Crime News Hindi : इंट्रो : सोनू जिस तरह अंतरंग क्षण के वीडियो से अपनी प्रेमिका मधु को ब्लैकमेल कर रहा था, उस से वह बहुत परेशान हो गई थी. बेवफा प्रेमी से उस ने जिस तरीके से बदला लिया, ऐसा शायद किसी ने सोचा तक नही होगा. अनैतिक यौन संबंध बनाने की मनमरजी करने वाले प्रेमियों के लिए यह एक सबक
‘‘ देरी के लिए क्षमा चाहता हूं सर… कोरोना कर्फ्यू की चेकिंग पर बस पांच मिनट में निकलता हूं …. दोनों कास्टेबल लंच खत्म करने ही वाले हैं…. लेडी कांस्टेबल कोरोना सेफ्टी किट पहनने गई है…‘‘टीआई ने एसडीपीओ को बताया.
‘‘…ठीक है, जल्दी करो…. और हां, सुनो…’ एसडीपीओ साहब ने जबलपुर के थाना खितौली के टीआई से कहा.
‘‘ जी सर…’’ उसी समय टीआई के फोन पर कोई दूसरी काल आ रही थी.उन्होंने अपने अधिकारी से विनम्र अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘सर! प्लीज, एक मिनट होल्ड करें, एक अनजान काल आ रही है… लगता है कोई मुसीबत में है. उस की बारबार काल आ रही है ?’’ कहते हुए टीआई जगोतिन मसराम ने उन का फोन होल्ड कर दिया. वह दूसरी काल रिसीव करते हुए बोले, ‘‘हैलो, कौन बोल रहे हैं? बताएं क्या समस्या है?’’
‘‘ सर…सर! जंगल में लाश पड़ी है…जल्दी आ जाइए.’’ काल करने वाले ने बताया.
‘‘ कहां…? किस जंगल में ? ’’ टीआई ने उस से पूछा.
‘‘ ह…ह….हरग? जंगल में सर! ’’ हड़बड़ाहट से भरी आवाज में उस ने बताया. ‘‘ घबराओ नहीं, आराम से
पूरी बात बताओ… पहले 2 सकेंड के लिए होल्ड करो, लाइन पर ही रहना, फोन मत काटना.’’ यह कहते हुए टीआई ने पहले से होल्ड अपने अधिकारी की काल औन कर उन्हें बताया, ‘‘ सर, अभीअभी हरगढ़ जंगल में एक लाश होने की सूचना मिली है. वहां जाना पड़ेगा’’
‘‘ हरगढ़ जंगल तो शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है. ऐसा करो कोरोना कर्फ्यू चेकिंग के लिए किसी और को भेज दो. तुम वहां क्राइम जांच टीम के साथ तुरंत निकलो. पर दिन रहते पहुंचना होगा. कैमरा, फोरैंसिक जांच टीम, एंबुलेंस आदि ले कर जाना. कोरोना किट जरूर पहन लेना…पता नहीं कोई अज्ञात व्यक्ति इसी बीमारी से ही मरा पड़ा हो.’’ उन्होंने कहा.
‘‘ यस सर!’’ कहते हुए टीआई ने अनजान काल को औन किया.
‘‘ हां भाई, अब बताओ,… लेकिन पहले अपना नामपता बताओ.’’
‘‘ सर, मेरा नाम नारायण पटेल है. सिहोरा थान में गुरजी गांव का रहने वाला हूं. मेरे पिता प्रेमनारायण पटेल के मोबाइल पर किसी ने सूचना दी थी कि पान उमरिया रोड किनारे उस की मोटरसाइकिल पड़ी है. उस के थोड़ी दूरी पर ही एक लाश से दुर्गंध आ रही है.’’ अनजान व्यक्ति ने बताया.
‘‘ ठीक है, तुम हरगढ़ जंगल पहुंचो, मैं एक घंटे में पहुंच रहा हूं.’’ टीआई बोले.
‘‘…मुझे डर लग रहा है सर, क्योंकि मेरा छोटा भाई सोनू 16 मई से ही लापता है.’’ कांपती आवाज में नारायण बोला.
‘‘ डरो मत. घबराने की बात नहीं है.’’ यह कहते हुए टीआई जगोतिन मसराम ने काल डिसकनेक्ट कर दी. यह बात 24 मई, की दोपहर करीब सवा बजे की थी. थानाप्रभारी अपनी जांच टीम के साथ साढ़े 3 बजे हरगढ़ जंगल में उसी झुरमुट से घिरे महुए के पेड़ के पास पहुंच गए, जहां लाश होने की सूचना मिली थी. वहां तक पहुंचने के लिए ऊंची झाडि़यों से हो कर आना पड़ा. पगडंडीनुमा रास्ते से वह जगह थोडी हट कर थी. एक कांस्टेबल गिरी हुई मोटरसाइकिल की तहकीकात में जुट गया, जबकि थानाप्रभारी 3 सहकर्मियों के साथ लाश के पास जा कर मुआयना करने लगे.
सभी कोरोना किट में थे. वहां तेज दुर्गंध भी फैल रही थी. घटनास्थल से जांच टीम ने अधनंगी सड़ीगली लाश के पास से जूट की एकएक मीटर की 2 रस्सियां, नीले रंग का लोअर, टीशर्ट, बनियान, चमड़े के चप्पल और 2 मास्क बरामद किए. लाश और बरामद सामान पेड़ों की सूखी पत्तियों से ढंक से गए. एक ही जगह पर अधिक संख्या में जमा कीड़ेमकोड़ों को देख कर उस जगह किसी लाश के होने का अंदाजा लगाया जा सकता था. जांचपड़ताल चल ही रही थी कि तभी नारायण भी भागता हुआ आया, ‘‘ सर…सर, वही मेरे पापा की मोटरसाइकिल है. आगे की नंबर प्लेट किसी ने निकाल दी है. पीछे वाला भी तोड़ी है.
… मैं अपनी मोटरसाइकिल अच्छे से पहचानता हूं. सर…..’’ वह बोला.
‘‘ सर जी, ये देखिए मोटरसाइकिल की टूटी हुई नंबर प्लेट मिली है. ’’ अधूरी नंबर प्लेट को दिखाता हुआ कांस्टेबल बीच में ही टीआई से बोल पड़ा.
अभी टीआई कुछ बोलते कि इससे पहले ही नारायण तपाक से बोल पड़ा, ‘‘ सर, यह तो मेरी ही मोटरसाइकिल की नंबर है.’’
‘‘ ठीक है, ठीक है. इसे भी बरामद सामान के साथ रख लो.’’ थानाप्रभारी ने कांस्टेबल को निर्देश दिया.
लाश पर से जब सड़ेगले और सूखे पत्ते हटाए गए तब उस से और भी तेज दुर्गंध आने लगी. लाश बुरी तरह से सड़गल चुकी थी. चेहरा तो बिलकुल ही पहचान में नहीं आ रहा था. मांस से बाहर निकली कुछ हड्डियां दिख रही थीं. खून तो सूख कर काला पड़ चुका था. आंखों का पता नहीं चल रहा था. लगता था वह बुरी तरह से कुचल दी गई हों. पास में ही करीब 10-15 किलो का एक पत्थर दिखा. उस पर चिपकी मिट्टी का नमूना ले लिया गया. उस पर भी कीड़े चल रहे थे और पास में मक्खियां भिनभिना रही थीं. जांचकर्मियों ने अनुमान लगाया कि इसी पत्थर से चेहरे पर कई बार हमला किया गया होगा. नारायण ने बरामद सामानों में कपड़े और चप्पल के आधार पर चेहरा कुचले जाने के बावजूद लाश की पहचान कर दी, जो उस के छोटे भाई सोनू की ही थी. सारे कपड़े वही थे, जो उसे शादी में मिले थे.
यहां तक कि उन पर लगे हल्दी के दाग भी वैसे के वैसे थे, जिसे नारायण ने ही उन पर मात्र एक सप्ताह पहले लगाए थे दागधब्बे काले अवश्य हो गए थे, लेकिन स्वास्तिक का निशान देख कर नारायण ने कपड़े सोनू के होने की पुष्टि कर दी. थोड़ी देर में ही जबलपुर के एडिशनल एसपी शिवेश सिंह बघेल, एसडीपीओ (सिहोरा) श्रूतिकीर्ति सोमवंशी और फोरैंसिक जांच टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. वहां से बरामद सारी सामग्री को जब्त कर मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट, भोपाल भेजने के निर्देश दे दिए गए. लाश बड़ी मुश्किल से सील पैक कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई.
टीआई मसराम अपने साथ नारायण को ले कर थाने पहुंचे. उन्होंने घर वालों को भी थाने बुलवा लिया. शाम 7 बजे के करीब घरवालों में उस के पिता और पत्नी गायत्री से मसराम ने पूछताछ की. शुरुआती जांच की पूरी रिपोर्ट तैयार कर आगे की जांच और काररवाई के लिए फाइल तैयार कर दी गई. उस में सोनू के गुमशुदगी की शिकायत को भी दर्ज कर लिया गया, जिस की तहकीकत जबलपुर जिले के एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के दिशानिर्देश पर की जा जारी थी. सोनू के गुमशुदगी की शिकायत 17 मई, 2021 को सिहोरा थाने में तुलसीराम के बड़े बेटे नारायण पटेल ने अपने भाई के लापता होने की लिखवाई थी.
उस शिकायत के अनुसार सोनू 16 मई की सुबह 10 बजे घर से अपनी नवविवाहिता पत्नी का मोबाइल ठीक कराने को कह कर सिहोरा गया था. उस के देर रात तक वापस नहीं लौटने पर रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां फोन कर के पूछताछ की गई, लेकिन जब उस का कोई पता नहीं चला, तब थाने में उस की गुमशुदगी दर्ज की गई. सोनू की 4 दिन पहले ही 12 मई, 2021 को कटनी जिले में बहोरीबंद थानांतर्गत बासन गांव की गायत्री के साथ शादी हुई थी. इस बारे में पुलिस ने गायत्री से पूछताछ की तो गायत्री ने पुलिस को बताया कि पति के शाम तक वापस नहीं आने पर उस ने पति के मोबाइल पर काल की थी, लेकिन फोन आउट औफ कवरेज मिला था.
उसे लगा कि वह रात तक वापस आ जाएंगे, लेकिन नहीं आए. उन के न आने पर मन कई तरह की आशंकाओं से घिर गया और फिर उस ने ही अगले दिन सुबह नारायण को गुमशुदगी की रिपर्ट लिखवाने के लिए कहा. जांच और दूसरे किस्म की तहकीकाती पूछताछ से यह साफ हो गया था कि बरामद लाश सोनू की ही थी, लेकिन अहम सवाल उस की मौत को ले कर बना हुआ था. पहला और ठोस कारण हत्या का ही सामने आ रहा था. यानी हत्या हुई थी तो क्यों और कैसे के सवालों के जवाब तलाशने बाकी थे. साथ ही जल्द से जल्द हत्यारे तक पहुंचने और उसे सजा दिलवानी भी जरूरी थी.10 दिन बाद ही मैंडिको लीगल इंस्टीट्यूट, भोपाल की रिपोर्ट भी आ गई थी.उस रिपोर्ट ने पुलिस को हैरत में डाल दिया.
रिपोर्ट के अनुसार गुरजी गांव से 15 किलोमीटर दूर हरगढ़ की बरामद लाश के गले में जूट की एक पतली रस्सी भी लिपटी थी, जो भीतर की ओर धंस गई थी. इस आधार पर ही उस की मौत को पहले आत्महत्या कहा गया था. हालांकि उसके दोनों हाथों की कलाइयां और पैरों को घुटने के ठीक ऊपर रस्सियों से बांधने के निशान पाए गए थे. ये सबूत सोनू की हत्या की ओर इशारा कर रहे थे, जिस में एक ही व्यक्ति के शामिल होने की भी बात कही गई थी. अब पुलिस के सामने सवाल था कि कोई एक व्यक्ति कैसे एक हष्टपुष्ठ नौजवान की रस्सियों से गला घोंट कर हत्या कर सकता है? किस तरह से उसने उस के हाथ और पैर बांधे होंगे?
इस मामले को खितौला पुलिस थाने में 10 जून को दर्ज किया गया. सिहोरा तहसील के एसडीपीओ की कमान संभाले 2018 बैच के आईपीएस श्रूतिकीर्ति सोमवंशी ने इसे गंभीरता से लिया. उन्होंने सोनू के मोबाइल कौल की पूरी डिटेल्स निकलवाई. उस में पता चला कि सोनू के मोबाइल नंबर से 16 मई को किसी मधु पटेल नाम की लड़की से 4-5 बार बात हुई थी. उन के बीच बातचीत का समय सोनू के घर से निकलने के ठीक बाद साढ़े 10 और 12 बजे के बीच का था. उस के अलावा सोनू की किसी और से बात नहीं हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सोनू की मौत दिन में 2 बजकर 32 मिनट पर हो चुकी थी. मधु के बारे में नारायण और गायत्री से अलगअलग पूछताछ की गई.
नारायण ने मधु के संबंध में इतना बताया कि वह उस की बहन की 20 वर्षीया अविवाहित ननद है. वह फिलहाल सिहोरा तहसील के ही मढ़ई गांव में अपने मातापिता और भाईबहनों के साथ रहती है. गायत्री से पूछने पर उस ने मधु के बारे में जो बताया उससे जांच को आगे बढ़ाते हुए मामले को सुलझाने की खास कड़ी मिल गई. हालांकि गायत्री ने बताया कि उस के पति और मधु के बीच प्रेमसंबंध थे. जबकि उस बारे में पति ने यह भी कहा था कि अब उन के बीच के सारे संबंध खत्म हो चुके हैं और मधु की भी शादी तय हो चुकी है.
पुलिस द्वारा बारबार गायत्री से सोनू के बारे में सवाल पूछे जा रहे थे. पुलिस को लग रहा था कि गायत्री कुछ बातें छिपा रही है. अंतत: वह अपनी पीड़ा ज्यादा समय तक छिपा नहीं पाई. एक बार पुलिस से गायत्री ने पूछ लिया, आखिर इस में उस की क्या गलती है? उन्होंने पुलिस से कहा कि वह बेहद दुखी है. एक तरफ उस की उजड़ी हुई जिंदगी है, दूसरी तरफ घरपरिवार वाले उसे अपशकुन, कुलच्छनी और न जाने क्याक्या कह कर दोषी ठहरा रहे हैं. उस ने अपने पति को मोबाइल ठीक करवाने को क्या कहा, वह सब के निशाने पर आ गई है. जबकि सच तो यह था उस ने ही मोबाइल ठीक कराने की जिद की थी. कुछ लोग तो उसे भी पति की हत्या में शामिल बता रहे थे. गायत्री ने बेहद दुखी हो कर पुलिस को पूछताछ में बताया कि उस की भावनाओं और दु:ख को समझने वाला कोई नहीं है.
दरअसल, गायत्री दुखी होने के साथसाथ अज्ञात आशंका को ले कर बेचैन हो गई थी. उस के मन पर एक बोझ बना हुआ था, जो सोनू ही लाद गया था. अब उस के लिए उस राज को मन में दबाए रखना मुश्किल हो रहा था, जो सोनू ने बताए थे. इसे ले कर शादी के दूसरे दिन ही सोनू से उस की तब कहासूनी हो गई थी. जब उस ने मधु के बारे में पूछ लिया था. जवाब में सोनू ने गुस्से में कह दिया था, ‘‘घर में आए एक दिन भी नहीं हुआ और जासूसी करने लगी हो?’’
इस का जवाब गायत्री ने सहजता से दिया था, ‘‘मधु कुछ देर पहले ही सबकुछ बता गई है.’’
‘‘ क्या कहा उस ने?… और, और…! तुम ने उसे अपने पास आने कैसे दिया?’’ वह बोला.
‘‘ क्यों? मैं उसे कैसे रोकती. वह आप की बहन की ननद है. हमारी रिश्तेदार है. उसे अपने पास नहीं बैठने देती तो परिवार वाले क्या कहते? ’’ गायत्री ने सफाई दी.
‘‘ खैर, बताओ उस ने क्या कहा?’’ सोनू अब थोड़ा नरम पड़ गया था.
‘‘ वह बहुत तेवर में मेरे साथ पेश आई थी. बातें गुस्से में करती हुई तुम से प्रेम करने की बात कह डाली.’’
यह सुन कर सोनू सन्न रह गया. गायत्री ने उसे बताया कि मधु उस के साथ किस तरह झगड़ा कर धमकियां देती हुई अपने घर गई. उस ने सोनू को यह भी बताया उसे हमारी शादी से उसे बेहद नाराजगी है. उस ने तुम पर बेवफाई का आरोप लगाया है. तुम्हें उस ने धोखेबाज प्रेमी कहा है. उस का कहना था कि तुम ने उस से शादी का वादा किया था. तुम ने मुझ से शादी की इसलिए मैं भी अब उस की दुश्मन हूं. सोनू और गायत्री की शादी के दूसरे दिन मधु को ले कर उन के बीच काफी नोकझोंक हुई. गायत्री ने सोनू को यहां तक कहा कि वह उस के बहन की ननद होने कारण चुप रही. उस के हर इलजाम को नजरंदाज किया.
खैर, सोनू ने गायत्री पर गुस्सा होने और मामले को आगे बढ़ने से रोकने के बजाय उस से माफी मांग ली. मधु से तमाम संबंध तोड़ने का वादा भी किया. बातोंबातों में सोनू ने बताया कि अब वह उस की ब्लैकमेल का शिकार हो रहा है. कुछ चीज मधु के पास है, जिस की वजह से उस के तेवर बदले हुए हैं. काफी पूछ ने पर भी सोनू ने उस राज के बारे में नहीं बताया और इसे अपने तक सीमित रखने की कसम खिलाई. ये सारी बातें गायत्री ने पूछताछ में पुलिस को भी बताईं.
पुलिस के लिए गायत्री द्वारा सोनू के साथ मधु के प्रेम संबंध की जानकारी हत्या की गुत्थी सुलझाने में काफी महत्वपूर्ण साबित हुई. हालांकि एक तरफ गायत्री के हाथों में लगी मेहंदी का रंग कम नहीं हुआ था कि उस की मांग का सिंदूर उजड़ गया था. उस के लिए सुहाग का जोड़ा 4 दिन की चांदनी बन कर रह गया था. शादी से पहले उस ने जो सपने देखे थे, वह रेत के महल साबित हुए. एक पल में शादी की खुशियां और विवाहित जीवन के सभी अरमान चकनाचूर हो गए. जिस घर में कल तक ढोलक की थाप पर वैवाहिक गीत गूंज रहे थे, वहां चीखपुकार और सिसकियां पसरी हुई थीं.
पति को खो चुकी गायत्री अपनी पीड़ा और परिजनों के ताने से काफी तनाव में थी. दूसरी तरफ पुलिस ने संदेह के आधार पर 12वीं तक पढ़ी मधु पटेल को भी पूछताछ के लिए थाने बुलावा लिया. उस से महिला पुलिस ने पहले बातों से अपने जाल में उलझाया और अलग अंदाज में पूछताछ की.
‘‘ तुम सोनू को कब से जानती हो? ’’
‘‘ जब से उस की बहन की शादी मेरे भाई से हुई. 2 साल हो गए.’’ मधु बोली.
‘‘ तुम सोनू से प्रेम करती हो?’’ पुलिस ने पूछा.
‘‘ जी नही.’’ वह बोली.
‘‘ लेकिन तुम उस से शादी करना चाहती थी.’’ पुलिस ने अगले सवाल किया.
‘‘ किस ने बताया कि मैं उस से शादी करना चाहती थी?’’
‘‘ तुम ने ही तो कहा है.’’ यह कहते हुए पूछताछ करने वाली महिला पुलिस अधिकारी ने उसे एक आडियो सुनाया. आडियो में मधु तेज आवाज में बोल रही थी ‘तुम ने मुझ से शादी नहीं की तो मैं सब को बरबाद कर दूंगी. देख लेना…! तुम्हें भी नहीं छोडूंगी.’
‘‘यह धमकी तुम ने किसे दी थी, यह तुम बताओगी या मैं ही बताऊं.’’ पुलिस अधिकारी ने कहा.
‘‘ बताती हूं, बताती हूं! लेकिन सोनू को मैं ने नहीं मारा.’’
‘‘ अरे, मैं ने तो सोनू की हत्या के बारे में तुम से कुछ पूछा ही नहीं.’’
‘‘ गलती हो गई मैडम.’’
‘‘अच्छा चलो, उस की हत्या के बारे में ही कुछ बता दो, जो तुम जानती हो. किस ने मारा उसे?’’
‘‘ मुझे नहीं मालूम? मैं कुछ नहीं जानती.’’
‘‘ उस की मौत का तुम्हें तो जरा भी दुख नहीं हुआ. तुम उस की विधवा पत्नी को ढांढस बंधाने भी नहीं गई.’’
‘‘ मुझे कुछ नहीं मालूम… एक बार गायत्री से फोन पर बात करने की कोशिश की थी. बात नहीं हो पाई.’’
‘‘ जिस दिन सोनू की हत्या हुई उस के 2 घंटे पहले उस ने केवल तुम से ही फोन पर बात की थी.’’
‘‘ जी..जी….? मैं कुछ नहीं जानती…’’
‘‘ तुम सब जानती हो, उस का भी मेरे पास सबूत हैं.’’ यह कहते हुए पुलिस ने जब उस की टूटी हुई कलाई घड़ी का फीता दिखाया, तब वह सकपका गई. उस का चेहरा पसीने से भीग गया. उस ने पीने के लिए पानी मांगा.
‘‘ देखो तुम्हारी शादी होने वाली है. तुम सचसच बताओगी तब तुम्हे कुछ नहीं होगा. पुलिस जांच, सोनू की हत्या आदि के बारे में किसी को कुछ नहीं पता चलेगा. अभी मैं अकेले में सवाल कर रही हूं. कल को वकील भरी अदालत में सब के सामने करेंगे.’’
मधु पुलिस की बातों में आ गई और उस ने सोनू की हत्या करने की बात मान ली. उस ने जो बताया उस के अनुसार मधु और सोनू की प्रेम कहानी में पवित्र प्रेम की बुनियाद अनैतिक संबंध और बदले की आग पर टिकी हुई थी. मधु द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार सोनू की हत्या का पूरा मामला इस तरह से सामने आया—
मधु पटेल मढ़ई गांव के रहने वाले नारायण पटेल की बेटी थी. उन के बेटे साहिल की शादी प्रेमनारायण पटेल की बेटी निधि से 2019 में हुई थी. दोनों परिवारों की खेतीबाड़ी में काफी आपसी तालेमल था. वे एकदूसरे की मदद करने को हमेशा तैयार रहते थे. सरकारी अनाज खरीद केंद्र पर धान और गेंहू की बिक्री के सिलसिले में सोनू अकसर मधु के घर आताजाता रहता था. सोनू निधि का छोटा भाई था. इस कारण उस का बहन की ससुराल में आनाजाना शुरू हो गया था. साहिल की छोटी बहन मधु चंचल स्वभाव की खूबसूरत लड़की थी. वह जितनी बातून थी, उतनी ही शरारत और आकर्षक. मजाक तो बातबात पर करती थी.
कुछ भी बोलने में वह नहीं हिचकती थी. सोनू जब भी अपनी बहन की ससुराल आता, मधु उस की खातिरदारी करती. मजाक का रिश्ता होने के कारण उन के बीच खूब हंसीमजाक चलता रहता था. इस सिलसिले में कब उन के बीच प्रेम का अंकुर फूट पड़ा उन्हें पता ही नहीं चला. एक बार मधु अपनी भाभी के साथ सोनू के घर आई हुई थी. संयोग से उस के आने के कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लौकडाउन हो गया. आवागमन के सारे साधन बंद हो गए. इस कारण मधु को अपनी भाभी के घर ही रुकना पड़ा. इस दौरान सोनू और मधु के बीच प्रेम की मधुरता और गहरी हो गई. उन पर घर के दूसरे लोगों की भी नजर बनी रहती थी, जिस से वे एकांत की ताक में रहने लगे. जब भी मौका मिलता खेतों की ओर साथ में निकल पढ़ते या फिर पास के जंगल की और चले जाते थे.
एक दिन दोपहर का समय था. घर के लोग पास के गांव में अपने रिश्तेदार की शादी में गए हुए थे. निधि खाना बनाने में लगी थी. सोनू और मधु कमरे में बैठ कर टीवी देख रहे थे. उन के बीच हंसीमजाक का दौर भी चल रहा था. वे कोरोना काल में शादी को ले कर चर्चा कर रहे थे. उन के बीच विवाहित जोड़े द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर बहस हो रही थी. बातोंबातों में सोनू रोमांटिक मूड में आ गया था. मौका देख कर सोनू मधु के गाल और होंठ छूते हुआ बोला, ‘‘ अभी शादी करने वालों को सिर्फ इस से काम चलना होगा.’’
मधु उस की हरकत से शर्मसार हो गई. उस ने उस के हाथ को झटक दिया.
सोनू बोल पड़ा, ‘‘मैं तुम से प्यार करता हूं, मधु.’’
‘‘ मैं भी तुम्हें दिलोजान से चाहती हूं.’’ इतना कहना था कि सोनू ने मधु को गले लगा लिया. मधु भी खुद को नहीं रोक पाई. सोनू के गाल चूम लिए और उस की आगोश से छूट ने की कोशिश करने लगी.
‘‘ मधु मैं तुम से शादी करना चाहता हूं.’’ कहते हुए सोनू ने आंख पर आ चुकी उस की बालों की लट को हटाया.
‘‘ चलो हटो भी, बड़े आए शादी करने वाले. पहले अपने परिवार को तो राजी कर लो. वह रीतिरिवाज के पक्के हैं. बातबात में गोत्र, संस्कार और समाज की बात करते हैं.’’ कहते हुए मधु ने धीरे से सोनू के गालों पर थपकी दी.
‘‘ वह तो मैं कर लूंगा, तुम्हें पाने के लिए सारे रीतिरीवाज तोड़ दूंगा. तुम भी अपने मांपापा से बात करना.’’ अब सोनू ने भावावेश में मधु के होंठ चूम लिए. फिर अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की, ‘‘तुम मेरा साथ दो तो हम दोनों शादी कर जीवन भर साथ रहेंगे.’’
इसी बीच सोनू की बहन ने आवाज लगाई, ‘‘सोनू देखना बाहर दरवाजे पर कौन है. और हां, बाथरूम में मेरे लिए 2 बाल्टी पानी भी रख देना.’’
अच्छा दीदी, बोलता हुआ सोनू चला गया और मधु उस की खयालों में खो गई. कहते हैं न कि इश्क का रोग लाख छिपाने पर भी नहीं छिपता है. सोनू और मधु के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन के प्रेम की पहली भनक निधि को लगी. उस ने दोनों को शादी करने से मना कर दिया. साफसाफ लहजे में कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है. इस से 2 परिवारों की इज्जत समाज में गिर जाएगी. तुम दोनों की शादी गौत्र के नियम के अनुसार गलत होगी. जिस से भविष्य में परिवार के बीच कलह पैदा हो सकती है और मेरी शादीशुदा जिंदगी भी प्रभावित हो जाएगी.
उन के प्रेम संबंध और शादी की बात परिवार के सभी बड़े लोगों को हो गई. सब से पहले निधि मधु को लेकर अपनी ससुराल चली गई. बदनामी के डर से उन्हें मिलनेजुलने पर रोक लगा दी गई. जब प्यार पर पाबंदी बढ़ने लगी तो दोनों ने मोबाइल फोन की वीडियो काल को अपने प्यार के इजहार का जरिया बना लिया. दूसरी तरफ दोनों के परिजन उन की अलगअलग शादी करने के इंतजाम में लग गए. जल्द ही मधु का रिश्ता पाटी गांव के विजय पटेल के साथ तय हो गया था. उस की सगाई भी हो गई. मधु की सगाई की रस्म होते ही सोनू गिरगिट की तरह रंग बदलने लगा. वह मधु से मिलनेजुलना तो दूर उस से बात करने तक से कतराने लगा. जबकि उस की शादी भी कटनी जिले के गांव बासना की रहने वाली गायत्री पटेल से तय हो गई थी.
मधु सोनू द्वारा उपेक्षा किए जाने से परेशान रहने लगी थी. उसे बहुत बुरा लग रहा था. कारण सोनू ने उस के साथ प्यारमोहब्बत की कसमें खाई थीं. खैर, किसी तरह से मधु ने अपने मन को समझा लिया था और सोनू के प्यार को भूल कर अपने नए रिश्ते के लिए खुद को तैयार करने लगी थी. विजय के साथ अपनी शादी के सपने सजाने लगी थी, लेकिन मधु के लिए सोनू को भूलना आसान नहीं था. उस की लुभावनी बातें, वीडियो कौलिंग में की गई ख्वाहिशें, मीठे चुंबनों की यादें, आगोश के चंद लमहों में लिपटा यौनसुख आदि को मधु चाह कर भी नहीं भूल पा रही थी.
हत्या की घटना के करीब 4 महीने पहले सोनू मधु के घर गया था. दोनों की शादी अलगअलग जगहों पर तय हो जाने के बाद उन के मिलनेजुलने पर पहले जैसी पाबंदी में थोड़ी ढील मिल गई थी. उन के बीच पहले की तरह मुलाकातें और बातें होने लगी थीं. एक दिन सोनू ने मौके का फायदा उठा कर मधु के साथ एक बार फिर शरीरिक संबंध बना लिए थे. यही नहीं इस का उस ने एक वीडियो भी बना लिया था, जो उस ने उस के वाट्सएप पर भेज दिया था. मधु सोनू की इस हरकत से दुखी हो गई. उस ने वीडियो हमेशा के लिए डिलीट करने की उस से विनती की, लेकिन सोनू के मन में तो कुछ और ही चल रहा था.
उस ने मधु के साथ अंतरंग रिश्ते की वीडियो को ब्लैकमेल का औजार बना लिया. वह उस वीडियो की आड़ में मधु से साथ लगातार यौन संबंध बनाने का दबाव बनाने लगा था. मधु बारबार समझाती थी कि उस की शादी होने वाली है इसलिए ऐसा नहीं करे. वह सोनू की शादी तय होने का भी हवाला देती थी. वह सोनू से बोली, ‘‘क्यों न हम अपनेअपने नए जीवन की शुरुआत करें.’’
उस के जवाब में सोनू धमकियां देने लगा. यह सब चलता रहा और सोनू की शादी 12 मई, 2021 को हो गई. दोबारा लौकउाउन लगने की वजह से मधु की शादी की तारीख पक्की नहीं हो पाई थी. मधु से अकेले में मिलने के लिए सोनू ने 14 और 15 मई को लगातार कई फोन किए. उस ने फोन पर ही कहा, ‘‘ तुम्हारी तो शादी होने वाली है, आखिरी बार मुझ से मिल लो.’’
‘‘ ठीक है, मैं तुम्हारे साथ आखिरी बार संबंध बना लूंगी, लेकिन वह मेरे अनुसार होगा. उस के लिए जगह भी मैं तय करूंगी और तरीका भी मेरे कहे का अपनाना होगा.’’ मधु ने शर्त रखी.
‘‘ कौन सी जगह? कैसा तरीका?’’ सोनू ने जिज्ञासवश पूछा.
‘‘ वह सब मैं 16 तारीख को बताउंगी. मैं चाहती हूं कि हमारी आखिरी मुलाकता यादगार बने. दिन में साढ़े 10 बजे फोन करना, मिलने की जगह बता दूंगी. मेरे कहे अनुसार संबंध बनाने होंगे. जैसजैसा मैं कहूंगी, वैसावैसा करना होगा. और हां, पहले मेरे सामने ही पुराने सभी वीडियो डिलीट करने होंगे.’’ मधु ने चुहलबाजी के साथ आकर्षक अंदाज में कहा. मधु का प्रस्ताव सुन कर सोनू काफी रोमांचित हो गया. उस ने झट से हां कह दी.
अगले रोज 16 मई, 2021 को ठीक 10 बजे सोनू अपने पिता की मोटरसाइकिल ले कर मधु द्वारा बताए गई जगह सिद्धम मंदिर के पास पहुंच गया. वहीं से उस ने मधु को फोन किया. 3 काल उस ने रिसीव नहीं किए. सोनू खीज उठा. उस ने फिर काल की. इस बार मधु ने काल रिसीव करते हुए कहा कि वह 8-10 मिनट में पहुंचने वाली है.
थोड़ी देर में ही मधु अपनी बुआ की 16 वर्षीया बेटी निमिषा ( बदला नाम) के साथ आ गई. सोनू ने पूछा, ‘‘कहां चलना है?’’
मधु बोली, ‘‘वहीं जहां पहले भी कई बार मिलते रहे हैं. हरगढ़ जंगल.’’इस के बाद तीनों मोटरसाइकिल पर आधे घंटे में ही हरगढ़ जंगल के पास पहुंच गए. सोनू ने सड़क के किनारे मोटरसाइकिल लगा दी और निमिषा को वहीं रुकने के लिए कहा. फिर वह मधु के साथ भीतर जंगल में चला गया. झाडि़यों के एक झुरमुट के बीच थोड़ी सी जगह पर दोनों बैठ गए. मधु ने अपने हैंडबैग में रखा दुपट्टे की तरह इस्तेमाल किया जाने वाला वही स्टाल निकाला और बिछा दिया, जिस पर बैठ कर वह अकसर रोमांटिक बातें किया करते थे. सोनू उसपर लेट गया. मधु ने रोमांटिक अंदाज में कहा, ‘‘आज मैं तुम्हारे हाथोंपैरों को रस्सी से बांधूंगी. आंखों पर भी पट्टी बांध दूंगी. उस के बाद हम संबंध बनाएंगे.’’
यह सुनकर सोनू को अजीब तो लगा, लेकिन वासना की आग में जलता हुआ मधु के कहे अनुसार पेट के बल लेट गया. इस से पहले मधु ने साथ लाई रस्सी से उस के हाथ और पैर बांध दिए थे. सोनू के लेटते ही मधु उस की पीठ पर सवार हो गई और पास पड़े एक वजनी पत्थर सिर पर दे मारा. सोनू अभी संभलता इस से पहले मधु ने पत्थर से 3-4 वार कर दिए. हाथपैर बंधे होने और आंखों पर पट्टी होने के कारण सोनू अपना बचाव नहीं कर पाया. मधु ने उस के गले को भी एक रस्सी से कस दिया. कुछ समय में ही सोनू के शरीर से हलचल बंद हो गई. उसे लात से पीठ के बल उलट दिया. मृत सोनू की आंखों की पट्टी खोली. हाथपैर की रस्सियां भी खोल दीं. गले की रस्सी लिपटी छोड़ दी.
बिछाया स्टाल निकाल कर अपने बैग में रख लिया. फिर उस ने पत्थर से उस के चेहरे पर जोर से कई वार किए. उस की जेब से एटीएम कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल निकाल कर अपने बैग में रख लिया. सोनू को मौत के घाट उतारने के बाद मधु ने निमिषा को आवाज दे कर बुला कर कहा, ‘‘सोनू को हम ने मार दिया. आज मैं ने उस की बेवफाई और ब्लैकमेलिंग का बदला ले लिया है. हमेशा के लिए कांटा निकाल दिया है. इस बारे में तुम किसी से कुछ नहीं कहना.’’
दोनों जंगल से बाहर निकल आईं और मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट को पत्थर मारमार कर तोड़ डाला. ऐसा करते हुए मधु की कलाई घड़ी का फीता टूट गया उस ने घड़ी तो उठा कर अपने बैग में रख ली और टूटा हुआ फीता वहीं झाडि़यों में फेंक दिया. इस जुर्म को कबूलने के बाद मधु ने पुलिस को बताया कि वह सोनू द्वारा बनाई गई उस की अश्लील वीडियो को ले कर परेशान थी. उस से बच ने का एक ही तरीका उस के दिमाग में आया कि उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया जाए. इस खुलासे के बाद मधु पटेल पर सोनू की हत्या के आरोप में आइपीसी की धाराएं 302 और 201 लगाई गई.
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. निमिषा पर भी साक्ष्य छिपाने के जुर्म में आइपीसी की धारा 201 लगाकर उसे बाल कारागार गृह शहडोल भेज दिया गया, जबकि मधु पटेल को महिला जेल जबलपुर भेज दिया गया. Crime News Hindi
(कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित)