Crime Story in Hindi : राधिका यादव एक उभरती हुई टेनिस प्लेयर थी. वह गुरुग्राम में एक टेनिस एकेडमी चलाने के साथ म्यूजिक अलबम में भी काम कर चुकी थी. दिनोंदिन उस की पहचान बढ़ती जा रही थी. इसी बीच ऐसा क्या हुआ कि उस के पिता ने खुद उसे गोलियों से भून डाला?

राजधानी दिल्ली के एनसीआर गुरुग्राम सेक्टर 57 में स्थित सुशांत लोक एक पौश कालोनी है. इस के एक 3 मंजिला मकान को हर कोई जानता था. उस मकान में दीपक यादव अपने परिवार के साथ रहते थे. दीपक और मकान को लोग उन की 25 वर्षीया बेटी राधिका यादव की वजह से जानतेपहचानते थे. इस मकान में दीपक अपनी पत्नी, बेटे और बेटी राधिका के साथ रहते थे. साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर उन के छोटे भाई कुलदीप यादव अपने परिवार समेत रहते थे.

राधिका हरियाणा की राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी रह चुकी है. उस ने कई टूर्नामेंट जीते थे. इस के अलावा वह पिछले एक साल से गुरुग्राम के ही सेक्टर 56 में एक टेनिस एकेडमी चला रही रही थी. इलाके के बच्चे वहां उस से टेनिस सीखने आते थे, किंतु 10 जुलाई, 2025 की सुबह बच्चे एकेडमी में नहीं आए. उन्हें राधिका ने सुबह में ही आने से मना कर दिया था. कारण, उसे ग्राउंड कोऔर्डिनेटर ने मैसेज कर बता दिया था कि बारिश की वजह से सुबह ग्राउंड खेलने के लिए नहीं मिल पाएगा.

उस ने बड़ी मुश्किल से बच्चों को समझाया था कि वे आज एकेडमी नहीं आएं. इस पर कुछ अभिभावकों ने राधिका से शिकायत भी की थी कि ऐसे तो बच्चों की प्रैक्टिस छूट जाएगी. उन से राधिका ने सौरी बोल कर पीछा तो छुड़ा लिया था, लेकिन उस के बाद से ही उस का मन और ज्यादा खिन्न हो गया था. सुबह के करीब 10 बज चुके थे. राधिका किचन में अपने लिए एनर्जी ड्रिंक बना रही थी. उस की मम्मी मीनू यादव दूसरे कमरे में लेटी थीं. उन्हें बीती रात से ही हलकाहलका बुखार था. उस रोज उन का जन्मदिन भी था. राधिका मम्मी के लिए उन की पसंद का कुछ स्पैशल खाना बनाना चाहती थी. मम्मी की सेहत को ध्यान में रख कर उस ने स्पैशल आइटम बनाने की तैयारी भी करनी थी.

उस के पापा दीपक यादव ड्राइंग रूम में बैठेबैठे बड़बड़ा रहे थे. वह थोड़ी देर पहले मार्निंग वाक कर लौटे थे. काफी तनाव में थे. सोफे पर कभी पैर पसार कर बैठते तो कभी उठ कर हाल में ही चहलकदमी करने लगते. वह जो कुछ बोल रहे थे, हाल से लगी रसोई में राधिका को भी सुनाई दे रहा था. अधिकतर बातें उस के बारे में ही कह रहे थे. वो भी सभी जलीभुनी, दिल को छेद करने वाली, मन को कचोटती हुई थीं. उन्होंने शिकायतें और घरपरिवार की मानमर्यादा, समाजसंस्कार की बातों का मानो पुलिंदा ही खोल दिया था.

जब ये बातें राधिका के कानों में पड़ीं तो वह तिलमिला उठी. उस के हाथ से चम्मच छूट कर फर्श पर जा गिरी. उसे उठाने लगी तो दूसरा बरतन गिर पड़ा…

”पापा! अब चुप भी हो जाओ. बंद करो अपनी बकवास!’’ राधिका तीखे लहजे में बोली और मिक्सी का बटन दबा दिया. घर्र… कर मिक्सी चल पड़ी.

”मैं बकवास कर रहा हूं…मुझे तो रोक लोगी, लेकिन उन को कैसे रोकोगी, जो मैं सुन कर आया हूं.’’

”तुम सब की बातों पर ध्यान ही क्यों देते हो?’’ वह बोली.

”क्यों न ध्यान दूं. तू कौन मेरी बात पर ध्यान दे रही है…कब से कह रहा हूं एकेडमी बंद कर दे, लोग मुझे ताने मारते हैं. कहते हैं कि बेटी की कमाई खा रहा है…’’ दीपक बोलते चले जा रहे थे. बीचबीच में राधिका बोलने लगी थी.

”तो क्या करूं? म्यूजिक एलबम बनाऊं…उस पर भी आपत्ति है. शक करते हो. रील बनाने की सोचती हूं, वह भी पसंद नहीं. …और अब कह रहे हो एकेडमी बंद कर दूं…’’

”मैं सही कह रहा हूं. जो लोग कह रहे हैं, मुझे ताने दे रहे हैं, वही कह रहा हूं. तुम्हारे म्यूजिक वीडियो को ले कर मुझे काफी सुनने को मिल रहा है.’’ दीपक ने कहा.

”मैं किसी की परवाह नहीं करती. दुनिया कुछ भी कहे…मैं अपने मन की ही करूंगी.’’

”मैं अब और नहीं झेल सकता लोगों की तीखी बातें.’’

”नहीं झेल सकते तो चुप हो जाओ. मुझे काम करने दो.’’ राधिका ने एक तरह से अपने पापा को डपट दिया था और बंद मिक्सी को फिर से चला दिया. अचानक गूंज उठी मिक्सी की आवाज और राधिका की बहस से दीपक तिलमिला गए थे. उन्होंने महसूस कि राधिका पर उन की बातों का कोई असर नहीं हुआ. गुस्से से पैर कांपने लगे थे. वह तेजी से अपने कमरे में गए. अगले पल ड्राइंगरूम में पहुंचे और तब उन के हाथ में लाइसेंसी रिवौल्वर थी. गुस्से से कांपते हुए हाथों से दीपक ने गोली दागनी शुरू कर दी. निशाने पर राधिका थी. एक गोली चूक गई. दीपक ने दनादन 4 गोलियां चला दीं.  गोलियां लगते ही वह फर्श पर गिर गई. लगातार गोलियां चलने की आवाज पूरे मकान और आसपास गूंज गई.

नीचे ग्राउंड फ्लोर पर उन के छोटे भाई कुलदीप यादव ने भी गोलियां चलने की आवाज सुनी. वह दौड़ेदौड़े दीपक के घर के मेन गेट पर आए. संयोग से दरवाजा खुला था. उन के साथ उन का बेटा भी आया था. उन्होंने देखा, ड्राइंग रूम में दीपक सोफे पर पसर कर बैठे थे, रिवौल्वर बगल में रखा था. सामने किचन में राधिका खून से लथपथ फर्श पर गिरी पड़ी थी. कुलदीप तुरंत बेटे के साथ जख्मी राधिका को कार से सेक्टर 56 स्थित एशिया मारिंगो अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इस वारदात की सूचना गुरुग्राम थाने की पुलिस को हो गई. एसएचओ विनोद कुमार मौके पर पहुंच गए. शुरुआती जांच में मृतका राधिका की पहचान 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव के रूप में हुई. वह राज्य स्तरीय कई टूर्नामेंट में मेडल जीत कर राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी बन चुकी थी.  यह वारदात गुरुग्राम की पौश सोसायटी सुशांत लोक फेस-2 के फ्लैट नंबर ई-157 में हुई थी. पुलिस जांच में पाया गया कि उसे गोली उस के पापा दीपक यादव ने ही मारी है. घटनास्थल पर दीपक यादव मौजूद थे. पुलिस ने उन की 0.32 बोर की रिवौल्वर को तुरंत जब्त कर दीपक को हिरासत में ले लिया.

पूछताछ में पता चला कि हत्या परिवार में महीनों से चल रहे तनाव के बाद हुई. इस के कारणों में उन की आर्थिक आजादी, इंस्टाग्राम रील्स, कारवां नाम का एक म्यूजिक वीडियो और टेनिस एकेडमी की भूमिका सामने आई. 49 वर्षीय दीपक यादव बैंक में क्लर्क की नौकरी करते थे. नौकरी से वीआरएस ले कर वजीराबाद गांव में अपनी जमीनजायदाद की देखभाल के काम में लग गए थे. उन की आमदनी किराए के रूप में होती थी. उन की आमदनी के बारे में बताते हैं कि वह महीने की 15 लाख रुपए से अधिक की थी.

वह अपनी बेटी के बढ़ते कद और आजादी को ले कर पिछले 2 हफ्तों से नाराज चल रहे थे. खासकर सेक्टर 57 में अपनी टेनिस एकेडमी खोलने के बाद वह बेटी के व्यवहार मे आए बदलाव पर अकसर आक्रामक हो जाते थे. पुलिस को शुरुआती पूछताछ में ही हत्या की बात कुबूलते हुए दीपक ने बताया कि उन्हें गांव वाले बारबार अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर रहने के लिए ताना मारते थे. उन्होंने कई बार राधिका से अपनी टेनिस एकेडमी बंद करने का आग्रह किया था. इस कारण बापबेटी के बीच अकसर टकराव हो जाता था. वे इस पर घंटों बहस करते रहते थे. बड़ी मुश्किल से राधिका की मम्मी बीचबचाव कर बहस को बंद करवाती थी. राधिका के एक म्यूजिक वीडियो के चर्चा में आने पर घर में तनाव और बढ़ गया था.

इस वीडियो में मुंबई के कलाकार इनाम का ‘कारवां’ नामक एक गाना है, जिसे जीशान अहमद ने प्रोड्यूस किया है. इसे एक साल पहले एलएलएफ रिकौड्र्स लेवल के तहत रिलीज किया गया था. हालांकि इस का ठीक से प्रमोशन नहीं हो पाया था. वीडियो में कई दृश्यों में राधिका इनाम के साथ नजर आती है. पिछले दिनों राधिका ने इसे अपने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था. यह भी कहा जाता है कि दीपक ने वीडियो पर आपत्ति जताई थी और उसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इसे हटाने के लिए कहा था.

पुलिस का कहना है कि दीपक ने अपने गांव में अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर रहने के बारे में टिप्पणी मिलने के बाद और भी आक्रामक तरीके से विरोध करना शुरू कर दिया था. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह शर्मिंदा महसूस करता था और उस की बातों से ऐसा लगता था कि वह अपनी बेटी की कामयाबी पर जीता है. जब वह वजीराबाद गांव में दूध लेने जाते थे तो लोग उन्हें ताना मारते थे और कहते थे कि यह अपनी बेटी की कमाई पर जीता है.

इस तरह लोगों के तानों से उन्हें बहुत परेशानी होती थी और वह मानसिक तनाव में आ जाते थे. कुछ लोगों ने उन की बेटी के चरित्र पर भी सवाल उठाए थे. उन का यहां तक कहना था कि वह गैर जाति और गैरधर्म के लड़के के साथ फरार हो सकती है. इसी पर उन्होंने राधिका से कहा था कि वह अपनी टेनिस एकेडमी बंद कर दे, लेकिन उस ने साफसाफ मना कर दिया था. राधिका को पिछले दिनों एक मैच के दौरान कंधे में चोट लग गई थी, जिस के कारण उसे अपना खेल रोकना पड़ा था. हालांकि वह टेनिस से पूरी तरह दूर नहीं होना चाहती थी. इस कारण उस ने बच्चों को कोचिंग देने का काम चुना था.

दीपक ने यह भी कुबूल कर लिया कि 10 जुलाई, 2025 की सुबह उन्होंने अपनी लाइसेंसी 0.32 बोर की रिवौल्वर निकाली और बेटी राधिका को नाश्ता बनाते समय पीछे से गोली मार दी. 4 राउंड फायर किए गए, जिन में से 3 गोलियां उसे लगीं. इस मामले की रिपोर्ट राधिका के छोटे भाई और राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने दर्ज कराई. कुलदीप ने रिपोर्ट में लिखवाया कि राधिका एक प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी थी. उस ने कई ट्राफी जीती थीं. उस की मौत से सभी स्तब्ध हैं. उन्होंने बताया कि जब मैं पहली मंजिल पर गया तो वहां सिर्फ मेरा भाई दीपक, भाभी मंजू यादव और राधिका ही मौजूद थे.

कुलदीप की तहरीर पर पुलिस ने दीपक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (1) और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया. गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने यह भी बताया कि हत्या में इस्तेमाल हथियार को जब्त कर लिया गया है और फोरैंसिक और बैलिस्टिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है. दीपक यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया था. उन की पत्नी मंजू यादव गोलीबारी के समय घर में मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने लिखित बयान देने से इनकार कर दिया. उन का कहना था कि उन्हें बुखार था और वह कमरे में थीं. उन का बेटा धीरज घटना के समय घर पर नहीं था.

जब यह घटना हुई, तब वह अपने कमरे में आराम कर रही थीं और कहा कि उन्हें ‘प्रेशर कुकर फटने’ जैसी आवाज सुनाई दी थी, तब वह कमरे से बाहर निकली थीं. उन्होंने यह भी कहा कि राधिका का चरित्र अच्छा था और उस ने कभी परिवार को बदनाम नहीं किया. राधिका यादव एक पेशेवर टेनिस खिलाड़ी थी, जिस ने न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई थी. इंटरनैशनल टेनिस फेडरेशन और वीमेंस टेनिस एसोसिएशन के कई टूर्नामेंट्स में उस ने भाग लिया था. जून 2024 में ट्यूनीशिया में आयोजित डब्लू 15 टूर्नामेंट में भी उतरी थी.

इस के अलावा उस का मुकाबला ताइवान, श्रीलंका और यूक्रेन की खिलाडिय़ों से भी हो चुका है. उस की आईटीएफ रैंकिंग 1600 के करीब रही थी, जो किसी भी उभरती भारतीय खिलाड़ी के लिए उपलब्धि मानी जाती है. राधिका केवल खिलाड़ी ही नहीं, एक कोच भी थी. उस ने गुरुग्राम में एक निजी टेनिस एकेडमी शुरू की थी, जहां वह दरजनों बच्चों को प्रशिक्षित कर रही थी. पुलिस ने राधिका की हत्या के आरोपी उस के पिता से पूछताछ करने के बाद उसे कोर्ट में पेश के जेल भेज दिया.

कथा लिखने तक पुलिस मामले की जांच कर रही थी. पुलिस राधिका के आईफोन को भी खंगाल रही है. शायद उस में कोई राज छिपा मिले. Crime Story in Hindi

 

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