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वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) श्वेताभ तिवारी की मुरादाबाद में दिल्ली रोड पर बंसल कांप्लैक्स में श्वेताभ ऐंड एसोसिएट नाम से फर्म है, यहीं पर इन का औफिस भी है. श्वेताभ तिवारी यहीं पर प्रौपर्टी डीलिंग का काम भी करते थे. इन के औफिस में करीब 80 कर्मचारी काम करते थे.

बात 5 फरवरी, 2023 की शाम 7 बजे की है. इन का औफिस बंद हो चुका था, लेकिन काम की अधिकता के कारण श्वेताभ तिवारी अपने बिजनैस पार्टनर अखिल अग्रवाल के साथ कार्यालय में बैठे अपना काम निबटा रहे थे. उसी समय श्वेताभ तिवारी के निजी ड्राइवर ने कहा, ‘‘सर, मैं ने गाड़ी लगा दी है.’’

श्वेताभ तिवारी ने कहा कि हमें कुछ जरूरी काम है समय लग जाएगा. इसलिए तुम अपने घर चले जाओ, मैं गाड़ी खुद ड्राइव कर के ले जाऊंगा. पता नहीं कि हमें कितना समय लगे. इतना सुनते ही ड्राइवर अपने घर चला गया था.

रात करीब पौने 9 बजे श्वेताभ तिवारी ने गार्ड नीरज को बुला कर कहा कि औफिस बंद कर के चाबी मुझे दे दो. गार्ड नीरज ने औफिस बंद कर चाबियां श्वेताभ तिवारी को सौंप दीं. इस के बाद श्वेताभ तिवारी और पार्टनर अखिल अग्रवाल औफिस से निकल कर कार में बैठ गए थे. ठीक उसी समय श्वेताभ तिवारी के फोन की घंटी बजी. किसी परिचित या महत्त्वपूर्ण व्यक्ति का फोन था.

वह गाड़ी कादरवाजा खोल कर बाहर आ गए थे. फोन पर बात करतेकरते वह 50 मीटर दूर स्थित बैंक औफ बड़ौदा के एटीएम के पास आकर बात करने लगे. ठीक उसी समय कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें गोली मार दी. गोली उन का जबड़ा पार कर निकल गई थी. वह अपनी जान बचाने के लिए तेजी से बंसल कांप्लैक्स की तरफ भागे, लेकिन वह जमीन पर गिर पड़े. हमलावर उन के पीछे था. उस ने उन पर पुन: फायर झोंक दिए.

उन्हें 6 गोलियां मारी गई थीं. एक हमलावर बाइक लिए खड़ा था. श्वेताभ तिवारी गोली खा कर भी तड़प रहे थे. तभी बाइक पर बैठे व्यक्ति ने हमलावर युवक से कहा कि देख वो तो जिंदा है. बाइक पर सवार व्यक्ति से हमलावर युवक ने .315 बोर का तमंचा ले कर 7वां फायर भी झोंक दिया. जब हमलावर ने देखा कि वह शांत हो गए हैं तो वे दोनों बाइक पर सवार हो कर बुद्धि विहार कालोनी, सोनकपुर पुल होते हुए हरथला की तरफ भाग गए थे.

श्वेताभ तिवारी के पार्टनर अखिल अग्रवाल कार में ही बैठे रहे, लेकिन उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं दी. वह उस समय फोन से अपने बेटे से बात करने में व्यस्त थे. उस दिन शादियों का सहालग था. श्वेताभ तिवारी का गार्ड नीरज भी बारात देखने के लिए सडक़ पर जाने लगा तो उस ने देखा श्वेताभ तिवारी खून से लथपथ जमीन पर गिरे पड़े हैं. वह भाग कर चिल्लाता हुआ गाड़ी तक आया. उस ने उन के पार्टनर अखिल अग्रवाल को बताया कि साहब श्वेताभ तिवारी जमीन पर गिरे पड़े हैं व खून से लथपथ हैं. यह सुन कर अखिल अग्रवाल भी भाग कर वहां पहुंचे, नजारा बहुत गंभीर था.

अखिल अग्रवाल व गार्ड नीरज ने उन्हें उठा कर गाड़ी में डाला व पास के ही एपेक्स अस्पताल ले गए. वहां पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

सीए की हत्या पर लोगों में आक्रोश

इस हादसे की सूचना अखिल अग्रवाल ने मृतक श्वेताभ तिवारी की पत्नी शलिनी को दी. सीए श्वेताभ तिवारी की हत्या की खबर सुन कर पूरे घर में कोहराम मच गया. शालिनी का रोतेराते बुरा हाल था. इस हत्याकांड की खबर सुन कर तमाम एक्सपोर्टर, गणमान्य नागरिक, जन प्रतिनिधि, मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर, एसएसपी हेमराज मीणा, एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया, सीओ डा. अनूप सिंह अस्पताल पहुंचे. तुरंत ही घटनास्थल का निरीक्षण किया.

इधर सूचना मिलते ही बरेली से (मुरादाबाद बरेली) रेंज के एडीजी प्रेमचंद्र मीणा भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उन्होंने भी मृतक श्वेताभ तिवारी की पत्नी शालिनी व दोस्तों से बात कर घटना की वजह जानने की कोशिश की. पुलिस ने घटनास्थल से 6 खोखे बरामद किए. वहां से सबूत बरामद करने के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया. पोस्टमार्टम में मृतक श्वेताभ तिवारी को 7 गोलियां लगने की पुष्टि हुई.

चूंकि मामला हाईप्रोफाइल था, इसलिए एसएसपी हेमराज मीणा ने एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया के नेतृत्व में 5 पुलिस टीमों का गठन किया. इन टीमों में मुख्यरूप से सीओ डा. अनूप सिंह, एसएचओ (मझोला) विप्लव शर्मा, एसएचओ (सिविल लाइंस) महेंद्र सिंह, एसएचओ (मूंढापांडे) रविंद्र प्रताप सिंह, एसओजी इंचार्ज रविंद्र सिंह, सर्विलांस सेल इंचार्ज राजीव कुमार, एसआई सतराज सिंह आदि को शामिल किया गया.

सब से पहले तेजतर्रार सीओ डा. अनूप सिंह ने मृतक श्वेताभ तिवारी की पत्नी शालिनी से पूछा कि आप को किस पर शक है, किसकिस से आप की दुश्मनी है तो शालिनी ने बताया कि साहब हमारी किसी से कोई रंजिश नहीं है. वह तो बहुत ही सीधेसादे थे. उन का प्रौपर्टी का बड़ा काम था. कहीं भी किसी से उन का कोई झगड़ा नहीं था. उन्हें बस अपने काम से मतलब रहता था, इसी में वह लगे रहते थे.

400 सीसीटीवी फुटेज की जांच

पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के लगभग 400 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक किए, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. इस के बाद पुलिस ने श्वेताभ तिवारी के औफिस में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को थाने बुला कर उन से पूछताछ की. उन से भी कोई क्लू नहीं मिल पा रहा था. पुलिस ने करीब 8 हजार मोबाइल नंबरों को भी खंगाला, जो उस समय नजदीक टावरों की रेंज में थे. इन में से पुलिस को कोई भी संदिग्ध नंबर नहीं मिला. पुलिस का मानना था कि साजिशकर्ता ने शूटरों से जरूर संपर्क किया होगा.

मृतक श्वेताभ तिवारी की फर्म श्वेताभ एसोसिएट में 4 पार्टनर हैं. एक पार्टनर की मृत्यु हो चुकी है 3 अन्य पार्टनरों से भी पुलिस ने पूछताछ की. इन से भी हत्या के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल सकी. पुलिस ने मृतक श्वेताभ तिवारी के घर के नौकर, नौकरानियों ड्राइवरों से भी पूछताछ की, यहां भी पुलिस को निराशा मिली.

इस के बाद पुलिस ने आसपास के टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले, उन से भी हत्यारों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. पुलिस ने हत्या के बाद से पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी थी. पुलिस यह मान कर चल रही थी कि शूटर बाहर के नहीं, बल्कि यहीं के हैं.

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