है.

एक दिन दीया जब सुबह घर पहुंचती है तो धनराज उस से पूछता है कि वह रात भर किस के साथ थी. इतना सुनते ही दीया चीखचीख कर कहती है, ‘मैं जो भी करती हूं अपने बाप के पैसे से करती हूं. इस तरह के सवाल पूछने का तुम्हें कोई हक नहीं है.’

दोनों के बीच झूमाझटकी होने पर गौरी बीचबचाव करती है. एपिसोड के अंत में जैक्स नेहा को बताता है कि अभी अभी हौस्पिटल में एक आदमी के एडमिट होने की जानकारी मिली है. हो सकता है वह आदमी विशाल हो.

एपिसोड- 2

दूसरे एपिसोड में एक कार से नेहा और जैक्स हौस्पिटल पहुंचते हैं तो वहां उन्हें गंभीर हालत में विशाल एडमिट मिलता है. हौस्पिटल में मौजूद आदित्य धनराज नेहा से कहता है कि डाक्टर से कहिए इस के इलाज में कोई कसर न छोड़ें.

यहीं पर आदित्य और नेहा अपने अतीत को याद करते हैं और आदित्य नेहा को अपनी जिंदगी से अलग करने के फैसले पर शर्मिंदा होता है. नेहा कहती है कि हम ने जो भी किया वह सही था, लेकिन आदित्य कहता है कि उस की दीया से शादी एक मजाक है. वह नेहा को बताता है कि दीया का किसी से अफेयर चल रहा है.

किडनैपर ने की मोटी डिमांड

कुछ देर बाद जब नेहा और जैक्स आपस में बात कर रहे होते हैं तभी आदित्य के फोन पर  काल आती है, जिस में कर्कश आवाज में फोन करने वाला कहता है कि उस की बीवी हमारे कब्जे में है. यह सुन कर आदित्य घबरा जाता है. किडनैपर उस से फिरौती के रूप में 3 मिलियन पाउंड की डिमांड करता है.

किडनैपर आदित्य के सबूत मांगने पर दीया की आवाज सुनवाता है, जिस में दीया रोते हुए आदित्य से घर से निकलते समय की गई बदतमीजी के लिए माफी मांगती है. आदित्य नेहा से कहता है कि दीया की सलामती के लिए वह कितना ही पैसा दे सकता है.

नेहा फार्महाउस के वह फोटोग्राफ देखती है, जहां आदित्य की कार मिली थी तो उसे पता चलता है कि फार्महाउस में एक ही कार के निशान और एक व्यक्ति के फुटनोट मिले हैं. इसी आधार पर जांच आगे बढती है तो जैक्स नेहा के सामने यह आशंका जताता है कि कहीं आदित्य ने ही अपनी बीवी को किडनैप करवाया हो.

इधर दीया की किडनैपिंग की खबर के बाद जब नेहा और जैक्स हौस्पिटल पहुंचते हैं तो विशाल बैड से गायब मिलता है. आदित्य नेहा को बताता है कि विशाल को किसी ने फोन कर के हौस्पिटल से भागने को मजबूर किया होगा.

आदित्य यह भी जिक्र करता है कि दीया जिस जिम के बंद होने का बोलती है, वह उस दिन खुला हुआ था. नेहा स्टाफ को जिम के सीसीटीवी फुटेज देखने का निर्देश देती है और आदित्य से उस के घर की तलाशी लेने की बात कहती है.

‘चमक सीजन 1’ Review : रहस्य से भरपूर म्यूजिकल थ्रिलर

‘शहर लखोट’ रिव्यू : विश्वासघात और धोखे का खौफनाक शहर

‘चमक सीजन 1’ Review : रहस्य से भरपूर म्यूजिकल थ्रिलर – भाग 3

सीरीज में कुल 28 गाने हैं, जो गिप्पी ग्रेवाल, मिका सिंह, मलकीत सिंह, एम सी स्क्वायर, अफसाना खान, असीस कौर, सुनिधि चौहान, कंवर ग्रेवाल, शाचत सिंह, जागीर सिंह, मैंडी गिल, जतिंदर शाह, स्टेबिज बेज, प्रिंस कंवलजीत, हरजोत कौर, मन्ना सिंह व अन्य गायकों ने गाए हैं.

