Love Crime News : मनोज जुनूनी और शक्की था. इसी के चलते उस ने अपने प्यार को तो मिटा ही दिया, अपनी जिंदगी भी बरबाद कर ली. अगर प्रतिभाशाली मेघा समय रहते उस की हरकतों से उसे समझ पाती तो…

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का एक बड़ा कस्बा है गजरौला. यह कस्बा मुरादाबाद से दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर स्थित है. गजरौला की पहचान एक औद्योगिक नगर के रूप में भी है क्योंकि यहां पर कई बड़े कारखाने और फैक्ट्रियां हैं. मेघा चौधरी इसी कस्बे की अवंतिका कालोनी में सुधारानी के मकान में रहती थी. मेघा चौधरी गजरौला थाने में कांस्टेबल थी. 31 जनवरी, 2021 की शाम करीब 6 बजे की बात है. मेघा चौधरी किचन में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तभी मनोज ढल उस के पास आया. मनोज उस का प्रेमी था.

वह भी उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल था और उस की पोस्टिंग अमरोहा जिले के सैदनगली थाने में थी. मनोज अकसर मेघा चौधरी से मिलने आता रहता था. उस के आने के बाद उन दोनों के बीच कुछ देर तक बातचीत चलती रही. इसी दौरान उन की बातों में इतना तीखापन आ गया कि आवाजें कमरे से बाहर तक जाने लगीं. लग रहा था जैसे उन के बीच झगड़ा हो रहा हो. उसी समय मेघा के कमरे से गोली चलने की 2 आवाजें आईं. बराबर के कमरे में मेघा की दोस्त महिला कांस्टेबल प्रिया भी किराए पर रहती थी. गोली की आवाज सुनते ही प्रिया तुरंत मेघा के कमरे में पहुंची. गोली की आवाज सुन कर  मकान मालकिन भी वहां आ गई थी.

उन लोगों ने देखा तो वहां का दृश्य देख कर हक्कीबक्की रह गईं. कमरे में मेघा और मनोज लहूलुहान पड़े थे. दोनों को गोली लगी थी और कमरे में खून फैला हुआ था. मनोज के पास ही एक देसी तमंचा पड़ा हुआ था. प्रिया समझ गई कि दोनों को उसी तमंचे से गोली लगी है. प्रिया खुद कांस्टेबल थी. उस ने तुरंत गजरौला थाने में फोन कर के इस की सूचना दे दी. यह बात सुबह करीब सवा 6  बजे की है. थानाप्रभारी आर.पी. शर्मा रात की गश्त से लौट कर अपने क्वार्टर में आराम कर रहे थे. एसएसआई प्रमोद पाठक थाने में मौजूद थे. उन्होंने जब इस घटना के बारे में सुना तो यह जानकारी थानाप्रभारी को दी और खुद पुलिस टीम के साथ अवंतिका कालोनी में घटनास्थल पर पहुंच गए.

चूंकि मामला पुलिसकर्मियों से जुड़ा हुआ था, इसलिए थानाप्रभारी ने इस घटना से उच्च अधिकारियों को भी सूचित कर दिया. इस के बाद वह खुद घटनास्थल पर पहुंच गए. पुलिस तुरंत दोनों घायलों को गजरौला के अस्पताल ले गई, लेकिन उन की हालत गंभीर थी इसलिए गजरौला से उन्हें मुरादाबाद के साईं अस्पताल रेफर कर दिया गया. सूचना मिलते ही सीओ विजय कुमार, एएसपी अजय प्रताप सिंह व एसपी सुनीति भी घटनास्थल पर पहुंच गईं. उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया और मकान मालकिन व कांस्टेबल प्रिया से पूछताछ की. पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि मेघा चौधरी और मनोज ढल का काफी दिनों से प्रेम संबंध चल रहा था.

