Hindi Story : एक कारोबारी को अपने कर्जदार दोस्त की मदद करने के बजाय उस की सरेआम खिल्ली उड़ाना महंगा पड़ा. उस का खामियाजा न केवल कारोबारी को भुगतना पड़ा, बल्कि पूरे परिवार की खुशियों में आग लग गई. सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर सबक देने वाली इस अपराध कथा से सबक मिलता है कि...

मुरादाबाद के रहने वाले कुलदीप गुप्ता की पत्नी सुनीता, बेटी इशिका और बेटे दिव्यांशु के लिए खुशी का दिन था. क्योंकि उस दिन यानी 4 जून, 2021 को कुलदीप गुप्ता का जन्मदिन था, इसलिए घर के सभी लोगों ने अपनेअपने तरीके से उन के जन्मदिन पर विश करने की योजना बना ली थी. पत्नी सुनीता शाम के वक्त इस मौके पर आने वाले मेहमानों की खातिरदारी के इंतजाम में जुटी हुई थी, जबकि बेटी इशिता और बेटा दिव्यांशु सजावट और केक के इंतजाम का जिम्मा उठाए हुए थे. सभी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं और उपहार देने के सरप्राइज एकदूसरे से छिपाए हुए थे.

दिन के ठीक 12 बजे सुनीता के पास कुलदीप का अचानक फोन आया. उन्होंने फोन पर कहा कि वह घर का सब काम छोड़ कर तुरंत बैंक जाए और 4 लाख रुपए निकाल कर दुकान में मुस्तफा को दे आए. सुनीता अभी इतने पैसे के बारे में पति से कुछ पूछती कि इस से पहले ही कुलदीप ने गंभीरता से कहा कि बहुत ही अर्जेंट है, वह देरी न करे. मुस्तफा घर से महज 500 मीटर की दूरी पर उन की आटो स्पेयर पार्ट्स हार्डवेयर की दुकान का विश्वस्त सेल्समैन था. सुनीता को पता था कि कारोबार के सिलसिले में पैसे की जरूरत पड़ती रहती थी, फिर भी कैश में इतनी बड़ी रकम ले कर सोच में पड़ गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...