लेखक - एडवोकेट मिर्जा अमजद बेग ,

True Crime Hindi: पुलिस ने मुनीर नवाज को एक लड़की के अपहरण और कत्ल में फंसाने के लिए सारे सुबूत जुटा लिए थे. लेकिन मिर्जा अमजद बेग एडवोकेट ने ऐसा कमाल किया कि वह बरी ही नहीं हो गया बल्कि निर्दोष भी साबित हुआ. वह बूढ़ी औरत झिझकती हुई मेरे दफ्तर में दाखिल हुई. उस के साथ उस की नौजवान बेटी भी थी. दोनों के चेहरों पर परेशानी झलक रही थी. थोड़ी देर पहले मैं ने उन्हें अदालत के बरामदे में एक वकील से बातें करते देखा था. औरत

वकील को कुछ समझाने की कोशिश कर रही थी, जबकि वकील का व्यवहार बहुत ही रूखा और बेगाना सा था. वह उस से जान छुड़ाने की कोशिश कर रहा था. उस समय मैं ने उन की ओर ध्यान नहीं दिया था. कचहरी में तो यह सब होता ही रहता है. औरत भले घर की लग रही थी. उस की बेटी 19-20 बरस की थी. वह काफी सुंदर थी.

‘‘तशरीफ रखें,’’ में ने पेशेवर अंदाज में कहा, ‘‘मैं आप की क्या सेवा कर सकता हूं?’’

दोनों मेज के सामने रखी कुरसियों पर बैठ गईं. औरत ने पूछा, ‘‘मिर्जा अमजद बेग आप ही हैं?’’

‘‘जी हां,’’ मैं ने सिर को जरा सा झुका कर जवाब दिया.

‘‘मुझे किसी ने बताया है कि आप बहुत अच्छे वकील हैं.’’

‘‘बताने वाले की मेहरबानी है. मैं बड़ी मेहनत से मुकदमों की पैरवी करता हूं और मेरे ज्यादातर मुवक्किल मुझ से खुश हो कर लौटते हैं. आप का मामला क्या है?’’

‘‘मेरा बेटा एक झूठे मुकदमे में फंस गया है.’’

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