कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

श्वेताभ हत्याकांड से पूर्व 12 जनवरी, 2023 की रात में स्पोट्र्स सामान की दुकान करने वाले कुशांक गुप्ता जब दुकान बंद कर घर जा रहे थे तो अज्ञात हत्यारे ने उन की गोली मार कर हत्या कर दी थी. पुलिस ने मृतक कुशांक गुप्ता के घर वालों के शक के आधार पर उन के 2 किराएदार प्रियांशु गोयल व हिमांशु गोयल को हत्या के इस केस में जेल भेजा था.

प्रियांशु व हिमांशु के घर वालों ने पुलिस से बहुत विनती की कि इस हत्याकांड से इन दोनों का दूरदूर तक कोई वास्ता नहीं है. पुलिस को भी इन दोनों से हत्या का कोई सबूत नहीं मिला था. मृतक के घर वालों ने इन पर शक इस आधार पर किया था कि कुछ दिन पहले किराए को ले कर कुशांक गुप्ता का इन से झगड़ा हुआ था.

प्रियांशु और हिमांशु मूलत: नूरपुर बिजनौर के रहने वाले थे. वे यहां पर पढऩे के लिए आए थे. 3 महीने बाद जब इन दोनों भाइयों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की. फिर कोर्ट के आदेश पर दोनों भाइयों को रिहा कर दिया गया.

एक जैसे थे दोनों हत्याकांड

13 माह बीतने के बाद भी पुलिस हत्याकांड का खुलासा नहीं कर पा रही थी. श्वेताभ तिवारी हत्याकांड के साथ पुलिस ने इस केस को भी खोलने का प्रयास तेज कर दिया था. क्योंकि इन दोनों मामलों में एक ही तरह से घटना को अंजाम दिया था. दोनों की हत्या करने का तरीका एक जैसा ही था.

पुलिस ने श्वेताभ तिवारी और कुशांक गुप्ता हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया तो दोनों में समानता थी. दोनों ही केसों में शूटर का हुलिया एक जैसा था. सिद्ध वली स्पोट्र्स सोनकपुर में मृतक कुशांक गुप्ता की एक दुकान है. 2020 में यह दुकान (नाई की दुकान) खाली करवाने का विवाद चल रहा था.

दुकान खाली करने को ले कर तत्कालीन ब्लौक प्रमुख मूंढापांडे और भाजपा नेता ललित कौशिक ने अपने साथियों के साथ हथियार लहराते हुए मृतक कुशांक गुप्ता को धमकाया था. कुशंाक गुप्ता की दुकान पर लगे सीसीटीवी में वह घटना कैद हो गई थी. कैद हुई घटना को कुशांक गुप्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था. जिस कारण तत्कालीन ब्लौक प्रमुख मूंढापांडे ललित कौशिक की वजह से भाजपा की काफी छीछालेदर हुई थी.

दुकान पर आ कर धमकाने की रिपोर्ट मृतक कुशांक गुप्ता ने थाना सिविल लाइंस में करवाई थी, लेकिन सत्ता पक्ष से जुड़ा ललित कौशिक ब्लौक प्रमुख के खिलाफ पुलिस ने कोई काररवाई नहीं की थी. उधर ब्लौक प्रमुख ललित कौशिक बीजेपी में अपनी छवि खराब होने पर कुशांक गुप्ता से बहुत नाराज था. उस ने प्रण कर लिया कि वह कुशंाक गुप्ता को इस का सबक जरूर सिखाएगा.

फिर उस ने भाड़े के हत्यारे से कुशांक गुप्ता की 12 जनवरी, 2022 को रात 8 बजे हत्या करवा दी. इतना ही नहीं, वह हत्या होने के बाद भी संवदेना प्रकट करने के लिए कुशांक गुप्ता के घर गया था. कुशांक की हत्या से कुछ दिन पहले 2 भाई प्रियांशु और हिमांशु, जोकि कुशांक के किराएदार थे, से किराए को ले कर मारपीट हो गई थी. कुशांक गुप्ता के पिता अशोक गुप्ता ने इन दोनों भाइयों के खिलाफ कुशांक की हत्या करने की रिपोर्ट दोनों भाइयों के खिलाफ दर्ज करवाई थी.