वेब सीरीज ‘चमक’ में इन 28 गानों को पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के 14 गायकों ने न सिर्फ गाया है, बल्कि उन पर ये तमाम गाने फिल्माए भी गए हैं. कहानी की रवानगी में जहां भी मौका मिला है, गीत और संगीत का इस्तेमाल किया है. इस में कुछ गाने जरूर सार्थक हैं. सार्थक गानों के कारण ‘चमक’ के सही मायनों में म्यूजिकल थ्रिलर होने का एहसास बना रहता है.

गालियों का क्यों किया गया इस्तेमाल

तारा सिंह के इंट्रोडक्शन सीन से ले कर काला के रैप बैटल ‘मत मारी…’, पीर साहब के मेले में उस की पहली परफारमेंस, जुगराज का रियाज, उस की बेटी लता के साथ काला का पहला गाना या काला के घर पर हाउस वार्मिंग पार्टी… ऐसे कई लम्हे आते हैं, जहां संगीत ने अपनी भूमिका जरूर थोड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाई है. गीतों का सूफियाना टच जरूर सुकून देता है. पंजाबी भाषा में होने के बावजूद ‘चमक’ सीरीज हिंदी भाषी दर्शकों को भी बांध कर रखती है.

हालांकि कुछ जगहों पर मुश्किल पंजाबी संवादों को स्क्रीन पर लिख कर समझाया गया है. इस से भाषा न समझने की दिक्कत पैदा नहीं होती. कुछ किरदारों के संवादों में हिंदी मिश्रित है.

संगीत में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ‘चमक’ एक मुकम्मल सीरीज है, जिन को संगीत में रुचि नहीं, उन के लिए इस में कुछ खास नहीं है. मगर एक बात जरूर है सीरीज ‘चमक’ में, वह है यह सीरीज सितारों की बारात है.

वेब सीरीज ‘चमक’ में मीका के साथ रिकौर्डिंग वाले दृश्य में काला को मुंबई से मंगाया ब्लैक वाटर ले कर भेजना हो, काला का गाना हिट होने के बाद उसे तोहफे में गाड़ी देने के साथ ही उधार रहा थप्पड़ मारना हो या फिर काला को एक फ्लैट गिफ्ट करने वाला दृश्य हो, डिंपी के इस किरदार को मुकेश ने थोड़ा जीवंत जरूर बनाया है. यह सीरीज की अपराध कथा का हास्य है.

सीरीज में 3 कलाकारों का काम थोड़ा सा ठीक है. पहले मोहित मलिक जिन्होंने गुरु देओल की भूमिका निभाई है. गुरु बन कर काला के किरदार में परमवीर चीमा को टक्कर दी है. दूसरे नंबर पर है सीरीज में लता बराड़ का किरदार कर रही अकासा सिंह. अकासा ने अपने गाए तमाम गानों पर म्यूजिक वीडियो में जरूर ठीक अदाकारी दिखाई है.

एक दमदार कलाकार की हाशिए पर पड़ी बेटी को कैसे एक अनजान युवक अपने हुनर की कद्र करने के लिए राजी करता है, वेब सीरीज ‘चमक’ का यह सिरा थोड़ा दिलचस्प है. तीसरे नंबर पर ईशा तलवार. इस का अभिनय जितना बढिय़ा है, किरदार उस का अभी पहले सीजन में उतना नहीं जमा है.

हो सकता है दूसरे सीजन में उस का असल रूप सामने आए, लेकिन बस एक सीन में ढोल बजाते दिखाने के बाद फिर उस के हाथ में ढोल काला के कहने पर ही एक बार और आता है. तारासिंह के किरदार में गिप्पी ग्रेवाल सीरीज का जो मैदान पहले एपिसोड से बनाता है. वह छठे एपिसोड में काला के मंच पर आने और महफिल लूट लेने तक सधा रहता है.

जुगल बराड़ के किरदार में सविंदर पाल विक्की ने आखिरी 2 एपिसोड में थोड़ी सी चमक जरूर दिखाई है, वहीं जग्गा सिंह के किरदार में प्रिंस कंवलजीत की कलाकारी थोड़ी सी देखने लायक है.

इन कलाकारों के अलावा नवनीत निशान हौबी धालीवाल, सरन कौर, अंकिता गोराया, धनवीर सिंह और महावीर भुल्लर ने भी सीरीज को अपनेअपने कोनों से मजबूती से साधे रखा है. संदीप यादव की सिनेमैटोग्राफी, मंदार खानविलकर का संपादन, अपर्णा राणा की प्रोडक्शन डिजाइनिंग, प्रियंका मुनडाडा के कास्ट्यूम्स और कुणाल पंवार का कला निर्देशन सब अपनीअपनी जगह कुल मिला कर ठीक है.

सीरीज में गालियों का इस्तेमाल काफी किया है. बड़ेबुजुर्गों के साथ बैठ कर इस सीरीज को नहीं देखा जा सकता. हमारे समाज में आज की पीढ़ी पुरानी पीढ़ी के सामने गाली नहीं देती है. डायरेक्टर में इतनी समझ तो होनी चाहिए थी कि वह गालियों का इस्तेमाल सीरीज में न करे. गालियों ने ‘चमक’ की चमक धुंधली कर दी है.

अमर सिंह चमकीला और अमरजोत के तो कोई संतान ही नहीं थी. ऐसे में यह कहना कि चमक को चमकीला की कहानी से इंस्पायर हो कर बनाया है तो यह सरासर झूठ है. चमक वेब सीरीज का चमकीला की कहानी से कोई जोड़ नहीं है. ‘चमक’ अगर चमकीला की कहानी पर बनती तो इतना तय है कि उस का हश्र ‘चमक’ जैसा नहीं होता.

रोहित जुगराज

वेब सीरीज ‘चमक’ से चमकने वाले सितारों में प्रमुख है इस के निर्देशक रोहित जुगराज, जिस ने इस सीरीज का सधा हुआ निर्देशन किया है. पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री के अपराध पर आधरित इस सीरीज की कहानी पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और अमरसिंह चमकीला की हत्याकांड से प्रेरित बताई जा रही है.

रोहित जुगराज पंजाब का एक प्रतिष्ठित फिल्मकार है. उस में कहानी कहने और सिनेमाई कला की गहरी समझ है.

उन का करिअर निर्देशक रामगोपाल वर्मा के सान्निध्य में शुरू हुआ था. वहां से फिल्म निर्माण में कदम रखने और कहानी के कहने का जुनून मिला. चाहे वह निर्देशन, पटकथा लेखन या निर्माण हो, उस ने लगातार फिल्म निर्माण की ऐसी परियोजनाओं पर काम किया, जिस की चर्चा हुई. हालांकि उस की निर्देशित फिल्में बौक्स औफिस पर कमाल नहीं दिखा पाईं, फिर भी उस के निर्देशकीय सूझबूझ की काफी तारीफ हुई. उस के फिल्म निर्माण का बैनर आरजी रुद्रम प्रोडक्शंस है, जिसे वह अपनी पत्नी गीतांजलि मेहलवाल चौहान के साथ मिल कर संभाले हुए हैं.

रोहित ने अपनी चर्चित वेब सीरीज में पंजाबी संगीत उद्योग की गंभीर वास्तविकताओं को दर्शाया है. पंजाबी संगीत उद्योग में कलाकारों की गतिविधियों और उन की आकांक्षा और उन के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में बात करते हुए हकीकत बयान करने वाली टिप्पणी की है.

रोहित को यहां तक पहुंचने में भले ही काफी समय लग गया हो, लेकिन उसे संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ और ‘ब्लैक’ में सहायक निर्देशन का मौका मिला. राम गोपाल वर्मा के ‘भूत’ और ‘सरकार’ के निर्देशन में भी सहायक बना.

परमवीर सिंह चीमा

‘चमक’ के हीरो का किरदार निभाने वाले परमवीर सिंह चीमा ने अपने फिल्मी करिअर की शुरुआत एक कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर शुरू की थी. वैसे ‘चमक’ से पहले जीटीवी के शो ‘कलीरे’ में काम करने का मौका मिला था.

करीब डेढ़ साल तक कास्टिंग डायरेक्टर कवीश सिन्हा के साथ काम करने के दौरान ‘राकेट बौयज’, ‘सत्यमेव जयते 2’, ‘मुंबई डायरीज’ के लिए कास्टिंग के लिए काम करते हुए अभिनय और किरदार की जरूरतों की काफी समझ आ गई थी. कास्टिंग का काम करते हुए उसे लंबे समय बाद  पहली बार ‘चमक’ में मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिला.

मूलरूप से जालंधर के  रहने वाले चीमा को लौकडाउन के दौरान मुंबई से वापस घर आना पड़ा था. इस के बाद दोबारा मुंबई आने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका.

मुंबई से किसी काम का औफर नहीं मिलने के चलते चीमा ने वकालत की प्रैक्टिस शुरू करने पर विचार किया. तभी मुकेश छाबड़ा की टीम से वेब सीरीज ‘टब्बर’ में एक रोल के लिए काल आ गई. इस के औडिशन के सिलसिले में मुंबई जाना हुआ. ‘टब्बर’ के लिए वह चुन लिया गया. इसी बीच उसे ‘चमक’ मिल गई.

एक एड फिल्म के सिलसिले में पहली बार मुंबई जाना हुआ तो तब वहां का माहौल और ऐक्टिंग में संभावनाएं देख कर इस फील्ड में करिअर बनाने का मन बना लिया. अपने दोस्त की मदद से मुंबई में थिएटर किया. इसी बीच जीटीवी के एक शो ‘कलीरे’ में काम करने का मौका मिल गया.

चीमा को पहली बार वेब सीरीज ‘चमक’ में लीड भूमिका निभाने का मौका मिला. इस तरह से अभिनय की बेहतरीन शुरुआत हो गई. ‘चमक’ में उस की भूमिका कनाडा से पंजाब लौटने वाले एक युवा महत्त्वाकांक्षी रैपर काला की थी. इस के लिए उस ने काफी तैयारी की थी. भूमिका के लिए उस ने टुपैक, आरिफ लोहार, सोनी पाबला, सिद्धू मूसेवाला और गुरदास मान जैसे रैप आइकन और गायकों से प्रेरणा ली और अपना चरित्र बनाया.

अकासा सिंह

एक भारतीय गायिका और कलाकार अकासा सिंह आस्था गिल के साथ नागिन गाने के लिए सब से ज्यादा जानी जाती है, उस ने 2016 की बौलीवुड फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ से अभिनय की शुरुआत करते हुए उस ने रियलिटी शो के माध्यम से सोनी म्यूजिक इंडिया में साइन किया गया था.

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उस का पहला पाप सिंगल ‘ठग रांझा’ एक महीने में 27 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. तब उस का वीडियो यूट्यूब पर दुनिया भर में सब से ज्यादा देखा जाने वाला भारतीय वीडियो बन गया था.

वैसे उस ने कई फिल्मों के लिए गाने गाए हैं, जैसे भारत से ऐथे आ, गुड न्यूज़ से दिल ना जानेया, साथ ही ठग रांझा, मासेराती, नैय्यो, याद ना आना, शोला, तेरी मेरी लडय़ी आदि.

ईशा तलवार

केरल से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और राजस्थान होते हुए अभिनेत्री ईशा तलवार को पंजाब पृष्ठभूमि पर बनी सीरीज ‘चमक’ में देखना काफी रोमांचक है. वह एक संघर्षरत कलाकार की भूमिका में है.

वैसे उस ने अभिनय में करिअर बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है. पहली बार उसे केरल में ही एक विज्ञापन फिल्म मिली थी. उस के कैमरामैन जोमन टी जान ने उसे मलयालम फिल्म ‘तट्टतिन मरयाद’ के बारे में जानकारी मिली थी. उस के लिए आडिशन दिया और सेलेक्ट हो गई. यह मौका मलयालम की फिल्म के लिए एक बड़ा मौका था.

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फिल्म वहां ब्लाकबस्टर रही थी. जोमन टी जान साउथ के बहुत बड़े डायरेक्टर हैं, रोहित शेट्टी की फिल्मों के कैमरामैन वही रहते हैं. ‘तट्टतिन मरयाद’ के बाद तो साउथ की और भी कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला.

मोहित मलिक

‘चमक’ के एक कलाकार का नाम मोहित मलिक है, जो टीवी के एक जानापहचान नाम है. उस ने जीटीवी की लोकप्रिय शृंखला ‘डोली अरमानों की’ में ‘सम्राट सिंह राठौड़’ और ‘कुल्फी कुमार बाजेवाला’ में सिकंदर सिंह गिल की भूमिका के लिए जाना जाता है.

