Social Story in Hindi : लड़की को मातापिता की इज्जत समझा जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश की बांछड़ा जाति में ऐसी परंपरा चली आ रही है कि वहां खुद मातापिता ही बेटी से देहव्यापार कराते हैं. जो लड़की जितने ज्यादा पैसे इस धंधे से कमाती है, उसे उतना ही सम्मान मिलता है. देश और समाज में आए इतने बदलाव के बाद भी यह समाज आखिर बदलाव की धारा में क्यों शामिल नहीं हो रहा?

करीब 3 महीने पहले की बात है. शाम का समय था. रतलाम से मंदसौर नीमच की ओर करीब 7 किलोमीटर का सफर तय हुआ था कि सड़क पर खड़ी जवान लड़कियों को देख कर कौतूहल हुआ. कार की रफ्तार धीमी कर मीलों दूर तक हम यह नजारा देख रहे थे. कुछ ही मील चलने के बाद हम ने एक ढाबे पर कार रोक दी और ढाबे पर खाने का और्डर कर वहीं पड़ी खाट पर बैठ गए. मन में कई तरह के सवाल उठ रहे थे. ढाबे के मालिक जगदीश से जब हम ने सड़क किनारे खड़ी इन लड़कियों के बारे में जानना चाहा तो उन से जो कहानी पता चली, उसे सुन कर जैसे कानों को विश्वास ही नहीं हो रहा था. जगदीश ने बताया कि ये लड़कियां यहां के बांछड़ा समुदाय की हैं, जो अपने जिस्म का सौदा करने रोज ही सड़कों पर उतर आती हैं.

ऐसा नहीं है कि ये लड़कियां चोरीछिपे मजबूरी में इस तरह का धंधा करती हैं, बल्कि इन जवान लड़कियों के मातापिता बड़े शौक से इन से यह घिनौना काम करवाते हैं. कई बार तो मातापिता खुद ही इन के लिए ग्राहक ढूंढ कर लाते हैं और ये लड़कियां ग्राहकों से शारीरिक संबंध बनाती हैं. सड़कों किनारे पर भड़कीले कपड़ों में सजीधजी लड़कियों को देख कर वाहन की रफ्तार अपने आप ही धीमी हो जाती है. होंठों पर लिपस्टिक का चटख लाल रंग और काजल भरी आंखों से इशारा करती ये लड़कियां ट्रक और कार चलाने वालों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...