खिल गए खुशियों के गुलाब – भाग 2
हम्माद उसे मायके भी ले जाता और घुमाने फिराने भी. होटल और रेस्त्रां में खिलातापिलाता भी, लेकिन कभी प्यार का इजहार नहीं करता था और न ही उस की खूबसूरती के कसीदे पढ़ता.
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