मलिक ने अपने टेलीविजन करिअर की शुरुआत स्टार प्लस के टीवी शो ‘मिली’ में आओनी के रूप में की. उस के बाद उस ने ‘बेटियां अपनी या पराया धन’, ‘परी हूं मैं’, ‘बनूं मैं तेरी दुल्हन’, ‘गोद भराई’, ‘दुर्गेश नंदिनी’, ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’ और ‘फुलवा’ जैसे कई टीवी शो किए.

वह ‘नच बलिए 4’ के प्रतियोगी भी था. उस ने रेहान चाल्र्स के रूप में ‘सुवरीन गुग्गल टौपर औफ द ईयर’ भी किया है.

उसे ‘डोली अरमानों की’ में सम्राट सिंह राठौड़ के रूप से पहचान मिली. जून 2016 से जनवरी 2017 तक उस ने ‘सावधान इंडिया’ की मेजबानी की. 2018 में मोहित ने म्यूजिकल शो कुल्फी कुमार बाजेवाला में सिकंदर सिंह गिल के रूप में मुख्य भूमिका निभाई, जो स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ.

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अगस्त 2020 में उस ने स्टारप्लस की ‘लौकडाउन की लव स्टोरी’ में ध्रुव जायसवाल की भूमिका निभाई. 2022 में मोहित ने वूट पर साइबर वार – हर स्क्रीन क्राइम सीन के साथ वेब शो में डेब्यू किया, और ‘खतरों के खिलाड़ी’ सीजन 12 में भी भाग लिया, जिस में वह दूसरा रनर अप रहा.

2023 से 2024 तक उस ने डायरेक्टर कट प्रोडक्शंस निर्मित स्टार प्लस के शो ‘बातें कुछ अनकही सी’ में कुणाल मल्होत्रा की मुख्य भूमिका निभाई.

गिप्पी ग्रेवाल

अभिनेता, गायक, फिल्म निर्देशक और निर्माता गिप्पी ग्रेवाल की पहचान पंजाबी और हिंदी फिल्म के दर्शकों के बीच है. उस का एकल ‘फुुलकारी’ पंजाबी संगीत उद्योग में बहुत सफल रहा है. उस ने 2010 की फिल्म, मेल करादे रब्बा से अपने अभिनय की शुरुआत की थी और इस के बाद उस ने ‘कैरी आन जट्टा’, ‘लकी दी अनलकी स्टोरी’, ‘भाजी इन प्राब्लम’ और ‘जट जेम्स बौंड’ में काम किया. उस ने 2011 की फिल्म ‘जिन्हें मेरा दिल लुटेया’ में अपने प्रदर्शन के लिए 2011 में ‘पीटीसी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार’ को पुनर्जीवित किया. उसे 2012 में दिलजीत दोसांझ के साथ पिफा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला और 2015 में दिलजीत दोसांझ के साथ ‘जट जेम्स बौंड’ के लिए पीटीसी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला.

‘चमक सीजन 1’ Review : रहस्य से भरपूर म्यूजिकल थ्रिलर – भाग 2

प्रताप ढिल्लों पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री का बेताज बादशाह है. बलवीर राजनीति का शातिर खिलाड़ी और पंजाब सरकार में हेल्थ मिनिस्टर है. जुगराज दिग्गज गायक है, जिसे लोगों से मिलना पसंद नहीं, मगर संगीत के तलबगार उस से मिलने को बेचैन रहते हैं. कभी ये सब तारासिंह की छाया हुआ करते थे.

काला इन सभी स्वर्गीय पिता तारासिंह के खास दोस्तों तक पहुंचने के रास्ते बनाता है और इस के लिए वह किसी से झूठ बोल सकता है, प्यार को धोखा दे सकता है, प्यार का नाटक कर सकता है, लोगों को इमोशनली मैनिपुलेट कर सकता है.

काला के ये हथकंडे कहानी में थोड़ा सा रोमांच बरकरार रखते हैं. ऐसे हथकंडे अकसर फिल्मों और सीरीज में कहानी को रोमांचक बनाने एवं दर्शकों को बांधे रखने के लिए जानबूझ कर डाले जाते हैं. ‘चमक’ में भी यही किया गया है. सीरीज को जिस सिंगर अमरसिंह चमकीला की कहानी से थोड़ा सा मिलता बताया जा रहा है, उन अमरसिंह चमकीला के बारे में भी हमारे सुधि पाठक जान लें.

पंजाब के मशहूर गायक थे अमरसिंह चमकीला. अमरसिंह देश के अलावा विदेशों में भी अपनी गायकी और स्टेज परफारमेंस के लिए जाने जाते हैं. कहा जाता है कि उन की यही दीवानगी और सच्चाई से भरपूर गाने उन की मुसीबत बन गए. इसीलिए आज तक अमरसिंह चमकीला की मौत एक अनसुलझा रहस्य भी है.

अमरसिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई, 1960 को लुधियाना के पिंड (गांव) डुगरी में हुआ था. अमरसिंह चमकीला का असली नाम धनीराम था. अमर जब थोड़ा बड़ा हुआ तो पाया कि परिवार की आर्थिक हालत खराब है. ऐसे में वह कपड़े की मिल में काम करने लगा.

अमरसिंह ने बचपन से ही संगीत से लगाव था तो काम के बीच में उस ने हारमोनियम और ढोलक सीख ली. कपड़ा मिल में नौकरी करतेकरते वह गाने लिखने लगा. अमरसिंह चमकीला खुद गाने लिखता और तुंबी (एक वाद्ययंत्र) के सहारे धुन देता. थोड़े दिनों बाद वह पंजाबी सिंगर सुरिंदर शिंदा से संपर्क में आया तो उन के लिए गाने लिखने लगा.

कौन था अमरसिंह चमकीला

18 साल की उम्र में अमरसिंह के गाने लोगों को पसंद आए, लेकिन आमदनी वैसी ही रही. फिर अमर सिंह ने खुद बड़ी मशक्कत के बाद गाना गाया और गाने के बोल में पंजाब की समस्याओं को भी बताया. 80 का दशक आतेआते उसे कुछ साथी मिले, जिन के साथ अमर सिंह स्टेज शो करने लगा.

कुछ सालों के संघर्ष के बाद अमरसिंह के गानों में पंजाब की सच्चाई दिखी तो लोग उस से जुड़े और कुछ उस से नाराज भी हुए. दरअसल, अमर सिंह अपने गानों में पंजाब में बढ़ती हिंसा, नशे के कारोबार, घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को भी उठाता था.

देखते ही देखते अमरसिंह ने गुरदास मान, सुरिंदर शिंदा और कुलदीप मानक जैसे गायकों को पीछे छोड़ दिया. 1980 में स्टेज शो में अमरसिंह को साथ मिला अमरजोत कौर का. जिस के साथ वह गाने तो गाता ही बल्कि बीचबीच में हंसीमजाक और पुरुषों पर कटाक्ष भी करता.

बाद में यही अमरजोत कौर चमकीला की पत्नी भी बनी थी. बताते हैं कि इन कुछ वर्षों में उस ने कई जगह ढेर सारे शो किए और अच्छे गानों के चलते अमर सिंह पंजाब का चमकीला सितारा हो गया. फिर यहीं से उसे अमरसिंह चमकीला के नाम से जाना जाने लगा.

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दूसरी तरफ, पंजाब में आतंकवाद का दौर था. इंदिरा गांधी द्वारा चलाए गए औपरेशन ब्लू स्टार के बाद पुलिस की सख्ती थी. हालांकि इस बीच अमर सिंह ने कई स्टेज शो किए, जहां भारी भीड़ उमड़ी थी. उस दौर में अमर सिंह चमकीला मशहूर गायक था.

गायक के अलावा गीतकार, संगीतकार सब कुछ था. साथ ही चमकीला और अमरजोत की जोड़ी ने जो गाने लिखे और गाए, वह उस वक्त के पंजाब के मुद्दों से जुड़े तो थे ही, साथ ही समाज की बुराइयों पर भी सटीक बैठते थे.

कई बार अमर सिंह चमकीला के गाने विवादों में भी घिरे और माना जाता है कि यही गाने उस की मौत का कारण भी बने. चमकीला को कई बार उग्रवादी संगठनों द्वारा धमकी भी मिली थीं.

