समलैंगिक काजल ने किया मां और भाई का कत्ल

सूचना पाते ही यमुना नगर की पुलिस आननफानन में मौका ए वारदात पर पहुंच गई. तब तक काजल के नाते रिश्तेदार और पड़ोसी भी वहां इकट्ठा हो चुके थे. पुलिस ने घटनास्थल का बहुत बारीकी से मुआयना किया. पुलिस ने जांच में पाया कि मीना और राहुल की हत्या उन के सिर पर किसी भारी चीज से हमला करने और गला घोंटने से की गई थी.

मौके पर ही मोबाइल चार्जिंग केबल पड़ा मिला था, जिसे देख कर पुलिस ने अनुमान लगाया कि उस से ही दोनों का गला घोंटा गया होगा. बारीकी से जांच के क्रम में पुलिस ने पाया कि हत्यारों ने घर में लगे इकलौते सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया था. निश्चित तौर पर ऐसा बचने के लिए ही किया गया होगा. यह बात पुलिस को अटपटी लगी.

कारण, पुलिस ने घर में हुए ऐसे अनेक आपराधिक मामलों में बचाव के लिए चोर या बदमाश अकसर सीसीटीवी कैमरे को स्विच्ड औफ नहीं करते, बल्कि उसे तोडफ़ोड़ देते हैं. यहां तक कि वे कैमरे और उस की डीवीआर भी उठा ले जाते हैं.

कैमरे को बंद किया जाना पुलिस को अपने आप में एक अजीब बात लगी थी. हत्यारों ने सीसीटीवी का डीवीआर गायब करने की जगह उसे स्विच्ड औफ कर दिया था. सीसीटीवी कैमरे को स्विच्ड औफ करने का एक मतलब था कि इस के स्विच्ड औफ होने से पहले के फुटेज का कैमरे में कैद हो जाना.

पुलिस अब आश्वस्त हो गई थी कि उसे इसी बंद कैमरे और डीवीआर से हत्यारे का कोई न कोई सुराग अवश्य मिल जाएगा. इसी पक्के विश्वास के साथ जांच टीम ने सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर को अपने कब्जे में करने के लिए टेक्निकल टीम को आदेश दे दिया.

शाम के करीब 4 बज चुके थे, लेकिन गरमी की तपिश में कोई कमी नहीं आई थी. तारीख थी 23 जून. हरियाणा के यमुनानगर में भी गरमी की आग बरस रही थी. आजाद नगर इलाके के मकान में अपनी 47 वर्षीया मां मीना और 23 साल के छोटे भाई राहुल के साथ रहने वाली 27 वर्षीया काजल स्कूटी से आई थी.

टाइट जींस पैंट और टीशर्ट में बगैर हेलमेट के थी. स्कूटी से उतर कर पसीने से लथपथ चेहरे को स्कार्फ से पोंछती हुई अपने घर की ओर 2 कदम ही बढ़ी थी कि सामने वाले घर की खिड़की से आवाज आई, ”क्यों री काजल! ते इत्ती गरमी में कहां से आवै से?…आज पूरे दिन थारी मम्मी भी न दिखे? कहीं गैर सी का?’’

”ना ताई! मम्मी घर में होवे. मैं तो उन के वास्ते जूस लावे गई सी.’’ काजल बोलती हुई जूस के पैकेट का थैला दिखाने के लिए हाथ ऊपर उठा लिया था.

”सब ठीक सै ना!…मम्मी की तबीयत! …राहुल कहीं गवा है का?…वो भी ना दिखा आज…’’ सामने वाली ताई ने एक साथ कई सवाल कर दिए.

काजल उन के सवालों को नजरंदाज करती हुई तेज कदमों से अपने घर में भुनभुनाती हुई दाखिल हो गई. उस की नजर सिर्फ हम पर टिकी रहती है… ”मम्मी कहां है? भाई कहां गया? भाभी मायके से कब आएगी?…ते बियाह कब करेगी?’’

घर में घुसते ही काजल चीख पड़ी. उस की चीख काफी तेज थी, जो पासपड़ोस के कई लोगों ने सुनी. उस चीख पर सब से पहली आवाज ताई की आई, ”क्या हुआ काजल? कुछ बात है क्या?’’

काजल चीखती चिल्लाती दौड़ती हुई घर के बाहर आ गई. तब तक ताई भी दुपट्टा संभालती हुई अपने घर से बाहर आ चुकी थी. काजल बुरी तरह हांफ रही थी… वह कुछ बोल नहीं पा रही थी… वहीं जमीन पर दोनों हाथों से सिर पकड़ कर बैठ गई.

”क्या हुआ कुछ बोलेगी भी!’’ ताई ने उसे उठाया और झकझोरती हुई बोली. अपने दुपट्टे से काजल के चेहरे का पसीना पोंछा, जबकि काजल की जुबान से आवाज ही नहीं निकल पा रही थी. कुछ सेकेंड बाद वह अपने घर की ओर इशारा कर इतना भर बोल पाई, ”उधर मां का मर्डर! …भाई भी मर गया…! …घर में दोनों की लाशें पड़ी हैं!’’

”मर गया?’’ ताई चौंकती हुई बोली.

”उधर भीतर कमरे में मम्मी और राहुल मरे हुए हैं…उन को किसी ने मार डाला…’’ काजल बोलते बोलते रोने लगी.

तब तक कुछ और लोग भी वहां आ गए थे. उन में से एक बोला, ”चलो, अंदर चल कर देखते हैं.’’

ताई भी बोली, ”हां, अंदर चलते हैं.’’

…लेकिन काजल ने हाथ के इशारे से किसी को भी घर के भीतर जाने से मना कर दिया, फिर कुछ सेकेंड बाद बोली, ”नहीं! भीतर कोई नहीं जाएगा. पहले पुलिस को फोन करती हूं.’’

काजल ने अपनी जींस पैंट से मोबाइल निकाला और पुलिस को सूचना देने के लिए 112 नंबर पर काल कर दी.

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बंद सीसीटीवी से कैसे मिला हत्या का सुराग

सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई. घर के अंदर 2 लाशें देख कर पुलिस सन्न रह गई. इस दोहरे हत्याकांड का कोई भी चश्मदीद नहीं था. जो कुछ मालूम हो सकता था, उस के लिए घर की इकलौती बेटी काजल से ही संभव था. वह भी वारदात के वक्त मौके पर मौजूद नहीं थी, लेकिन उस ने ही अपनी मां और भाई की लाशों को पहली बार देखा था.

ऐसे में पुलिस ने काजल से ही पूछताछ शुरू की. उस से पुलिस ने सीधा सवाल किया, ”तुम घर से किस वक्त निकली थी?’’

”जी, दोपहर को.’’ काजल बोली.

”किसलिए?’’ पुलिस का अगला सवाल था.

”मेकअप करवाने के वास्ते ब्यूटी पार्लर गई थी…!’’ काजल तुरंत बोली.

”लेकिन चेहरे पर तो कोई मेकअप नहीं दिख रहा. वैसे भी तुम्हारा पहनावा लड़कियों जैसा नहीं दिख रहा.’’ पुलिस ने जिरह की.

”मुझे केश की कटिंग करवानी थी…और पार्लर में भीड़ भी थी, इसलिए कुछ समय इंतजार कर वापस आ गई.’’ काजल ने सफाई दी.

”इतनी भयंकर गरमी में तुम दोपहर को ब्यूटी पार्लर गई, बड़ी अजीब बात है. शाम को भी तो जा सकती थी!’’ पुलिस बोली.

”ऐसे ही साहब, मन हो गया सो चली गई. हां साहबजी, मां ने फोन पर मैसेज भेज कर घर लौटते वक्त जूस के 2 पैकेट लाने के लिए कहा था. ये देखिए…लेकिन मुझे क्या मालूम था साहबजी कि मेरे पीछे मेरी दुनिया ही उजड़ जाएगी…!’’ बोलते हुए काजल की आंखें नम हो गई थीं.

”मेरी मां और भाई को लुटेरों ने मार डाला है, उसे जल्दी पकडि़ए. मेरे पीछे वे घर में लूटपाट के लिए आए थे.’’ काजल बोली.

उस की बात के आधार पर पुलिस ने घर की छानबीन की. पाया कि घर की ज्वैलरी आदि गायब थी और काजल के लाए हुए जूस के पैकेट भी घर में मौजूद थे. काजल ने मां के मोबाइल से भेजा गया जूस लाने का मैसेज भी पुलिस को दिखाया.

इस अनुसार काजल बिलकुल सच बोल रही थी. फिर भी पुलिस को वही बात खटक रही थी कि घर में लगे इकलौते सीसीटीवी कैमरे को क्यों बंद किया गया होगा? इसे ले कर पुलिस ने काजल से दोबारा पूछना शुरू किया, ”घर का सीसीटीवी कैमरा बंद क्यों है? किस ने बंद किया?’’

”मुझे क्या पता!’’ काजल ने रूखेपन से जवाब दिया और इसे ले कर हैरानी जताई.

”विचित्र बात है, तुम घर की मेंबर हो. भाई की तरह तुम भी जिम्मेदार हो. घर में सुरक्षा के लिए कैमरा लगाया गया है. वह सहीसलामत चल रहा है या नहीं, इस का ध्यान तो तुम भी रखती ही होगी?’’ पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे को ले कर एक साथ कई जानकारियां लेनी चाहीं, लेकिन वह एक भी ठोस जवाब नहीं दे पाई.

वह यह भी नहीं बता पाई कि कैमरा किस ने और क्यों बंद किया होगा? उस के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाने के लिए गली में लगे दूसरे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया.

इस कोशिश में पुलिस को 2 नई जानकारियां मिलीं. फुटेज से मिली पहली जानकारी मुंह पर कपड़ा बांधे हुए एक नौजवान के सुबह के समय काजल के घर आने की थी. दूसरी जानकारी में वही युवक कुछ देर बाद कुछ सामान ले कर बाहर जाता हुआ भी दिखा था.

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शक के घेरे में कैसे आई काजल

दूसरे फुटेज को देख कर पुलिस एक बार फिर चौंक गई. वहीं मौजूद काजल से किया गया अगला सवाल था, ”इस फुटेज में लड़के के साथ तुम भी बाहर जाती दिख रही हो. तुम्हारे घर आया वह लड़का कौन है? क्या तुम उसे जानती हो? वह तुम्हारे घर आता दिखा था… मुंह पर कपड़ा क्यों बांध रखा है?’’

इन सवालों पर काजल सकपका गई. खासकर लड़के के बारे में पूछने पर काजल एकदम से नर्वस हो गई थी. चेहरे का उड़ा रंग देख कर पुलिस को उस पर संदेह हो गया और और सारी तफ्तीश उस की तरफ मोड़ दी गई.

पुलिस ने गौर किया कि घर का सीसीटीवी कैमरा सुबह को ही बंद कर दिया गया था. जबकि काजल के कहने के मुताबिक तब तक तो लुटेरों ने घर पर धावा भी नहीं बोला था और न ही किसी की हत्या हुई थी. यानी ये कैमरे घर के ही किसी मेंबर ने बंद किए थे. जबकि काजल का कहना था कि वह दोपहर 2 बजे के आसपास घर से निकली थी और 4 बजे तक वापस लौट आई थी.

यानी काजल द्वारा पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार हत्याएं 2 से 3 या फिर 3 से 4 बजे के बीच हुई होगी. काजल से पूछताछ पूरी हो जाने के बाद मीना और राहुल की लाशों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया था.

साथ ही काजल को हत्याकांड में अपराधियों तक पहुंचने और लूटपाट के सामान की बरामदगी के लिए उस का साथ देने को कहा गया था. पुलिस को उस ने पूछताछ में बताया था कि हत्यारों ने घर से लाखों रुपए के जेवरात लूट लिए हैं.

अगले दिन ही मीना और राहुल की लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई थी. रिपोर्ट चौंकाने वाली थी. हत्या का तरीका प्रारंभिक तहकीकात से मिलताजुलता था, लेकिन हत्या का समय काजल के बयान से मेल नहीं खा रहा था. इस तरह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कातिल की पोल खुल गई थी. साथ ही काजल भी झूठी साबित हो गई थी.

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                                                      मृतक मां और बेटा

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस का संदेह और भी गहरा हो गया कि काजल को हत्याकांड के संबंध में पूरी जानकारी है, जिसे उस ने छिपाने की कोशिश की है. अपनी मां और भाई की हत्या को ले कर काजल झूठ बोल रही है.

पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के मुताबिक दोनों की हत्याएं लाशों को पोस्टमार्टम के लिए लाए जाने से कोई 6 से 7 घंटे पहले हो चुकी थीं. यानी कि उन की मौत सुबह 10 बजे के आसपास ही हो गई थी. इस हिसाब से हत्याकांड के दौरान काजल घर में ही मौजूद थी.

पुलिस के लिए यह जानकारी काजल के खिलाफ अपराध में शामिल होने के सबूत के तौर पर थी. पुलिस ने बिना देर किए काजल को हिरासत में ले लिया. उस का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया. उस की जांच के लिए उस की काल डिटेल्स निकलवाई. पुलिस ने काजल के साथसाथ उस की मां और भाई के मोबाइल फोन की लोकेशन की भी जांच की.

