Bihar Story : कभीकभी होता यह है कि पुलिस जांच किसी केस की कर रही होती है लेकिन खुलासा किसी दूसरे बडे़ केस का हो जाता है. पटना पुलिस ने भी सन्नी अपहरण केस में एक जगह दबिश दी थी तो वहां सन्नी और अपहर्त्ता तो नहीं मिले, लेकिन एक ऐसे हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट का खुलासा हुआ कि…
स्व तंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ सकुशल मनाने के बाद राजधानी पटना के एसपी (सिटी सेंट्रल) अंबरीश राहुल ने थोड़ी राहत की सांस ली और आराम कर रहे थे. तभी दोपहर करीब साढ़े 3 बजे गर्दनीबाग थानाप्रभारी रमेश कुमार का उन के पास फोन आया. अंबरीश राहुल ने जैसे ही काल रिसीव की तो थानाप्रभारी बोले, ‘‘जय हिंद, सर.’’
‘‘जय हिंद.’’ एसपी अंबरीश राहुल ने उत्तर दिया.
‘‘सर, मुखबिर के जरिए चौंका देने वाली एक सूचना मिली है. अलकापुरी के एक फ्लैट में देह का धंधा चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस रैकेट के सरगना टाइगर और रोहित ने अलकापुरी के सन्नी का अपहरण भी कर लिया है.’’
‘‘क्या?’’ सुन कर एसपी राहुल चौंक पड़े, ‘‘सन्नी नाम के युवक का अपहरण कर लिया गया है. सूचना पक्की है न?’’
‘‘जी सर. उस मुखबिर के द्वारा दी गई सूचनाएं कभी गलत नहीं होती हैं, सर.’’
‘‘सूचना सही है तो फोर्स ले कर मौके पर दबिश दो.’’ एसपी (सिटी) राहुल ने थानाप्रभारी को आदेश दिया, ‘‘किसी भी हाल में अपहृत युवक बदमाशों के चंगुल से सुरक्षित बचना चाहिए और बदमाश सलाखों के पीछे.’’
‘‘ऐसा ही होगा सर. जय हिंद.’’ थानाप्रभारी ने कहा.
‘‘जय हिंद.’’
इस के बाद थानाप्रभारी रमेश कुमार ने आननफानन में टीम तैयार की और मुखबिर द्वारा बताई गई जगह अलकापुरी के सत्या अपार्टमेंट के फ्लैट में दबिश दी, जहां बदमाशों द्वारा सन्नी का अपहरण कर के रखे जाने की सूचना मिली थी. पुलिस ने फ्लैट को चारों ओर से घेर लिया. फिर थानाप्रभारी सावधानी से 2 सिपाहियों को साथ ले कर धीरेधीरे फ्लैट के अंदर दाखिल हुए. उन्हें इस बात की आशंका थी कि बदमाशों के पास खतरनाक हथियार हो सकते हैं, इसलिए दबिश देते समय सावधानी बरतनी जरूरी थी. फ्लैट के अंदर दाखिल होते ही अंदर का नजारा देख कर थानाप्रभारी और दोनों सिपाहियों के पांव दरवाजे पर ही थम गए. कमरे के अंदर 3 लड़के 3 लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में लिपटे हुए थे, जबकि एक और लड़की दूसरी ओर बैठी उन की निगरानी कर रही थी.
पुलिस को अचानक आया देख कर सब हड़बड़ा कर जिस अवस्था में थे, इधरउधर भागने लगे. लेकिन पुलिस ने उन्हें भागने का मौका नहीं दिया और धर दबोचा. कमरे की तलाशी ली गई तो एक पिस्टल की मैगजीन और 8 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए. पुलिस ने वह अपने कब्जे में ले लिए. आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए युवकों से थानाप्रभारी ने पूछा कि तुम में से सन्नी कौन है, जिसे किडनैप कर यहां रखा गया है. तब तीनों ने ही खुद को सन्नी होने से इंकार कर दिया और यह भी बताया कि यहां किसी का अपहरण कर के नहीं रखा गया है. किसी ने आप को गलत सूचना दी है. थानाप्रभारी रमेश को भी यही लगा कि मुखबिर ने युवक की अपहरण की जो सूचना दी थी, वह शायद गलत थी. लेकिन दूसरी सूचना सच थी. चारों युवतियों सीमा, रेखा, बिंदु और मीरा देवी सहित सातों आरोपियों को पुलिस थाने ले गई.