अब तक की जांच के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची की इस घटना को कांस्टेबल मनोज ढल ने ही अंजाम दिया होगा. पुलिस ने मौके से मिले सबूत अपने कब्जे में लिए. उधर मुरादाबाद के साईं अस्पताल में भरती कांस्टेबल मेघा और मनोज की हालत गंभीर बनी हुई थी. डाक्टरों की टीम दोनों के इलाज में तत्परता से जुटी थी. मामला पुलिसकर्मियों से जुड़ा हुआ था, इसलिए सूचना पाते ही मुरादाबाद रेंज के आईजी रमित शर्मा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी (सिटी ) अमित कुमार आनंद भी साईं अस्पताल पहुंच गए. आईजी रमित शर्मा ने अमरोहा पुलिस को आदेश दिए कि वह इस मामले में निष्पक्ष तरीके से काररवाई करे.

आईजी साहब के आदेश पर अमरोहा जिले की एसपी सुनीति ने गजरौला के थानाप्रभारी आर.पी. शर्मा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बना दी. थानाप्रभारी ने सिपाही मनोज ढल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 452, 307 व आर्म्स ऐक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करा दी. उधर इलाज के दौरान कांस्टेबल मेघा चौधरी ने 31 जनवरी की रात करीब 11 बजे दम तोड़ दिया. पुलिस मेघा चौधरी और मनोज ढल के घर वालों को पहले ही सूचना दे चुकी थी, इसलिए सुबह होते ही दोनों के घर वाले साईं अस्पताल पहुंच गए.

मेघा चौधरी के घर वालों को जब पता चला कि उस की मौत हो चुकी है तो उन का रोरो कर बुरा हाल हो गया. मेघा के भाई सागर चौधरी ने थानाप्रभारी को मनोज ढल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी. पहली फरवरी को मुरादाबाद में मेघा का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने उस की लाश उस के घर वालों को सौंप दी. मेघा मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले के सरलाखेड़ी गांव की रहने वाली थी, इसलिए घर वाले उस का शव अपने गांव ले कर चले गए. उधर मनोज की हालत में निरंतर सुधार हो रहा था. 3 फरवरी, 2021 को जब उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

थाना गजरौला ले जा कर उस से इस संबंध में पूछताछ की गई. एसपी सुनीति भी उस से पूछताछ करने के लिए थाना गजरौला पहुंच गईं. पूछताछ में मनोज ढल ने स्वीकार कर लिया कि उस ने ही मेघा को गोली मार कर खुद को भी गोली मारी थी. इस के पीछे की उस ने जो कहानी बताई, वह प्रेम संबंधों की बुनियाद पर रचीबसी निकली—

मेघा चौधरी और मनोज ढल वर्ष 2018 बैच के कांस्टेबल थे. करीब डेढ़ साल पहले मेघा चौधरी और मनोज ढल की तैनाती अमरोहा जिले की तहसील हसनपुर के थाना आदमपुर में थी. आदमपुर बेहद पिछड़ा हुआ इलाका है. ग्रामीण क्षेत्र में तैनाती होने के कारण मनोज अकसर मेघा की मदद कर दिया करता था. जिस कारण दोनों में घनिष्ठता बढ़ गई थी. दोनों ही अविवाहित थे. उन के बीच नजदीकियां बढ़ीं तो मामला प्यार में बदल गया. दोनों एकदूसरे को चाहने लगे. ड्यूटी के दौरान दोनों समय निकाल कर अकसर मिलते रहते थे. मनोज मेघा के प्यार में आकंठ डूब चुका था.

उस के सिर पर प्यार का ऐसा नशा सवार हुआ कि वह अपनी ड्यूटी के प्रति भी लापरवाह रहने लगा. आदमपुर के थानाप्रभारी ने मनोज और मेघा को कई बार समझाया कि वह जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी करें. ड्यूटी के प्रति लापरवाही ठीक नहीं है. लेकिन दोनों ने उन की बात पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने उन दोनों को हिदायत दी.  मनोज तो मेघा का जैसे दीवाना हो चुका था. इसलिए अपने प्यार के चलते उस ने थानाप्रभारी की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया. तब थानाप्रभारी ने अमरोहा के तत्कालीन एसपी डा. विपिन कुमार टांडा से कांस्टेबल मेघा चौधरी और मनोज की शिकायत कर दी.

उन की शिकायत पर एसपी ने मेघा चौधरी का तबादला आदमपुर से गजरौला थाने में कर दिया और मनोज का तबादला कर के उसे थाना सैदनगली भेज दिया गया. मेघा चौधरी ने 10 सितंबर, 2020 को गजरौला थाने पहुंच कर अपनी आमद दर्ज करा दी. गजरौला थाने में ड्यूटी जौइन करते ही मेघा ने अपने कार्यों से पूरे पुलिस स्टाफ को प्रभावित किया. वह बहुत ही  महत्त्वाकांक्षी थी. उस के मन में आगे बढ़ने की लगन थी. थानाप्रभारी मेघा चौधरी के कार्य से संतुष्ट थे. उस के काम को देखते हुए उन्होंने उसे महिला डेस्क की जिम्मेदारी सौंपी.

इस के अलावा वह पुलिस की एंटी रोमियो टीम के साथ भी काम करने लगी. नारी शक्ति अभियान से जुड़ी एंटी रोमियो टीम का काम स्कूलकालेज की छात्राओं को जागरूक करना होता है. मेघा चौधरी इस काम को बड़ी गंभीरता से कर रही थी. वह स्कूलकालेज में जा कर छात्राओं को जागरूक करती थी. वह उन्हें बताती थी कि यदि रास्ते में कोई मनचला उन के साथ छेड़छाड़ या परेशान करे तो उस से कैसे निपटा जाए. वह उन्हें यह भी बताती थी कि कुछ युवक छात्राओं को अपनी चिकनीचुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं, जिस से छात्राओं का कैरियर समाप्त हो जाता है. ऐसे लोगों से उन्हें कैसे बचना है. इस के बारे में भी वह छात्राओं को अच्छी तरह समझाती थी.

गजरौला थाने में पोस्टिंग होने के बाद एक तरह से मेघा और ज्यादा जागरूक और अपने कैरियर के प्रति गंभीर हो गई थी. उस ने तय कर लिया था कि वह शादी से पहले अपना कैरियर बनाएगी. नारी शक्ति अभियान के तहत छात्राओं को जागरूक करतेकरते मेघा एक अच्छी वक्ता बन गई थी. वह बहुत प्रभावशाली भाषण देती थी. अनेक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि बन कर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने भी जब मेघा के भाषण सुने तो वे बहुत प्रभावित हुए. अधिकारी जब उस की तारीफ करते तो वह खुश होती थी. जब वह उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग में बैठती थी तब उस का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था. वह सोचती कि वह एक मामूली सिपाही होते हुए भी इतने बड़े अधिकारियों के बीच बैठती है.

यहीं से उस के मन में आगे बढ़ने की लालसा पैदा हुई. उस ने तय कर लिया कि केवल सिपाही की नौकरी के बूते वह अपनी जिंदगी नहीं काटेगी बल्कि  कंपटीशन की तैयारी कर कोई अच्छी नौकरी पाने की कोशिश करेगी. मेघा ने बीटीसी का भी फार्म भर रखा था, जिस का एग्जाम पहली फरवरी, 2021 को था. इस एग्जाम की वजह से मेघा ने 31 जनवरी को अपनी 3 दिन की छुट्टी स्वीकृत करा ली थी. छुट्टी ले कर वह परीक्षा की तैयारी कर रही थी. मेघा और उस के प्रेमी मनोज की तैनाती अलगअलग थानों में थी, इस के बावजूद मनोज मेघा से मिलने के लिए उस के पास आता रहता था. मेघा ने जब गजरौला की अवंतिका कालोनी में सुधारानी के यहां एक किराए का कमरा लिया था तो वह वहां भी मेघा से मिलने आता रहता था.

मेघा और मनोज ने अपने प्यार के बारे में अपनेअपने घर वालों को भी बता दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने कह दिया था कि वे शादी करना चाहते हैं. तब दोनों के घर वालों ने एकदूसरे का घरबार देखने के बाद शादी के लिए हामी भर दी थी. मनोज हरियाणा के जिला कैथल के थाना कुंडली के गांव पाई का निवासी था जबकि मेघा चौधरी उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के थाना  तितली के गांव खेड़ी की रहने वाली थी. अलगअलग थानों में दोनों का ट्रांसफर हो जाने के बाद उन की मुलाकात पहले की तरह तो नहीं हो पाती थी, लेकिन दोनों फोन पर खूब बातें करते थे. लेकिन इस से मनोज का दिल नहीं भरता था. वह चाहता था कि जल्दी से जल्दी मेघा से उस की शादी हो जाए.

मनोज मेघा पर शादी करने का दबाव बना रहा था, लेकिन मेघा उसे यह कह कर टाल देती थी कि अभी उसे अपना कैरियर बनाना है. वह कैरियर बनाने के बाद ही शादी करेगी, क्योंकि सिपाही की नौकरी से वह संतुष्ट नहीं है. मनोज ने उस से कहा, ‘‘शादी के बाद भी तुम परीक्षा की तैयारी कर सकती हो.’’

तब मेघा ने कहा, ‘‘शादी के बाद घरगृहस्थी के तमाम काम होते हैं, जिस की वजह से तैयारी ढंग से नहीं हो पाएगी. इस समय मेरी तैयारी बहुत अच्छी चल रही है और इसी तरह चलती रही तो साल भर के अंदर मुझे कहीं न कहीं अच्छी नौकरी जरूर मिल जाएगी. इसलिए अभी मैं शादी के बंधन में फंसना नहीं चाहती.’’

इस बात को मनोज भी अच्छी तरह जानता था कि मेघा बहुत मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुटी है. लेकिन उसे इस बात की भी आशंका थी कि यदि मेघा की कहीं अच्छी जगह नौकरी लग गई तो जरूरी नहीं कि वह उस के साथ ही शादी करे. क्योंकि औफिसर बन जाने के बाद वह एक मामूली सिपाही से शादी नहीं करेगी. इसी आशंका को देखते हुए मनोज उस पर लगातार शादी का दबाव बना रहा था. शादी की बात को ले कर उन दोनों के बीच अकसर कहासुनी भी हो जाया करती थी. रोज के झगड़ों से तंग आ कर मेघा ने मनोज से फोन पर बात करनी भी कम कर दी थी. वह अपना सारा ध्यान कंपटीशन की तैयारी में लगा रही थी.

उधर मनोज के दिमाग में फितूर बैठ चुका था कि अच्छी जगह नौकरी लग जाने के बाद वह उस से शादी से इनकार कर देगी. इसी आशंका को ले कर वह अकसर खोयाखोया सा रहने लगा था. एक दिन उस ने मेघा से कह भी दिया कि यदि तुम मुझे नहीं मिली तो मैं तुम्हारे साथसाथ अपने आप को भी खत्म कर दूंगा. मेघा ने उसे बहुत समझाया कि ऐसी कोई बात नहीं है. बस, एग्जाम क्लियर कर लेने दो, फिर सब ठीक हो जाएगा. पर मनोज को सब्र कहां था. मनोज जब उसे बारबार फोन करता रहा तो तंग आ कर मेघा ने उस का फोन रिसीव करना बंद कर दिया. इस पर मनोज उस से मिल ने उस के कमरे पर पहुंच जाता. उस की एक ही जिद थी कि मेघा जल्द शादी कर ले. मेघा उस से फिलहाल शादी को मना कर देती तो वह उस से लड़झगड़ कर लौट आता था.

मेघा के व्यवहार में आए बदलाव को देख कर मनोज के मन में एक दूसरा शक यह पैदा हो गया कि कहीं मेघा का किसी और से चक्कर तो नहीं चल रहा, जिस की वजह से वह उसे लगातार इग्नोर कर रही है. वह यही सोचता कि दाल में जरूर कुछ काला है. सच्चाई जाने बिना ही वह मेघा के बारे में गलत सोचने लगा. इसी दरम्यान उस ने तय कर लिया कि वह मेघा को एक बार और समझाने की कोशिश करेगा. यदि वह शादी के लिए तैयार नहीं हुई तो फिर वही करेगा जो उस ने तय कर रखा है. इस के लिए मनोज ने एक भयंकर योजना तैयार कर ली थी.

सिपाही होने की वजह से वह कई क्रिमिनलों को जानता था. एक क्रिमिनल के सहयोग से  उस ने .315 बोर का एक तमंचा और कारतूसों का इंतजाम कर लिया. मनोज से मेघा की बेवफाई बरदाश्त नहीं हो रही थी. हर समय वह उस के बारे में ही सोचता रहता था. घटना से 3 दिन पहले मनोज ने मेघा को फोन किया तो मेघा ने उस का फोन रिसीव नहीं किया. तब वह और ज्यादा परेशान हो गया. 30 जनवरी, 2021 की रात्रि ड्यूटी करने के बाद सुबह को उस ने 2 दिन का अपना रेस्ट मंजूर करा लिया. उस के दिमाग में मेघा के अलावा और कुछ नहीं था.

31 जनवरी को जब मेघा ने उस का फोन रिसीव नहीं किया तो वह शाम करीब 6 बजे मेघा के कमरे पर  पहुंच गया. मनोज ने मेघा का दरवाजा खटखटाया तो उस ने गुस्से में दरवाजा नहीं खोला. वह उस समय किचन में थी. इस के बाद वह कमरे में चली गई. तब मनोज दरवाजे के बाहर से ही जोरजोर से अनापशनाप बकने लगा. मेघा के कमरे के बराबर में ही उस का किचन था. किचन का दरवाजा खुला हुआ था. मेघा ने कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो मनोज किचन में पहुंच गया. किचन से एक खिड़की मेघा के कमरे में खुलती थी. उसी खिड़की के रास्ते वह मेघा के कमरे में दाखिल हो गया.

उसे देख कर मेघा भड़क गई. उस ने कहा, ‘‘तुम्हें इस तरह से खिड़की के रास्ते से नहीं आना चाहिए था.’’ मनोज तो वैसे ही गुस्से से भरा हुआ था. उस ने कहा, ‘‘मेघा, मैं आज तुम से साफसाफ यह पूछना चाहता हूं कि तुम अभी शादी करोगी या नहीं क्योंकि मैं अब ज्यादा दिनों तक शादी के लिए नहीं रुक सकता.’’

इस पर मेघा ने कहा, ‘‘कुछ दिन और रुक जाओ. जब मेरा कैरियर बन जाएगा तब मैं शादी करूंगी.’’

मगर मनोज को तसल्ली कहां थी. वह तेज आवाज में झगड़ने लगा. मेघा उस की योजना से अनजान थी. वह भी गुस्से में उस से झगड़ने लगी. दोनों के चीखनेचिल्लाने की आवाजें कमरे से बाहर जाने लगीं. मेघा के पास में रहने वाली प्रिया जानती थी कि मनोज मेघा का प्रेमी है. उस ने उन के झगड़े में दखल देना उचित नहीं समझा. सोचा थोड़ी देर में दोनों सामान्य हो जाएंगे. लेकिन उसे क्या पता था कि वहां कुछ देर में खून बहने वाला है. झगड़े के दौरान मनोज को गुस्सा आया तो उस ने अपनी अंटी में खोंसा हुआ तमंचा निकाल कर मेघा के ऊपर फायर कर दिया. मेघा के सीने में गोली लगी. गोली लगते ही वह फर्श पर गिर पड़ी. तभी खुद को भी मिटाने के लिए मनोज ने दूसरी गोली अपने पेट पर  मार ली.

गोलियों की आवाज सुनते ही मकान मालकिन और बराबर में रह रही सिपाही प्रिया मेघा के कमरे पर पहुंच गईं. फिर इस की सूचना पुलिस को दे दी गई. मनोज के गिरफ्तार होने के बाद एसपी सुनीति भी थाने पहुंच गई थीं. उन्होंने भी करीब डेढ़ घंटे तक मनोज से पूछताछ की. इस के बाद थानाप्रभारी ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार मनोज को 3 फरवरी, 2021 को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. उसी दिन एसपी सुनीति ने कांस्टेबल मनोज ढल को बरखास्त कर दिया. अब मामले की जांच थानाप्रभारी आर.पी. शर्मा कर रहे हैं.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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