Shocking Crime Story: विमला ने जिस प्रेमी को पाने के लिए पति का खून किया, क्या अब जेल जाने के बाद वह उसे मिल सकेगा? दुख की बात तो यह है कि अपने इस स्वार्थ में उस ने मासूम बेटे को भी कातिल बना दिया.
लंच में राजनलाल खाना खाने घर आया तो उस की नजर पलंग पर रखी घड़ी पर पड़ी तो वह चौंका.
उस ने कहा, ‘‘यह घड़ी तो सुमन की है, यहां कैसे आई है?’’
विमला हड़बड़ा उठी. उस ने झपट कर घड़ी उठाते हुए कहा, ‘‘लगता है, सोनी यहां रख गई है.’’
‘‘तो इस में इतना हड़बड़ाने की क्या जरूरत है?’’ राजनलाल ने कहा और खाने बैठ गया. लेकिन लंच कर के जब वह नौकरी पर वापस जाने लगा तो रास्ते में जब उस ने इस बात पर गहराई से विचार किया तो उसे पत्नी की हड़बड़ाहट पर संदेह हो गया. राजनलाल उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस के थाना शादाबाद के गांव बिसावर का रहने वाला था. इंटर पास करने के बाद वह पिता भगवान सिंह के साथ खेती करने लगा था. लेकिन जल्दी ही उस का मन खेती के काम से ऊब गया तो वह कहीं बाहर जा कर नौकरी करने के बारे में सोचने लगा. उसने पिता से बात की तो उन्होंने इजाजत दे दी.
गांव के तमाम लड़के मथुरा, आगरा और दिल्ली में नौकरी करते थे. राजनलाल ने उन लड़कों से बात की तो मथुरा में रहने वाला उस का एक दोस्त अपने साथ लिवा ले गया. वहां उस ने साड़ी की छपाई के कारखाने में उस की नौकरी लगवा दी. राजनलाल की नौकरी लग गई तो उस के लिए रिश्ते आने लगे. घर वालों ने उस के लिए राजस्थान के हिंडोन के रहने वाले मथुराप्रसाद की बेटी विमला को पसंद कर लिया. उसे भी लड़की दिखाई गई. उसे भी लड़की पसंद आ गई तो दोनों का ब्याह हो गया.
विमला के रूप में भगवान सिंह के घर खुशियों ने कदम रख दिया. विमला के पायलों की रुनझुन से उस का आंगन गुलजार हो गया. राजनलाल को जब भी मौका मिलता, घर आ जाता, क्योंकि मथुरा और बिसावर के बीच ज्यादा दूरी नहीं है. समय के साथ राजनलाल 3 बेटों का बाप बन गया. बच्चों को पढ़ानेलिखाने की बात आई तो राजनलाल ने पत्नी और बच्चों को मथुरा में साथ रखने का विचार किया. उस ने परिवार के साथ रहने लायक किराए का मकान लिया और पत्नी तथा बेटों को ले आया.
घर में सब ठीकठाक था. विमला एक अच्छी पत्नी की तरह घर संभाल रही थी. धीरेधीरे बच्चे बड़े हो रहे थे. उसी बीच राजनलाल के पिता की मौत हो गई और घर में जमीन का बंटवारा हो गया तो राजनलाल ने बड़े बेटे विकास को गांव भेज दिया, जिस से वह उस के हिस्से की खेती करा सके. विकास दादी के साथ रह कर अपने हिस्से की खेती कराने लगा. राजनलाल पुष्पविहार कालोनी में किराए पर रहता था. इसी मकान में 2 किराएदार और रहते थे. उन में एक उस के साढ़ू की बेटी पूजा थी और दूसरा था ऋषिपाल, जो अलीगढ़ का रहने वाला था और यहां वह भी किसी साड़ी के छपाई के कारखाने में नौकरी करता था. उस की पत्नी सोनी और 2 बच्चे भी साथ ही रहते थे.
पूजा विधवा थी. उस के 3 बच्चे थे, जिन के पालनपोषण के लिए वह यहां मथुरा में रहती थी. वह सूरी सुपारी की फैक्ट्री में पैकिंग का काम करती थी. पूजा भले ही विमला की सगी बहन की बेटी थी, लेकिन उस की पूजा की अपेक्षा पड़ोसन किराएदार सोनी से ज्यादा पटती थी. इस की वजह यह थी कि एक तो दोनों घरेलू महिलाएं थीं, दूसरे विमला पूजा से कुछ जलती थी. इस के अलावा पूजा सुबह चली जाती थी तो शाम को ही लौटती थी. आने पर वह घर के कामों और बच्चों की देखभाल में लग जाती थी. उस के पास किसी से मिलनेजुलने का समय ही नहीं रहता था.
सोनी का भाई सुमन भी उस के साथ रहता था. वह फिरोजाबाद के थाना टुंडला के गांव मोरेला का रहने वाला था. अभी उस की शादी नहीं हुई थी. वह काफी खुशमिजाज था. बहन की वजह से उस की भी जानपहचान विमला से हो गई थी. वह कुछ करताधरता नहीं था, इसलिए विमला से घंटों बातें करता रहता था. कभीकभी विमला के साथ खरीदारी करने भी चला जाता था. विमला की बातचीत से सुमन को लगा कि विमला पति से खुश नहीं है. राजनलाल शाम को नौकरी से लौट कर आता तो पत्नी और बच्चों से चिढ़ा सा रहता. दरअसल उसे बगल में एक घाव हो गया था, जो ठीक नहीं हो रहा था. इस शारीरिक तकलीफ की वजह से वह चिड़चिड़ा हो गया था.
इसी वजह से पतिपत्नी के बीच कहासुनी होती रहती थी, जिस से उन की आपस में दूरी बढ़ती जा रही थी. राजनलाल अकसर पूजा से हालचाल पूछने उस के कमरे में चला जाता था. वहां वह घंटों बैठा रहता, उस के बच्चों को खिलातापिलाता भी था. पूजा विमला की सगी बहन कृष्णा की बेटी थी. पति की मौत के बाद वह मथुरा में नौकरी कर के किसी तरह बच्चों को पाल रही थी. राजनलाल का पूजा के यहां इस तरह उठनाबैठना विमला को जरा भी नहीं सुहाता था. उसे लगता था कि राजनलाल पूजा की रुपयोंपैसों से मदद करता है. इस से उसे पति पर संदेह होने लगा. इन बातों को ले कर घर में अकसर क्लेश होता रहता.
घर में रोजरोज के क्लेश से तंग आ कर राजनलाल शराब पीने लगा. पतिपत्नी के इस क्लेश के बारे में जान कर सुमन को लगा कि अगर वह चाहे तो इस मौके का फायदा उठा सकता है. इस के बाद उस ने कोशिश भी शुरू कर दी. एक दिन उस ने विमला से कहा, ‘‘भाभी, आप खूबसूरत भी हैं और घर का इतना काम भी करती हैं, इस के बावजूद भाई साहब न आप की इज्जत करते हैं और न आप से खुश रहते हैं.’’
विमला ने सुमन की आंखों में झांक कर हंसते हुए कहा, ‘‘इसी खूबसूरती की वजह से तो तुम्हारे भाई साहब ने मुझे पसंद किया था. लेकिन लगता है अब उन का मन मुझ से भर गया है.’’
‘‘लेकिन हैं तो आप अभी भी उतनी ही सुंदर. कोई भी देखे तो देखता ही रह जाए. उन्हीं में एक मैं भी हूं. मेरा तो मन करता है कि मैं बैठा सिर्फ आप को ही देखता रहूं.’’ सुमन ने विमला के चेहरे को एकटक ताकते हुए कहा.
‘‘देखने का मन होता है तो देखो न, कौन मना करता है.’’ विमला ने शरारती लहजे में कहा.
‘‘भाभी, देखने से मन खराब होता है. फिर और किसी चीज का मन होने लगा तो…?’’‘‘अच्छा,’’ विमला ने मुसकरा कर उस के गाल में चिकोटी काटते हुए कहा, ‘‘लगता है, जवानी उबाल मार रही है. चलो, अब मुझे खाना बनाना है.’’
सुमन उठ कर अपनी बहन के कमरे में चला आया. लेकिन उस की समझ में आ गया कि अगर उस ने विमला पर हाथ डाला तो वह मना नहीं करेगी. उस के स्पर्श ने उसे उत्तेजित कर दिया था. दूसरी ओर उस की बातों ने विमला के मन में भी हलचल मचा दी थी. सुमन विमला से एकांत में मिलने का मौका तलाश रहा था कि उसी बीच उस की नौकरी लग गई. इस के बाद उस के बहनोई ऋषिपाल ने उसे अलग कमरा दिला दिया. लेकिन विमला की वजह से वह बहन के कमरे में अड्डा जमाए रहता और जब देखो तब विमला के कमरे में घुसा रहता.
सुमन का जब विमला के कमरे में कुछ ज्यादा ही आनाजाना हो गया तो एक दिन राजनलाल ने विमला को टोका, ‘‘सोनी से कहो कि वह अपने भाई को संभाले, वरना ठीक नहीं होगा.’’
‘‘क्यों, क्या हुआ, क्या किया है उस ने?’’ विमला ने हैरानी से पूछा.
‘‘देखो विमला, वह लड़का मुझे जरा भी पसंद नहीं, फिर उस से हमारा लेनादेना ही क्या है. जब देखो तब वह हमारे कमरे में पड़ा रहता है.’’
‘‘बस, इतनी सी बात को ले कर इतना गुस्सा, ठीक है मैं मना कर दूंगी.’’ विमला ने पति को शांत किया.
विमला ने पति से कह तो दिया कि वह सुमन को कमरे में आने से मना कर देगी, लेकिन उस ने कहा कुछ नहीं. वह खुद ही चाहती थी कि सुमन उस के आगेपीछे घूमता रहे. संयोग से उसी दिन सुमन दोपहर को बहन के घर आया तो वह बाजार गई थी. बच्चे स्कूल गए थे, इसलिए घर पर विमला अकेली थी. सुमन के लिए यह अच्छा मौका था. वह विमला के कमरे में पहुंचा तो विमला ने उसे बैठा कर कहा, ‘‘तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूं.’’
सुमन ने उस का हाथ पकड़ कर कहा, ‘‘भाभी, मैं चाय पीने नहीं, दिल में लगी आग बुझाने आया हूं.’’
विमला का दिल धड़क उठा. मन में तो उस के भी लड्डू फूट रहे थे. जबकि वह कुछ कह नहीं पा रही थी. लेकिन उस की आंखों में जो भाव आए, उसे देख कर सुमन ने आगे बढ़ कर उसे बांहों में भर लिया. बाहर के दरवाजे में वह कुंडी लगा ही आया था, इसलिए उसे किसी तरह का डर नहीं था. इस के बाद तो उस दिन उस ने विमला के कपोलों पर ही नहीं, पूरे जिस्म पर अपने प्यार की मुहर लगा दी. उस दिन सुमन ने विमला को अनैतिकता के जिस दलदल में डाल दिया, दिनोंदिन वह उस में धंसती चली गई. जिस्म की भूख ने उसे अनैतिकता की राह पर चलने को मजबूर कर दिया. सुमन से संबंध बनने के बाद राजनलाल से उसे वितृष्णा होती गई. कभी राजनलाल उस के करीब आने की कोशिश करता तो वह उसे झटक देती.
राजनलाल की समझ में नहीं आ रहा था कि विमला हो क्या गया है? विमला का बेटा आकाश 13 साल का हो गया था. वह सुमन और मां के संबंधों को समझ रहा था. सुमन को उस से डर भी लगता था, इसलिए उसे खुश रखने के लिए वह उसे पैसे तो देता ही था, उस की अन्य जरूरतें भी पूरी करता था. इस से आकाश को लगने लगा कि राजनलाल बाप हो कर भी उस की जो जरूरतें नहीं पूरी करता, सुमन उस का कोई नहीं है, फिर भी उस की हर जरूरत का खयाल रखता है. इसलिए उसे भी पिता से नफरत हो गई. मां तो उसे झिड़क ही रही थी.
इस का नतीजा यह निकला कि आकाश भी बाप को हर बात में जवाब देने लगा. इस पर नाराज हो कर राजनलाल उस की पिटाई कर देता, जिस से बापबेटे के बीच खाई चौड़ी होती गई, जो सुमन के लिए फायदेमंद साबित हो रही थी. सुमन विमला के साथ खुल कर मजे ले रहा था. सोनी को सब पता था, लेकिन पति के डर की वजह से वह चुप थी, क्योंकि बात खुल जाती तो सालेबहनोई में खटक जाती. विमला भले ही पति की चोरी से सुमन के साथ मजे ले रही थी, लेकिन एक दिन राजनलाल को सच्चाई का पता चल ही गया. उस ने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया था.
सुमन तो भाग गया था, लेकिन राजनलाल ने विमला की जम कर पिटाई कर दी थी. इस के बाद उस ने विमला को धमकाते हुए कहा, ‘‘अब अगर सुमन कमरे में दिखाई दे गया तो उस का खून कर दूंगा.’’
शाम को राजनलाल ने यह बात ऋषिपाल को बताई तो उस ने राजनलाल को आश्वासन दिया कि वह सुमन को समझाएगा. लेकिन इस के बाद भी विमला और सुमन का मिलना बंद नहीं हुआ. विमला अब राजनलाल के साथ रहना नहीं चाहती थी. दोनों की जाति अलग थी, लेकिन ऐसे संबंधों में जाति की चिंता कौन करता है. सुमन ने उसे विश्वास भी दिला रखा था कि कुछ भी हो, वह उसे अपनी बना कर रहेगा. विमला किसी भी तरह राजनलाल से छुटकारा पाना चाहती थी. पितापुत्र के बीच भी उस ने दरार पैदा कर दी थी. 25 मई, 2015 को किसी बात पर विमला और राजनलाल में झगड़ा हुआ तो राजनलाल ने उस की पिटाई कर दी.
एक तो राजनलाल की वजह से विमला प्रेमी से नहीं मिल पा रही थी, दूसरी ओर जब देखो तब वह उस की पिटाई कर देता था. इन बातों से तंग आ कर उस ने पति नाम के इस कांटे को निकालने का इरादा बना लिया.
राजनलाल के ड्यूटी पर जाने के बाद उस ने सुमन को फोन किया. सुमन मिलने आया तो उस ने कहा, ‘‘अब मैं राजनलाल की मार सहन नहीं कर सकती, चलो कहीं भाग चलते हैं.’’
‘‘तुम पागल हो गई हो क्या? गांव में तुम्हारी इतनी जमीन है. अगर हम भाग जाएंगे तो हमारे हाथ क्या लगेगा? ऊपर से पुलिस मेरी बहन और बहनोई को परेशान करेगी. फिर मेरे पास पैसे कहां हैं, जो मैं तुम्हें भगा ले चलूं. मेरा मन तो कहता है कि मैं राजनलाल को ठिकाने लगा दूं. उस के बाद तुम ही नहीं, उस का सब कुछ मेरा हो जाएगा.’’
विमला को भी लगता था कि राजनलाल के न रहने पर वह सुकून से रह सकेगी. इसलिए उस ने सुमन के साथ मिल कर राजनलाल को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली. विमला यह काम जल्दी से जल्दी कर डालना चाहती थी. उस समय राजनलाल की रात की ड्यूटी चल रही थी, इसलिए उस ने उसे दिन में ही मार देने का मन बना लिया. 28 मई, 2015 को खाना खाने के बाद राजनलाल सो गया. सोनी अपने बच्चों के साथ कहीं गई हुई थी. ऋषिपाल और पूजा अपनीअपनी ड्यूटी पर थे. घर में विमला और उस के दोनों बेटे थे. मोहित को सुमन के कमरे पर भेज कर विमला ने सुमन को फोन किया.
राजनलाल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि पत्नी उस की जान भी ले सकती है. राजनलाल आराम से सो रहा था कि रात को ड्यूटी पर जाना है. सुमन के आते ही विमला ने उसे गंडासा थमा दिया. इस के बाद एक ही झटके में उस ने राजनलाल का सिर धड़ से अलग कर दिया. आकाश ने अपनी आंखों से अपने बाप का कत्ल होते देखा. राजनलाल मर गया. उस के खून के छीटों से दीवारें रंग गईं. अब सवाल यह उठा कि लाश का क्या किया जाए? तय हुआ कि लाश के टुकड़े कर के बोरे में डाल कर इसी समय कहीं बाहर फेंक दिया जाए. उस समय दिन के ढाई बज रहे थे. सुमन ने लाश के टुकड़ेटुकड़े कर दिए. वे लाश के टुकड़ों को बोरे में भर पाते, किसी ने दरवाजा खटखटा दिया. दरवाजा नहीं खुला तो वह बाहरी दरवाजे की कुंडी हाथ डाल कर खोल कर अंदर आ गया. वह कोई और नहीं, सुमन का बहनोई ऋषिपाल था.
अब तक खून बह कर दरवाजे से बाहर आ गया था. उस ने राजनलाल के दरवाजे पर खून देखा तो डर गया. खटखटाने पर भी विमला ने दरवाजा नहीं खोला तो ऋषिपाल को मामला गड़बड़ लगा. उस ने बाहर आ कर शोर मचा दिया. सारे पड़ोसी इकट्ठा होते, उस के पहले ही विमला प्रेमी सुमन और बेटे आकाश के साथ पीछे के दरवाजे से निकल गई. ऋषिपाल ने थाना गोविंदनगर पुलिस को सूचना दी. सूचना पा कर थानाप्रभारी हरीशवर्धन एसएसआई सलीम अहमद, एसआई विनोद कुमार, एसआई विजय सिंह और कुछ सिपाहियों के साथ पुष्पविहार कालोनी पहुंच गए. थाना पुलिस ने घटनास्थल पर जो देखा, उस की सूचना पुलिस अधिकारियों को दे दी. इस के बाद एसपी सिटी शैलेश कुमार पांडेय, सीओ (सिटी) चक्रपाणि त्रिपाठी भी घटनास्थल पर आ गए.
कमरा खोला गया तो राजनलाल के शरीर का हर अंग कटा हुआ बिस्तर पर पड़ा था. पुलिस लाश और घटनास्थल का निरीक्षण कर रही थी कि सूचना पा कर राजनलाल का भाई मुकेश आ गया. भाई की लाश देख कर वह फूटफूट कर रोने लगा. शायद लाश के टुकड़ों को बोरी में भरने की कोशिश की गई थी. लेकिन बोरी छोटी थी, इसलिए कोशिश सफल नहीं हुई. राजनलाल के शरीर के टुकड़ों को समेट कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. इस के बाद मुकेश की ओर से थाना गोविंदनगर में विमला, उस के बेटे आकाश और प्रेमी सुमन के खिलाफ राजनलाल की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश में जुट गई. तीनों मथुरा से भाग पाते, उस के पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. पूछताछ में विमला ने सहज ही अपना अपराध स्वीकार कर लिया. अपना यह अपराध स्वीकार करते समय उस के चेहरे पर न जरा सी शिकन थी और न पति के कत्ल करने का जरा भी पछतावा. उस का कहना था कि वह सुमन से प्यार करती थी, इसलिए प्यार में आड़े आ रहे पति को उस ने मार दिया. सुमन ने भी अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा कि राजनलाल की हत्या उस ने विमला के साथ मिल कर की थी. आकाश ने बताया कि पिता उसे बहुत मारते थे और उन का अपनी एक विधवा रिश्तेदार औरत से संबंध था, जिसे उस ने कई बार अपनी आंखों से देखा था. इसलिए उसे पिता से नफरत हो गई थी. पिता के मरने का उसे कोई अफसोस नहीं है.
पूछताछ के बाद विमला और उस के प्रेमी सुमन को अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर के जेल भेज दिया गया. जबकि आकाश को बालसुधार गृह भेज दिया गया. आखिर विमला ने जिस प्रेमी को पाने के लिए पति को मार दिया, अब जेल जाने के बाद क्या वह मिलेगा? शायद अब दोनों की सारी उम्र जेल में ही कटेगी. Shocking Crime Story
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित






