कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

घटना के दिन भी जब दोनों बच्चे स्कूल चले गए, तब शैलेंद्र ने गुस्से में आ कर राधा को उलाहना देते हुए कहा, ‘‘मैं नौकरी चले जाने की चजह से पैसेपैसे को तरस रहा हूं और तेरा भाई प्लौट के पैसे दबाए बैठा है. उस से पैसे क्यों नहीं मांग लेती?’’

“भाई से पैसे ला कर तुम्हें दे दूं, जिस से तुम गुलछर्रे उड़ा सको. प्लौट के पैसे मैं ने बच्चों की पढ़ाई के लिए जमा कर रखे हैं. उस में से तुम्हें एक पाई भी नहीं दूंगी.’’ राधा ने भी दोटूक जबाब देते हुए कहा. राधा के इस तरह जबाब देने से शैलेंद्र भडक़ गया और गुस्से में आ कर घर के आंगन में रखा फावड़ा पत्नी के सिर पर दे मारा, जिस से राधा के सिर से खून की धारा बहने लगी और कुछ ही देर में उस की मौत हो गई.

यह घटना 7 दिसंबर, 2022 की है. शैलेंद्र ने फावड़े से राधा की हत्या कर दी और दिन भर शव घर में ही रखा. उस ने कपड़ों से आसपास बिखरे खून को साफ कर दिया था. दोनों बच्चों के स्कूल से घर आने के बाद उस ने बड़े बेटे के सामने रोते गिड़गिड़ाते हुए कहा, ‘‘बेटा, आज मुझ से बड़ी गलती हो गई, मैं ने गुस्से में आ कर तेरी मम्मी को मार दिया. अब पुलिस मुझे पकड़ कर ले जाएगी, अब तुम दोनों का क्या होगा?’’

यह सुन कर शौर्य रोने लगा तो शैलेंद्र ने उसे समझाते हुए कहा, ‘‘बेटा, यदि हम तेरी मम्मी की लाश को किसी तरह ठिकाने लगा दें तो किसी को शक नहीं होगा और मैं तुम दोनों बच्चों को अनाथ होने से बचा भी लूंगा.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...