Bihar True Crime: जब कोई पवित्र रिश्ता, रिश्ता न रह कर वासनापूर्ति का माध्यम बन जाए और दूसरे कई रिश्ते प्रभावित होने लगें तो समझ लेना चाहिए कि इस का अंजाम भयानक ही होगा. मोनिका के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ. बिहार के जिला जहानाबाद के थाना काको क्षेत्र में एक गांव है हाजीपुर. इस गांव के शिक्षक अनिल शर्मा के यहां 22 जनवरी, 2015 की रात डकैती डाली गई. डकैती की इस वारदात में उन की पत्नी ललिता देवी और जवान बेटी मोनिका की गोली मार कर हत्या कर दी गई, जबकि उन की दूसरी बेटी अंजलि बुरी तरह घायल हुई.

इस घटना की जानकारी थाना काको को दी गई तो थानाप्रभारी अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस तत्काल मौकाएवारदात पर पहुंच गई. सूचना पा कर जहानाबाद की पुलिस अधीक्षक अनुसुइया रणसिंह साहू भी हाजीपुर पहुंच गईं. डकैती और 2 हत्याओं का मामला था, इसलिए पटना प्रक्षेत्र के आईजी ए.के. अंबेडकर भी आ गए थे. पुलिस ने घटनास्थल की जांच की तो पता चला कि डकैती में कोई खास सामान नहीं गया था. 2 हत्याओं और एक हत्या की कोशिश का यह मामला साफ इशारा कर रहा था कि यह डकैती नहीं थी, बल्कि डकैती की आड़ में हत्याएं की गई थीं. इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन की दुश्मनी गांव के अक्षय शर्मा, धन्नू शर्मा और धनेश शर्मा से थी.

अनिल शर्मा के अनुसार, ये लोग उन की जमीन पर नाली बनाना चाहते थे, जिसे ले कर कई बार झगड़ा हुआ था. बाद में यह मामला एसडीएम के पास पहुंचा और जमीन की नपाई के बाद एसडीएम ने उन के पक्ष में फैसला दिया. इसी को ले कर अक्षय, धन्नू और धनेश उन से दुश्मनी रखते थे. बुरी तरह घायल अंजलि को घर वाले इलाज के लिए पहले ही जहानाबाद सदर अस्पताल ले जा चुके थे. पुलिस ने घटनास्थल की जरूरी काररवाई पूरी कर के ललिता और मोनिका की लाशों को भी पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद के सरकारी अस्पताल भेज दिया. घटनास्थल की जांच और घर वालों के बयानों के बाद पुलिस अधिकारियों ने विचारविमर्श किया तो वे इस नतीजे पर पहुंचे कि इस वारदात को डकैती के लिए अंजाम नहीं दिया गया था.

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