Mumbai Crime: एक गलती कर के कल्पना अपनी गृहस्थी में आग लगा चुकी थी. बाद में उस ने आशुतोष दामले से दूसरी शादी कर ली. लेकिन यहां भी वह एक पेच में फंस गई. उस पेच से निकलने के लिए उस ने ममता की चोरी की, लेकिन...

मुंबई महानगर का सीएसटी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जहां देश के हर कोने से आनेजाने वाले मुसाफिरों की भीड़भाड़ रहती है. मुसाफिरों की उसी भीड़ में एक परिवार अब्दुल करीम शेख का भी था, जो हैदराबाद जाने के लिए पिछले 3 दिनों से मुसाफिरखाने में ठहरा हुआ था. वह मुंबई महानगर से सटे जनपद ठाणे के उपनगर कल्याण का रहने वाला था और वहां लगने वाले पटरी बाजार में फड़ लगाता था. उस के परिवार में पत्नी रुखसाना के अलावा 2 बेटियां थीं. छोटी बेटी आरिजा 4 माह की थी. कुछ दिन पहले उस के साले को किसी आरोप में हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिस की जमानत कराने के लिए यह परिवार हैदराबाद जाना चाहता था, लेकिन जाने के लिए उस के पास किराए तक के पैसे नहीं थे.

इस के लिए उस ने अपने एक परिचित सलीम से मदद मांगी थी तब सलीम ने उस से कहा था कि वह सीएसटी रेलवे स्टेशन पर आ कर पैसे दे देगा. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी सलीम पैसे देने वहां नहीं आया था. उसी के इंतजार में वह मुसाफिरखाने में चादर बिछा कर लेटा हुआ था. वहां पर इंतजार करते हुए 2 दिन बीत गए. सलीम नहीं आया तो अब्दुल करीम की चिंता बढ़ती जा रही थी कि वह हैदराबाद कैसे जाए? उस ने तय कर लिया कि यदि सलीम कल तक पैसे ले कर नहीं आया तो वह हैदराबाद जाने वाली गाड़ी के जनरल डिब्बे में बिना टिकट बैठ कर चला जाएगा. यही सोच कर वह रात को सो गया. उसी चादर पर उस की पत्नी और बच्चे भी सो गए.

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