पुलिस द्वारा की गई यह काररवाई पूरी तरह गोपनीय थी और थानाप्रभारी पलपल की सूचना एसपी (सिटी) अंबरीश राहुल को दे रहे थे. थाने में युवतियों से चल रही पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि मीरा देवी सैक्स रैकेट की सरगना है. मीरा ही उन सभी को सत्या अपार्टमेंट तक लाई थी. वाट्सऐप के जरिए उन की बुकिंग की गई थी. इस काम के लिए उन्हें एक दिन के साढे़ 3 हजार रुपए मिलते थे. सीमा, रेखा और बिंदु से पूछताछ के बाद पुलिस ने मीरा देवी से पूछताछ की. मीरा देह व्यापार मंडी का एक बड़ा नाम थी. घाटघाट का पानी पी चुकी मीरा इतनी आसानी से उन के सामने टूटने वाली नहीं थी. लेकिन ऐसे लोगों के मुंह कैसे खुलवाए जाते हैं, पुलिस सब जानती है.
पुलिस ने जब उस से सख्ती की तो उस ने सब बता दिया. अपने बयान में उस ने पुलिस को बताया कि कई साल से वह इस धंधे को कर रही है. इस में कमीशन के तौर पर उस की बहुत मोटी कमाई हो जाती है. उस ने पुलिस को एक बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि शहर के एग्जीबिशन रोड स्थित होटल दयाल पैलेस में हाईप्रोफाइल धंधा जोरों पर चलता है, जहां बंगाल और उत्तर प्रदेश के वाराणसी से कालगर्ल्स बुलाई जाती हैं. इतना सुनते ही थानाप्रभारी रमेश कुमार के पैरों तले से जमीन खिसक गई. वह सोचने लगे कि निकले थे अपहरण की सूचना पर, यहां तो समंदर की बड़ीबड़ी रंगीन मछलियां हाथ लग गईं. यहां हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट का धंधा चल रहा था.
यह सब करतेकरते रात के 10 बज गए थे. थानाप्रभारी ने एसपी (सिटी) अंबरीश राहुल को जब होटल दयाल पैलेस में चल रहे हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट की सूचना दी और वहां छापा मारने की परमिशन मांगी तो वह भी चौंके बिना नहीं रह सके. थानाप्रभारी रमेश कुमार जानते थे अधिकारियों की परमिशन के बिना यह काम वह अकेले नहीं कर सकते हैं. अगर उन्होंने ऐसा किया तो दिक्कत हो जाएगी. हालांकि एग्जीबिशन रोड स्थित होटल दयाल पैलेस गांधी मैदान थाना क्षेत्र में पड़ता था, लेकिन वहां के थानेदार रंजीत वत्स को इस की जानकारी नहीं दी गई. इस की उन्हें भनक तक नहीं लगने दी. एसपी (सिटी) राहुल ने गर्दनीबाग थाने के थानाप्रभारी को हिदायत दी कि इस की भनक किसी को भी नहीं लगनी चाहिए. यह मिशन अतिगोपनीय होगा और उन के नेतृत्व में होगा.
रात 10 बजे एसपी (सिटी) अंबरीश राहुल और डीएसपी सुरेश प्रसाद भी होटल दयाल पैलेस पहुंच गए. वहां गर्दनीबाग थाने के प्रभारी रमेश कुमार पुलिस टीम के साथ पहले से मौजूद थे. यह औपरेशन इतना सीक्रेट था कि होटल दयाल पैलेस के कर्मचारियों को इस की भनक तक नहीं लगी. बहरहाल, एसपी (सिटी) अंबरीश राहुल के होटल दयाल पहुंचते ही गर्दनीबाग थानाप्रभारी रमेश कुमार पुलिस फोर्स सहित हरकत में आए. कप्तान का इशारा मिलते ही पुलिस टीम धड़धड़ा कर होटल के अंदर घुस गई. सब से पहले उन्होंने रिसैप्शन पर ड्यूटी कर रहे रिसैप्शनिस्ट विकास कुमार के पास से आगंतुक रजिस्टर को अपने कब्जे में ले लिया.
रिसैप्शनिस्ट विकास से पूछताछ करने पर पता चला कि होटल में कुल 10 कमरे हैं. सभी कमरे खाली हैं, कोई भी कमरा बुक नहीं है. यह सुन कर एसपी राहुल से ज्यादा थानाप्रभारी चौंके थे. क्योंकि देह व्यापार की मौसी कही जाने वाली मीरा देवी ने पूछताछ के दौरान बताया था कि होटल के सभी कमरों में ग्राहक कालगर्ल के साथ रंगरलियां मना रहे हैं, जबकि होटल के रजिस्टर की पड़ताल करने में तो कहीं ऐसा कुछ दिख ही नहीं रहा है. उस के बाद पुलिस ने होटल के सभी कमरों की तलाशी ली. 9 कमरों में से 9 कपल्स रंगरलियां मनाते पकड़े गए, जिन में 8 कपल्स नशे में चूर थे. एक शादीशुदा कपल भी था, जो किसी काम से पटना आया था. व कपल इस होटल में आ कर रुक गया था.
पुलिस ने उन से पूछताछ कर के उन्हें छोड़ दिया, जबकि 8 जोड़ों को हिरासत में ले कर वहीं होटल में पूछताछ करनी शुरू कर दी थी. हिरासत में ली गई 8 में से 6 युवतियां कोलकाता की थीं, जिन के नाम चंपा, सोनिया, बेबी, नरगिस, समीना और रमैया थे, जबकि 2 युवतियां जूही और सत्या पटना की ही थीं. होटल संचालक पंकज कुमार को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उस से भी पूछताछ होने लगी. पूछताछ के दौरान पता चला कि चला कि खूबसूरत और कमसिन समीना और रमैया कोलकाता से बुलाई गई थीं. जब कमरे की तलाशी ली जा रही थी तो वहां से प्रतिबंधित महंगी अंगरेजी शराब की कई बोतलें बरामद की गई थीं. पुलिस ने सभी बोतलें अपने कब्जे में ले लीं.
खैर, जैसे ही होटल दयाल पैलेस में छापे की सूचना गांधी मैदान थाने के थानाप्रभारी रंजीत वत्स को हुई, उन के होश उड़ गए. वह जैसे थे, उसी अवस्था में होटल पहुंच गए. ऐसा पहली बार हुआ था कि होटल में छापे से ले कर बड़े पैमाने पर सैक्स रैकेट के पकड़े जाने की सूचना उन्हें नहीं मिली थी, जबकि यह होटल उन्हीं के थानाक्षेत्र में पड़ता था. एसपी (सिटी) राहुल ने जानबूझ कर उन्हें इस औपरेशन में शामिल नहीं किया था. उन्हें इस बात की पुख्ता खबर थी कि थानाप्रभारी रंजीत होटल संचालक पंकज से मोटी रकम लेते थे. यदि उन्हें इस औपरेशन की जरा सी भी भनक लगती तो वह होटल मालिक को अलर्ट कर देते.
बहरहाल, रात के 10 बजे से छापेमारी की काररवाई शुरू हो कर अगले दिन सुबह तक चली थी. पुलिस ने 8 कालगर्ल सहित 17 लोगों को होटल दयाल पैलेस से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार कर सभी आरोपियों को गर्दनीबाग थाना लाया गया और अगले दिन लंबी पूछताछ हुई. होटल संचालक पंकज कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया कि वाट्सऐप के जरिए कालगर्ल के लुभावने फोटो ग्राहकों को भेजे जाते थे. फोटो पसंद आने के बाद ग्राहक इस की सूचना पंकज को देता था, जहां 6 हजार से ले कर 18 हजार रुपयों तक में सौदा तय होता था और 75 फीसदी डिजिटल पेमेंट होने के बाद ग्राहकों को होटल में बुलाया जाता था.
वहीं कालगर्ल को बुला कर उन्हें होटल से दूर किसी अपरचित स्थान पर नाम बदल कर रखा जाता था. एक कालगर्ल को दिन के साढ़े 3 हजार रुपए दिए जाते थे और उसे एक सप्ताह बाद वापस भेज दिया जाता था. उन के ग्राहकों में शहर के नामचीन से ले कर हाईप्रोफाइल लोग, जिन में बड़ेबड़े राजनेता, मंत्री, प्रशासनिक अफसर से ले कर मठाधीश तक शामिल थे, जो अपनी रातें रंगीन करने यहां आते थे. पुलिस ने गिरफ्तार सभी कालगर्ल्स और ग्राहकों के खिलाफ वेश्यावृत्ति की विविध धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया और आगे की जांच शुरू कर दी. होटल दयाल पैलेस में जिस्मफरोशी का यह खेल कोई नया नहीं था. वहां यह खेल कई सालों से चला आ रहा था.
पटना के एसपी रहे मनु महाराज ने इस होटल में कई बार छापेमारी की थी और बड़े पैमाने पर सैक्स रैकेट का खुलासा किया था. तब से ले कर अब तक इस होटल में गरम गोश्त का सौदा आज तक चला आ रहा है. शहर के व्यस्ततम इलाके और गांधी मैदान थाना क्षेत्र के एग्जीबिशन रोड स्थित होटल दयाल पैलेस को पंकज कुमार ने कई साल पहले लीज पर लिया था. वैसे पंकज कुमार बिहार के वैशाली जिले का रहने वाला था. वह पढ़ालिखा युवक था. सरकारी नौकरी के लिए वह यहांवहां भागता रहा, हाड़तोड़ मेहनत करता रहा, कंपटीशन की तैयारी करने के बावजूद भी उस की कहीं सरकारी नौकरी नहीं लगी.
थकहार कर उस ने सरकारी नौकरी की तरफ से मुंह मोड़ लिया. वह कुछ ऐसा व्यापार करना चाहता था, जिस में कम समय में अमीर बन जाए. ऐसे में उस के एक दोस्त ने उसे होटल बिजनैस की सलाह दी और बताया कि इस धंधे में बेशुमार कमाई है. दोस्त की बात मान कर पंकज ने होटल खोलने का मन बना दिया और लीज पर होटल दयाल पैलेस को ले लिया. हालांकि इस होटल का असल मालिक कोई और था, जो आज भी परदे के पीछे है. एक बहुत पुरानी कहावत है सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना. कुछ ऐसा ही पंकज कुमार के साथ भी हुआ था. जो सोच कर उस ने होटल लीज पर लिया था, हुआ इस के बिलकुल उलटा. होटल में मुनाफा नहीं हुआ तो वह अवैध धंधों में लिप्त हो गया. शुरूशुरू में उस ने ग्राहकों की डिमांड पर लड़कियों का इंतजाम किया.
इस से उस का धंधा चल निकला. कल तक जहां होटल में कोई नहीं आता था, वहां अब हरियाली ही हरियाली फैलने लगी थी. होटल का सौदा करने वाला पंकज जान चुका था कि यदि यहां रंगीन तितलियों को विकसित करना है तो खाकी वरदी को साथ मिला कर चलना होगा, नहीं तो धंधा चल नहीं सकता. वैसे भी जिस्मफरोशी का यह धंधा मछली की सड़ांध से भी ज्यादा बदबूदार होता है, जिस की गंध सब से पहले खाकी वरदी वालों को हो जाती है. ऐसा ही हुआ. गांधी मैदान थाने के पूर्व थानाप्रभारी को जब जानकारी मिली कि होटल दयाल पैलेस में सैक्स रैकेट चलता है तो उन्होंने होटल संचालक पंकज कुमार को थाने बुलाया.
तब पंकज जुगाड़ लगा कर थानेदार की सेवा में जुट गया और शराब, शबाब और कबाब तीनों परोसने लगा. फिर क्या था थानाप्रभारी ने अपनी ओर से आंखें मूंद लीं. गांधी मैदान थाने के थानाप्रभारी भले ही चुप्पी साध गए, लेकिन एसपी मनु महाराज को जब इस की भनक लगी तो उन्होंने थानाप्रभारी को निलंबित कर दिया. बात यहीं तक नहीं रुकी, उन्होंने होटल में छापा मार कर होटल को सील कर दिया था. पंकज कुमार ने पहुंच और पैसों की बदौलत कानूनी प्रक्रिया पूरी कर के कुछ महीने बाद होटल की सील खुलवा ली. उस के बाद फिर होटल में बड़े पैमाने पर पुराना धंधा शुरू कर दिया था. इस बार धंधे का रूप व्यापक था. इस के लिए उस ने ऐसा रास्ता निकाला कि जल्द वह कानून के पचड़े में न पड़े.
पंकज ने मीरा देवी नाम की महिला को अपने धंधे में शमिल कर लिया था. मीरा पटना की रहने वाली एक बेबस महिला थी. वह मुफलिसी में जी रही थी. घरपरिवार चलाने के लिए उस के पास पैसे नहीं थे तो वह जिस्मफरोशी के धंधे में उतर आई. भोलीभाली लड़कियों को बरगला कर और नौकरी का झांसा दे कर जिस्मफरोशी के धंधे में उतारती थी. जिन लड़कियों के पैर एक बार इस दलदल में फंस जाते, उस का वहां से बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाता. धंधे में उतारने के लिए उस ने एक प्रौपर चैनल बना रखा था. कालगर्ल्स के फोटो वाट्सऐप के जरिए अपने चुनिंदा ग्राहकों के पास भेजते थे. ग्राहक के फोटो पसंद आ जाने पर सौदा तय होता था. रंगीन तितलियों के साथ एक रात बिताने की कीमत 6 हजार से ले कर 18 हजार तक होती थी.
उन पैसों में से कालगर्ल को एक दिन के साढ़े 3 हजार रुपए दिए जाते थे. फिर उन्हें शहर में एक हफ्ते से ज्यादा रुकने नहीं दिया जाता था. होटल दयाल पैलेस में अधिकांश कालगर्ल दूसरे प्रदेशों खासकर कोलकाता से बुलाई जाती थीं. घटना वाले दिन खूबसूरत और कमसिन समीना और रमैया को कोलकाता से प्लेन के जरिए बुलाया गया था. इस धंधे में उतरी अधिकांश कालगर्ल अपने मंहगे शौक पूरा करने के लिए आई थीं तो कुछ शादीशुदा युवतियां जो पेशेवर हैं, उन के इस धंधे को उन के घर वाले जानते भी हैं, वह मजबूरी में आईं. यह सभी जानते हैं कि जिस्मफरोशी का काम गंदा है, पर यह धंधा है. फिलहाल धंधे में गिरफ्तार सभी युवतियां और ग्राहक जेल की सजा काट रहे हैं.
पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच की लपेट में गांधी मैदान थाने के 2 पुलिसकर्मी घिर गए हैं. पुलिस उन के खिलाफ विभागीय काररवाई करने में जुट गई. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि होटल में सैक्स रैकेट चलाने में किनकिन लोगों ने पंकज कुमार के सिर पर हाथ रखा हुआ था ताकि उन के खिलाफ कानूनी काररवाई की जा सके. कथा लिखे जाने तक जांच की काररवाई चल रही थी. पुलिस ने दयाल होटल सील कर दिया था ताकि जांच की काररवाई में कोई रुकावट न आए. इस के अलावा पुलिस सन्नी अपहरण केस की जांच में भी जुट गई है. Bihar Story
—कथा में कालगर्ल्स के नाम परिवर्तित हैं. कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित