पुलिस ने राहुल और उस के भाइयों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए तो राहुल ने वकील के माध्यम से ममता को अदालत में पेश कर के धारा 164 के तहत अपने पक्ष में बयान दिला दिया. ममता बालिग थी ही, अदालत ने ममता को राहुल के साथ रहने की इजाजत दे दी. राहुल बंगाली बाबू के सामने ही उन की बेटी को ले कर अपने घर में रहने लगा. राहुल उन्हें जलील करने के लिए छत पर खुलेआम ममता के गले में बांहें डाल कर अश्लील हरकतें करता.
बंगाली बाबू ने टोंका तो राहुल ही नहीं, प्रवीण, प्रमोद, दीपू और सुनील उन्हें गंदीगंदी गालियां देते हुए धमकी देने लगे कि वे उन की छोटी बेटी को भी ममता की तरह भगा ले जाएंगे. हद तो तब हो गई, जब एक दिन राहुल ने अपने भाइयों के साथ बंगाली बाबू के घर में घुस कर उन से मारपीट कर के उन से कहने लगा कि वह अपना मकान उन के नाम करा दें.
नेहा का प्रेमी प्रवीण भी अपने भाई राहुल की हर बुरे काम में पूरा सहयोग कर रहा था. यह सब देख कर वह डर गई कि एक दिन ये लोग यही सब उस की मां के साथ भी कर सकते हैं. यही सोच कर उस ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब वह प्रवीण से अपना हर तरह का संबंध खत्म कर लेगी. प्रवीण की हरकतों को देख कर उसे उस से जितना प्यार था, उस से कहीं ज्यादा नफरत हो गई.
नेहा को प्रवीण और उस के भाइयों से डर भी लगने लगा, क्योंकि उन्होंने बंगाली बाबू और उन की पत्नी के साथ मारपीट भी की थी. यह देख कर उसे लगा कि ये लोग उस की मां पर भी हाथ उठा सकते हैं. उस के भाई के साथ भी कुछ उलटासीधा कर सकते हैं.
इस के बाद नेहा ने प्रवीण से मिलनाजुलना ही नहीं, फोन पर बात करना भी बंद कर दिया. प्रवीण उसे मिलने के लिए बुलाता तो वह इग्नोर कर देती. अब वह घर से भी नहीं निकलती थी. वह घर में रह कर अपनी पढ़ाई में लगी रहती. यही सब करते 10-12 दिन हो गए. इस बीच उस ने अपनी मां से भी कह दिया था कि उस से एक गलती हो गई है, जिसे वह सुधारने की कोशिश कर रही है.
कुसुमवती को पता था कि उन की बेटी से कौन सी गलती हुई है. वह चाहती थीं कि वह स्वयं ही तय करे कि प्रवीण उस के लायक है या नहीं. शायद नेहा समझ गई थी कि प्रवीण उस के लायक नहीं है. इसीलिए वह उसे इग्नोर कर रही थी.
प्रवीण को इस बात का अहसास हुआ तो नेहा का यह व्यवहार उसे पसंद नहीं आया. वह उस से मिल कर उस के बदले व्यवहार की वजह पूछना चाहता था. जबकि वह उसे मिलने का मौका नहीं दे रही थी, इसलिए एक दिन प्रवीण उस के पीछेपीछे उस की कोचिंग पहुंच गया. नेहा ने उस से बात नहीं की तो घर आ कर उस ने उसे फोन किया.
नेहा को पता था कि प्रवीण सीधे उस का पीछा छोड़ने वाला नहीं है. इसलिए उस ने फोन रिसीव कर के कहा, ‘‘आज के बाद तुम कभी मुझे फोन मत करना, क्योंकि अब मैं तुम से कोई संबंध नहीं रखना चाहती. यह हमारी अंतिम बातचीत है.’’
इतना कह कर नेहा ने फोन काट दिया.
नेहा की इस बात से प्रवीण भन्ना उठा. उसे लगा कि नेहा ने उसे इस तरह जवाब दे कर उस की दबंगई और मर्दानगी को थप्पड़ मारा है. गुस्से में सीधे वह नेहा के घर जा पहुंचा. नेहा उस समय अपने कमरे में पोछा लगा रही थी, साथ ही वाशिंग मशीन में कपड़े भी धुल रही थी. पानी की मोटर भी चल रही थी. पोछा की ही वजह से उस ने मकान के सभी दरवाजे खोल रखे थे. उसे क्या पता था कि उस के मना करने के बावजूद प्रवीण जबरदस्ती उस के घर आ जाएगा.
प्रवीण ने कमरे में जा कर नेहा के गाल पर एक थप्पड़ मार कर कहा, ‘‘मैं मिलने के लिए बुला रहा हूं तो कह रही है कि मैं नहीं आऊंगी, तेरी यह मजाल. मैं चाहूं तो तुझे अभी उठा ले जाऊं और किसी वेश्या बाजार में बेच दूं, मेरा कोई कुछ नहीं कर पाएगा. पुलिस भी हमारे ऊपर हाथ नहीं डाल सकती. देख तो रही है, ममता मेरे घर में है. उस का बाप ही नहीं, पुलिस भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाई.’’
प्रवीण की इस हरकत पर नेहा को भी गुस्सा आ गया. वह उस से भिड़ गई. इस पर प्रवीण बौखला उठा और उस ने नेहा की ऐसी धुनाई की कि उस का एक दांत टूट गया और होठ भी फट गया. इस तरह नेहा पर अपना गुस्सा उतार कर प्रवीण जिस तरह आया था, उसी तरह चला गया.
प्रवीण के जाने के बाद नेहा ने अपनी हालत पर गौर किया तो उसे लगा कि जब इस सब की जानकारी मां को होगी तो वह जीते जी मर जाएंगी. वह यह सब कैसे बरदाश्त करेंगी? जिस बेटी पर उन्होंने ईश्वर से भी ज्यादा विश्वास किया, उस ने उन्हें इतना बड़ा धोखा दिया.
वह जानती थी कि प्रवीण अपने भाइयों के साथ मिल कर कुछ भी कर सकता है. जब चाहे उसे उठा ले जा सकता है. उस की मां की भी बेइज्जती कर सकता है. उस के भाई के साथ भी कुछ उलटासीधा कर सकता है. यह सब सोच कर वह डर गई. उसे लगा कि अगर कुछ ऐसा होता है तो यह सब उसी की वजह से होगा. तब उसे लगा कि अगर वह नहीं रहेगी तो यह सब होने से बच जाएगा. यही सोच कर उस ने तय किया कि अब वह नहीं रहेगी. फिर उस ने गले में दुपट्टा बांध कर आत्महत्या कर ली.
प्रवीण के इस बयान के बाद पुलिस ने उस पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. उस के बाकी भाइयों के नाम निकाल दिए गए. नेहा की मां ने इन पांचों कौरवों के डर से वह मोहल्ला छोड़ दिया है. उन्हें लगता है कि पुलिस ने उन के साथ न्याय नहीं किया है, वह इस मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराना चाहती हैं.
— कथा पुलिस सूत्रों एवं प्रवीण के बयान पर आधारित


