बदलते परिवेश में एक तरफ जहां महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं, वहीं दूसरी ओर अपराधों में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है. इस की वजह जो भी हो, लेकिन कुछ महिलाएं मोटी कमाई के चक्कर में अपना जमीर तक बेच देती हैं.

ऐसी महिलाएं किसी व्यक्ति को अपने आकर्षणपाश में फांस कर उसे ब्लैकमेल करती हैं और मोटी रकम वसूलती हैं. उन के लिए यह मोटी कमाई का आसान जरिया होता है.

प्रस्तुत कथा ऐसे ही अलगअलग गिरोहों की है, जिन में महिलाएं भी शामिल थीं. गैंग के सदस्य शिकार को अपने जाल में इतनी आसानी से फांसते थे कि उस का उन के चंगुल से निकलना मुश्किल हो जाता था. इन की पहली चाल शुरू हो जाती थी ब्लैकमेलिंग से.

14 अगस्त, 2019 को सिद्धमुख (चुरू) गांव में डेयरी पर नौकरी करने वाले सागर शर्मा के घर विपिन शर्मा अपनी पत्नी रितु शर्मा को ले कर पहुंचा. 6 महीने पहले वह पत्नी के साथ उसी डेयरी पर बने कमरे में किराए पर रहता था और सिद्धमुख गांव में गोलगप्पे की रेहड़ी लगाता था. बाद में वह कमरा खाली कर जयपुर चला गया था. सागर शर्मा ने दोनों की आवभगत की. फिर सागर और विपिन में इधरउधर की बातें होने लगीं.

उसी दौरान चाय का घूंट लेते हुए विपिन ने सागर से कहा, ‘‘भैया, मुझे रुपयों की सख्त जरूरत है. प्लीज, एक लाख रुपए उधार दे दो. अगर आप के पास नहीं हैं तो किसी से उधार ले कर दे दो. मैं अगले महीने सूद सहित लौटा दूंगा.’’

‘‘देखो विपिन, तुम्हें तो पता ही है कि मैं विनोद सेठ की दूध डेयरी पर नौकरी करता हूं. मेरे लिए यह बहुत बड़ी है. अगर तुम्हें 2-4 हजार की जरूरत हो तो मालिक से ले कर दे सकता हूं.’’ सागर ने कहा.

सागर के इस जवाब पर विपिन व रितु मुंह लटका कर वहां से चले गए.

अगले दिन 16 अगस्त की सुबह सागर के मोबाइल पर विपिन की काल आई. उस ने काल रिसीव की तो विपिन ने उसे गालियां देते हुए कहा, ‘‘तू बड़ा कमीना निकला सागर. तूने दोस्ती की आड़ में मेरे साथ दगा किया है. मेरी बीवी के साथ गलत काम करते हुए कुछ तो शरम कर लेता.’’

इतना सुन कर सागर के होश उड़ गए. वह बोला, ‘‘अरे भैया, यह तुम क्या कह रहे हो. तुम भी तो भाभी के साथ थे. यह सरासर झूठ है.’’

‘‘देख सागर, तेरे कहने से कुछ नहीं होगा. जब रितु थाने जा कर तेरे खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाएगी तो तुझे दिन में तारे दिखाई दे जाएंगे.’’ विपिन ने सागर को धमकी दी.

सागर बालबच्चेदार था. बात झूठ थी फिर भी जलालत की सोच कर उस की रूह कांप गई. विपिन उसे फिर से गाली देते हुए बोला, ‘‘अब जल्दी से 25 लाख रुपयों का इंतजाम कर ले. नहीं तो तुझे जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता.’’

विपिन के साथी गौरधन मीणा ने उस से फोन ले कर सागर को घुड़का. उस ने कहा, ‘‘जैसा विपिन कह रहा है, मान ले. विपिन को राजी कर ले, नहीं तो जेल में सड़ेगा.’’

सागर ने उसे बताया कि उस के पास इतने पैसे नहीं हैं, जो बन सकेंगे, वह दे देगा.

‘‘ठीक है, अब मैं बाद में बात करूंगा.’’ कह कर विपिन ने काल डिसकनेक्ट कर दी.

अचानक आई इस मुसीबत से सागर घबरा गया. वह समझ नहीं पा रहा था कि वह इस परेशानी से कैसे बाहर निकले. उसी रात विपिन ने सागर को फिर फोन किया.

वह बोला, ‘‘देख सागर, तेरे लिए 25 लाख का इंतजाम करना संभव नहीं है तो तू 15 लाख का इंतजाम कर ले. इतने में मामला सैटल हो जाएगा नहीं तो कल मीडिया में तेरी काली करतूत सामने आएगी तो तू जरूर आत्महत्या कर लेगा.’’

इस धमकी से सागर और भी ज्यादा डर गया. चूंकि विपिन पहले डेयरी मालिक विनोद अग्रवाल के यहां किराए पर रहता था, इसलिए विपिन को समझाने के लिए सागर ने अपने मालिक की विपिन से बात कराई. लेकिन विपिन नहीं माना.

2 दिनों बाद विपिन ने विनोद अग्रवाल को फोन कर कहा कि अगर 15 लाख का इंतजाम न हो पा रहा हो तो 10 लाख का जुगाड़ कर लो. इतने पैसों में मामला रफादफा कर देंगे. विपिन ने यह भी विश्वास दिलाया कि रकम मिलने पर रितु स्टांप पेपर पर लिख कर सागर को क्लीन चिट दे देगी.

अगले दिन सागर के पास फिर विपिन का फोन आया. वह बोला, ‘‘देख सागर रितु की बुआ रावतसर में रहती है. तू कल रकम ले कर रावतसर आ जा. 8 लाख से काम चल जाएगा. कल अगर सारे पैसों की व्यवस्था न हो पाए तो अगले दिन के चेक दे देना.’’

‘‘ठीक है, मैं पहुंच जाऊंगा.’’ सागर ने उस से कहा.

11 सितंबर को विपिन, रितु, बाबूलाल कीर, गोरेधन मीणा व मूलचंद मीणा को ले कर रावतसर आ गया. सागर भी रावतसर आ गया था. वे लोग रावतसर से 7 किलोमीटर दूर चाइया गांव के पास एक होटल में रुके. विपिन ने फोन कर सागर को भी वहीं बुला लिया था.

वहां पहुंचते ही सब लोग सागर को एक सुनसान जगह पर ले गए. उसे डराधमका कर उन लोगों ने सागर की जेब से 60 हजार रुपए निकाल लिए. बकाया रकम के लिए उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक के 7,40,000 के 2 चैक ले लिए.

सागर को साथ ले कर वे लोग रावतसर के तहसील कार्यालय पहुंच गए. रितु ने 50 रुपए को स्टांप पेपर पर लिख कर दे दिया कि अब उसे सागर शर्मा से कोई शिकायत नहीं है.

उस की एक फोटोकौपी उस ने सागर को दे कर बाकी रकम अगले दिन तक देने को कह दिया. इस के बाद सागर घर लौट गया. विपिन भी गिरोह के साथ रिश्तेदारी में चला गया.

सागर को बाकी की रकम देने की चिंता थी. उधर विपिन ने विनोद सेठ को फोन कर रकम का तकाजा कर दिया था. अगले दिन सागर विपिन के बताए अनुसार उसी होटल पर पहुंच गया. दूसरी तरफ विनोद ने विपिन को फोन कर रावतसर पहुंचने की सूचना दे दी थी. विनोद अपने एक दोस्त के साथ पहले ही रावतसर पहुंच गया था.

तीनों सलाहमशविरा कर के रावतसर पुलिस स्टेशन पहुंच गए. थाने में मौजूद सीआई अरुण चौधरी को पीडि़त पक्ष ने अपनी व्यथा सुना दी. सीआई के आदेश पर पुलिस पार्टी ने सादे कपड़ों में होटल पर दबिश दे कर ब्लैकमेलर विपिन शर्मा, उस की पत्नी रितु शर्मा, गोरेधन मीणा, बाबूलाल और मूलचंद मीणा को हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने उन के पास से नकदी, चैक, शपथपत्र वगैरह बरामद कर के उन से पूछताछ की. उन लोगों ने सागर शर्मा को ब्लैकमेल करने की बात स्वीकार कर ली. पुलिस ने पांचों आरोपियों से पूछताछ कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में धान का कटोरा माने जाने वाली एक तहसील है टिब्बी. घाघर नदी का बहाव क्षेत्र रही यहां की भूमि श्रेष्ठतम उपजाऊ है. इसी तहसील का एक गांव है पीर कामडि़या. अख्तर उर्फ अकरम इसी गांव का बाशिंदा था. वह 16 सितंबर, 2019 को हनुमानगढ़ के जिला स्वास्थ्य केंद्र में दवा लेने आया हुआ था. मरीजों की लाइन में लगे अख्तर के आगे सोमप्रकाश खड़ा था.

दोनों में बातचीत शुरू हुई तो उन्होंने एकदूसरे को अपनेअपने बारे में बताया. सोमप्रकाश ने बताया कि उस का हनुमानगढ़ में जूतेचप्पलों का शोरूम है. तब अख्तर ने सोम से कहा, ‘‘भैया, मेरे एक जानकार के पास पीरकामडि़या गांव में एक काउंटर व एक अलमारी पड़ी है. दोनों ही बहुत बढि़या हालत में हैं. आप के फायदे का सौदा है. आधे दाम में आप को दिला दूंगा.’’

सोम का मन ललचा गया. फिर दोनों ने एकदूसरे को अपने मोबाइल नंबर दे दिए थे, ताकि बात हो सके.

अगले दिन सोमप्रकाश अपनी बाइक से पीरकामडि़या गांव पहुंच गया. फोन करने पर अख्तर आ गया. अख्तर सोम को रशीदा बीबी के घर ले गया. उस के कहने पर वह अलमारी व काउंटर देखने के लिए एक कमरे में घुस गया. तभी वहां मोमन खां व 2 महिलाएं, जो परदे के पीछे थीं, अचानक आ गईं. सभी ने सोम के साथ मारपीट कर उसे निर्वस्त्र कर दिया.

कमरे में मौजूद महिलाएं भी नंगधड़ंग हो गईं. अख्तर ने सोम व महिलाओं की उसी अवस्था में वीडियो बना ली. इस के बाद मोमन खां ने सोम को छुरा दिखाते हुए धमकाया कि अगर उस ने उन का कहा नहीं माना तो वह उसे हलाल कर देंगे. आरोपियों का मंतव्य भांपते ही सोम को जैसे सांप सूंघ गया. वह वैसा ही करता गया, जैसा उन्होंने कहा.

वीडियो बनाने के बाद मोमन खां ने उसे धमकाया, ‘‘देख सोम, तूने 2 महिलाओं का रेप किया है. अब 10 लाख रुपयों की व्यवस्था कर हमें दे दे, नहीं तो तेरे खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाएंगे.’’

अख्तर ने राजीनामे की बात कह कर सोम को मामूली सी राहत की किरण दिखाई.

‘‘अरे भैया, मैं ने किसी का रेप नहीं किया. क्यों झूठी तोहमत लगा रहे हो. आप दोनों भी उस समय कमरे में मौजूद थे.’’ सोम गिड़गिड़ाया.

‘‘सोम, हम दोनों की मौजूदगी ही तुझे बलात्कारी साबित करेगी. हमारे बयान तेरे खिलाफ होंगे.’’ अख्तर ने उसे फिर डपट दिया.

‘‘भैया, 10 लाख रुपयों का इंतजाम तो मेरी सात पुश्तें भी नहीं कर पाएंगी. हां, 5-7 हजार रुपयों का इंतजाम मैं जरूर कर लूंगा.’’ जैसे सोम ने अपना दिल खोल कर रख दिया.

सभी ने मिल कर सोम को 30 हजार रुपए अदा करने का फरमान सुना दिया. उन्होंने सोम की बाइक भी अपने पास रख ली. फिर सोम को अपने पास से किराया दे कर अगले दिन 30 हजार रुपए लाने के लिए पाबंद कर भगा दिया.

निढाल हुआ सोम जैसेतैसे टिब्बी पुलिस थाने पहुंचा और सीआई मोहम्मद अनवर को आपबीती सुनाई. उस की व्यथा सुनने के बाद सीआई ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की योजना बना ली. अगले दिन निर्धारित समय पर सोम पीरकामडि़या गांव पहुंच गया.  उस ने अपने आने की सूचना फोन से अख्तर को दे दी थी.

सभी आरोपी रशीदा बीबी के घर इकट्ठे हो गए थे. सोम रुपए ले कर घर में घुसा तो सादे कपड़ों में आए पुलिसकर्मियों ने पांचों को हिरासत में ले लिया.

थाने में पांचों आरोपियों अकरम उर्फ अख्तर, मोमन खां, अनारा बीबी, रशीदा बीबी और अनीश बीबी से पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

हनीट्रैप की तीसरी घटना भी हनुमानगढ़ की ही है. इसी जिले की जिला जेल में तैनात जेल वार्डन निहाल सिंह 9 सितंबर, 2019 को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद बैरक में आराम कर रहे थे. तभी उन के मोबाइल की घंटी बजी.

उन्होंने काल रिसीव की तो दूसरी ओर से आवाज आई, ‘‘निहाल साहब हैं क्या?’’

‘‘हां, मैं बोल रहा हूं.’’ निहाल सिंह बोले.

‘‘साहब, प्लीज एकांत में आइएगा, आप से खास बात करनी है.’’ दूसरी तरफ से आवाज आई.

निहाल सिंह ने बाहर आ कर कालबैक की तो वह बोला, ‘‘साहब, मैं यूनुस खान बोल रहा हूं. पहचान गए न, लखुवाली निवासी यूनुस उर्फ मिर्जा. आप के यहां कई महीने जेल में रहा था.’’

‘‘अरे याद आया, तू अनवर उर्फ लंबा के साथ जेल में रहा था.’’ निहाल सिंह को याद आ गया.

‘‘साहब, हमारा जेल आनेजाने का क्रम लंबे समय से चल रहा है. अभी पिछले दिनों जमानत पर बाहर आए हैं. आप का अच्छा व्यवहार हमें बहुत पसंद आया था. हम आप को पार्टी देना चाहते हैं. देखो साहब, मना मत करना.’’ युनूस ने कहा, ‘‘साहब, हम ने आज का ही प्रोग्राम बना लिया है. अनवर भी मेरे साथ है. साथसाथ बैठेंगे तो आनंद आएगा.’’

मनचाहा पांसा फेंक यूनुस और अनवर प्रफुल्लित थे. वहीं दूसरी ओर निहाल सिंह भी आनंदविभोर थे. आज उन के अच्छे व्यवहार के सच्चे पारखी मिल गए थे. यूनुस ने कहा कि वह अनवर के साथ बाइक ले कर किला के पास उन का इंतजार कर रहा है.

आधे घंटे में निहाल सिंह वहां पहुंच गए. दोनों निहाल सिंह को बाइक पर बिठा कर गाहड़ू गांव की एक ढाणी में ले गए. वहां मौजूद 2 लोग और एक महिला निहाल सिंह की आवभगत में लग गए.

उन लोगों ने जेल वार्डन को कोल्डड्रिंक पीने को दी. कोल्डड्रिंक पीते ही निहाल सिंह पर नशा छा गया. महिला ने निहाल सिंह को नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गई. दूसरे लोगों ने निहाल सिंह और महिला का आपत्तिजनक वीडियो बना लिया.

इस के बाद निहाल के साथ मारपीट कर उन्हें डरायाधमकाया गया. दोनों आरोपी हनुमानगढ़ पुलिस थाने के हिस्ट्रीशीटर थे. यूनुस के खिलाफ 32 मामले दर्ज थे तो अनवर के खिलाफ भी दरजनों मुकदमे दर्ज थे.

निहाल सिंह का नशा उतरने के बाद यूनुस बोला, ‘‘देख निहाल, तूने एक महिला का रेप किया है. यह हम नहीं, मोबाइल में सेव वीडियो कह रहा है. अगर अपनी नौकरी व मिलने वाले फंड को बचाना चाहता है तो हमें 3 लाख रुपए दे दे, अन्यथा नौकरी तो जाएगी ही साथ में जेल में भी सड़ना पड़ेगा.’’

यह सुन कर निहाल को कंपकंपी आ गई, ‘‘देखो भैया, मेरे पास अब कुछ भी नहीं है. आप ने मेरे विश्वास की हत्या की है. मैं ने किसी का रेप नहीं किया.’’ निहाल सिंह हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाया.

‘‘देखो साहब, विश्वास को मारो गोली. सीधेसपाट शब्दों में सुन लो, हमें 3 लाख रुपए चाहिए तो चाहिए. तुम कैंटीन वाले पप्पू को फोन कर के अपनी चैकबुक हनुमानगढ़ बसस्टैंड पर मंगवा लो. वहां से चैकबुक अनवर ले आएगा. बस इतनी मोहलत मिल सकती है तुम्हें.’’

बचने का कोई रास्ता न देख निहाल ने जेल की कैंटीन में काम करने वाले पप्पू को फोन कर चैकबुक मंगाई और अनवर को देने को कह दिया.

आधे घंटे में अनवर पप्पू से चैकबुक ले कर ढाणी में आ गया. निहाल ने 2 चैक में डेढ़डेढ़ लाख रुपए की धनराशि भर कर चैक यूनुस खां को दे दिए. आरोपियों ने उस की जेब में पड़ी नकदी भी छीन ली थी. बाद में यूनुस निहाल को हनुमानगढ़ छोड़ गया था.

10 सितंबर, 2019 को जेल वार्डन निहाल सिंह ने थाना हनुमानगढ़ जा कर सीआई नंदराम भादू को अपना दुखड़ा सुनाया. निहाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच एएसआई जसकरण सिंह को सौंप दी. दोनों हिस्ट्रीशीटर आरोपी अनवर व यूनुस खां फरार हो गए थे. पुलिस उन के पीछे लगी थी.

करीब 20 दिनों बाद जांच अधिकारी जसकरण सिंह ने मुखबिर की सूचना पर यूनुस खान को गिरफ्तार कर लिया. रिमांड की अवधि में यूनुस ने चैक अपने सहयोगियों के पास होना बताया. अदालत के आदेश पर यूनुस को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

लगभग एक महीने में पुलिस के सामने हनीट्रैप के 3 मामले आए. संभव है, कुछ मामले पुलिस तक पहुंचे ही न हों. सभ्य समाज के लिए यह शुभ संकेत नहीं है.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

सौजन्य- सत्यकथा, नवंबर 2019

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...