एसपी (सिटी) ने कराई निगरानी

एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया ने मृतक श्वेताभ तिवारी के बंगले साईं गार्डन में आनेजाने वाले लोगों पर विजिलेंस टीम को लगाया जो वहां आनेजाने वाले सभी संदिग्ध लोगों पर नजर रखें. डा. अनूप सिंह ने श्वेताभ तिवारी की पत्नी शालिनी से उन दोनों व्यक्तियों के बारे में जानकारी की तो उस ने बताया, ‘‘ये दोनों व्यक्ति मेरे भाई संदीप ओझा के मिलने वाले हैं. घर पर ये लोग पहली बार आए हैं और बिना मांगे मुझे कानूनी सलाह दे रहे हैं, हमारे परिवार के नजदीकी बने हुए हैं. मुझे भी ये लोग संदिग्ध लगे.’’

पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इन में से एक व्यक्ति का नाम ललित कौशिक है, वह मूंढापांडे का पूर्व ब्लौक प्रमुख है, जिसे थाना मंढापांडे पुलिस एक अपहरण व मारपीट के मामले में ढूंढ रही है. उस के साथ आने वाले दूसरे व्यक्ति का नाम विकास शर्मा था. पुलिस ने उसे उस के मुरादाबाद शहर के रेती स्ट्रीट स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया.पुलिस ने उस से पूछताछ की तो विकास शर्मा ने बताया कि मृतक श्वेताभ तिवारी के साले संदीप ओझा से उस की दोस्ती है. उस के साथ उठनाबैठना खानापीना है.

उधर पुलिस की एक टीम पूर्व ब्लौक प्रमुख ललित कौशिक की तलाश में लगी थी. 25 मार्च, 2023 को प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे थे. उस मीटिंग में पूर्व ब्लौक प्रमुख ललित कौशिक भी सम्मिलित हुआ था.

सर्किट हाउस से किया गिरफ्तार

पुलिस ने ललित कौशिक को सर्किट हाउस में चल रही मीटिंग में से किसी बहाने से बुला लिया. फिर उसे गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा कर पहले पुलिस लाइन ले जाया गया. वहां उस से श्वेताभ तिवारी की हत्या के संबंध में पूछताछ की. उस ने उस की हत्या की कहानी बयां कर दी. पुलिस ने उसी रात ललित कौशिक के घर की तलाशी ली तो वहां से 8 लाख रुपए और अवैध पिस्टल की मैगजीन बरामद की थी. पुलिस ने विकास शर्मा नाम के जिस युवक को उठाया था, वह खुद को निर्दोष बता रहा था. कह रहा था कि श्वेताभ तिवारी के साले संदीप ओझा से उस की दोस्ती है.

पुलिस ने उस का फोन ले कर उस की काल डिटेल्स निकलवाई तो पुलिस को कुछ संदिग्ध फोन नंबर मिले. जिस दिन श्वेताभ तिवारी की हत्या हुई थी, विकास शर्मा की लोकेशन एपेक्स अस्पताल पर थी. उस ने वहां से कई बार ललित कौशिक से बात की थी. पुलिस ने उस से उस बातचीत के बारे में पूछताछ की तो उस ने बताया, ‘‘मैं ने उन से कहा था सीए सर को किसी ने गोली मार दी है. उस के बाद मैं ने दूसरी बार बताया कि श्वेताभ तिवारी की मृत्यु हो गई है.’’

पुलिस ने उस से पूछा कि घटना के तुरंत बाद तुम अस्पताल क्यों पहुंचे तो वह पुलिस के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. पुलिस को कुछ संदिग्ध नंबर भी मिले. पुलिस ने ललित कौशिक के फोन को भी खंगाला. उस में एक नंबर ऐसा मिला, जिस से कई बार बातचीत का ब्यौरा पुलिस को मिला. उक्त नंबर विकास शर्मा के मोबाइल में भी था.

जांच की तो वह फोन नंबर भोजपुर (मुरादाबाद) निवासी खुशवंत उर्फ भीम का था. वह वर्तमान में हरथला (मुरादाबाद) में रह रहा था. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...