इस तरत टेक्निकल जांच रिपोर्ट को देख कर पुलिस हैरान रह गई कि दोपहर को जब उस की मां के मोबाइल फोन से काजल के मोबाइल फोन पर जूस लाने का मैसेज भेजा गया था, तब उस की मां का मोबाइल फोन उन के घर में नहीं, बल्कि काजल के पास ही था. क्योंकि दोनों के मोबाइल फोन की लोकेशन साथसाथ घर से बाहर की थी.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उस की जूस लाने की कहानी को भी गलत साबित कर दिया था. इस से पुलिस को पता चल गया था कि वह साजिश उस ने जांच टीम को गुमराह करने के लिए कहानी गढ़ी थी. खुद को अपनी मां के मोबाइल फोन से ही झूठा मैसेज भी भेजा था. एक साथ इतने सबूतों के सामने आने के बाद पुलिस ने काजल को गिरफ्तार कर लिया.

काजल ने क्यों रची मां के कत्ल की साजिश

हालांकि पुलिस के सामने मांबेटे के हत्यारों के बारे में जानकारी जुटानी बाकी थी. इस के लिए उस ने काजल से सख्ती से पूछताछ की. उस से पुलिस ने सीधा सवाल किया कि अपनी मां और छोटे भाई का कत्ल क्यों किया? उस की अपनी मां और भाई से आखिर ऐसी क्या दुश्मनी थी? जबकि उस के परिवार में उसे मिला कर सिर्फ 3 ही लोग थे… और अब मां और भाई के मारे जाने के बाद वह बिलकुल अकेली रह गई है.

काजल ने इन सवालों का जो जवाब दिया, वह काफी हैरान करने वाला निकला. इसी क्रम में काजल ने अपनी मां और भाई की हत्या करनी भी स्वीकार कर ली. उस ने हत्या संबंधी पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार ढंग से परतें खोल कर रख दीं.

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                                                            आरोपी कृष

काजल ने बताया कि उस ने अपनी मां और भाई की जान लेने की साजिश पहले ही रच ली थी और इस में अपने एक ममेरे भाई कृष को भी शामिल कर लिया था.

उस रोज की तारीख 23 जून, 2024 को रविवार का दिन था. सुबह के वक्त भाई राहुल शेविंग करवाने के लिए घर से बाहर गया हुआ था. तभी काजल ने कृष को बुला लिया. इस के बाद दोनों ने मिल कर रौड की तरह एक भारी चीज से पहले मां मीना के सिर पर हमला कर दिया. इस हमले से मीना बेसुध हो गई.

उसी हालत में दोनों ने मिल कर मोबाइल फोन की चार्जिंग केबल से मीना का गला घोंट दिया. काजल मीना के पैर पकड़े थी और कृष चार्जिंग केबल से उस का गला कसने में लगा हुआ था. उन की कुछ सेकेंड में ही मौत हो गई.

तभी राहुल घर वापस आ गया. उसे आया देख कर दोनों ने मीना को छोड़ राहुल को पकड़ लिया. उन्होंने उस के भी सिर पर रौड से हमला किया. इस के बाद कृष ने राहुल का गला घोंट दिया, जबकि काजल भाई के पांव पकड़े रही.

इस तरह बैडरूम में पहले मीना की हत्या हो गई और और फिर उस के कुछ ही देर बाद मीना के बेटे यानी काजल का छोटे भाई राहुल मारा गया. वारदात के बाद दोनों ने मिल कर इसे लूटपाट का रूप देने के लिए घर का सारा सामान बिखेर दिया.

कुछ सामानों के साथ काजल ने कृष को घर से रवाना कर दिया. इस तरह काजल ने मामले को पूरी तरह से लूटपाट का बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कुछ कीमती चीजें गायब कर दी गईं. वारदात के पहले काजल ने घर में लगा सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया था, लेकिन उस के दिमाग में यह बात नहीं आई कि गली के दूसरे मकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. उस में वारदात के सबूत कैद हो गए थे.

काजल की जीवनशैली अपने भाई से बिलकुल अलग थी. कहने को वह लड़की है, लेकिन उस में लड़कियों वाले लक्षण नहीं मिलते हैं.

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            आरोपी काजल

वह हमेशा लड़कों वाले कपड़ों में नजर आती थी. इसे ले कर उस की मां से हमेशा बकझक हो जाती थी. लड़के जैसे उस के हावभाव और रवैए को देख कर पुलिस भी हैरान थी. दूसरी लड़कियों की तरह मां और भाई की मौत पर काजल को किसी ने एक बार भी भरी आंखों से रोते हुए नहीं देखा.

ऊपर से वह पुलिस के सारे सवालों के जवाब पूरे आत्मविश्वास से देने की कोशिश कर रही थी. पड़ोसियों की निगाह में भी काजल दूसरी लड़कियों से एकदम अलग थी. वह न सिर्फ लड़कों की तरह टीशर्ट और पैंट पहनती, बल्कि उस का पूरा अपीयरेंस भी लड़कों की तरह ही होता था. वह बातचीत भी लड़कों के लहजे में करती थी.

भाभी से बनाना चाहती थी समलैंगिक संबंध

पुलिस ने उस के बारे में और भी कई जानकारियां जुटाईं, जिस से मालूम हुआ कि उस की बचपन से ही लड़कों की तरह रहने की आदत है. उस के  रिश्तेदारों ने पुलिस के सामने खुलासा किया वह असल में यह एक समलैंगिक लड़की है. जिस की असलियत का पता उस की मां और भाई को चल गया था.

इस कारण उस का दोनों से हमेशा झगड़ा भी होता रहता था. वह अकसर मां और भाई के साथ लड़ पड़ती थी. कई बार गुस्से में भाई उस से बोलता था कि उस की वजह से उस की शादीशुदा जिंदगी बरबाद हो गई है.

दरअसल, काजल ने अपनी एक सहेली की शादी अपने भाई राहुल से करवा दी थी. बताते हैं कि उस सहेली से काजल के पहले से ही समलैंगिक संबंध थे. इस कारण घर में कलह होने लगी थी और राहुल की वह शादी टूट गई थी.

कुछ दिनों बाद राहुल की दूसरी लड़की से शादी हुई. काजल की दूसरी भाभी के साथ भी नजदीकियां बढऩे लगीं, पास आने की कोशिश करने लगी, जिस से राहुल की शादी दूसरी बार भी टूट गई.

इस के बाद काजल से उस की मां और भाई के संबंध और भी खराब हो गए. इसी बीच एक घरेलू मामला मकान और प्लौट को ले कर आ गया. यह पहले से ही विवाद का कारण बना हुआ था. ये दोनों पहले से मीना के नाम थे और काजल को लगता था कि इस का हिस्सा उसे नहीं मिलेगा.

ये जायदाद मीना को अपने मायके से मिली थी. दूसरी तरफ मीना के एक भतीजे  कृष को लगता था कि उस की बुआ उसे अपनी प्रौपर्टी का कोई हिस्सा नहीं देगी. ऐसे में काजल और कृष दोनों प्रौपर्टी को ले कर आपस में बातें किया करते थे. वे इसे ले कर काफी परेशान थे.

उस के बाद ही दोनों ने मिल कर मीना और राहुल को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली थी. उन्होंने सोचा कि ऐसा करने से मीना की प्रौपर्टी पर उन का हक हो जाएगा. काजल प्रौपर्टी के साथसाथ अपनी आजाद जिंदगी पाने के लिए भी मां और भाई के अंकुशों से मुक्त होना चाहती थी.

इस हत्याकांड में काजल समेत उस के ममेरे भाई कृष की भी गिरफ्तारी हुई. पूछताछ में उस ने बताया कि काजल ने उसे 50 हजार रुपए का लालच दिया था. यह भी कहा था कि उसे पैतृक मकान भी मिल जाएगा.

इस मामले की पूरी जांच यमुना नगर थाना शहर के एसएचओ जगदीश की देखरेख में संपन्न हुई थी. वारदात यमुना नगर के आजाद नगर की गली नंबर 2 की है. पूरी जांच में यह भी पाया गया कि मीना और राहुल की हत्या के बाद आरोपी काजल घर में रखे गहने अपने साथ ले गई थी, जो 14 लाख रुपए से अधिक के थे.

उन्हें वह अपनी एक्टिवा की डिक्की में ले कर घंटों घूमती रही थी, ताकि पुलिस को विश्वास हो जाए कि घर में लूटपाट के दौरान दोनों की हत्या की गई है.

हत्याकांड का खुलासा करने के बाद पुलिस ने रिमांड पर आरोपी काजल से पूछताछ के दौरान एक्टिवा से सारे गहने बरामद कर लिए.

मामले में काजल के ममेरे भाई विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी कृष को भी गिरफ्तार कर पुलिस ने 25 जून, 2024 को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे भी रिमांड पर लिया गया. कथा संकलन तक पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही थी.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

समलैंगिक फेसबुक फ्रेंड दे गया मौत

समलैंगिक फेसबुक फ्रेंड दे गया मौत – भाग 4

मुकेश ने हसन से विकृत तरीके से बनाए समलैंगिक संबंध

घर आने के बाद मुकेश ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया, क्योंकि उसे पता था कि पत्नी कृष्णा देर रात तक उसे कई बार फोन करेगी और वह नहीं चाहता था कि अपने नए प्रेमी से हो रही पहली मुलाकात में कोई खलल डाले. मुकेश और हसन ने रात को करीब साढ़े 9 बजे तक बियर पी और खाना खाया. दोनों ने मिल कर बियर की बोतल कूड़ेदान में डाल दी और खाने के बरतन साफ कर के रख दिए.

उस के बाद दोनों बेडरूम में आ गए और वहां एकदूसरे के कपड़े उतार कर एकदूसरे के जिस्म से खिलवाड़ करने लगे. मुकेश के मुकाबले हसन शारीरिक बनावट में थोड़ा कमजोर था, जबकि मुकेश का शरीर थोड़ा कद्दावर था. मुकेश समलैंगिक तो था ही लेकिन उस के साथ ही उस में कुछ ऐसी आदतें भी थीं, जो आमतौर पर यौन विकृत लोगों में होती हैं.

मसलन उसे हाथपांव बांध कर प्यार करने में बेहद आनंद आता था. मुकेश ने जब अपनी ख्वाहिश हसन को बताई तो उस को बड़ा अजीब सा लगा. लेकिन थोड़ी नानुकुर के बाद अपने हाथ और पांव बंधवाने के लिए तैयार हो गया. इस के बाद मुकेश ने हसन के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन अपने विकृत अप्राकृतिक प्यार के दौरान मुकेश ने हसन को इतनी बुरी यातनाएं दीं कि हसन का दिल दहल गया.

हसन मुकेश से लाख मिन्नतें करता रहा, लेकिन उन्माद में अंधे हो चुके मुकेश के ऊपर उस की चीखों का भी कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इस सब से मुकेश को और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी. जिस्मानी संबंध बना कर मुकेश तो जरूर आनंदित हुआ, लेकिन हसन के दिल में उस के लिए अचानक इतना गुस्सा और नफरत भर गई कि उस ने तय कर लिया वह मुकेश को इस की सजा जरूर देगा.

जो दौर मुकेश ने हसन के साथ किया था, वही बारी अब हसन की थी. अब बारी मुकेश के हाथ और पांव बांधने की थी. जिस के बाद हसन ने उसे बिस्तर पर उलटा लिटा दिया. हसन ने भी उस के साथ संबंध बनाए. पानी पीने के बहाने वह किचन की तरफ गया. वहां उसे और तो कुछ नहीं मिला, लेकिन वहां पड़ा लोहे का तवा देख उस ने उसी को उठा लिया.

हसन के मन में भर गई थी नफरत

मुकेश ने हसन के साथ जो भी किया था, उसे ले कर हसन के दिल और दिमाग में इतना गुस्सा भरा हुआ था कि वह बेडरूम में आया और आते ही उस ने तवे से मुकेश के सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए. हसन ने करीब 25 से 30 बार मुकेश के सिर और चेहरे पर वार किए. मुकेश कुछ समझता, उस से पहले कुछ ही क्षण में खून से सराबोर हो कर उस का शरीर निढाल हो गया. हाथ और पांव बंधे होने कारण वह कोई बचाव भी नहीं कर सका.

नफरत में उस ने मुकेश के निष्प्राण हो चुके शरीर को बिस्तर से नीचे जमीन पर गिरा दिया और उस के बाद शरीर पर जहां तहां तवे के फिर वार किए. तब कहीं जा कर उस का गुस्सा ठंडा हुआ. कुछ देर तक हसन वहीं बैठ रहा. जब गुस्सा शांत हुआ तो उसे लगा कि उस ने कुछ ज्यादा ही कर दिया. क्योंकि मुकेश की मौत हो चुकी थी.

लेकिन अब कोई चारा नहीं था. देखा उस समय रात के साढ़े 12 बजे थे. इतनी रात को अगर वह घर से निकाल कर जाता तो न ही उसे कोई सवारी मिलनी थी, ऊपर से पकड़े जाने का खतरा भी था. लिहाजा उस ने कुछ घंटे तक वहीं रुकने का फैसला किया. मुकेश की हत्या करने के बाद हसन सुबह करीब 4 बजे तक उसी के बेडरूम में रहा.

इस दौरान उस ने बाथरूम में जा कर अपने शरीर पर लगे खून के धब्बे साफ किए और अपने कपड़े पहन लिए. उस ने रसोई में जा कर चाय बना कर भी पी. सुबह होने से पहले उस ने मुकेश के पैंट में रखे पर्स से कुछ पैसे निकाले और घर से बाहर निकला.

गली में सन्नाटा पसरा था. उस ने घर की कुंडी बाहर से लगा दी और पैदल चहलकदमी करते हुए सडक़ पर आ गया. कुछ दूर जाने के बाद वह एक आटो में बैठ कर बसअड्डे पहुंचा. बसअड्डे से सुबह 6 बजे चलने वाली बस में सवार हो कर मोदीनगरआया.

मुकेश की हत्या के बाद हसन को विश्वास था कि पुलिस उसे पकड़ नहीं पाएगी, क्योंकि मुकेश के साथ उसे किसी ने देखा नहीं था. फिर भी हसन के दिल में एक डर बैठा हुआ था, इसीलिए वह केवल एक बार कुछ देर के लिए अपनी दुकान पर गया था और वहां अपने कपड़े बदलने के बाद वह दुकान बंद कर के चला गया. 3 दिनों तक हसन अपनी जानपहचान वालों के यहां बहाने बना कर समय काटता रहा.

25 सितंबर, 2023 को भी वह हापुड़ केवल इसलिए गया था, ताकि वहां एक दिन रह कर यह पता लगा सके कि पुलिस ने मुकेश की हत्या में अभी तक किसी को गिरफ्तार किया है या नहीं. क्योंकि उसे लग रहा था कि पुलिस उस के पास तक तो पहुंच नहीं पाएगी, इसलिए हत्याकांड का खुलासा करने के लिए वह किसी बेगुनाह को मुकेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज देगी.

लेकिन हसन की सोच गलत निकली, पुलिस की कार्यशैली और जांच करने के तरीकों के बारे में उसे पता नहीं था. कत्ल के बाद खुद तक पहुंचने वाले सबूत यानी मोबाइल को तो वह अपने साथ ले कर ही घूम रहा था. उसी के जरिए पुलिस आसानी से उस तक पहुंच गई.

जांच अधिकारी इंसपेक्टर नीरज कुमार ने आरोपी हसन से पूछताछ कर उसे मुकेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने हसन से 25 सितंबर, 2023 को अधिकारियों और मुकेश के परिजनों के समक्ष भी पूछताछ की और 26 सितंबर को उसे सक्षम अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

(कथा पुलिस की जांच आरोपी के बयान और परिजनों की शिकायत पर आधारित)

समलैंगिक फेसबुक फ्रेंड दे गया मौत – भाग 3

जांच अधिकारी को मिला सुराग

जांच अधिकारी नीरज को कातिल तक पहुंचने का क्लू तो मिल गया था, लेकिन अभी हसन के बारे में जानकारी जुटाना और हत्या का कारण जानना जरूरी था. आगे की तफ्तीश में पता चला कि हसन और मुकेश करीब एक माह से फेसबुक पर फ्रेंड बने थे और दोनों के बीच अकसर मैसेंजर चैट पर बातचीत होती थी. पुलिस ने जब मैसेंजर चैट को खंगाला तो कुछ ऐसी जानकारी हाथ लगी, जिस से कत्ल की इस वारदात की गुत्थी लगभग सुलझने के करीब पहुंच गई.

इसी बीच कालोनी के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही पुलिस टीम को पता चला की करीब साढ़े 7 बजे मुकेश एक आदमी के साथ अपने घर में प्रवेश हुआ था और सुबह करीब 4 बजे वह व्यक्ति अकेला घर से बाहर निकला था. पुलिस ने करीब 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की थी, तब जा कर यह सफलता मिली. इंसपेक्टर नीरज कुमार ने मोबाइल कंपनी के रिकौर्ड में दर्ज हसन का फोटो हासिल कर लिया.

पुलिस की एक टीम को उसी दिन हसन के मेरठ जिले के गांव धौलड़ी स्थित पते पर भेजा गया, लेकिन वह घर पर नहीं मिला. पुलिस ने हसन के घर वालों से पूछताछ की तो पता चला कि वह मोदीनगर के राज चोपला पर जर्राह का काम करता है. हसन ने वहां एक दुकान ले रखी थी. वह दुकान में ही रात को सोता था. सप्ताह में एक बार वह अपने घर जाता था. गांव में उस के मातापिता और पत्नी नसरीन व 3 से 5 साल की उम्र के 2 बच्चे रहते थे.

पुलिस की टीम हसन के घर वालों से उस की मोदीनगर स्थित दुकान का पता ले कर जब मोदीनगर पहुंची तो वहां दुकान पर ताला लगा मिला. आसपड़ोस के दुकानदारों से पूछताछ करने पर पता चला कि पिछले 3 दिनों से हसन ने अपनी जर्राह की दुकान नहीं खोली है. थकहार कर पुलिस टीम वापस हापुड़ लौट गई. इंसपेक्टर नीरज कुमार समझ गए कि अब टेक्निकल सर्विलांस ही हसन तक पहुंचने का इकलौता रास्ता है. उन्होंने हसन के मोबाइल की निगरानी शुरू कर दी. जल्द ही इस का परिणाम भी सामने आया.

हसन चढ़ गया पुलिस के हत्थे

25 सितंबर, 2023 को पुलिस टीम को सर्विलांस की निगरानी से पता चला कि हसन हापुड़ की मोर्चरी रोड पर एक छोलेभटूरे की दुकान पर मौजूद है. इंसपेक्टर नीरज कुमार ने तत्काल अपनी टीम ले कर मोर्चरी रोड की घेराबंदी कर ली और छोले भटूरे की दुकान के बाहर खड़े हसन को उस की फोटो से पहचान कर हिरासत में ले लिया.

खुद को पुलिस के चंगुल में फंसा देख कर हसन के होश उड़ गए और वह उलटे पुलिस से सवाल करने लगा कि एक शरीफ आदमी को उन्होंने क्यों पकड़ा है. जब पुलिस ने उसे बताया कि उसे मुकेश कर्दम की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है तो वह अनजान बनते हुए उलटा सवाल करने लगा कौन मुकेश कर्दम? वह किसी मुकेश कर्दम को नहीं जानता.

इंसपेक्टर नीरज कुमार को अपने अनुभव से यह बात बखूबी पता थी कि अपराधी इतनी आसानी से अपना गुनाह कबूल नहीं करता. लिहाजा पुलिस की टीम पहले उसे कोतवाली ले कर आई, उस के बाद मामूली सी सख्ती के बाद ही हसन टूट गया और उस ने अपने गुनाह की पूरी कहानी बयां कर दी.

हसन बचपन से ही समलैंगिक संबंधों का शौकीन था. उस के कई दोस्त थे, जिन के साथ उस के शारीरिक संबंध थे. हालांकि वह शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप था, लेकिन इस के बावजूद समलैंगिक संबंधों का उस का शौक कम नहीं हुआ. हसन मोदीनगर स्थित अपनी दुकान में ही सोता था, यदाकदा वहीं पर वह अपने समलैंगिक दोस्तों को बुला कर अपना शौक भी पूरा करता था.

समलैंगिक मुकेश की हसन से फेसबुक पर हुई दोस्ती

मुकेश कर्दम से करीब एक माह पहले फेसबुक के माध्यम से उस की दोस्ती हुई थी. मुकेश के साथ फेसबुक के मैसेंजर पर चैट करते हुए जब उसे पता चला कि वह भी समलैंगिक संबंधों का शौकीन है तो दोनों की दोस्ती और गाढ़ी हो गई. इस के बाद तो अकसर दोनों वाट्सऐप काल और चैट पर भी बात करने लगे.

3 बच्चों का पिता मुकेश कर्दम भी समलैंगिक संबंधों का शौकीन था. हसन और मुकेश की दोस्ती की खास बात यह थी कि दोनों ऐसे समलैंगिक थे, जिन में लडक़े और लडक़ी यानी मर्द व औरत दोनों तरह के रिश्ते बनाने की खूबियां थीं. मुकेश और हसन में बातें तो लगभग रोज ही हो रही थीं, लेकिन दोनों में इस बात की तड़प थी कि वह एक बार मौका पा कर एकदूसरे से प्यार करें. इस के लिए मुकेश को किसी मौके का इंतजार था.

मुकेश को वह मौका मिला 18 सितंबर, 2023 को जब उस की पत्नी बच्चों के साथ बुलंदशहर स्थित अपने मायके गई थी. मुकेश ने हसन को 18 सितंबर की सुबह ही बता दिया था कि आज वह अपने हापुड़ स्थित घर पर रात को अकेला रहेगा. मुकेश ने हसन से पूछा कि क्या वह आज की रात उस की मेहमाननवाजी कबूल करेगा.

हसन ने थोड़ी आनाकानी करते हुए कहा कि उस के काम का बड़ा नुकसान हो जाएगा तो मुकेश ने कहा, ‘‘अरे यार कोई बात नहीं, तुम आ तो जाओ. नुकसान का हरजा खर्चा मैं दे दूंगा.’’

इस के बाद हसन ने मुकेश की मेहमाननवाजी कबूल कर ली और वह शाम को 5 बजे दुकान बंद कर के बस में सवार हो कर हापुड़ पहुंच गया. इस दौरान हसन और मुकेश की कई बार वाट्सऐप पर चैट भी हुई और फोन पर बातचीत भी हुई.

दूसरी तरफ मुकेश भी पत्नी और बच्चों को ससुराल में छोड़ कर दोपहर तक वापस हापुड़ आ गया. उस के बाद मुकेश ने दिनभर अपनी किराने की दुकान पर काम किया. एक नए प्रेमी से मिलने की तड़प में वह दोपहर से ही बेहद उतावला था, इसलिए उस ने शाम को करीब 7 बजे अपनी दुकान बंद कर दी. उस के बाद वह बसअड्ïडे पहुंचा, जहां हसन उस का इंतजार कर रहा था.

फोन और फेसबुक की एक माह पुरानी मुलाकात के बाद 2 चाहने वाले दोस्त एकदूसरे के सामने थे, दोनों के लिए ही यह पल बेहद रोमांच पैदा करने वाला था. काफी देर तक दोनों वहीं इधरउधर की बातें करते रहे. उस के बाद मुकेश ने अपने और हसन के लिए बीयर की बोतलें और कुछ खानेपीने का सामान खरीदा और मुकेश उसे अपने घर ले आया.

समलैंगिक फेसबुक फ्रेंड दे गया मौत – भाग 2

हत्यारे की घर में हुई फ्रेंडली एंट्री

एक दूसरी बात प्राथमिक जांच में साफ हो रही थी, वह यह थी कि कातिल मुकेश का परिचित था. क्योंकि घर में किसी तरह की जोरजबरदस्ती से प्रवेश के कोई निशान नहीं मिले थे. इतना ही नहीं कातिल वारदात को अंजाम देने के बाद घर के दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद करके चला गया था. दूसरी बात जो एकदम साफ थी वो यह कि घर के अंदर से कोई भी कीमती सामान गायब नहीं हुआ था. यानी कत्ल करने वाले का मकसद चोरी या लूट करने का नहीं था, बल्कि मुकेश की हत्या करना ही था.

हत्यारे ने जिस बेरहमी से मुकेश का कत्ल किया था, उस से लग रहा था कि वह बेहद गुस्से में रहा होगा, क्योंकि उस ने तवे से मुकेश पर ताबड़तोड़ वार किए थे. फोरैंसिक टीम ने अपना काम खत्म कर लिया था, लिहाजा एसपी अभिषेक वर्मा ने एसएचओ नीरज कुमार को शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने का आदेश दिया. जिस के बाद शव का पंचनामा तैयार किया गया और उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया.

इंसपेक्टर नीरज कुमार ने मृतक मुकेश के साले की शिकायत पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ 21 सिंतबर को भादंसं की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत नष्ट करने की धारा) में मुकदमा दर्ज कर जांच का काम अपने हाथों में ले लिया. उच्चाधिकारियों के आदेश पर उन की मदद के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया, जिस में एसआई राकेश कुमार, हैडकांस्टेबल अजीत सिंह, रविंद्र सिंह, दीपक कुमार, दिनेश कुमार और विष्णु के साथ कांस्टेबल सुनील कुमार को जांच दल में शामिल किया गया.

