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लास्ट में वैशाली पत्रकार नहीं बल्कि एक नेता की तरह मार्मिक वक्तव्य पेश करती है. इस पूरे वक्तव्य में जो संदेश देना चाह रही थी, उसे सही तरीके से नहीं लिखा गया. समझ में नहीं आया कि आखिर वह कहना क्या चाहती हैं.

अपने कोशिश चैनल पर सब को बताती है कि हम सभी को गलत लोगों और गलत चीजों के खिलाफ मिल कर अंगुली उठानी चाहिए. सब लोग सोचते हैं कि वह इन सब के चक्कर में क्यों पड़ें, मगर वह जानते नहीं हैं कि अगर यह सब उन के साथ हुआ तो कोई भी उन की मदद के लिए आगे नहीं आएगा.

फिर वैशाली कहती है कि इंसानियत ही सब से बड़ा धर्म है, जोकि किसी को भी नहीं भूलना चाहिए और गलत के खिलाफ हमेशा अंगुली उठानी चाहिए. फिल्म का यहीं अंत हो जाता है.

संजय मिश्रा

संजय मिश्रा ने हिंदी फिल्मों व टेलीविजन के विभिन्न सीरियलों में काम किया है. 'भक्षक’ फिल्म में यह मुख्य किरदार में है. संजय का जन्म बिहार के दरभंगा के ग्राम सकरी में 6 अक्तूबर, 1963 को हुआ था. संजय के पिता शंभूनाथ मिश्रा जानेमाने पत्रकार तथा केंद्र सरकार के विभाग प्रैस इनफारमेशन ब्यूरो (पीआईबी) में नौकरी करते थे.

इन का ट्रांसफर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था. उस समय संजय मिश्रा की उम्र लगभग 9 साल थी. शंभूनाथ मिश्रा फिर यहीं बस गए. उन्होंने संजय मिश्रा का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में कराया. यहीं से संजय ने स्नातक की डिग्री हासिल की. बाद में पिताजी का ट्रांसफर दिल्ली हो गया. उस के बाद संजय मिश्रा ने राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में वर्ष 1991 में प्रवेश लिया.

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