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6 अगस्त, 2014 को हरियाणा के जिला गुड़गांव के सेक्टर 17-18 थाने में एक महिला थानाप्रभारी  से मिली. 26-27 साल की वह महिला पहनावे से अच्छे परिवार की लग रही थी. तीखे नयननक्श वाली बेहद खूबसूरत उस महिला ने अपना नाम मेनका बताया था. जैसा उस का नाम था वैसी ही वह खूबसूरत भी थी.

थानाप्रभारी को अपना परिचय देने के बाद उस ने बताया कि उस के प्रेमी आशीष बिश्नोई ने उस की अश्लील फिल्म बना रखी है. उस फिल्म के जरिए वह उसे काफी दिनों से ब्लैकमेल कर रहा है. इस के अलावा फरजी जज बन कर उस ने गुड़गांव के तमाम लोगों से करोड़ों रुपए भी ठगे हैं.

मामला गंभीर था, थानाप्रभारी ने इस मामले से पुलिस उपायुक्त को अवगत कराया चूंकि अपराध महिला के साथ हुआ था, इसलिए पुलिस उपायुक्त ने रिपोर्ट दर्ज कर के शीघ्र ही उचित काररवाई करने के निर्देश दिए.

निर्देश मिलते ही थानाप्रभारी ने आशीष बिश्नोई पुत्र रामकिशन, निवासी सेक्टर-13 हिसार के खिलाफ भादंवि की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 506 व 66ई/72 आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली.

आशीष वर्तमान में गुड़गांव सेक्टर-53 स्थित गुडलक सोसाइटी और ग्रांड रेजीडेंसी में रह रहा था. लेकिन उस ने ये दोनों फ्लैट खाली कर दिए थे. फ्लैट खाली कर के वह कहां गया, यह किसी को पता नहीं था. आशीष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) विवेश शर्मा ने इस मामले की जांच में सेक्टर-46 की सीआईए (क्राइम ब्रांच) टीम को भी लगा दिया.

सीआईए के इंसपेक्टर यशवंत सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनाई गई, जिस में एसआई सुरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, सुरेश कुमार, हेडकांस्टेबल राजवीर सिंह, संदीप कुमार, बिजेंद्र सिंह, कांस्टेबल नरेश आदि को शामिल किया गया. सीआईए टीम के पास आशीष के गुड़गांव और हिसार के पते थे. पुलिस ने त्वरित काररवाई करते हुए उस के गुड़गांव वाले फ्लैटों पर दबिश दी. वह वहां नहीं मिला तो पुलिस टीम 7 अगस्त को हिसार स्थित उस के घर पहुंच गई.

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