पोस्टर्माटम के बाद शव परिजनों को सौंपा जा चुका था. परिवार के लोग जब अंतिम संस्कार के काम से फारिग हो गए और माहौल थोड़ा शांत हो गया तो जांच अधिकारी नीरज कुमार ने सब से पहले मृतक मुकेश की पत्नी कृष्णा से यह जानना जरूरी समझा कि उन्हें अपने पति की हत्या में किसी पर शक तो नहीं है.

लेकिन कृष्णा ने जो कुछ बताया, उसे जान कर इंसपेक्टर नीरज कुमार का दिमाग ही घूम गया. कृष्णा ने बताया कि उस के पति मुकेश का अपने दोनों भाइयों राकेश और विनोद से पैतृक संपत्ति को ले कर मनमुटाव चल रहा था. उसे शक था कि उन दोनों ने ही मुकेश की या तो खुद हत्या की है या उन्होंने किसी से करवाई है.

जब तक कातिल पुलिस के हाथ में न आ जाए, तब तक पुलिस की नजर में हर शख्स कातिल ही लगता है. चूंकि मुकेश की पत्नी कृष्णा ने दोनों जेठों पर सीधे आरोप लगाया था. लिहाजा पहले जांच इसी बिंदु से शुरू हुई. पुलिस ने दोनों भाइयों को सब से पहले हिरासत में ले लिया.

उन के बारे परिवार के दूसरे सदस्यों से जानकारी ली गई तो पता चला कि दोनों बड़े भाइयों का मुकेश से एक पैतृक प्लौट को ले कर विवाद जरूर था, लेकिन विवाद ऐसा नहीं था कि दोनों भाई अपने छोटे भाई की हत्या कर दें. दोनों भाई मुकेश से बेहद प्यार करते थे. उल्टा मुकेश ही यदाकदा बड़े भाइयों से लड़ जाता, लेकिन वे नजरअंदाज कर देते थे.

पुलिस ने सच का पता लगाने के लिए मुकेश के दोनों भाइयों के मोबाइल नंबरां की काल डिटेल्स, उन की लोकेशन और वाट्सऐप चैट निकलवाई तो पता चला कि दोनों भाइयों की वारदात वाले दिन या इस के आसपास मुकेश के घर के आसपास लोकेशन भी नहीं थी. यानी उन के खिलाफ आरोप सिर्फ शक की वजह से थे, लेकिन उन के पीछे ठोस सबूत नहीं था.

हालांकि इंसपेक्टर नीरज कुमार ने मुकेश के दोनों भाइयों को अभी शक के दायरे से बाहर नहीं किया था, लेकिन उन्होंने दोनों को हिरासत से रिहा कर दिया और अपने 2 हैडकांस्टेबल को दोनों की निगरानी और कुछ अन्य जानकारियां एकत्र करने के काम पर लगा दिया.

अलगअलग टीमें जुटी जांच में

जांच अधिकारी नीरज कुमार ने अब हत्याकांड के दूसरे पहलुओं पर जांच शुरू कर दी. पुलिस की नौकरी के दौरान नीरज कुमार ने अपने अनुभव से एक बात सीखी थी कि जिस आदमी के साथ अपराध घटित होता है, उस का कारण भी उसी इंसान के इर्दगिर्द होता है. नीरज कुमार समझ गए कि हो न हो, मुकेश की हत्या का राज उसी से जुड़ा हुआ है. कातिल तक पहुंचने के लिए उन्होंने सब से पहले मुकेश कर्दम की छानबीन करने का फैसला किया.

उन्होंने अपनी टीम को 2 भागों में बांट दिया. एक टीम को मुकेश के मोबाइल की काल डिटेल्स, उस की लोकेशन और वाट्सऐप से जुड़ी सारी चैट निकालने के काम पर लगाया और साथ ही मुकेश के फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का पता लगा कर उन की छानबीन करने का काम शुरू कर दिया. पुलिस की एक टीम मुकेश के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की छानबीन करने लगी.

24 घंटे के भीतर इस जांच के परिणाम सामने दिखने लगे. मोबाइल की काल डिटेल्स से पता चला कि जिस रात मुकेश की हत्या हुई थी, उस से पहले दिन में और शाम को एक मोबाइल नंबर पर मुकेश की कई बार बातचीत हुई थी. मुकेश के मोबाइल में आखिरी काल भी इस नंबर पर की गई थी और उस के बाद मुकेश का मोबाइल स्विच्ड औफ हो गया. यह करीब शाम साढ़े 7 बजे की बात है.

जांच अधिकारी इंसपेक्टर नीरज कुमार के लिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया था कि वह नंबर आखिर किस का था. उस नंबर की काल डिटेल्स निकाली गई तो पता चला कि वह किसी हसन नाम के व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत था. हसन का पता मेरठ जिले के धोलड़ी गांव का था.

काल डिटेल्स से यह भी पता चला कि मुकेश और हसन के बीच पिछले एक महीने से बातचीत का सिलसिला चल रहा था. जब हसन की लोकेशन चेक की गई तो पता चला दिन में उस की लोकेशन मोदीनगर के राज चोपड़ा के आसपास थी, जबकि शाम साढ़े 7 बजे के बाद से 19 सितंबर की सुबह 4 बजे तक उस के मोबाइल की लोकेशन मुकेश के घर के आसपास ही थी.

इस का मतलब साफ था कि हसन वारदात वाली रात को मुकेश के घर पर था. यह जानकारी बेहद काम की थी, लेकिन हत्या की गुत्थी सुलझाने और कातिल तक पहुंचने के लिए अभी कई सवालों के जवाब ढूंढे जाने बाकी थे.

समलैंगिक फेसबुक फ्रेंड दे गया मौत – भाग 1

मुकेश समलैंगिक तो था ही लेकिन उस के साथ ही उस में कुछ ऐसी आदतें भी थीं, जो आमतौर पर यौन विकृत लोगों में होती हैं. मसलन उसे हाथपांव बांध कर प्यार करने में बेहद आनंद आता था. मुकेश ने जब अपनी ख्वाहिश हसन को बताई तो उस को बड़ा अजीब सा लगा. लेकिन थोड़ी नानुकुर के बाद अपने हाथ और पांव बंधवाने के लिए तैयार हो गया.

इस के बाद मुकेश ने हसन के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन अपने विकृत अप्राकृतिक प्यार के दौरान मुकेश ने हसन को इतनी बुरी यातनाएं दीं कि हसन का दिल दहल गया.हसन मुकेश से लाख मिन्नतें करता रहा, लेकिन उन्माद में अंधे हो चुके मुकेश के ऊपर उस की चीखों का भी कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इस सब से मुकेश को और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी.

जो दौर मुकेश ने हसन के साथ किया था, वही बारी अब हसन की थी. अब बारी मुकेश के हाथ और पांव बांधने की थी. जिस के बाद हसन ने उसे बिस्तर पर उलटा लिटा दिया. हसन ने भी उस के साथ संबंध बनाए. इस के बाद हसन अपने घर लौट गया.

दिल्ली की सीमा से करीब 70 किलोमीटर दूर हापुड़ के मोहल्ला लज्जापुरी की गली नंबर 8 में रहने वाला 35 वर्षीय मुकेश कर्दम अपनी पत्नी कृष्णा और 3 बच्चों के साथ रहता था. 18 सितंबर, 2023 की ही तो बात है. मुकेश अपनी पत्नी और तीनों बच्चों को बुलंदशहर के गांव इस्माइलपुर स्थित अपनी ससुराल छोड़ आया था. वह बेहद खुश था और शाम को सकुशल हापुड़ वापस आ गया था.

दरअसल, 35 साल के मुकेश का हापुड़ में टेंट हाउस का कारोबार था. घर के पास ही उस की एक किराने की दुकान भी थी. ससुराल से वापस आने के बाद वह कुछ समय तक अपनी किराने की दुकान पर रहा. बाद में वह अपने घर आ गया. उसी रात से मुकेश का फोन स्विच औफ हो गया. ससुराल पक्ष के लोग लगातार मुकेश से संपर्क करने का प्रयास करते रहे. लेकिन फोन बंद होने के कारण उस से संपर्क नहीं हो पाया.

19 और 20 सितंबर को मुकेश की पत्नी कृष्णा लगातार अपने पति को फोन करती रही, लेकिन फोन लगातार स्विच औफ जाता रहा, इसलिए उस की चिंता बढ़ गई. फिर 21 सितंबर की सुबह करीब साढ़े 10 बजे वह अपने भाई को ले कर हापुड़ पहुंची तो यह देख कर कृष्णा को आश्चर्य हुआ कि मकान की बाहर से कुंडी लगी थी.

उसे शक हुआ, दरवाजे के नजदीक जाने पर घर के भीतर से काफी ज्यादा बदबू आने का भी अहसास हुआ. तब कृष्णा अपने भाई के साथ बाहर की कुंडी खोल कर मकान के भीतर घुसी तो अपने बैडरूम में पहुंचते ही उस के हलक से चीख निकल गई.

मुकेश की खून से लथपथ लाश जमीन पर पड़ी थी, जिस के हाथ बंधे हुए थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था. शरीर पर केवल अंडरवियर था. सिर से बहा खून जम कर काला पड़ चुका था. मुकेश के साले ने हापुड़ में ही रहने वाले मुकेश के दोनों भाइयों राकेश, विनोद और मां को फोन कर मुकेश की हत्या होने की बात बता दी.

मुकेश के दोनों भाई भी हापुड़ में पास की कालोनी में रहते थे. लिहाजा आधा घंटे में वे अपने परिवारों के साथ वहां पहुंच गए. इधर पति की मौत ने कृष्णा को भी बुरी तरह तोड़ कर रख दिया. वह रोते हुए बारबार बेहोश हो रही थी. पति के शव से लिपट कर विलाप कर रही कृष्णा बस यही कह रही थी कि वह अब जीवित रह कर क्या करेगी.

बच्चों के सिर पर पिता का साया नहीं रहा तो वह कैसे 3-3 बच्चों की परवरिश करेगी. उस के दर्द व आंखों से बहते आंसुओं को देख लोगों की आंखें नम हो गईं. हर कोई उसे सांत्वना दे कर शांत करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन वह बारबार बेसुध हो रही थी.

अजीब हालत में मिली थी मुकेश की लहूलुहान लाश

मुकेश अपने परिवार में सब से छोटा होने के कारण सभी का चहेता था. 3 साल पहले ही मुकेश के पिता खजान सिंह का देहांत हो गया था. इस सदमे से मुकेश की मां माया अभी ठीक से उबरी भी नहीं थी कि अब जवान और सब से छोटे बेटे की भी मौत हो गई. छाती पीटपीट कर माया देवी बस एक ही बात बोल रही थीं कि इस से तो अच्छा यही होता कि बेटे की जगह उन्हें मौत आ जाती.

साफ था कि मुकेश की मौत से मां को गहरा सदमा लगा है. बेटे की खून से लथपथ लाश देख कर माया का रोरो कर बुरा हाल था. वैसे भी जवान बेटे की मौत किसी मां के लिए कितना बड़ा सदमा होती है, यह सिर्फ उस का दिल ही बता सकता है.

अगले 2 घंटे में मुकेश के घर के बाहर उन के रिश्तेदारों के अलावा आसपास के लोगों की बेतहाशा भीड़ जमा हो चुकी थी. इसी बीच मुकेश के सब से बड़े भाई राकेश ने हापुड़ कोतवाली को फोन कर के इस मामले की सूचना दे दी थी. कोतवाल नीरज कुमार अपने मातहतों के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए.

घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने एसपी अभिषेक वर्मा और सीओ (कोतवाली) को वारदात की सूचना दे दी. सूचना मिलने के बाद क्राइम इनवैस्टीगेशन व फोरैंसिक की टीमें भी मौके पर पहुंच गई, जिन्होंने वारदात वाली जगह से फिंगरप्रिंट और कातिल तक पहुंचने के सुराग एकत्र करने शुरू कर दिए.

थोड़ी देर में ही एसपी अभिषेक वर्मा घटनास्थल पर पहुंच गए. इलाके के लोगों के साथ घर वालों और व्यापारियों ने उन से हत्याकांड का खुलासा जल्द करने की मांग की. एसपी अभिषेक वर्मा ने पीडि़त परिवार के साथ सभी शुभचिंतकों को भरोसा देते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द कातिल तक पहुंच जाएंगे, बस पुलिस को जांच में सहयोग करें.

पुलिस टीम ने जांच कार्य शुरू करते ही एक खास बात नोट की. मुकेश का शव लहूलुहान हालत में में फर्श पर पड़ा मिला था. लाश के पास ही खून से सना लोहे का एक तवा पड़ा मिला था. साफ लग रहा था कि उसी तवे से मुकेश के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर के उस की हत्या की गई थी.

एक तरह से तवे के वार से मुकेश का सिर बुरी तरह कुचला गया था. इतना ही नहीं, शरीर पर भी कई जगह घाव थे. चारों तरफ खून फैला हुआ था. मुकेश के मुंह में भी कपड़ा ठूंसा गया था. शरीर से बह रहा खून काला पडऩे के बाद एक बात साफ थी कि उस की मौत को कम से कम 48 घंटे बीत चुके थे.