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तीसरे एपीसोड में पता चलता है कि आदेश ने किसी महीपाल नाम के व्यक्ति से 20 लाख रुपए कर्ज लिया था, उसी के लिए उन गुंडों ने उसे धमकी दी थी. इस के बाद अन्या अपने खास सहयोगी राघव, जो उस के साथ परछाई की तरह लगा रहता है, से कहती है कि एक बार फिर घर का निरीक्षण करना पड़ेगा. राघव की भूमिका में राहुल बग्गा हैं, जो देखने में तो कहीं से भी पुलिस वाले नहीं लगते.

काल डिटेल्स से पता चला था कि भुवन ने उस रात 11 बजे किसी अवस्थी को फोन किया था. घर के निरीक्षण में अन्या को खयाल आता है कि इस परिवार का कनेक्शन 11 की संख्या से है. क्योंकि जिस अवस्थी को भुवन ने रात 11 बजे फोन किया था, जब उसे बुलाया गया तो उस ने जो बात बताई थी, वह हैरान करने वाली थी.

उस ने घर की एक दीवार में 11 पाइप लगाए थे, जिन में 7 मुड़े हुए थे और 4 सीधे. इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि घर में 7 फीमेल थीं और 4 मेल. इसी के बाद उन्हें घर की हर चीज का संबंध 11 से दिखाई दिया. तब पुलिस को इस का संबंध तंत्रमंत्र से जुड़ता दिखाई दिया.

इस के बाद एक चमत्कारी बाबा को हिरासत में लिया जाता है और उस से पूछताछ की जाती है. यहां कुछ इस तरह का ड्रामा किया जाता है, जो सीरीज को आकर्षित करे. यहां सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश की जाती है, पर वह बेकार की लगती है. पूछताछ में राजावत परिवार की कहानी फ्लैशबैक में दिखाई जाती है.

भुवन बाबा को अपनी पूरी कहानी सुनाता है. उसी रात भुवन को रात में सपना आता है, जिस में उस के पिता उस से कहते हैं कि वह दौलतराम से उस का बदला ले लेंगे. उसी बीच दौलतराम की दुकान में आग लग जाती है और सब कुछ जल कर खाक हो जाता है. इस से भुवन के मन में पिता के प्रति श्रद्धा बढ़ जाती है और वह सुबह पिता की तसवीर की पूजा कर के सभी को आरती दिखाता है.

तब मां कहती है कि आज के बाद यह सब इस घर में नहीं होगा. इस के बाद भुवन पिता की आवाज में बोलता है और फिर बेहोश हो जाता है. यहां लेखक और डायरेक्टर ने अंधश्रद्धा को बढ़ावा देने वाला काम किया है.

अंधविश्वास को दिया बढ़ावा

चौथे एपीसोड में डाक्टर भुवन को देखने आता है. तब भुवन की पत्नी पूनम डाक्टर को पूरा सच नहीं बताती, जिस पर घर के सभी लोगों को हैरानी होती है. पूनम का रोल निशु दीक्षित ने किया है. अपनी भूमिका में वह बिलकुल फिट लगती है. भुवन को पूरा विश्वास है कि मरने के बाद उस के पिता उस के साथ हैं.

भुवन सपने देखता है, जिस में वह पापा को देखता है. इस बीच घर में सब ठीक हो जाता है. अंशिका को नौकरी मिल जाती है, पेंट की दुकान भी खुल जाती है. अंशिका की सगाई हो जाती है. भुवन खुश रहने लगता है. परिवार वाले भी खुश हैं. भुवन पत्नी से रजिस्टर लिखवाता है, जिस में रोजमर्रा से जुड़ी बातें और आध्यात्मिक बातें होती हैं.

इसी एपीसोड में अन्या की जिंदगी के बारे में भी दिखाया जाता है कि उस के पति से उस के संबंध ठीक नहीं हैं. अन्या डीसीपी से इस केस को छोडऩे के बारे में कहती है.

पांचवें एपीसोड में अन्या जीवन से जुड़ा सपना देखती है. सपना उसे परेशान और बेचैन कर देता है. दूसरी ओर क्राइम ब्रांच के औफिस में अमन को बुला कर पूछताछ की जाती है कि घटना वाली रात वह राजावत परिवार के घर क्यों गया था. यह पता सीसीटीवी फुटेज से चला था. पहले तो अमन चुप रहा. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की तो उस ने बताया कि उस के और अंशिका के बीच कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई थी, जिसे सुलझाने के लिए वह वहां गया था.

वह घर के सामने पहुंचा तो लाइट चली गई थी. फिर भी वह घर के अंदर गया तो देखा, घर के सभी लोगों ने फंदे से लटक कर जान दे दी थी. अमन इतना ही बता सका था कि अन्या आ गई. इस के बाद वह अपनी टीम के साथ राजावत परिवार के घर गई, जहां तलाशी में उसे 9 रजिस्टर मिलते हैं. यहां डायरेक्टर ने सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश की है, लेकिन यह सब बेकार की नौटंकी लगती है.

राजावत परिवार के घर से कुल 9 रजिस्टर मिलते हैं, जिन में परिवार से जुड़ी एकएक बात भुवन ने लिखी थी. डीसीपी प्रैस कौन्फ्रैंस कर के पत्रकारों को भी यह बात बताते हैं और कहते हैं कि हो सकता है कि हत्या का रहस्य इन रजिस्टरों से उजागर हो जाए. मनोवैज्ञानिक को बुला कर उस से भी रजिस्टर में लिखी बातों पर चर्चा होती है कि भुवन अपने मृत पिता से बातें करता था और वह वही करता था, जो पिता कहते थे. रजिस्टर को इंसपेक्टर अन्या जैसेजैसे पढ़ती जाती हैं, रहस्य उजागर होता जाता है.

भुवन मनोवैज्ञानिक समस्या से ग्रसित है. परिवार वही करता है, जो भुवन कहता है. और भुवन वही करता है, जो सपने में उस के पिता कहते हैं. इस एपीसोड में फैमिली ड्रामा दिखाया जाता है, जैसा भुवन ने रजिस्टर में लिखा है. इस में अंशिका की शादी तय होना दिखाया जाता है. इंसपेक्टर अन्या भी भुवन की ही तरह सपने देखती है. रजिस्टर पढ़ते समय उस के चेहरे के हावभाव ऐसे लगते हैं, जैसे उस पर ही सब कुछ बीत रहा है.

अंत में भुवन राजस्थान के अपने गांव जाता है, जहां एक पुरानी सी अलमारी में मकान के कागजों के साथ उसे एक और कागज मिलता है, जिस में संस्कृत में अक्षय साधना के बारे में लिखा है. उस में ऊपर एक बरगद का चित्र है, जिस की जटाएं झूल रही हैं.

दर्शकों को बांध नहीं पाई यह सीरीज

छठें एपीसोड में जैसा रजिस्टर में लिखा है, उस के अनुसार भुवन घर में सभी से अक्षय साधना की बात करता है. उस का कहना है कि पिताजी ने कहा है कि तरक्की के लिए यह साधना करनी जरूरी है. अगर साधना सफल हो गई तो सब ठीक हो जाएगा, अगर नहीं सफल हुई तो सब बेकार हो जाएगा. भुवन यह भी बताता है कि साधना कैसे करनी है. परिवार के लोग सलाह करते हैं कि बच्चों को इस से अलग रखा जाए, पर भुवन नहीं मानता, उस का कहना है कि साधना सभी लोगों को करनी है.

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