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दिलीप को जब शंका हुई तो उस ने 13 मार्च, 2023 को बैतूल गंज पुलिस थाने में जा कर अपनी बहन राधा की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करा दी. उस ने पुलिस को बताया कि उस की बहन राधा और जीजा शैलेंद्र के बीच अकसर विवाद होता रहता था. उसे शंका है कि कहीं उस के जीजा ने बहन के साथ कोई बुरा सुलूक न कर दिया हो.

मोबाइल लोकेशन से मिला सुराग

13 मार्च, 2023 को राधा के भाई दिलीप ने जब राधा की गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस ने राधा के पति शैलेंद्र राजपूत व घर वालों को पूछताछ के लिए थाने में तलब किया, मगर शैलेंद्र रंगपंचमी से ही अपने घर से फरार हो गया था. इस से पुलिस का शैलेंद्र पर शक और गहरा गया. पुलिस ने जब शैलेंद्र के पुराने आपराधिक रिकौर्ड की जांच की तो पता चला कि उस की पहली पत्नी कल्पना की मौत आग लगने की वजह से हुई थी. शैलेंद्र की कल्पना से एक बेटी थी, जिस की शादी हो चुकी है. कल्पना की मौत के बाद शैलेंद्र ने राधा से शादी कर ली थी.

कल्पना के मायके वालों ने शैलेंद्र पर कोतवाली थाने में दहेज प्रताडऩा के साथ जला कर मारने का मुकदमा दर्ज कराया था. राधा को भी शैलेंद्र प्रताडि़त करता रहता था, इस बात की जानकारी राधा के भाई दिलीप को भी थी. जब भी दिलीप शैलेंद्र से इस बारे में राधा से बात करता तो राधा भाई को समझा कर कहती, ‘‘भैया, घरगृहस्थी में सब चलता रहता है, अपने बेटों की खातिर मैं पति की प्रताडऩा भी सह लूंगी.’’

भाई ने की लाश की शिनाख्त

राधा के भाई दिलीप डांगी को जब बैतूल के रानीपुर थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर, 2022 को मिली एक महिला की सिर कटी लाश की फोटो दिखाई गई तो शरीर की बनावट और कपड़ों से दिलीप ने उस की पहचान राधा के तौर पर की. पुलिस को सिर कटी लाश के पास पैर की अंगुली में पहनी जाने वाली बिछिया मिली थी. जब पुलिस ने राधा के घर की तलाशी ली तो उसी प्रकार की दूसरी बिछिया राधा के सामान में मिली थी. इस से पुलिस को पूरा यकीन हो गया था कि सिर कटी लाश राधा राजपूत की ही है. पति शैलेंद्र के फरार होने के बाद पुलिस का शक पति पर गया और पुलिस ने उस की तलाश शुरू कर दी.

एसपी सिमाला प्रसाद और एडिशनल एसपी नीरज सोनी के निर्देश पर आरोपी की तलाश हेतु थाना रानीपुर की टीआई अपाला सिंह, इंसपेक्टर रविकांत डहेरिया, एसआई आबिद अंसारी, राकेश सरियाम, मोहित दुबे, राजेंद्र राजवंशी, वंशज श्रीवास्तव, एएसआई दीपक मालवीय, हैडकांस्टेबल तरुण पटेल, राजेंद्र धाड़से, हैडकांस्टेबल बलराम राजपूत, दीपेंद्र सिंह आदि की टीम गठित कर दी.

साइबर टीम ने सब से पहले शैलेंद्र के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया तो उस की लोकेशन महाराष्ट्र के पुणे शहर की मिल रही थी. पुलिस टीम ने 8 दिन की मशक्कत के बाद राधा के पति शैलेंद्र को पुणे महाराष्ट्र में श्रीनिवास कंपनी नौलखा उमरी के पास से गिरफ्तार किया. वहां अपने दोस्त गोविंद वरकड़े के साथ रह रहा था. गोविंद बैतूल के कत्लढाना इलाके का रहने वाला था. पुलिस ने शैलेंद्र को पुलिस थाने ला कर पूछताछ की तो पहले तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वह टूट गया.

पति शैलेंद्र और नाबालिग बेटे को किया गिरफ्तार

शैलेंद्र ने पुलिस के सामने अपने नाबालिग बेटे के साथ मिल कर पत्नी की हत्या करने की बात कुबूल कर ली. पुलिस ने हत्या के मामले में आरोपी पति शैलेंद्र राजपूत, नाबालिग बेटे और आरोपी को घर में छिपा कर रखने के मामले में गोविंद वरकड़े को गिरफ्तार कर जब पूछताछ की तो राधा की हत्या की कहानी से परदा उठ गया.

45 साल के शैलेंद्र राजपूत के पिता वन विभाग में बीट गार्ड के पद पर नौकरी करते थे. पिता की मौत के बाद उसे अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिल गई. शैलेंद्र आलसी और कामचोर स्वभाव का था. पिता की नौकरी मिलते ही आवारागर्दी करने वाले शैलेंद्र के दिन ही फिर गए. वह अपने ऐशोआराम के लिए नई कार ले आया. नौकरी से मिलने वाला पैसा वह शराब पीने और अय्याशी में खर्च करने लगा. नशे की लत और रंगीनमिजाज होने के कारण गलत तरीके से पैसा कमाने का आदी हो चुका था.

शैलेंद्र जंगल में सागौन की तस्करी करने लगा. कुछ समय पहले जंगल में बंकर बनाने के नाम पर उस ने सागौन की अवैध कटाई कर के लाखों रुपए की लकड़ी की खरीदफरोख्त की थी. बैतूल जिले के इतिहास में पहली बार वन विभाग का बंकर कांड सामने आया था, जिस में बंकर बना कर आरा मशीन लगा कर अवैध सागौन की कटाई की जाती थी. इस की जांच की गई तो उसे कुसूरवार मान कर नौकरी से बरखास्त कर उस के खिलाफ धारा 3.5 लोक संघ निवारण अधिनियम व 379, 120बी भादंवि का मामला दर्ज किया गया था. बैतूल के चिखलार में हुए बंकर कांड में शैलेंद्र को पुलिस ने आरोपी बनाया था, जिस से उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा था.

आशिकमिजाज था शैलेंद्र

शैलेंद्र की आशिकमिजाजी की वजह से पतिपत्नी के बीच अकसर विवाद होता रहता था. राधा के नाम उस के मायके सागर जिले के देवरी में एक प्लौट था, जिसे उस ने अपने भाई दिलीप की मदद से बेच दिया था. राधा पति की पैसे उड़ाने की आदत जानती थी, जिस के कारण मायके में बेचे गए प्लौट के पैसे राधा ने भाई के पास जमा करवा दिए थे, जिस से उस के दोनों बेटों के भविष्य में काम आ सके. इस बात को ले कर अकसर विवाद होता था. यही नहीं, शैलेंद्र के किसी दूसरी महिला से अवैध संबंधों को ले कर भी घर में झगड़े होते थे.

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