चमकीला ने 9 साल गायकी की दुनिया में बिताए थे और वह जब 8 मार्च, 1988 को पत्नी अमरजोत व साथियों के साथ जालंधर के महसामपुर में कार्यक्रम के लिए पहुंचा था, तभी गोली मार कर उस की हत्या कर हमलावर फरार हो गए.

अमर और अमरजोत की हत्या किस कारण की गई, इस के पीछे कई दावे हए कि उग्रवादियों का हाथ हो सकता है. फिर कुछ ने माना कि शायद प्रतिद्वंदी गायकों ने मरवाया है. वहीं कुछ ने इसे चमकीला और अमरजोत के प्रेम विवाह को कारण बताया.

हालांकि, आज तक इस हत्याकांड के एक भी आरोपी को पकड़ा नहीं गया है और यह कांड मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो गया. यह थी अमर सिंह चमकीला की असली कहानी.

अमरसिंह चमकीला पर ‘चमकीला’ फिल्म भी इम्तियाज अली ने बनाई है. ‘चमकीला’ फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने अमरसिंह की भूमिका निभाई थी, वहीं परिणीति चोपड़ा उस की साथी अमरजोत कौर बनी थी. यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज की गई थी.

‘चमकीला’ फिल्म 26 फरवरी, 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दी गई है. अब चलते हैं वापस ‘चमक’ वेब सीरीज पर तो काला अपने पिता तारा सिंह के 3 दोस्तों तक पहुंचने के लिए साम, दाम, दंड, भेद के सभी दांव खेलता है. काला किसी से झूठ बोलता है तो प्यार के नाम पर धोखा भी देने से बाज नहीं आता. काला के हथकंडे कहानी का रोमांच कम नहीं होने देते.

इस कथा के साथ प्रताप ढिल्लों और उस के परिवार के इर्दगिर्द कुछ सब प्लौट्स भी हैं, जो चमक की कहानी की एकरूपता को तोड़ते हैं. खासकर, प्रताप के छोटे बेटे (मोहित मलिक) का समलैंगिक ट्रैक सामाजिक और पारिवारिक तानेबाने का प्रतिनिधित्व करता है. बीचबीच में एमसी स्क्वायर और मीका सिंह समेत कई जानेमाने कलाकारों का कैमियो समां बांधे रखता है.

काला जिस तरह अपनी गायन प्रतिभा का इस्तेमाल इन सभी लोगों तक पहुंचने के लिए करता है, वे दृश्य बहुत दिलचस्प हैं. काला के किरदार को परमवीर चीमा ने निभाया है, जो अमेजन मिनी टीवी की सीरीज ‘इश्कयापा’ में लीड रोल में नजर आया था. मगर परमवीर को काला के किरदार में देख कोई खास हैरानी नहीं होती.

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परमवीर चीमा

इस किरदार का ढुलमुल स्वभाव, गुस्सा, संवेदनशीलता और भावनात्मक उतारचढ़ाव को परमवीर ने जीने की कोशिश जरूर की है, मगर पूरी तरह कामयाब नहीं हुआ है. जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है, परमवीर की अदाकारी भी बोरियत लगती है.

काला लव इंटरेस्ट और संघर्षरत सिंगर जैज के किरदार में ईशा तलवार नैचुरल लगती है. अन्य कलाकारों में प्रताप ढिल्लों के किरदार में मनोज पाहवा ने जरूर जान डाली है. इस किरदार के लिए जिस तेज और गतिशीलता की जरूरत थी, वो मनोज पाहवा ले कर आता है. ‘कोहरा’ वेब सीरीज से मशहूर हुए सुविंदर विक्की ने जुगराज की चुप्पी और रहस्य को बखूबी बयां किया है. हालांकि, पहले सीजन में सुविंदर विक्की के हिस्से अधिक दृश्य नहीं आए हैं.

प्रताप के प्रतिद्वंदी और काला को स्टार बनाने वाले निर्माता के किरदार में मुकेश छाबड़ा थोड़ा प्रभावित अवश्य करता है.

जुगराज की बेटी ओर उभरती गायिका लता के रोल में अकासा सिंह ठीक लगी है. तारा सिंह के किरदार में गिप्पी ग्रेवाल की छोटी भूमिका है, जिस में वह जरूर जंचता है. मन्नासिंह के म्यूजिक ने सीरीज के संगीत की चमक को थोड़ा फीका किया है.

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