Crime Story in Hindi : अवैध संबंधों का आरोप लगाते हुए नैनीताल पुलिस ने 35 वर्षीय योगा ट्रैनर ज्योति मेर की हत्या के आरोपी 24 वर्षीय अभय यदुवंशी को गिरफ्तार कर के अपनी पीठ खुद थपथपा ली है. मृतका के फेमिली वालों का आरोप है कि इस हत्याकांड में अन्य कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं. आखिर पुलिस के हाथ उन के गिरेबान तक क्यों नहीं पहुंच रहे?
योगा ट्रैनर ज्योति मेर ने हल्द्वानी में स्थित अजय योगा ऐंड फिटनैस सेंटर में आकर्षक वेतन पर महिला योग ट्रैनर के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी. नौकरी जौइन करते ही ज्योति के फेमिली वालों ने उसे जे.के. पुरम छोटी मुखानी में आशा पांडे के घर में किराए पर रूम दिला दिया था. वह वहां रह कर नौकरी कर रही थी. वैसे ज्योति शादीशुदा थी. मूलरूप से हल्दूचौड़, लालकुआं की निवासी ज्योति का विवाह जोधपुर, राजस्थान निवासी कमल सबलानी से हुआ था.
जब से 35 वर्षीय ज्योति मेर ने अजय योगा सेंटर में काम करना शुरू किया था, तभी से उसे अपने मायके की बचपन की एक फ्रेंड नीरा (परिवर्तित नाम) से भी परिचय हो गया था. एक दिन शाम के समय ज्योति को नीरा मिल गई. वह बाजार से सब्जी खरीद रही थी. इस के बाद जब इतने सालों के बाद दोनों एक बार फिर मिले तो दोनों ने एकदूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए थे. इन का एकदूसरे के घर आनाजाना भी हो गया था.
ज्योति तो योगा सेंटर में जौब के कारण बिजी होने की वजह से नीरा के घर पर कम ही जा पाती थी, लेकिन नीरा हर तीसरे या चौथे दिन ज्योति से मिलने उस के कमरे पर चली जाया करती थी. उस के बाद वे दोनों सहेलियां बचपन की बातें करतेकरते अपने बचपन की दुनिया में जा पहुंचते थे. इस के अलावा नीरा हर रोज सुबह और शाम को ज्योति के साथ फोन पर बात कर के उस के हालसमाचार लेती रहती थी.
31 जुलाई, 2025 की सुबह 9 बजे नीरा ने रोज की तरह ज्योति को फोन किया. ज्योति के मोबाइल फोन पर घंटी तो जा रही थी, मगर वह फोन रिसीव नहीं कर रही थी. नीरा ने सोचा कि शायद ज्योति बाथरूम में होगी तो इसलिए फोन नहीं उठा रही होगी. उस के बाद नीरा ने हर 5 मिनट बाद ज्योति को कौल करनी शुरू की, मगर ज्योति ने फोन नहीं उठाया.
यह पहली बार था, जब ज्योति इतनी बार कौल करने के बाद भी उस का फोन नहीं उठा रही थी. नीरा ने अपने घर का काम जल्दी से किया और उस के बाद सीधे अपनी सहेली ज्योति मेर के कमरे पर जा पहुंची. जैसे ही नीरा ज्योति के कमरे में पहुंची तो वह फर्श पर बेदम और बेसुध पड़ी हुई थी. नीरा ने तुरंत ज्योति की मम्मी को इस घटना की सूचना दी और मकान मालिक व पड़ोसियों के सहयोग से थाना मुखानी में फोन कर इस घटना की सूचना दी.
शोर सुन कर अब तक घटनास्थल पर पासपड़ोस के काफी लोग भी पहुंच गए थे. थोड़ी ही देर बाद मुखानी थाने के एसएचओ दिनेश जोशी भी कुछ पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. एसएचओ दिनेश जोशी ने ज्योति मेर को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां पर डौक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उस के बाद तो ज्योति मेर के फेमिली वाले भी पहुंच चुके थे. वहां पर लोग तरहतरह के कयास लगा रहे थे.
पुलिस क्यों मान रही थी आत्महत्या
शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान कर चल रही थी, मगर ज्योति के फेमिली वालों का आरोप था कि ज्योति के गले व शरीर के अन्य भागों पर चोट और किसी चीज द्वारा गला दबाए जाने के निशान थे, जिस से वह इसे हत्या का केस मान रहे थे. इस घटना के बारे में पुलिस का यह भी कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी.
3 अगस्त, 2025 को मृतका ज्योति मेर की मम्मी दीपा मेर निवासी हल्दुचौड़, तुलारामपुर थाना, लालकुआं नैनीताल ने थाना सुखानी में आ कर एक लिखित तहरीर दी, जिस में उन्होंने बेटी ज्योति मेर की हत्या का शक योगा सेंटर के मालिक अजय यदुवंशी और उस के छोटे भाई अभय यदुवंशी उर्फ राजा पर लगाया. तहरीर के आधार पर एसएचओ दिनेश जोशी ने बीएनएस की धारा 103(1)/3(5) के तहत नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस अधिकारियों ने मृतका ज्योति मेर के शव को डा. सुशीला तिवारी अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
घटना और केस की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा द्वारा घटना के खुलासे के लिए एक टीम गठित कर दी गई. टीम में अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को डा. जगदीश चंद्र एसपी (क्राइम), ट्रैफिक नैनीताल व प्रकाश चंद्र एसपी (सिटी) हल्द्वानी नितिन लोहनी (सीओ हल्द्वानी) एसएचओ मुखानी दिनेश चंद्र जोशी आदि को शामिल किया गया.
इस के अलावा इस विशेष पुलिस टीम में थाना मुखानी के एसआई वीरेंद्र चंद्र, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र कुमार, हरजीत सिंह, कांस्टेबल सुनील आगरी, रोहित कुमार, सुरेश देवड़ी, रविंद्र खाती, बलवंत सिंह, धीरज सुगड़ा, शंकर सिंह, अनूप तिवारी, प्रवीण सिंह, महिला कांस्टेबल गंगा मठपाल एवं एसओजी के कांस्टेबल राजेश व अरविंद को शामिल किया गया.
पोस्टमार्टम में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
11 अगस्त, 2025 को योगा ट्रेनर ज्योति मेर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि ज्योति की मौत दम घुटने और सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण हुई थी. इस के अलावा उस के सीने में भी चोट के निशान पाए गए, जिस से यह आशंका व्यक्त की गई कि ज्योति की हत्या सुनियोजित तरीके से गला घोंट कर की गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद विभिन्न सामाजिक एवं महिला संगठनों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और एक बड़े जुलूस के रूप में एसडीएम कोर्ट पहुंच कर इस जघन्य हत्याकांड के जल्द खुलासे की मांग की.
महिलाओं ने आरोप लगाया कि हल्द्वानी की कानूनव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक योगा ट्रैनर ज्योति मेर की हत्या के आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, आंदोलन और तेज किया जाएगा.
मीडिया से बातचीत करते हुए मृतका की मम्मी दीपा मेर ने कहा, ”मेरी बेटी को बेरहमी से मार डाला गया. अब तक भी आरोपी पकड़े नहीं गए हैं. क्या हमें इंसाफ नहीं मिलेगा?’’
लगातार हल्द्वानी में हो रहे अपराधों और हत्याओं के बीच अब नैनीताल पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे थे. लोगों का कहना था कि हल्द्वानी में महिलाएं और बच्चे अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस सख्त से सख्त त्वरित कारवाई करे और जनता का विश्वास बहाल करे. 21 दिन बाद भी जब ज्योति मेर हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ तो धरने के बीच पुलिस कार्यप्रणाली से क्षुब्ध युवक ने विरोधस्वरूप मुंडन करवा लिया.
इधर दिन गुजरते जा रहे थे, लेकिन पुलिस ज्योति मेर के हत्यारों को पकडऩे में कामयाब नहीं हो पा रही थी. पुलिस ने हत्या में नामजद आरोपी अजय यदुवंशी को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन पुलिस को उस का इस हत्या में कहीं से कहीं तक लिंक ही नजर नहीं आ रहा था, जबकि अजय का छोटा भाई अभय यदुवंशी फरार हो गया था, जिस का पता पुलिस नहीं लगा पा रही थी. योगा टै्रनर ज्योति मेर हत्याकांड का खुलासा न होने पर हल्द्वानी शहर के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का आक्रोश दिनप्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था. लोगों का कहना था कि घटना के 21 दिन बाद भी हत्याकांड का खुलासा पुलिस द्वारा नहीं कर पाना पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली को दर्शा रहा है.
19 अगस्त, 2025 को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में एसएसपी को बरखास्त करने की मांग को ले कर लगातार पांचवें दिन लोगों का धरनाप्रदर्शन जारी रहा. धरने में मौजूद वक्ताओं ने मीडिया को बताया कि पुलिस पहले दिन से ही उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की तर्ज पर इस मामले को दबाना चाहती है और ढीली काररवाई कर रही है. इस से यह आशंका यहां पर भी प्रदर्शित हो रहा है कि अपराधी को किसी वीआईपी का संरक्षण प्राप्त है.
आखिरकार 20 अगस्त, 2025 को नैनीताल पुलिस ने 22 दिन पहले हुए योगा ट्रैनर हत्याकांड का खुलासा कर हत्या के मुख्य आरोपी को पकड़ लिया. पुलिस की विशेष टीम ने जांच के दौरान घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए और इस की स्कैनिंग के दौरान एक संदिग्ध युवक कैमरे में ज्योति के कमरे की दिशा से निकलता दिखाई दिया था.
जिस कलाई पर बांधी राखी उसी ने घोंटा गला
उस संदिग्ध युवक के हावभाव और स्थानीय इनपुट के आधार पर उस की पहचान अभय कुमार यदुवंशी उर्फ राजा निवासी गोल, चौक, वाल्मिकी नगर, पश्चिमी चंपारण, बिहार के तौर पर हुई, जो वर्तमान में अजय योगा ऐंड फिटनैस सेंटर, हल्द्वानी परिसर में रहता था. मामले के तूल पकडऩे से पहले अभय यदुवंशी फरार हो गया और लंबे समय तक नेपाल में ही छिपा रहा. इधर दूसरी तरफ नैनीताल पुलिस की टीम उस की तलाश में लगातार दबिश देती रही और अंतत: 20 अगस्त, 2025 को मुख्य अभियुक्त अभय यदुवंशी को ऊधमसिंह नगर नगला तिराहे से गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस पूछताछ में हत्या के मुख्य आरोपी अभय यदुवंशी उर्फ राजा ने बताया कि हल्द्वानी के चंदन डायग्नोसिस के टौप फ्लोर पर उस के बड़े भाई अजय यदुवंशी की अजय फिटनैस ऐंड योगा सेंटर के नाम से एकेडमी है. जिसे काफी सालों से दोनों भाई मिल कर चला रहे थे. अपने इस योगा सेंटर में मैनेजमेंट के सारे काम शुरू से ही अभय देख रहा था. वर्ष 2023 में ज्योति मेर उन के योगा सेंटर में काम करने आई.
कुछ समय के बाद ज्योति मेर और अजय के बीच में अवैध संबंध स्थापित हो गए, जिसे कई बार अभय ने खुद अपनी आंखों से देख लिया था. आरोपी अभय ने यह भी बताया कि उस के बड़े भाई अजय यदुवंशी की गर्लफ्रेंड माधवी (परिवर्तित नाम) भी उन के योगा सेंटर में काम करती थी. ज्योति और अजय की नजदीकियों की बात माधवी को पता चल चुकी थी और यह बात अभय ने भी अपनी भाभी माधवी को बताई थी, जिस बात से नाखुश हो कर माधवी ने सन 2023 में जहर खा लिया था. उस के बाद ही वर्ष 2024 में अजय ने माधवी से शादी कर ली, लेकिन अजय की नजदीकियां ज्योति मेर से फिर भी कम नहीं हुई थीं.
उस के बाद जब यह बात अजय को पता चली कि उस के छोटे भाई अभय ने उस के और ज्योति के अवैध संबंधों की बात उस की पत्नी माधवी को बता दी है तो अजय ने गुस्सा हो कर योगा सेंटर के मैनेजमेंट के सारे काम छोटे भाई अभय से छीन कर ज्योति मेर के हाथों में सौंप दिए थे. इसी बीच अभय को अपने किसी काम के लिए 10 लाख रुपए की जरूरत पड़ी तो उस ने अपने बड़े भाई अजय से रुपयों की मांग की, लेकिन अजय ने अभय को रुपए देने से साफसाफ मना कर दिया. इस के साथ ही अजय ने अभय को अपने घर से भी निकाल दिया, जिस के बाद अभय को पीजी में रहना पड़ रहा था.
अभय इन सब के पीछे ज्योति मेर को ही जिम्मेदार मानता था. इसलिए उस ने अब मन ही मन ज्योति को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया. अपने प्लान के मुताबिक आरोपी अभय यदुवंशी 30 जुलाई, 2025 की रात को ज्योति के कमरे में गया. थोड़ा बातचीत के बाद ज्योति रसोई से अभय के लिए नींबू पानी बना कर ले आई.
अभय ने ऐसे दिया हत्या को अंजाम
ज्योति तभी रसोई में सब्जी की कड़ाही की गैस बंद करने जैसे ही घुसी, तभी मौका पा कर अभय ने पीछे से जा कर फुरती से ज्योति को दबोच लिया और गले में पड़ी उसी की चुन्नी से उस का गला घोंट दिया.
इस से पहले अभय उस रात गुस्से से हैवान बन चुका था. उस की यह हैवानियत ज्योति मेर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी बयां की थी. ज्योति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के सिर के बाएं हिस्से पर गहरा घाव, दाहिने हाथ की कोहनी के पास घाव, पैरों के निचले हिस्से पर घाव और पीठ की ऊपरी हिस्से की उस की त्वचा बुरी तरह से फटी हुई थी, जबकि अंदरूनी चोटों की बात करें तो ज्योति की खोपड़ी में फ्रैक्चर था. मस्तिष्क में खून भर चुका था. पसलियों में चोट व अंदर खून जमा था, जबकि पेट के अंदर के अंगों (जैसे लीवर आदि) में चोट और रक्तस्राव हुआ था.
अभय ज्योति के पर तब तक वार करता रहा, जब तक वह बेदम हो कर जमीन पर नहीं गिर गई. उस के बाद ज्योति को हिलाडुला कर जब उसे यकीन हो गया कि ज्योति अब मर चुकी है तो उस ने इत्मीनान से ज्योति का शव जमीन पर रखा और फिर वहां से आननफानन में नैनीताल चला गया. रात को नैनीताल में रुका और दूसरे दिन कुछ समय तक नैनीताल में अकेला घूमता रहा. फिर उसी दिन उस ने टैक्सी बुक की और बनबसा होते हुए सीधे नेपाल भाग गया.
योगा ट्रैनर ज्योति मेर को मौत के घाट उतारने का प्लान अभय यदुवंशी काफी पहले ही बना चुका था. वह रोज कुछ न कुछ प्लान बनाता और फिर आखिर में उस प्लान को कैंसिल कर देता था. 30 जुलाई, 2025 को ज्योति की हत्या के दिन भी उस ने काफी ऐहतियात से काम लिया था. उस ने अपने चेहरे और सिर को ढक लिया था, ताकि अगर वह कहीं सीसीटीवी पर नजर भी आए तो उस की पहचान न हो सके. हालांकि वह यहां पर एक बड़ी भूल यह कर गया कि वह अपनी चालढाल को बदलना ही भूल गया और पुलिस की नजरों में आ गया.
पुलिस ने आरोपी अभय यदुवंशी की फोटो नेपाल से ले कर बिहार तक के थानों में पहुंचा दी थी, लेकिन अभय यदुवंशी जानता था कि पुलिस उस के पीछे जरूर पड़ सकती है. इसलिए उस ने पुलिस को चकमा देने के लिए अपना सिर भी मुंडवा लिया था, ताकि पुलिस उस की पहचान न कर सके. लेकिन कहते हैं कि अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों न हो, वह एक न एक गलती अवश्य कर देता है. इसलिए बुधवार 20 अगस्त, 2025 को जब वह हल्द्वानी में अपनी पहचान छिपाए अपने वकील से मिलने आ रहा था तो वह ऊधमसिंह नगर में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
वर्ष 2023 में ज्योति मेर योगा ट्रैनर के तौर पर अजय योगा सेंटर में आई थी, तभी से उस की हत्यारोपी अभय यदुवंशी से अच्छी पहचान थी. ज्योति ने अभय को अपना भाई मान लिया था. वर्ष 2024 में उस ने अभय को राखी भी बांधी थी, ज्योति को क्या पता था कि जिस हाथ में वह राखी बांध रही है, उन्हीं हाथों से वह बेदर्दी से तड़पातड़पा कर, गला दबा कर उस की जान ले लेगा.
हल्द्वानी पुलिस की विशेष टीम ने अभियुक्त अभय कुमार यदुवंशी उर्फ राजा (24 वर्ष) को गिरफ्तार कर उस की निशानदेही पर हत्या में प्रयोग किया गया दुपट्टा भी बरामद कर लिया है. पुलिस की इस विशेष टीम के उत्साहवर्धन हेतु उसे ढाई हजार रुपए के ईनाम से भी पुरस्कृत किया गया है. नैनीताल पुलिस ने योगा ट्रैनर ज्योति मेर हत्याकांड का खुलासा भले ही कर दिया है, मगर इस खुलासे से मृतका के फेमिली वाले बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने और सामाजिक संगठन पहाड़ी आर्मी ने इस हत्याकांड को कठघरे में ला कर खड़ा कर दिया है.
इस खुलासे को मृतका के फेमिली वालों ने एक नाटकीय एपिसोड करार दिया और कहा कि उन की बेटी के चरित्र पर लांछन लगा कर पुलिस हमारा और जनता का आक्रोश कम करना चाहती है. इस मामले में मृतका की मम्मी दीपा मेर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस खुलासे से वह बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हैं. मेरी बेटी के चरित्र पर लांछन लगाया गया है. जबकि इस प्रकरण में शामिल अभय यदुवंशी के अलावा अजय यदुवंशी, शालिनी यदुवंशी और गुरमीत नाम के व्यक्तियों पर पुलिस ने कुछ भी कारवाई नहीं की. पुलिस इन लोगों को क्यों बचाना चाहती है. इन तीनों को भी जेल की सलाखों के पीछे डालना होगा. दीपा मेर ने पुलिस के खुलासे पर मुख्य रूप से 7 सवाल पूछे हैं.
पहला, यदि हत्यारा अभय यदुवंशी उर्फ राजा का अपने बड़े भाई से लड़ाईझगड़ा हुआ और उस ने अभय को कारोबार से निकाल कर उस का खानाखर्चा बंद किया तो उस को इस बात पर अपने भाई अजय से नाराजगी होनी चाहिए थी न कि ज्योति से. दूसरा कि यदि अजय यदुवंशी और ज्योति मेर के बीच अवैध संबंध थे तो अजय यदुवंशी की पत्नी माधवी ने चुप्पी क्यों साध रखी थी? इसलिए क्या इस मर्डर केस में वह अपने पति और देवर के साथ शामिल नहीं होगी? तीसरा सवाल यह है कि यदि अजय अपने छोटे भाई अभय को खर्चा नहीं दे रहा था तो इस में ज्योति को मारने का क्या लौजिक है?
चौथा सवाल पुलिस से यह है कि यदि ज्योति मेर की मृत्यु पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उस के सिर के अंदर रक्तस्राव से हुई थी, जबकि नैनीताल पुलिस ने अपने खुलासे में सिर्फ दुपट्टे से गला दबाने की बात कही है. आखिर इस चोट को मारने के लिए आरोपी ने किस हथियार से उस के सिर पर वार किया था, वह कौन सा हथियार था? वह पुलिस द्वारा क्यों बरामद नहीं किया गया?
दीपा मेर ने पांचवां सवाल यह पूछा कि यदि मुख्य आरोपी अभय यदुवंशी पूरे 22 दिनों तक फरार रहा तो आखिर इस समय उस की मदद कौन कर रहा था? जबकि पैसों के मामले में अभय यदुवंशी काफी लंबे समय से पैदल चल रहा था? छठां सवाल दीपा मेर ने पुलिस से यह पूछा कि यदि अभय यदुवंशी नेपाल भाग गया था तो वह नेपाल से वापस ऊधमसिंह नगर क्यों और कैसे आ गया? पुलिस ने कहा कि वह अपने वकील से मिलने आ रहा था तो इस मुफलिसी में उस की आर्थिक मदद कौन कर रहा था?
सातवां सवाल मृतका की की मम्मी दीपा मेर ने जो पूछा है वह बहुत गंभीर और दिल झकझोर देने वाला है. दीपा मेर ने पुलिस से यह पूछा है कि क्या उत्तराखंड पुलिस सिर्फ एक लड़की के चरित्र पर अंगुली उठा कर अपना काम पूरा करने का श्रेय ले कर जनता और मृतका के फेमिली वालों के आक्रोश को दबाना चाहती है और अन्य केसों की तरह इस में भी लीपापोती कर केस को ढीला और कमजोर करना चाहती है?
इन 7 सवालों और आरोपों के साथ मृतका ज्योति मेर की मम्मी दीपा मेर ने इस जघन्य हत्याकांड के सही खुलासे के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार से एसआईटी जांच की मांग की है. उन का कहना है कि एसआईटी जांच से इन सारे पहलुओं पर जब दोबारा से जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. पुलिस के इस खुलासे को ले कर सामाजिक संगठन पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत और सुराज सेवा दल कुमाऊं मंडल अध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार से नैनीताल पुलिस द्वारा सिर्फ एक या 2 पौइंट पर फोकस कर के निर्मम हत्याकांड का उत्तराखंड पुलिस द्वारा खुलासा किया गया है, वह वास्तव में अचंभित करने वाला और दिल को झकझोर देने वाला है.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यदि इस जघन्य और निर्मम हत्याकांड की सूक्ष्मता और गहराई से जांच की जाए तो इस में कई सफेदपोश और रसूखदारों के शामिल होने की तो पूरीपूरी आशंका है. इस के लिए कई सामाजिक संगठनों ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से एसआईटी जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यदि सरकार इस प्रकरण पर उचित काररवाई नहीं करेगी तो उन्हें फिर से आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. Crime Story in Hindi