Stories in Hindi Love : पत्नी की कमाई पर पलने वाले पतियों की सोच इतनी गंदी क्यों हो जाती है कि वे उसी के दुश्मन बन जाते हैं. अपनी बैंक मैनेजर पत्नी को मार कर आखिर पवन को क्या मिला? क्या इस मामले में रितु ने प्रेम के नाम पर पवन से शादी कर के बड़ी भूल नहीं की थी?
पवन और रितु की मुलाकात तब हुई थी, जब 2006 में दोनों कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे थे. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे को पसंद करने लगे थे. पवन रितु का हर तरह से ख्याल रखता था. जब कभी घर जाने के लिए कोई साधन नहीं होता था तो वह उसे उस के घर तक छोड़ने जाता था. रितु पढ़ाई में तेज थी, उस ने बैंकिंग की परीक्षा दी तो पास हो गई. फलस्वरूप जल्दी ही उसे नैनीताल बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर नौकरी मिल गई. रितु सेक्टर ए, एलडीए कालोनी, कानपुर रोड, लखनऊ में अपने पिता के साथ रहती थी. कुछ समय पहले उस की मां सुषमा का देहांत हो चुका था, जिस की वजह से उस के पिता श्यामबिहारी श्रीवास्तव परेशान रहते थे.
रितु अपनी बहनों में सब से छोटी थी. उस की बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी और वह अपने पति के साथ लखनऊ के ही मडि़यांव इलाके रहती थी. रितु और पवन के प्यार के बारे में हालांकि सब को पता था. लेकिन उस के पिता श्यामबिहारी चाहते थे कि बेटी ऐसे आदमी से शादी करे, जो समाज में उस की तरह ही अपनी हैसियत रखता हो. पवन किसी अच्छी नौकरी की तलाश में था, लेकिन काफी भागदौड़ के बाद भी उसे प्राइवेट नौकरी ही मिल पाई थी.
श्यामबिहारी बूढ़े हो चले थे, उन की तबीयत भी खराब रहती थी. पत्नी की मौत के बाद वह बेटी रितु और बेटे साहिल को ले कर चिंतित रहते थे. वैसे उन्हें पूरा भरोसा था कि रितु हर हाल में अपने भाई का ख्याल रखेगी. बीमारी के चलते ही सन 2009 में उन की मौत हो गई. पिता की मौत के बाद रितु पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी आ गई. ऐसे में अपने लिए कुछ सोचना बहुत मुश्किल था. उस का छोटा भाई साहिल उस के साथ ही रहता था. रितु उसे भाई नहीं, बल्कि बेटे की तरह पाल रही थी. रितु के पिता की मौत के बाद पवन ने उस पर शादी करने के लिए दबाव डालना शुरू किया तो रितु ने उसे प्यार से समझाया, ‘‘पवन इस बारे में सोचती तो मैं भी हूं, लेकिन साहिल की चिंता है. वह हाईस्कूल में पहुंच जाए तो मैं उसे आगे की पढ़ाई के लिए हौस्टल भेज दूंगी और तुम से शादी कर लूंगी.’’
‘‘देखो रितु, प्राइवेट ही सही, मुझे भी नौकरी मिल गई है. अब हमें शादी कर लेनी चाहिए. अब नहीं तो क्या हम बुढ़ापे में शादी करेंगे?’’
‘‘ठीक है बाबा, इस बारे में मैं जल्द ही कोई फैसला कर लूंगी.’’ रितु ने पवन को टालने के लिए शादी की हामी भर दी.
सोचविचार कर रितु ने अपनी बहन और भाई ने पवन के साथ शादी करने के बारे में बात की. रीतू के भाई और बहन दोनों का मानना था कि न तो पवन अच्छे स्वभाव का है और न ही वह कहीं अच्छी नौकरी करता है. दरअसल उन दोनों की नजर में पवन में सब से बड़ी बुराई यह थी कि वह शराब पीने का आदी था. भाईबहन की बात सुन कर रितू बोली, ‘‘तुम लोगों की बात अपनी जगह सही है. मैं उस की इस बुराई के बारे में जानती हूं. पर क्या करूं, समझ नहीं पा रही हूं? उस के साथ इतने दिनों की दोस्ती है, उसे भूल कर किसी और से शादी करना मुझे थोड़ा मुश्किल लग रहा है.’’
‘‘दीदी, आप ठीक कह रही हैं, पर हमारा मन इस के लिए तैयार नहीं है.’’ भाईबहन ने दो टूक कहा. इस के बावजूद रितु का खुद का मन शादी टालने का नहीं हो रहा था.
इसी के चलते उस ने अपने परिवार की मरजी के खिलाफ जा कर नवंबर, 2013 में पवन से शादी कर ली. शादी के 2-3 महीने ठीक से गुजरे. इस बीच रितु अपनी ससुराल के बजाय अपने मायके में ही रहती रही. पवन को इस बात से कोई शिकायत नहीं थी. रितु के पास मायके की काफी जायदाद तो थी ही, साथ ही वह बैंक में अच्छे पद पर नौकरी भी करती थी. घर में सुखसुविधा के सारे साधन मौजूद थे. उसे केवल चिंता थी तो अपने छोटे भाई की. एक दिन पवन घर पहुंचा तो बहुत उदास था. रितु ने उसे देखा तो पूछा, ‘‘क्या बात है, उदास क्यों हो?’’
‘‘रितु, आज मेरी कंपनी ने कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया है, मेरी भी नौकरी चली गई.’’ पवन ने दुखी हो कर कहा.
‘‘कोई बात नहीं, प्राइवेट नौकरियों में तो यह होता ही रहता है. कहीं और नौकरी तलाश करो.’’ रितु ने पवन को समझाया. पवन को अपना खर्च चलाने के लिए पैसों की ज्यादा जरूरत नहीं थी, क्योंकि उस की पत्नी तो नौकरी कर ही रही थी. उसे पैसों की जरूरत केवल अपने शौक पूरे करने के लिए थी. उसे यह पता था कि रितु को सब से अधिक नफरत उस के शराब पीने से है. इस के लिए वह उसे पैसा देने को तैयार नहीं थी. उस की बात सही भी थी. निठल्ले बैठे पति को शराब के लिए कौन पत्नी अपनी कमाई का पैसा देगी?
इसी बात को ले कर दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं. कहासुनी से शुरू होने वाले विवाद धीरेधीरे लड़ाईझगड़े तक पहुंचने लगे. रितु जब भी पवन को समझाने की कोशिश करती, वह उस की बात को गलत तरह से लेता. उसे लगने लगा कि रितु यह सब अपनी नौकरी की धौंस दिखाने के लिए करती है. रितु ने 35 लाख में अपने पिता की एक प्रौपर्टी बेच दी थी ताकि कोई नई जमीन खरीद कर मकान बनवा सके. दरअसल उसे लग रहा था कि मकान बन जाएगा तो वह ठीक से रह सकेगी. इस के लिए उस ने मकान बनाने के लिए एक जमीन पसंद भी कर ली थी.
उस जमीन को खरीदने के लिए 2 लाख रुपए एडवांस देने थे. उस ने यह रकम पवन को दे दी, ताकि वह प्रौपर्टी डीलर को दे दे. लेकिन पवन ने वे पैसे प्रौपर्टी डीलर को देने के बजाय अपने भाई को दे दिए. यह बात जब रितु को पता चली तो वह गुस्से में बोली, ‘‘पवन, पैसे की कीमत को समझो. पैसा डाल पर नहीं लगता कि हाथ बढ़ाया और तोड़ लिया. बहुत मेहनत करनी पड़ती है पैसा कमाने के लिए. हमें नए मकान के लिए पैसे की जरूरत है और तुम पैसे कहीं और दे आए.’’
लेकिन पवन ने रितु की बात को गंभीरता से न ले कर कड़वाहट से जवाब दिया, ‘‘तुम पैसे को ले कर बहुत झगड़ा करने लगी हो. मैं नौकरी नहीं करता, इसलिए तुम मुझे ताना मारती हो. तुम्हें पैसे का बहुत घमंड हो गया है.’’
‘‘तुम से बात करना ही बेकार है, तुम किसी बात को समझना ही नहीं चाहते.’’ कह कर रितु बैंक चली गई.
रितु ने बाकी बची 33 लाख की रकम अपने बैंक खाते में जमा कर दी थी. इस खाते में उस ने अपने भाई साहिल को नौमिनी बनाया था न कि पति को. इस के बाद पैसे और जायदाद को ले कर पतिपत्नी के बीच लड़ाईझगड़ा और बढ़ गया. प्यारमोहब्बत के बीच पैसा विलेन बन चुका था. इस बीच रितु 6 माह की गर्भवती हो गई थी. इस से वह काफी खुश थी. उसे लग रहा था कि बच्चे के आ जाने के बाद शायद पवन में बदलाव आ जाए.
19 दिसंबर, 2014 की बात है. नादान महल रोड, लखनऊ स्थित नैनीताल बैंक की शाखा में बैंक के लौकर नहीं खुल पाए थे. वजह यह थी कि बैंक के लौकर की चाबी सहायक प्रबंधक रितु के पास रहती थी. जबकि वह बैंक नहीं आई थी. बैंक के मैनेजर दयाशंकर मलकानी ने रितु के मोबाइल फोन पर संपर्क किया तो पता चला कि उस का फोन बंद है. दयाशंकर ने परेशान हो कर चौक थाने को सूचना दी. इसी बीच रितु के पति पवन का फोन नंबर मिल गया तो उसे फोन किया गया. बातचीत में उस ने बताया कि रितु कल से लापता है. इस जानकारी के बाद थाना चौक पुलिस ने यह बात कैंट थाने की पुलिस को बताई. पुलिस ने पवन के घर जा कर वहां बाहर खड़ी इंडिका कार की तलाशी ली तो उस में बैंक लौकर की चाबियां मिल गईं.
इस के बाद कैंट थाने की पुलिस रितु को तलाशने में जुट गई. एक महिला बैंक अधिकारी के गायब होने का मामला था. पूरे शहर में खलबली मच गई. लखनऊ में नए एसएसपी यशस्वी यादव ने पद संभाला था. तभी पुलिस के लिए यह घटना बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ गई थी. एसएसपी के आदेश पर कैंट क्षेत्र की सीओ बबिता सिंह ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपनी पुलिस टीम को रितु का पता लगाने में लगा दिया. इसी बीच एसओ कैंट सुरेश यादव को सूचना मिली कि कैंट क्षेत्र स्थित फायरिंग रेंज के पास झडि़यों में किसी महिला का शव पड़ा है. सूचना मिलते ही सुरेश यादव अपनी टीम के साथ वहां पहुंच गए. सूचना सही थी. लाश की शिनाख्त होने में भी देर नहीं लगी.
लाश बैंक मैनेजर रितु की ही थी. घटनास्थल पर पुलिस को कोई भी ऐसा सुबूत नहीं मिला, जिस से यह लगता कि रितु के साथ कोई जोरजबरदस्ती की गई थी. उस के शरीर के कपड़े भी सही सलामत थे. किसी प्रकार की कोई लूट भी नहीं हुई थी, क्योंकि मृतका के कानों के आभूषण भी सुरक्षित थे और हाथों की चूडि़यां भी. अलबत्ता उस का पर्स और मोबाइल जरूर गायब था. इस से पुलिस को संदेह हुआ कि इस घटना में रितु का कोई अपना ही शामिल हो सकता है. पुलिस ने इस बारे में पहले रितु के भाई साहिल से बात की और फिर उस के पति पवन से. दोनों की बातों से पुलिस का शक पवन पर गहरा गया. पुलिस ने काल डिटेल्स हासिल कर के रितु के फोन नंबर और पवन के फोन नंबर की जांच की तो पता चला कि रितु से अंतिम बार पवन ने ही बात की थी.
इस के बाद पुलिस ने पवन को हिरासत में ले कर पूछताछ की. इस पूछताछ में जो बात सामने आई, वह यह थी कि रितु और पवन के बीच दौलत विलेन बन गई थी. पैसे के लिए पवन इतना अंधा हो गया था कि रितु को मौत के घाट उतारते वक्त उसे उस की कोख में पल रहे अपने बच्चे का भी खयाल नहीं आया. 18 दिसंबर, 2014 को रितु अपनी बैंक की ड्यूटी पूरी करने के बाद औटो से चारबाग पहुंची. वहां से उसे दूसरा औटो ले कर अपने घर पहुंचना था. रितु जैसे ही औटो से उतरी, उस ने देखा कि पवन अपने बहनोई की कार लिए उस का इंतजार कर रहा है. यह देख कर उस ने चौंक कर पूछा, ‘‘तुम यहां, यह कार क्यों लाए?’’
‘‘मैं अपने बीमार भाई से मिलने देहरादून जा रहा हूं, आज ही रात को. उन की तबीयत ज्यादा खराब है.’’ पवन ने कहा.
‘‘मुझे लगा कि तुम मुझे लेने आए हो? तुम्हें तो अपने कामों से ही फुरसत नहीं है. तुम जाओ मैं औटो ले कर घर चली जाऊंगी.’’ अभी रितु ने कहा ही था कि उस के मोबाइल पर उस के भाई साहिल का फोन आ गया. वह उस से घर पहुंचने के बारे में पूछ रहा था. भाई से बात करते हुए रितु ने कहा, ‘‘मैं तुम्हारे जीजाजी के साथ हूं, अभी थोड़ी देर में आती हूं.’’
उस वक्त शाम के करीब पौने 7 बजे थे. रितु के फोन बंद करते ही पवन बोला, ‘‘ऐसे नाराज मत हो. चलो, पहले कहीं घूम आते हैं. तुम्हारी शिकायत भी दूर हो जाएगी.’’ पवन ने मिन्नत की तो रितु उस की कार में बैठ गई. मानमनुहार कर के रितु को मनाने के बाद पवन कार ले कर शहीद पथ की ओर बढ़ गया. रितु को लगा कि वह उस से झगड़ा खत्म करने के लिए ऐसा कर रहा है. सुलतानपुर रोड पर अर्जुनगंज ओवर ब्रिज के पास पवन ने कार कच्चे रास्ते पर उतार कर खड़ी कर दी और बहाना कर के नीचे उतरा. रितु उस के मन की बात को समझ पाती, उस के पहले ही वह रितु की गरदन में रस्सी का फंदा डाल कर उसे कसने लगा. इस के लिए वह रस्सी पहले ही साथ लाया था.
इस के अलावा उस ने रितु को मारने के लिए उस के सिर पर 3 वार भी किए. इस का नतीजा यह हुआ कि रितु तत्काल मर गई. गर्भवती पत्नी की हत्या करने के बाद पवन ने उस का मोबाइल बंद कर के उस के पर्स में रखा और पर्स वहीं नाले में फेंक दिया. इस के बाद वह कार ले कर सुनसान जगह की तलाश में आगे बढ़ गया. आगे जा कर उस ने फायरिंग रेंज के पास रितु की लाश जंगल में फेंक दी. वापस लौट कर कार उस ने अपने घर के सामने खड़ी कर दी और सोने की कोशिश करने लगा. देर रात तक जब रितु घर नहीं पहुंची तो साहिल ने करीब 8 बजे के बाद उसे फोन करना शुरू किया. रितु का फोन बंद था. इस से परेशान हो कर साहिल ने अपने जीजा पवन को फोन किया. उधर से पवन ने कहा, ‘‘मैं तुम्हारी दीदी को छोड़ कर देहरादून जा रहा हूं. तुम परेशान मत हो.’’
साहिल ने कई बार पवन के मोबाइल पर फोन किया तो उस ने बताया कि वह लखनऊ में ही है. पुलिस ने रितु की लाश मिलने के बाद जब साहिल से पूछताछ की थी तो उस ने यह बात सीओ कैंट बबिता सिंह को बता दी थी. इसी से वह संदेह के दायरे में आया था. इस से बबिता सिंह को लगा कि जब पवन देहरादून गया नहीं तो उस ने साहिल से झूठ क्यों बोला? दूसरे पवन के फोन की लोकेशन रितु के फोन के साथ मिली थी. संदेह हुआ तो पुलिस ने पवन को गिरफ्तार कर के उस से सख्ती से पूछताछ की. इस से पवन टूट गया और उस ने पुलिस को रितु की हत्या की पूरी जानकारी दे दी थी. शुरू में पवन रितु की हत्या को आत्महत्या साबित करना चाहता था. इस के लिए उस ने एक सुसाइड नोट भी तैयार किया था. लेकिन वह ऐसा कर नहीं सका.
दरअसल पवन के मन में गुस्सा इस बात को ले कर था कि रितु उस से झगड़ा करती है. उस ने अपने बैंक खाते में भी उस की जगह पर भाई को नौमिनी बनाया था. रितु और पवन के बीच मोहब्बत का दौर जरूर लंबा खिंचा, पर शादी के कुछ दिनों के बाद ही उन के बीच अनबन शुरू हो गई थी. इस की वजह थी पवन का नशा करना. जिस समय उस ने रितु का कत्ल किया था, उस समय भी उस ने शराब पी रखी थी. इसीलिए वह यह भी नहीं समझ पाया कि वह केवल अपनी पत्नी की ही हत्या नहीं कर रहा है, बल्कि उस की कोख में पल रहे अपने बच्चे को भी मार रहा है. Stories in Hindi Love
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारि






