True Crime Hindi: ललिता शर्मा मशहूर हरियाणवी गायिका थी. उस के पति मोनू शेख को शराब पीने की लत थी. घर के नौकर सलमान के साथ उस के शराब पीने पर ललिता को ऐतराज था, इस से खिन्न हो कर सलमान ने अपने दोस्त के साथ ऐसी खौफनाक साजिश रची कि…

दिन निकलते ही एरा गार्डन के फ्लैट संख्या एन-103 के बाहर आसपास के दर्जनों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. वजह यह थी कि उस फ्लैट में रहने वाले दंपति की किसी ने धारदार हथियार से गोद कर हत्या कर दी थी. हत्यारों ने घर में लूटपाट भी की थी. जिन की हत्या हुई थी, उन में 35 वर्षीया ललिता शर्मा उर्फ नाजिया शेख व उस का पति मोनू शेख था. ललिता शर्मा हरियाणवी रागिनी की जानीमानी गायिका थी. बाहर खड़े लोगों के चेहरों पर इस वारदात की दहशत साफ दिखाई दे रही थी. उसी समय किसी ने इस की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी.

एरा गार्डन थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र में आता है. यह एक पौश कालोनी है, इसलिए सूचना मिलते ही थानाप्रभारी रणबीर सिंह यादव सीनियर एसआई अजय कुमार, मनोज शर्मा, एसआई चंदगीराम, कांस्टेबल निशांत चौधरी, सुरेंद्र यादव, नौशाद अली व नजर अब्बास के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. यह फ्लैट पहली मंजिल पर था. पुलिस जब फ्लैट में पहुंची तो वहां का नजारा दिल दहला देने वाला था. बिस्तर पर ललिता खून से लथपथ पड़ी थी जबकि नीचे उस के पति की लाश पड़ी थी. देख कर ही लग रहा था कि हत्यारों ने दोनों पर किसी भारी चीज व धारदार हथियार से वार किए थे. ललिता की गरदन को धारदार हथियार से गोदा गया था. देखने से ही लग रहा था कि मृतका गर्भवती थी और वह हत्यारों से संघर्ष नहीं कर सकी थी, जबकि उस के पति ने संघर्ष किया था.

बेडरूम में लगी अलमारी व उस के अंदर की तिजोरी खुली हुई थी. इस के अलावा घर का सामान इधरउधर बिखरा हुआ था. दोहरे हत्याकांड की खबर मिलने पर मेरठ जोन के आईजी आलोक शर्मा, एसएसपी एस.एस. बघेल, एसपी (सिटी) ओमप्रकाश सिंह आदि भी मौके पर पहुंच गए थे. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तो रसोई की सिंक में खून के निशान मिले. प्रथमदृष्टया लगा कि हत्याएं लूटपाट के लिए की गई हैं. वहीं पर मीट काटने वाला छुरा, जेनरेटर का हैंडल, शराब की खाली बोतल और 2 गिलास मिले. इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि शराब पीने के बाद हत्यारों ने इसी छुरे व जेनरेटर के हैंडल से दोनों की हत्याएं की होंगी.

पुलिस ने घटनास्थल की जरूरी काररवाई पूरी कर के लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना के वक्त दंपति का 6 वर्षीय बेटा अयान ही जिंदा बचा था. वह डरासहमा लोगों के बीच खड़ा था. पुलिस ने लोगों से पूछताछ की तो एक व्यक्ति ने बताया, ‘‘साहब, अयान को पता है कि हत्याएं किस ने की हैं.’’

उस की बात सुन कर पुलिस अधिकारी चौंके, ‘‘क्या?’’

‘‘जी साहब.’’ वह व्यक्ति पूरे विश्वास से बोला.

उस की बात सुनसुन कर एसएसपी को हत्या की गुत्थी सुलझती नजर आई. उन्होंने अयान से प्यार से पूछताछ की तो उस ने जो कुछ बताया, उसे सुन कर सभी के रोंगटे खड़े हो गए. अयान के अनुसार, हत्याएं घर के नौकर सलमान ने अपने दोस्त आदिल के साथ मिल कर उस के सामने ही की थीं. हत्यारे उसे भी खत्म कर देना चाहते थे, लेकिन उन्हें उस पर दया आ गई थी. साथ ही उन्होंने उसे डराधमका दिया था कि वह किसी को कुछ न बताए. हत्या का पता लोगों को सुबह अयान से ही चला था. पुलिस ने लोगों से पूछताछ के आधार पर सलमान व आदिल के नामपते नोट कर लिए. सलमान थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के मोहल्ला ऊंचा सद्दीकनगर में रहता था, जबकि आदिल एरा गार्डन में ही एक प्रौपर्टी डीलर के यहां एजेंट था. पुलिस ने दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया.

एसएसपी एस.एस. बघेल ने थानाप्रभारी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम को दोनों की तलाश में लगा दिया. ललिता हरियाणा की मशहूर गायिका थी. हरियाणा के अलावा अन्य प्रदेशों में भी उस की धूम थी. हरियाणा में ललिता के घर वालों को भी पुलिस ने हत्या की खबर भिजवा दी. पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों के घरों में दबिश दी. वे अपने घरों से लापता मिले. पुलिस जांच में पता चला कि सलमान को 3 साल पहले ही ललिता ने अपने बेटे अयान की देखभाल के लिए नौकरी पर रखा था. इसी बीच आदिल उस का दोस्त बन गया था. ललिता के घर से एक मोटरसाइकिल भी गायब थी. अयान ने पुलिस को बताया कि वे दोनों उस के पापा की मोटरसाइकिल भी ले गए थे. पुलिस ने पूरे जिले में मोटरसाइकिल का नंबर वायरलैस पर फ्लैश करा कर चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए.

पुलिस को उम्मीद थी कि दोनों हत्यारे जिले से बाहर नहीं भागे होंगे. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि नूरनगर फाटक वाली रोड पर 2 संदिग्ध युवक मोटरसाइकिल पर घूम रहे हैं. सूचना पा कर थानाप्रभारी रणबीर सिंह चेकिंग के लिए पहुंच गए. पुलिस के पास मोटरसाइकिल नंबर था ही. थोड़ी देर बाद उसी नंबर की एक मोटरसाइकिल पर 2 लड़के आए. पुलिस ने उन दोनों को रोक कर उन से पूछताछ की तो पता चला कि दोनों सलमान व आदिल हैं और वह मोटरसाइकिल वही है, जो उन्होंने ललिता शर्मा के घर से लूटी थी. जामातलाशी के दौरान उन के पास से सोने के आभूषण व नकदी भी मिली. पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने अपने जुर्म का इकबाल कर लिया. थाने में जब उन से पूछताछ की तो इस दोहरे हत्याकांड की एक बेहद चौंकाने वाली कहानी सामने आई.

आखिर एक अचार बेचने वाले की बेटी का गायिका से शुरू हुआ जिंदगी का सफर प्रेम विवाह से होता हुआ मौत की दहलीज तक कैसे पहुंचा? दरअसल, ललिता शर्मा उर्फ नाजिया शेख मूलरूप से हरियाणा के हिसार जिले के हांसी क्षेत्र के रहने वाले रूपचंद की बेटी थी. रूपचंद साधारण व्यक्ति थे. उस के परिवार में ललिता के अलावा 5 और भी बच्चे थे. वह अचार बना कर बेचने का काम कर के किसी तरह परिवार की गाड़ी खींच रहे थे. ललिता को बचपन से ही गाने का शौक था. वह वक्तबेवक्त कुछ न कुछ गुनगुनाती रहती थी. एक बार कालेज के प्रोग्राम में उसे स्टेज पर गाने का मौका मिला तो उस ने जम कर तालियां बटोरीं. कार्यक्रम खत्म होने के बाद एक शिक्षक ने उस की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘ललिता, तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी है. तुम अभ्यास करो. मुझे उम्मीद है कि एक दिन तुम बहुत ऊंचे मुकाम पर जाओगी.’’

शिक्षक की सलाह को ललिता ने गंभीरता से लिया. वह अपने गायन पर और भी ज्यादा ध्यान देने लगी. अब कालेज में कोई भी प्रोग्राम होता तो वह झूम कर गाती. ललिता के परिवार की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी. वह चाहती थी कि यदि इसी गायन से उसे थोड़ीबहुत आमदनी होने लगे तो परिवार की हालत सुधर जाए. लगातार अभ्यास करने पर उस की गायिकी सुधरती गई. उस के पास गायिकी का हुनर था. 22 साल की उम्र में ही उस ने कालेज के स्टेज से निकल कर गायिकी को अपना कैरियर बनाने की ठान ली. उस ने कोशिश भी की, सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती, यह बात उसे बहुत जल्द समझ में आ गई. लेकिन उस ने हिम्मत नहीं हारी. उस ने कोशिश करनी नहीं छोड़ी.

कहते हैं, कोशिशें लगातार की जाएं तो कामयाबी जरूर मिलती है. इलाके की एक जागरण मंडली ने उसे अपने साथ रख लिया. जागरण में वह भजन गाने लगी. इस से उसे कुछ पैसे भी मिल जाया करते थे. यानी यहां से उसे अपने हुनर के पैसे मिलने शुरू हो गए. इस से उस के हौसले और बढ़ गए. वह ऊंचाइयों पर जाना चाहती थी. इसी दौरान उस ने हरियाणवी रागिनी जगत में पहचान बनाने के प्रयास किए तो कुछ लोगों से उस के संपर्क हो गए. मौका मिला तो उस ने ‘जीव जंतु और पशे पखेरू नाच्चे दुनिया सारी’ नामक रागिनी गाई. इस से उसे एक नई पहचान मिली. लोगों ने इसे खूब पसंद किया. इस के बाद उसे रागिनी समारोह में बुलाया जाने लगा. वह धीरेधीरे सफलता की सीढि़यां चढ़ रही थी. धीरेधीरे उस की रागिनियों में मांग बढ़ने लगी.

ललिता युवावस्था में ही गायिका बन गई. जिस परिवेश में वह पलीबढ़ी थी, वहां बेटियों की फिक्र करना आम बात है. उस के पिता को उस की शादी की फिक्र होने लगी. वह चाहते थे कि समय रहते उस की शादी हो जाए तो ठीक रहेगा. इस बारे में उन्होंने ललिता से बात की तो ललिता ने फिलहाल शादी के लिए मना कर दिया. वह कोई मुकाम हासिल करने के बाद ही शादी करना चाहती थी. पिता को उस की बात समझ में आ गई. ललिता अपने कार्यक्रमों में अकेली ही जाती थी. बेटी को कोई परेशानी न हो, इस के लिए रूपचंद ने अपने पड़ोस में रहने वाले मोनू शेख से बात की. मोनू कार चलाता था. उन्होंने उसे ललिता के साथ आनेजाने के लिए तैयार कर लिया. ललिता भी इस से खुश थी.

कहते हैं, जब सफलता मिलती है तो फिर रुकती नहीं. ललिता के साथ भी यही हुआ. उस की रागिनी की सीडी बना कर बाजार में बेची जाने लगीं. इस से उसे अच्छे पैसे भी मिलने लगे. कुछ सालों में ही दर्जनों सीडियां बाजार में आ गईं. कई छोटीबड़ी कंपनियों ने उस की आवाज को रेकार्ड कर के बेचा. इस के बाद तो हरियाणा में रागिनी गायिका के रूप में ललिता का नाम सम्मान के साथ लिया जाने लगा. जब आमदनी बढ़ी तो उस के परिवार की दशा भी सुधर गई. परिवार व नातेरिश्तेदार भी ललिता की प्रगति से बेहद खुश थे. ललिता रागिनी जगत में तेजी से उभरता सितारा थी. कहते हैं, जिंदगी में कब कौन सा मोड़ आ जाए, इस बात को कोई नहीं जानता. ललिता के साथ अकसर बाहर सफर में मोनू शेख रहता था. वह ललिता की हमउम्र था.

वक्त के साथ दोनों का झुकाव एकदूसरे की तरफ हो गया. दोनों साथ रहते थे और खूब बातें किया करते थे. धीरेधीरे आंखों के रास्ते दोनों एकदूसरे के दिल में उतर गए. मोनू पहला शख्स था, जिस ने उस के दिल के दरवाजे पर दस्तक दी थी. एक दिन बातोंबातों में मोनू ने अपने प्यार का उस से इजहार भी कर दिया. प्यार का इजहार हुआ तो दोनों एकदूसरे को देखने को बेकरार रहने लगे. मोनू ललिता का सब से विश्वासपात्र साथी था. समय के साथ दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. यह बात अलग थी कि अपने इस प्यार को दोनों ने जमाने से छिपाए रखा. ललिता ने हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य स्थानों पर सैकड़ों कार्यक्रम किए, हर जगह मोनू साथ रहा.

ललिता अपनी प्रगति और मोनू के प्यार, दोनों से ही बहुत खुश थी. प्यार में डूबा मोनू भी उस के साथ जीनेमरने की कसमें खाता. हालांकि दोनों अलगअलग धर्मों के थे, इस के बावजूद भी उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया. दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे. जाहिर है, यह बात किसी को भी अच्छी लगने वाली नहीं थी. निस्संदेह ऐसे रिश्ते छिपाए नहीं छिपते. धीरेधीरे क्षेत्र में दोनों को ले कर चर्चाएं होने लगीं. रूपचंद को यह बात नागवार गुजरी. उन्होंने मोनू को इसलिए रखा था कि वह सुरक्षित रहे, लेकिन वे दोनों प्रेम डगर पर चल निकले थे. उन्होंने इस बात को ले कर ललिता को फटकारा तो उस ने दो टूक कह दिया कि वह मोनू से प्यार करती है.

इस पर रूपचंद बोले, ‘‘ठीक है, तुम कलाकार बन गई हो, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि कुछ भी करो. अब तुम मोनू के साथ जाना बंद कर दो.’’

‘‘मैं ऐसा नहीं कर सकती.’’ ललिता का टका सा जवाब सुन कर रूपचंद सकते में आ गए. रूपचंद ने जमाना देखा था. उन्होंने बेटी को जमाने की ऊंचनीच समझाई. वह जिस समाज में रह रहे थे, वहां ऐसी बातों को गंभीरता से लिया जाता था. इसलिए उन्होंने बेटी को काफी समझाने की कोशिश की.

ललिता और मोनू शादी करने का फैसला कर चुके थे, जबकि घरों में रहते हुए यह मुमकिन नहीं था. ललिता अपने परिवार के लिए मुश्किलें पैदा नहीं करना चाहती थी, इसलिए सन 2007 में दोनों ने घर छोड़ दिया. रूपचंद ने बेटी को बहुत समझाया, लेकिन जब वह अपने निर्णय पर अटल रही तो उन्होंने उस से रिश्ते तोड़ लिए. ललिता और मोनू मेरठ जा कर मोहल्ला तीरगरान में रहने लगे. ललिता ने मोनू से निकाह कर के अपना नाम नाजिया शेख रख लिया. जबकि गायिकी के क्षेत्र में उस का पुराना नाम ही चलता रहा. उसे इसी नाम से पहचान मिली थी, इसलिए वह गायन के क्षेत्र में अपना नाम बदलना नहीं चाहती थी. ललिता के पास खूब पैसा आ रहा था. उस के पास लग्जरी कार थी. उसे सोने के गहने पहनने का भी बहुत शौक था. विवाह के एक साल बाद ललिता ने एक बेटे को जन्म दिया. दोनों ने बेटे का नाम अयान शेख उर्फ अनु शर्मा रखा. दिन हंसीखुशी से बीत रहे थे. ललिता गायिकी के क्षेत्र में नाम और दाम दोनों कमा रही थी.

ललिता की इस कमाई ने मोनू को नकारा बना दिया था. कहते हैं, इंसान के पास जब पैसा आता है तो साथसाथ बुरी आदतें भी आ जाती हैं. मोनू के साथ भी यही हुआ. उसे महंगी शराब पीने की लत लग गई. ललिता ने शुरूशुरू में तो कुछ नहीं कहा, बाद में उस ने मोनू को टोकना शुरू कर दिया. लेकिन ऐसी आदतें आसानी से पीछा नहीं छोड़तीं. ललिता ने सोचा कि शायद मोनू का खाली रहना ही सब से बड़ी परेशानी है. भविष्य की सोचते हुए उस ने उसे प्रौपर्टी के काम में लगा दिया. अयान को ललिता व मोनू, दोनों ही बहुत प्यार करते थे. 2 साल पहले ललिता ने एरा गार्डन में प्रथम तल पर फ्लैट नंबर 103 खरीद लिया था. वक्त के साथ जैसेजैसे पैसा आता रहा, ललिता उसे प्रौपर्टी में लगाती रही. उस ने करोड़ों की प्रौपर्टी बना ली. उस के शरीर पर हर वक्त लाखों रुपए का सोना रहता था.

ललिता की रागिनियों की सीडियां बाजार में हाथोंहाथ बिक रही थीं. ललिता प्रोग्राम करने के लिए अकसर बाहर जाती रहती थी. इसलिए बेटे की देखभाल के लिए उस ने मेरठ के लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र के मोहल्ला ऊंचा सद्दीकनगर निवासी बाबू कुरैशी के बेटे सलमान उर्फ सेम को बतौर नौकर रख लिया था. सलमान अच्छा लड़का था. बहुत जल्द उस ने अपने व्यवहार से पतिपत्नी दोनों का दिल जीत लिया. सलमान घर का नौकर था, मोनू उसे भेज कर अपने लिए शराब मंगा लिया करता था. हालांकि इस बात पर ललिता मोनू व सलमान दोनों को ही डांट देती थी. सलमान की दोस्ती एरा गार्डन में एक प्रौपर्टी डीलर के हमउम्र एजेंट आदिल उर्फ आदि से थी. इसी नाते कभीकभी वह भी ललिता के घर आ जाता था.

मोनू की शराब की लत से ललिता परेशान थी. उस ने उसे कई बार समझाया भी, लेकिन वह उस की बात को एक कान से सुन कर दूसरी से निकाल देता था. ललिता को पता चला कि मोनू सलमान से शराब मंगाता है तो उस ने एक दिन सलमान को भी फटकार दिया. इसी दौरान ललिता गर्भवती हो गई. इतने लंबे अरसे में मोनू व ललिता का अपने परिवारों से संपर्क नहीं हुआ था. ललिता की बहन पिंकी भी गायिकी के क्षेत्र में आ गई थी. इस नाते उस की ललिता से बातें हो जाया करती थीं. अयान मातापिता के अलावा सभी रिश्तेदारों से अनजान था, क्योंकि वह कभी किसी रिश्तेदारी में नहीं गया था. मोनू की शराब की लत के अलावा ललिता को कोई परेशानी नहीं थी. मोनू खुद शराब पीता था, यहां तक तो ठीक था. हालात तब बिगड़े, जब मोनू सलमान को भी अपने पास बिठा कर शराब पिलाने लगा.

शराब के मामले में नौकर को बराबर का दरजा मिल रहा था, इस बात से सलमान खुश था. एक दिन ललिता ने अपनी आंखों से यह देखा तो उसे एकाएक भरोसा नहीं हुआ. उस ने सलमान को खूब डांटाफटकारा. पहले भी ऐसे कई मौके आए थे, जब उस ने ललिता की डांट खाई थी. सलमान मोनू को तो पसंद करता था. लेकिन डांटने की आदत के चलते ललिता को पसंद नहीं करता था. फलस्वरूप वह अंदर ही अंदर उस से खार खाने लगा. 6 अप्रैल, 2015 की शाम मोनू, सलमान व आदिल ने शराब की महफिल सजा ली. ललिता ने यह देखा तो जम कर हंगामा किया. मजबूरन करीब 8 बजे उन्हें महफिल खत्म करनी पड़ी. सलमान व आदिल वहां से चले गए. आदिल सलमान को अपने घर ले गया. वह जिस प्रौपर्टी डीलर के यहां नौकरी करता था, उसी के फ्लैट में रहता भी था. इस से फ्लैट की भी देखभाल हो जाती थी.

ललिता के लिए सलमान के मन में पहले ही बहुत गुस्सा था. उस दिन मस्ती में खलल पड़ने से उस का गुस्सा अंगार बन गया. फलस्वरूप उस ने मन ही मन एक खतरनाक योजना तैयार कर ली. ललिता लाखों में खेलती थी, घर में भी लाखों रुपए रहते थे. सलमान ने सोचा कि यदि उसे रास्ते से हटा दिया जाए तो अमीर बन जाएगा. उस ने उसी रात आदिल के साथ मिल कर ललिता को रास्ते से हटा कर लूट की योजना बना ली. आदिल भी लालच और दोस्ती में उस का साथ देने के लिए तैयार हो गया. रात करीब साढ़े 9 बजे दोनों दोबारा ललिता के घर पहुंचे तो ललिता उन्हें देख कर भड़क गई.

‘‘मेमसाहब, इस को माफ कर दो. यह अपनी गलती पर बहुत रो रहा था.’’ आदिल ने भोलेपन से कहा.

ललिता उन के खतरनाक इरादों से अनजान थी. वह नहीं जानती थी कि भोलेपन का नाटक कर के उसे झांसे में लिया जा रहा है. सो उस ने कह दिया, ‘‘ठीक है, अब कभी ऐसी गलती नहीं करना.’’

‘‘खुदा की कसम, अब कभी ऐसा नहीं होगा.’’ सलमान ने तुरंत कान पकड़ते हुए कहा.

उसे समझा कर ललिता बैडरूम में चली गई. कुछ देर बाद उसे नींद आ गई. मोनू व अयान पहले ही सो चुके थे. सब सो गए, लेकिन सलमान व आदिल नहीं सो सके. सलमान व आदिल करीब 12 बजे रसोई में पहुंचे और वहां बैठ कर दोनों ने शराब पी. दोनों पर नशा हावी होने लगा तो उन्होंने रसोई से मीट काटने वाला छुरा ले लिया. आदिल इस बीच बाहर से जेनरेटर स्टार्ट करने वाला हैंडल ले आया था. इस के बाद दोनों बैडरूम में दाखिल हो गए. ललिता, मोनू व अयान एक ही बिस्तर पर सो रहे थे.

सलमान ने डे्रसिंग टेबल से अलमारी की चाबी निकाली और उसे खोल कर लूटपाट शुरू कर दी. इस बीच ललिता की आंखें खुल गईं तो दोनों उस की तरफ दौड़े. सलमान ने ललिता के बाल पकड़े और मुंह दबा कर उसे दबोच लिया, जबकि आदिल ने छुरे से उस की गरदन और शरीर के अन्य हिस्सों पर एक के बाद एक कई वार कर दिए. अचानक हुए हमले का ललिता विरोध नहीं कर सकी. उस की घुटीघुटी सी चीख निकली और लहूलुहान हो कर उस ने दम तोड़ दिया. इस बीच मोनू जाग गया. पत्नी का ऐसा हश्र देख कर उस के होश उड़ गए. मोनू खड़ा हुआ और दोनों से भिड़ गया.

सलमान व आदिल के सिर पर खून सवार था, उन्होंने जेनरेटर के हैंडल से मोनू के सिर पर प्रहार किया. वार होते ही मोनू नीचे गिर गया और तड़प कर कुछ ही देर में उस ने भी दम तोड़ दिया. इस बीच अयान की आंखें भी खुल गईं, लेकिन वह दहशत में कुछ नहीं बोला. दोनों ने उसे घूर कर देखा.

‘‘इस का क्या करें?’’ आदिल ने सलमान से पूछा तो वह बोला, ‘‘बच्चा है, डरा हुआ है. यह किसी को कुछ नहीं बताएगा, समझा देते हैं.’’

‘‘किसी को कुछ मत बताना वरना तुझे भी ऐसे ही मार देंगे.’’ सलमान ने डरेसहमे अयान को धमकी दी. इस के बाद दोनों ने गहने व नकदी लूटी और रसोई में जा कर हाथ धोए. तत्पश्चात अयान को साथ ले कर उन्होंने घर में खड़ी मोटरसाइकिल भी निकाल ली. अयान को ले कर आदिल ने फिर कहा, ‘‘इसे साथ ले चलते हैं, मार कर कहीं नहर में फेंक देंगे.’’

‘‘नहीं, इस ने अपनी आंखों से खूनखराबा देखा है. यह किसी को कुछ नहीं बताएगा.’’ सलमान ने आदिल को समझाया. अयान को वहीं छोड़ कर दोनों मोटरसाइकिल ले कर फरार हो गए.

उन के चले जाने पर अयान ने बाहर आ कर शोर मचा दिया. शाम होतेहोते सलमान व आदिल पुलिस की गिरफ्त में आ गए. दूसरी तरफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया कि ललिता के गर्भ में पल रहे 7 महीने के शिशु की भी मौत हो चुकी थी. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने ललिता के यहां से लूटे गए आभूषण व नकदी भी बरामद कर ली थी. विस्तृत पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. उधर अयान की सुपुर्दगी को ले कर मोनू व ललिता के परिजन आगे आ गए. अयान किसी को नहीं पहचानता था. दोनों परिवारों में उसे ले कर खींचतान होने लगी. मामला पेचीदा होने पर पुलिस ने अयान को बाल सदन भेज दिया. अदालती आदेश पर ही अब उस की सुपुर्दगी होगी.

कथा लिखे जाने तक किसी भी आरोपी की जमानत नहीं हो सकी थी. शराब की लत में मोनू ने नौकर को इस तरह सिर पर न चढ़ाया होता और ललिता ने दौलत की चकाचौंध न दिखाई होती तो शायद ऐसी नौबत कभी नहीं आती. True Crime Hindi

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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