UP Crime News : एक तरफ पूरे देश में दहेज हत्या के झूठे मामलों में परिजनों को फंसाने जैसे अपराधों पर बहस छिड़ी है, वहीं इसी बीच ग्रेटर नोएडा में विपिन भाटी और उस के फेमिली वालों पर 27 वर्षीय पत्नी निक्की को जला कर मारने का आरोप लगा है. क्या वास्तव में निक्की दहेज लोभियों के लालच में जलाई गई या इस के पीछे की सच्चाई कुछ और है? पढ़ें रोंगटे खड़े कर देने वाली यह कहानी.

दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके के रूपवास गांव की रहने वाली निक्की और उस की बड़ी बहन कंचन की शादी 27 दिसंबर, 2016 में ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में एक ही परिवार के 2 भाइयों से हुई थी. बड़े भाई रोहित से भिखारी सिंह की बड़ी बेटी कंचन और छोटे भाई विपिन से छोटी बेटी निक्की की शादी हुई थी. भिखारी सिंह पायला कभी गांव के बड़े काश्तकार थे, लेकिन ग्रेटर नोएडा के विकास के साथ उन की जमीनें ग्रेटर नोएडा अथौरिटी ने अधिग्रहीत कर लीं.

मुआवजे के रूप में मिली करोड़ों की रकम ने भिखारी सिंह के परिवार की जिंदगी का कायाकल्प कर दिया. परिवार में पत्नी वसुंधरी के अलावा 2 बेटियां और 2 बेटे रोहित व अतुल थे. रोहित की 2016 में शादी भी हो चुकी है, लेकिन पारिवारिक विवाद के कारण अब उस की पत्नी मीनाक्षी अपने मायके में है.

दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में रहने वाले सत्यवीर सिंह के परिवार में पत्नी दयावती के अलावा 2 बेटे हैं रोहित व विपिन. सत्यवीर सिंह अपने गांव के एक छोटे काश्तकार थे. उन की हैसियत भिखारी सिंह जैसी तो नहीं थी, लेकिन उन की जमीन का भी कुछ मुआवजा मिला था, जिस से उन्होंने गांव में अच्छा सा घर बनवा लिया. साथ ही घर के बाहरी इलाके में कुछ दुकानें बना कर किराए पर दे दीं. इस के अलावा उन्होंने एक किराना की दुकान खुद भी खोल ली. इसी दुकान पर सत्यवीर व उन के दोनों बेटे रोहित और विपिन भी बैठने लगे. उन की आमदनी के बस यही जरिया था.

निक्की (27 वर्ष) व कंचन (29 वर्ष)  की शादी दोनों सगे भाइयों से तब हुई, जब देश में नोटबंदी के बाद ज्यादातर लोगों के पास नकदी की कमी थी. इसीलिए उस वक्त दोनों बहनों की शादी सादगीपूर्ण तरीके से जरूर हुई, लेकिन नोटबंदी के बावजूद भिखारी सिंह ने दिल खोल कर पैसा खर्च किया.

बाद में हालात सामान्य होने पर निक्की के पिता भिखारी सिंह ने शादी में दिए जाने वाले सामान की भरपाई कर दी. निक्की के पति को शादी के बाद एक स्कौर्पियो कार के अलावा आभूषण, नकदी और भोग विलास की हर चीज दी. वक्त धीरेधीरे गुजरता गया. निक्की की बहन कंचन के 2 बच्चे हुए. बेटी लाव्या (7 साल) व बेटा विनीत (4 साल), जबकि निक्की का एक बेटा है जो अब करीब 6 साल का है.

विपिन कोई काम नहीं करता था,  इसलिए निक्की ने कुछ साल पहले अपनी बहन के साथ मिल कर ससुराल के घर की ऊपरी मंजिल पर एक ब्यूटी पार्लर खोला था. पार्लर का काम काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन ससुराल वालों के दबाव में कुछ ही महीने पहले उन्हें ब्यूटी पार्लर बंद करना पड़ा.

शादी के 9 साल बाद अचानक 21 अगस्त, 2025 की देर शाम को बड़ी बहन कंचन ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी कि शाम करीब साढ़े 5 बजे उस की सास दयावती और देवर विपिन ने उस की बहन निक्की को ज्वलनशील पदार्थ डाल कर जला दिया है. सास ने अपने हाथ में ज्वलनशील पदार्थ लिया और विपिन को पकड़ाया, जिसे विपिन ने निक्की के ऊपर डाल दिया. साथ ही निक्की के गले पर हमला किया. जिस के बाद उस की बहन बेहोश हो गई. जब मैं ने इस का विरोध किया तो मेरे साथ भी मारपीट की गई. कंचन ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उस का पति रोहित भाटी और ससुर सत्यवीर मौके पर मौजूद थे.

गंभीर हालत में निक्की को पड़ोसियों की मदद से वह फोर्टिस हौस्पिटल एच्छर, ग्रेटर नोएडा ले गई, जहां हालत बिगडऩे पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहां इलाज के दौरान उस की मौत हो गई. कंचन ने पुलिस को बताया कि जिस समय उस की बहन की हत्या की गई, वह मौके पर थी, लेकिन वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकी.

बहन की मौत से गुस्साई कंचन ने अगली सुबह ससुरालियों पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए कासना कोतवाली में तहरीर दे कर पिता सतवीर भाटी, सास दयावती और दोनों बेटों रोहित व विपिन के खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1) (हत्या), 115(2) (चोट पहुंचाना) और 61(2) के तहत केस दर्ज कर दिया.

ससुराल वालों द्वारा दहेज की मांग के लिए निक्की की जला कर हत्या करने की खबर अगली सुबह पूरे नोएडा व एनसीआर के साथ गुर्जर समाज के बीच जंगल की आग की तरह फैल गई थी. जगहजगह निक्की के हत्यारों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग के लिए धरनेप्रर्दशन होने लगे. हाथों में ‘जस्टिस फौर निक्की बहन’ की तख्ती और बैनर ले कर दरजनों  बसों, कारों, ट्रैक्टर ट्रौली, दोपहिया ले कर सैकड़ों ग्रामीणों के साथ परिजन कासना कोतवाली जा पहुंचे. इस दौरान उन के साथ किसान संगठन और समाजवादी छात्र से जुड़े लोग भी रहे.

मृतका की बहन कंचन का साफ कहना था कि उस की बहन को कई दिनों से परेशान किया जा रहा था. साजिश के तहत जला कर उस की हत्या की गई है. उस का पति विपिन उस से पूरी रात मारपीट करता था. वह अपनी बहन को इंसाफ दिलाना चाहती है. जिस तरह से उस की बहन तड़पतड़प कर मरी, उसी तरह से आरोपियों को भी फांसी की सजा मिलनी चाहिए.

कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र शुक्ल व ग्रेटर नोएडा जोन के एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार पर आरोपियों को पकडऩे का दबाव लगातार बढ़ रहा था. फेमिली वालों का सीधा आरोप था कि विपिन भाटी व उस के घर वाले निक्की को दहेज के लिए लगातार परेशान कर रहे थे. पिछले कुछ समय से वे निक्की पर दबाव डाल रहे थे कि जो मर्सिडीज गाड़ी भिखारी सिंह ने अपने लिए खरीदी है, वह उसे गिफ्ट की जाए तथा कामधंधा शुरू करने के लिए 35 लाख रुपए नकद दिए जाएं.

परिजनों का साफ आरोप है कि शादी के बाद से ही विपिन लगातार कुछ न कुछ मांग करता रहता था, लेकिन शादी के 9 साल बाद अब उस की मांगें पूरी करना उन के वश से बाहर हो गया था.

वायरल वीडियो से पेचीदा हुआ मामला

घटना के दौरान घर में मौजूद कंचन ने अपनी छोटी बहन के साथ मारपीट और आग के हवाले करने का वीडियो भी बनाया था. इस दौरान निक्की का बेटा भी मौजूद था. महिला को आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अगले दिन जम कर वायरल हो गया. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि विपिन और मृतका की सास निक्की के बाल खींच कर मारपीट करते हैं. साथ ही एक दूसरे वीडियो में आग लगने के दौरान निक्की सीढिय़ों से उतरती हुई दिख रही है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि आग में झुलसने के दौरान उस के शरीर के कपड़े भी जल जाते हैं. वह पूरी तरह से झुलसने के बाद बदहवास हालत में जमीन पर बैठी है. वहीं एक अन्य वीडियो में निक्की के बेटे को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उस के पापा ने मम्मा को लाइटर से जलाया.

कंचन के बयान और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस पर दबाव इस कदर बढ़ा कि पुलिस की कई टीमें गठित कर दबिशें शुरू की गईं. परिणामस्वरूप निक्की की हत्या में नामजद चारों आरोपियों विपिन भाटी, उस के पिता सत्यवीर भाटी, भाई रोहित भाटी व मां दयावती को अलगअलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया.

लेकिन विपिन भाटी को जब पुलिस ज्वलनशील पदार्थ बरामद करने के लिए ले जा रही थी तो उस ने एक दरोगा का रिवौल्वर छीन कर भागने की कोशिश की. विपिन ने पुलिस टीम पर फायर किया तो आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी फायर किया, जिस में पुलिस की गोली विपिन की टांग में लगी. इस के बाद विपिन पर एक अन्य केस भी दर्ज हो गया. लेकिन पुलिस हिरासत में विपिन ने जो बयान मीडिया को दिया, वह इशारा करता है कि दाल में कुछ काला जरूर है. उस ने मीडिया से कहा कि उस ने अपनी पत्नी को नहीं जलाया और मारा, बाकी लड़ाईझगड़ा तो हर फेमिली में होता है. इस से ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा.

एक कत्ल 2 कहानी से गहराता रहस्य

निक्की भाटी मर्डर केस की जांच जैसेजैसे आगे बढ़ रही है, नए सबूत, लोगों के बयान और कुछ नए वीडियो सामने आ रहे हैं, वैसेवैसे कहानी एक रहस्यमयी पहेली में बदलती जा रही है. 27 वर्षीय निक्की की मौत के बाद आरोपप्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. मायके वाले इसे साफसाफ दहेज हत्या करार दे रहे हैं. दूसरी तरफ आरोपी विपिन भाटी तथा उस के कुछ पड़ोसियों का कहना है कि दोनों के बीच तनाव की असली वजह सोशल मीडिया पर निक्की और कंचन की मौजूदगी थी.

इस केस की जांच कर रही कासना पुलिस असमंजस में है. अभी पुलिस भी मिले सबूतों के आधार पर पैसों और गाड़ी की मांग को ही हत्या की वजह मान रही है, लेकिन साथ ही पुलिस नए सिरे से जांच भी कर रही है. दरअसल, जांच टीम के सामने अब 2 परस्पर विरोधी कहानियां हैं.

पहली कहानी यह कि निक्की भाटी को उस के पति और ससुराल वाले लगातार दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे. उस से 35 लाख रुपए की मांग की जा रही थी और यही प्रताडऩा उस की मौत का कारण बनी. दूसरी कहानी यह है कि निक्की और उस की बड़ी बहन कंचन इंस्टाग्राम पर रील्स बनाया करती थीं. यह बात उन के पति और ससुराल वालों को बुरी लगती थी. इस वजह से उन के बीच अकसर तनाव होता था, जो खूनी अंजाम तक पहुंच गया.

निक्की भाटी की ससुराल सिरसा गांव में है. उस के ससुराल के आसपास के लोगों का कहना है कि निक्की और कंचन अपने घर से छोटा ब्यूटी पार्लर चलाती थीं. इस के साथ ही दोनों बहनें इंस्टाग्राम पर मेकओवर रील्स बना कर पोस्ट करती थीं. इन रील्स में वे साधारण लुक से ट्रांजिशन कर तैयार और स्टाइलिश अंदाज में नजर आती थीं. ये रील्स उन के पतियों, विपिन और रोहित भाटी को नागवार गुजरती थीं. एक पड़ोसी ने बताया, रील्स बनाने को ले कर उन के बीच अकसर झगड़ा हुआ करता था.

बताया जा रहा है कि इसी साल 11 फरवरी को निक्की व विपिन और कंचन व रोहित के बीच जम कर झगड़ा हुआ था. इस दौरान दोनों बहनों के साथ मारपीट भी हुई थी. इस वजह से दोनों बहनें अपने मायके रूपबास गांव चली गई थीं.

लड़कियों को मायके में देख कर आसपास के लोग आवाज उठाने लगे तो पंचायत बैठाई गई. 18 मार्च, 2025 को सुलह इस शर्त पर हुई कि दोनों बहनें आगे से रील्स नहीं बनाएंगी. वे मान भी गईं, लेकिन चंद दिनों बाद दोनों ने फिर से वीडियो पोस्ट करना शुरू किया और तनाव दोबारा गहराने लगा.

विपिन भाटी के चचेरे भाई देवेंद्र ने बताया कि जिस समय घटना हुई, उस समय विपिन घर पर नहीं था. इधर, निक्की को जिस अस्पताल में भरती कराया गया था, उस अस्पताल की रिपोर्ट भी सामने आ गई है. उस में बताया गया है कि निक्की की मौत सिलेंडर फटने के कारण आग लगने से हुई है. हालांकि जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो वहां सिलेंडर फटने के कोई सबूत नहीं मिले. पर ज्वलनशील पदार्थ का डिब्बा और लाइटर मिला है. वहीं, जिस वक्त घर में निक्की को आग लगी, उस वक्त के सीसीटीवी में उस का पति विपिन घर के पास एक दुकान के बाहर खड़ा दिखाई दे रहा है. इन तमाम सबूतों ने निक्की की मौत को बुरी तरह उलझा दिया है.

मौत की जांच में आया नया मोड़

नया मोड़ लेती निक्की भाटी की मौत में निक्की के कमरे से बरामद ज्वलनशील पदार्थ और कई नए वीडियो क्लिप ने पुलिस जांच की दिशा ही बदल दी है. अब नए सिरे इस घटना की जांच की जा रही है. इस मामले की जांच कर रही पुलिस को निक्की के कमरे से ज्वलनशील तरल पदार्थ बरामद हुआ, जिसे फोरैंसिक जांच के लिए भेजा गया. इस के साथ ही 21 अगस्त की घटना से जुड़े कई छोटे वीडियो क्लिप भी सामने आए हैं.

इन की वजह से पूरी जांच की दिशा बदल गई है. एक नया वीडियो सामने आया है, जिस में सास दयावती अपने बेटे विपिन और बहू निक्की को झगड़े के दौरान अलग करती नजर आ रही है. एक दूसरा वीडियो, जिसे निक्की की बहन कंचन ने शूट किया था, उस में एक आवाज सुनाई देती है, ‘ये क्या कर लिया.’ इस बयान और वीडियो के सामने आने के बाद अब नए सिरे से केस जांच की जा रही है. पुलिस जांच के दौरान एक सीसीटीवी फुटेज भी मिला है. इस में विपिन घटना से ठीक पहले अपने घर के बाहर खड़ा नजर आया है. इस के अलावा ग्रेटर नोएडा के जारचा इलाके में पिछले साल अक्तूबर में दर्ज एक पुराने मामले की भी जांच की जा रही है, जिस में विपिन पर प्रीति नामक लड़की के साथ मारपीट करने और उसे धमकी देने का आरोप लगा था.

इस के साथ ही एक निजी अस्पताल के मेमो के अनुसार निक्की घर में गैस सिलेंडर फटने से झुलसी थी. उसे विपिन का चचेरा भाई देवेंद्र अस्पताल ले कर पहुंचा था. वहीं दूसरी ओर बहन कंचन का आरोप है कि यह सुनियोजित दहेज हत्या थी. देवेंद्र का बयान भी मामले को उलझा रहा है. उस का कहना है कि निक्की बारबार पानी मांग रही थी. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसी बीच निक्की और कंचन के पिता भिखारी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन की बेटी को दहेज के लिए जिंदा जला दिया गया.

पुलिस की जांच अब 3 बिंदुओं पर टिक गई है. पहला ज्वलनशील पदार्थ की फोरैंसिक रिपोर्ट, नए वीडियो क्लिप और कंचन के बदलते बयान. यही 3 कडिय़ां यह तय करेंगी कि निक्की की मौत गैस सिलेंडर हादसा थी या एक साजिश के तहत की गई दहेज हत्या. निक्की भाटी की डेथ मिस्ट्री उलझती क्यों जा रही है, इस का जवाब सिर्फ निक्की की मौत के सच से ही नहीं लगेगा, बल्कि निक्की की भाभी यानी भाई की पत्नी के आरोप भी इस मामले को उलझा रहे हैं.

यह मामला अब महज एक केस नहीं, परिवार के भीतर छिपी 2 सच्चाइयों की जंग का रूप ले चुका है. दरअसल, निक्की की भाभी मीनाक्षी ने कहा कि दहेज की आग ने उस की शादी को भी खत्म कर दिया है. मीनाक्षी का कहना है कि साल 2016 में भिखारी सिंह पायला के बेटे रोहित पायला से उस की शादी हुई. पिता ने दहेज में सियाज कार और 20 तोला सोना दिया. लेकिन एक्सीडेंट का बहाना बना कर कार एक हफ्ते में बेच दी गई.

इस के बाद ताने, मारपीट और अपमान का सिलसिला शुरू हुआ और इस की रफ्तार बढ़ती गई. सास और दोनों ननद उस के बाल पकड़ कर घसीटती थीं. पति भी मारपीट करता था. एक बार तो उस ने गोली तक चला दी. मीनाक्षी का आरोप सिर्फ हिंसा तक सीमित नहीं है. वह दोहरी नीति की बात करती है. वह कहती है, ”मुझे फोन रखने तक की इजाजत नहीं थी, लेकिन बेटियों के लिए पार्लर, सोशल मीडिया पर रील्स, इंस्टाग्राम, सब मंजूर था. यदि बहू के लिए नियम थे तो बेटियों के लिए क्यों नहीं? एक जैसी सख्ती क्यों नहीं?’’

मीनाक्षी के मुताबिक उस की शादी के 9 साल हो गए, लेकिन वह मुश्किल से 9 महीने ही ससुराल में रह पाई. दहेज पर पंचायतें बैठीं. एक नहीं, 100 बार पंचायत हुई. हर बार नतीजा यही कि बहू घर छोड़ दे. साल 2018 में दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज हुआ, लेकिन साल 2020 में दबाव और समझौते की राजनीति के बीच केस वापस लेना पड़ा. उसी साल पिता चल बसे. मीनाक्षी कहती है, ”जिस दिन पापा गए, उसी दिन मेरे लिए सब कुछ खत्म हो गया. मुझे बेघर कर दिया गया. मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गईं. तब से मैं अपने मायके में हूं.’’

मीनाक्षी के सारे आरोपों के बीच ससुर भिखारी सिंह पायला जवाब देते हुए कहते हैं, ”मेरे बेटे रोहित ने कभी मीनाक्षी पर हाथ नहीं उठाया. मेरे पास सारे सबूत हैं. हमारे दरवाजे हमेशा मीनाक्षी के लिए खुले हैं. मीनाक्षी कभी भी आ कर यहां रह सकती है.’’ वे अपने परिवार के पक्ष में खड़े दिखते हैं और मीनाक्षी की बातों को साफतौर पर खारिज करते हैं. फिलहाल ग्रेटर नोएडा पुलिस नए सबूतों और बयानों के आधार पर इस केस की जांच नए सिरे से कर रही है. कंचन व निक्की के तीनों बच्चे अपने नाना के पास हैं. परिवार अब कंचन को भी उस की ससुराल में भेजना नहीं चाहता.

विरोधाभासी सबूतों के कारण कासना पुलिस भले ही विपिन भाटी व उस के परिजनों को निक्की भाटी की दहेज के लिए हत्या करने के आरोप में जेल भेज कर उन पर मुकदमा चलाए. लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी हो सकती है कि निक्की की मौत एक सोचीसमझी साजिश है. हो सकता है यह एक हादसा भी हो.

दहेज ने ली संजू की जान, बच्ची संग जल मरी

राजस्थान के जोधपुर में ग्रेटर नोएडा जैसी दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. यहां दहेज प्रताडऩा से तंग आ कर एक स्कूल टीचर ने अपनी मासूम बच्ची के साथ जान दे दी. पीडि़ता की पहचान 32 वर्षीय संजू बिश्नोई के रूप में हुई है. उस ने अपनी 3 साल की बेटी को गोद में ले कर पेट्रोल डाला और खुद को आग के हवाले कर दिया. बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उस ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना 22 अगस्त, 2025 की है. महिला ने जब खुद को और अपनी बेटी को आग लगाई, उस वक्त उस का पति दिलीप बिश्नोई घर पर मौजूद नहीं था. अचानक धुआं उठता देख पड़ोसी घबराए और तुरंत महिला के पापा को फोन किया. जब परिवार घर पहुंचा तो उन्होंने संजू को जलती हालत में पाया. बच्ची ने उन की आंखों के सामने ही दम तोड़ दिया.

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. मंडोर के एसीपी नागेंद्र कुमार ने बताया कि बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि महिला का जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार को निधन हो गया. उस के पिता ने 24 अगस्त को स्थानीय थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. इस में साफतौर पर आरोप लगाया गया कि उस की बेटी को लगातार दहेज के लिए प्रताडि़त किया जा रहा था. इस से तंग आ कर बेटी ने बच्ची सहित जान दे दी.

पुलिस ने पीडि़ता के पिता की शिकायत के आधार पर उस के पति दिलीप बिश्नोई, सास, ससुर और ननद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. पीडि़ता के फेमिली वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि ससुराल वालों ने मिल कर संजू को आत्महत्या के लिए उकसाया. पुलिस को घटनास्थल से एक नोट भी बरामद हुआ है, जिस में संजू ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एसीपी ने बताया कि मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है और जांच के लिए फोरैंसिक साइंस लैब भेजा गया है. मोबाइल से कई अहम जानकारियां सामने आने की उम्मीद है.

बताया जा रहा है कि संजू बिश्नोई साल 2021 से एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में टीचर के पद पर तैनात थी. 10 साल पहले उस की शादी दिलीप बिश्नोई के साथ हुई थी. उसी समय से उस का पति और ससुराल वाले उसे प्रताडि़त कर रहे थे. पिछले कुछ समय से ससुराल वालों के साथ झगड़ा ज्यादा बढ़ गया था. शनिवार को भी उन के बीच विवाद हुआ था. इस की वजह से संजू बहुत नाराज और दुखी थी. उस ने स्कूल से वापस आने के बाद अपनी बच्ची को गोद में लिया और अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली. दोनों शवों का महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया.

गाड़ी न मिलने पर शालवी की बलि

बीहार के पश्चिमी चंपारण में बगहा जिले के चौतरवा थाना क्षेत्र के अहिरवलिया गांव में 24 अगस्त की रात दहेज के लिए एक विवाहिता शालवी देवी की हत्या का मामला प्रकाश में आया है. मृतका लगुनाहा-चौतरवा पंचायत की मुखिया शैल देवी की 23 वर्षीय बहू शालवी देवी थी.  घटना के संबंध में बताया जाता है कि मुखिया शैल देवी के बेटे अमित शाही की शादी जनवरी, 2023 में शालवी के साथ धूमधाम से हुई थी. शादी के बाद शालवी अपनी ससुराल अहिरवलिया आई, जहां कुछ दिनों तक उसे ठीक से रखा गया.

इधर, मृतका के चाचा व बेतिया के सिकटा थाने के जगीरहा निवासी तथा बलथर पंचायत के मुखिया सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि 27 जनवरी, 2023 को उन की भतीजी शालवी की शादी अहिरवालिया निवासी स्व. घनश्याम शाही एवं वर्तमान मुखिया शैल देवी के बेटे अमित शाही से हुई थी. शादी के बाद से ही चार पहिया वाहन की मांग को ले कर शालवी को बारबार प्रताडि़त किया जा रहा था. बीच में कई बार मेरे द्वारा अहिरवलिया आ कर मामले में दोनों परिवार के बीच कई बार पंचायत भी हुई. शालवी द्वारा बारबार फोन पर कहा जाता था कि आप लोग गाड़ी दे दीजिए. नहीं तो ये लोग मुझे मार डालेंगे.

2 महीने पहले अहिरवलिया आ कर अमित शाही से उन्होंने खुद कहा था कि मुझे 6 महीने का समय दीजिए, आप को मैं स्वयं गाड़ी दूंगा. अभी 2 माह भी नहीं हुए कि ससुराल वालों ने मेरी भतीजी को बड़ी बेरहमी से प्रताडि़त कर मार डाला. आरोप लगाया कि मेरी भतीजी के हत्यारों ने आंखें फोडऩे के बाद उस का हाथ भी तोड़ दिया था. संभावना है कि उस की हत्या तकिया से मुंह दबा कर की गई थी. कारण कि ससुराल का कोई भी व्यक्ति घर पर नहीं है. लोगों ने पुलिस को फोन किया. तब पुलिस ने पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लिया है.

शादी के अभी मात्र 17 महीने हुए हैं. उसे 7 माह की एक बच्ची भी है. अस्पताल में डौ. अशोक कुमार तिवारी के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम डौ. अरुण कुमार, डौ. तारिक नदीम ने मृतका का पोस्टमार्टम किया. मामले में एसएचओ राहुल कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता लग पाएगा. UP Crime News

 

 

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