MP News:शादीशुदा पूजा को पड़ोस के ही श्यामसुंदर से प्यार हो गया. जब पूजा के देवर शिवशंकर ने उस के प्यार मेंअड़ंगा डालते हुए भाभी पूजा को ब्लैकमेल करने की कोशिश की तो…

रविशंकर मिश्रा और उस का छोटा भाई गौरीशंकर मिश्रा मध्य प्रदेश के कटनी स्थित एक फार्मेसी कंपनी में नौकरी करते थे. 18 मार्च, 2015 को उन की नाइट ड्यूटी थी. उसी रात एक बजे के करीब रविशंकर के मोबाइल पर उस की पत्नी पूजा मिश्रा का फोन आया. वैसे तो इतनी रात को पत्नी कभी फोन नहीं करती थी. फिर आज ऐसी क्या बात हो गई जो उस का फोन आया है. सोचते हुए उस ने काल रिसीव करते हुए जैसे ही ‘हैलो’ कहा तभी पूजा की आवाज आई, ‘‘पता नहीं क्यों आज मुझे डर लग रहा है? मैं ने शिवशंकर को भी फोन किया है, उस के फोन पर घंटी जा रही है, लेकिन वह फोन रिसीव नहीं कर रहा है.

मैं कमरे से बाहर आई तो मुझे शिवशंकर के कमरे की बाहर से कुंडी लगी दिखी. मुझे शंका हो रही है कि शिवशंकर फोन क्यों नहीं उठा रहा है. तुम ड्यूटी से जल्दी घर आ जाओ.’’

शिवशंकर रविशंकर का छोटा भाई था. पत्नी की घबराई हुई आवाज सुन कर रविशंकर भी परेशान हो गया. इतनी रात में उस का कटनी से अपने गांव करहिया जाना मुश्किल था, इसलिए उस ने पूजा से कहा, ‘‘तुम घबराओ मत. मैं सुरेश को फोन कर देता हूं. वह जा कर देख लेगा.’’

‘‘मुझे बहुत डर लग रहा है, तुम उसे जल्दी फोन कर दो.’’ पूजा डरी हुई आवाज में बोली.

‘‘ठीक है, मैं अभी फोन करता हूं. तुम चिंता मत करो.’’ रविशंकर ने कहा.

सुरेश रविशंकर का पड़ोसी था. उस ने उसी समय सुरेश को फोन कर के कहा कि पता नहीं क्यों शिवशंकर के कमरे की कुंडी बाहर से लगी हुई है और फोन नहीं उठा रहा है. तुम जा कर देख लो. रविशंकर के कहने पर सुरेश आधी रात को ही उस के घर चला गया. पूजा ने उसे पूरी बात बताई तो सुरेश सच्चाई जानने के लिए शिवशंकर के कमरे तक गया. उस ने भी उस के दरवाजे की बाहर से कुंडी लगी देखी. पूजा भी उस के साथ थी.

कुंडी खोल कर वह अंदर गया तो बैड पर शिवशंकर की खून से लथपथ लाश पड़ी थी. उस की लाश देख कर वह घबरा गया और तुरंत कमरे से बाहर निकल आया. देवर की लाश देख कर पूजा की भी चीख निकल गई. सुरेश ने उसी समय रविशंकर को फोन कर के शिवशंकर की गला रेत कर हत्या किए जाने की जानकारी दे दी. भाई की हत्या की बात सुन कर रविशंकर के जैसे होश उड़ गए. वह उसी समय अपने छोटे भाई गौरीशंकर को ले कर घर के लिए निकल पड़ा. किसी तरह दोनों भाई घर पहुंचे तो उन के घर के बाहर मोहल्ले के तमाम लोग जमा थे और पूजा बिलखबिलख कर रो रही थी.

किसी ने फोन कर के इस मामले की सूचना थाना कुठला पुलिस को दी तो थानाप्रभारी विपिन सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने लाश का मुआयना किया. मृतक शिवशंकर का केवल गला कटा हुआ था, इस के अलावा उस के शरीर पर चोट आदि का कोई निशान नहीं था. घर का सारा सामान अपनी जगह पर रखा हुआ था. यानी घर में चोरी नहीं हुई थी. इस से साफ लग रहा था कि हत्यारों का मकसद केवल शिवशंकर की हत्या करना था. मौके के हालात से यह भी स्पष्ट था कि हत्यारों ने उस की हत्या उस के गहरी नींद में सोने के समय की थी. थानाप्रभारी ने हत्या की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी.

सुबह होने पर एसपी रामेश्वर सिंह, एसपी (सिटी) वी.पी. सिंह के अलावा डौग स्क्वायड व फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गई. फोरेंसिक टीम ने मौके से सुबूत इक्ठे किए. खोजी कुत्ता भी कमरे से निकल कर एक गली में जा कर रुक गया. बहरहाल घटनास्थल से कोई ऐसा सुबूत नहीं मिला, जिस के जरिए कातिलों तक पहुंचा जा सके. पुलिस ने पूजा और सुरेश से भी बात की. पूजा ने बताया कि रात को अचानक डर लगने पर उस ने शिवशंकर को फोन किया था. जब शिवशंकर ने फोन नहीं उठाया तो वह अपने कमरे से बाहर आई. तब शिवशंकर के कमरे की कुंडी बाहर से बंद मिली. कमरे की कुंडी बंद देख कर वह घबरा गई और अपने पति को फोन कर के सारी जानकारी दी. उन्होंने फोन कर के पड़ोसी सुरेश को भेजा. सुरेश ने जब कुंडी खोली तो कमरे में शिवशंकर की लहूलुहान लाश मिली. सुरेश ने भी पूजा की बात की पुष्टि कर दी.

प्रारंभिक पूछताछ और मौके की जरूरी काररवाई निपटाने के बाद शिवशंकर की लाश का पंचनामा तैयार कर के उसे पोस्टमार्टम के लिए कटनी के जिला चिकित्सालय भेज दिया गया और रविशंकर की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस के लिए यह मामला एक तरह से ब्लाइंड मर्डर था. रविशंकर ने बताया कि शिवशंकर की किसी से कोई दुश्मनी वगैरह नहीं थी. फिर ऐसा कौन व्यक्ति है, जिसे शिवशंकर के मरने के बाद फायदा हो सकता है. यह जानने के लिए पुलिस ने मोहल्ले के लोगों से बात की. लेकिन कुछ पता न लगा.

तब थानाप्रभारी ने मृतक और उस के घर के सभी लोगों की काल डिटेल्स निकलवाई. इस जांच में पता चला कि मृतक की भाभी पूजा की अकसर देर रात को एक नंबर पर काफी लंबी बातें होती थीं. उस फोन नंबर का पता लगाया तो वह गांव के ही श्यामसुंदर पटेल का निकला. श्यामसुंदर पूजा का कोई रिश्तेदार तो था नहीं, फिर वह उस से देर रात को इतनी देर तक बातें क्यों करती थी? जिस रात को शिवशंकर का कत्ल हुआ था, उस रात भी पूजा ने श्यामसुंदर के मोबाइल पर काल की थी. इस से पूजा शक के घेरे में आ गई. इतनी जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस ने पूजा से कुछ नहीं कहा. वह उस के खिलाफ और सबूत जुटाना चाह रही थी.

इस के लिए पुलिस ने अपने मुखबिरों से श्यामसुंदर पटेल और पूजा मिश्रा के संबंधों की गोपनीय जांच करवाई. इस जांच में पता चला कि पूजा और श्यामसुंदर के बीच अवैध संबंध थे. यह जानकारी मिलने के बाद थानाप्रभारी विपिन सिंह को यकीन हो गया कि शिवशंकर की हत्या में इन्हीं दोनों का हाथ है. थानाप्रभारी के निर्देश पर बिलहरी चौकीप्रभारी प्रदीप द्विवेदी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने श्यामसुंदर पटेल और पूजा मिश्रा के घर दबिश दी. वे दोनों घर पर ही मिल गए. पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. थाने ला कर दोनों से शिवशंकर की हत्या के बारे में पूछताछ की गई.

दोनों काफी देर तक पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन जब उन के सामने उन के फोन नंबरों की काल डिटेल्स रखी गई तो वे टूट गए. उन्होंने स्वीकार कर लिया कि अपने स्वार्थ की खातिर उन्होंने ही शिवशंकर की हत्या की थी. उन्होंने उस की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार निकली—

मध्य प्रदेश के कटनी जिले के गांव करहिया के रहने वाले नारायण प्रसाद के 4 बेटे थे, शिवनाथ मिश्रा, रविशंकर मिश्रा, शिवशंकर मिश्रा और गौरीशंकर मिश्रा. करीब 5 साल पहले नारायण प्रसाद और उन की पत्नी की मौत हो गई थी. उन की मौत के बाद रविशंकर, शिवशंकर और गौरीशंकर गांव के पुश्तैनी मकान में रहने लगे. तीनों ही कटनी शहर स्थित एक फार्मेसी कंपनी में नौकरी करते थे. बड़े भाई शिवनाथ ने गांव में ही एक दूसरा मकान खरीद लिया था. वह वहीं पर अपनी पत्नी के साथ रह रहा था. करीब 2 साल पहले रविशंकर की शादी इसी जिले के तेदुवारा खुर्द गांव की रहने वाली पूजा मिश्रा हुई थी. पूजा की यह दूसरी शादी थी. उस की पहली शादी करीब 4 साल पहले शाहनगर के एक युवक के साथ हुई थी. किसी वजह से उस से संबंध नहीं निभ पाए तो पूजा उस से संबंध खत्म कर के अपने मायके आ गई.

रविशंकर मिश्रा से शादी हो जाने के बाद पूजा ने घरगृहस्थी की जिम्मेदारी संभाल ली थी. थोड़े दिनों बाद पति के ड्यूटी पर जाने के बाद वह घर की जरूरत का सामान दुकान से खरीदने जाने लगी. उस के घर के नजदीक ही श्यामसुंदर पटेल उर्फ लल्लू की मोबाइल फोन की दुकान थी. पूजा उसी की दुकान पर जा कर अपना मोबाइल फोन रिचार्ज कराती थी. पूजा हंसमुख थी. जब वह उस की दुकान पर जाती तो उस से थोड़ीबहुत बात कर लेती थी. धीरेधीरे श्यामसुंदर व पूजा में खुल कर बातचीत व हंसीमजाक होने लगी. उसी हंसीमजाक के दरम्यान दोनों के बीच कब प्यार हो गया, पता ही नहीं चला. श्यामसुंदर भी शादीशुदा था. उस के 2 बच्चे भी थे.

इस के बावजूद भी पूजा उसे अपना दिल दे बैठी. जब दोनों के दिल मिल गए तो श्यामसुंदर ने उस के घर आनाजाना शुरू कर दिया. इसी दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए. इस के बाद तो श्यामसुंदर को जब भी मौका मिलता, रविशंकर की गैरमौजूदगी में पूजा से मिलने उस के घर चला आता. यह सच है कि प्यार कभी छिपता नहीं है. बंद जुबान में पूजा व श्यामसुंदर के प्यार के चर्चे गांव में होने लगे. किसी तरह उन के अवैध संबंधों की जानकारी पूजा के देवर शिवशंकर को हो गई. शिवशंकर अविवाहित था. भाभी की बदचलनी पर उस का मन भी ललचा गया. उसे यह बात बुरी लगी कि उस के होते हुए पूजा ने दूसरे से संबंध बना लिए.

वह पूजा पर दबाव बनाने लगा कि श्यामसुंदर से संबंध तोड़ कर उस के साथ संबंध बनाए. मगर पूजा ने उसे कोई लिफ्ट नहीं दी. शिवशंकर ने पूजा के साथ जबरदस्ती करनी चाही तो पूजा ने इस का विरोध किया. शिवशंकर को लगा कि सीधी अंगुली से घी नहीं निकलेगा तो वह यह कह कर उसे धमकाने लगा कि यदि उस ने उस की बात नहीं मानी तो वह भाई रविशंकर से उस की पोल खोल देगा. शिवशंकर की यह धमकी सुन कर पूजा डर गई. उस ने सोचा कि यदि शिवशंकर ने पति को सच्चाई बता दी तो उस के वैवाहिक संबंध टूट सकते हैं. इस के बाद उस की जिंदगी नरक हो जाएगी.

कोई रास्ता निकालने के लिए पूजा ने अपने प्रेमी श्यामसुंदर से बात की. श्यामसुंदर को भी लगा कि यदि शिवशंकर ने उन के प्रेम संबंधों की बात रविशंकर से बता दी तो पूरे मोहल्ले में उन की बदनामी होगी. इस के बाद वे घरपरिवार में मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे. काफी सोचनेसमझने के बाद उन दोनों ने शिवशंकर की हत्या करने का फैसला कर लिया. इस काम को वे जल्द से जल्द करना चाहते थे. इस के बाद 17 मार्च, 2015 को उन्होंने शिवशंकर की हत्या की योजना बना ली. उस दिन शिवशंकर की दिन की ड्यूटी थी और उस के भाइयों रविशंकर व गौरीशंकर की रात की. इसलिए रविशंकर और गौरीशंकर शाम करीब 5 बजे रात की ड्यूटी करने के लिए घर से कटनी के लिए चले गए. शाम करीब 7 बजे शिवशंकर दिन की ड्यूटी कर के वापस घर आ गया.

फ्रेश हो कर शिवशंकर पूजा के कमरे में खाना खाने के लिए पहुंचा. योजना के मुताबिक पूजा ने उस के खाने में नींद की कई गोलियां पीस कर मिला दी थीं. खाना खाने के बाद शिवशंकर भाभी पूजा के कमरे में रात 10 बजे तक टीवी देखता रहा. तब तक उस पर नींद की गोलियों का असर होने लगा. उसे नींद आने लगी तो वह पूजा के कमरे से उठ कर अपने कमरे में जा कर लेट गया और थोड़ी देर में गहरी नींद में चला गया. शिवशंकर होश में है या नहीं, यह जानने के लिए पूजा ने रात 12 बजे के लगभग अपने फोन से शिवशंकर के फोन पर काल की. घंटी बजती रही. शिवशंकर ने उस की काल रिसीव नहीं की. इस से पूजा समझ गई कि शिवशंकर बेहोश हो चुका है.

उसी समय पूजा ने फोन कर के अपने प्रेमी श्यामसुंदर को अपने कमरे पर बुला लिया. श्यामसुंदर तेज धार वाला हंसिया और ब्लेड ले कर पूजा के कमरे पर पहुंच गया. दोनों जल्द ही अपना काम निबटाना चाहते थे, इसलिए पूजा ने गहरी नींद में सो रहे अपने देवर के दोनों हाथ दबोच लिए तो श्यामसुंदर ने एक हाथ से शिवशंकर का मुंह दबा लिया और दूसरे हाथ से ब्लेड से शिवशंकर की सांस की नली काट दी. सांस नली के कटते ही शिवशंकर बुरी तरह छटपटाने लगा. इसी बीच श्यामसुंदर ने अपने साथ लाए हंसिए से उस की गरदन को रेत दिया. शिवशंकर कुछ देर तक छटपटाया और उस के बाद शांत हो गया.

उस की हत्या करने के बाद उन्होंने ब्लेड और हंसिया उसी कमरे में छिपा दिया. अपना काम कर के दोनों कमरे से बाहर निकल आए. पूजा अपने कमरे में चली गई तो श्यामसुंदर शिवशंकर के कमरे की बाहर से कुंडी बंद कर के अपने घर चला गया. पूछताछ करने के बाद पुलिस पूजा व श्यामसुंदर पटेल को शिवशंकर के कमरे पर ले गई. उन की निशानदेही पर कमरे से हंसिया व ब्लेड बरामद कर लिया गया. पुलिस ने भादंवि की धारा 302, 207, 120 बी, 34 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर पूजा और श्यामसुंदर को गिरफ्तार कर के 19 मार्च, 2015 को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जिला जेल भेज दिया गया. कथा लिखने तक दोनों की जमानत नहीं हो सकी थी. MP News

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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