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मिलते रहने की वजह से गुडि़या और गोलू में प्रेम हो गया तो गुडि़या गोलू को अपने साथ रखने के बारे में सोचने लगी. इस के लिए उस ने मातापिता से अनुमति लेने के लिए कहा, ‘‘अभी तो मेरी पूरी जिंदगी पड़ी है. जब तक आप दोनों जिंदा हैं, कोई कुछ न कहेगा. लेकिन आप लोगों के बाद लोग मुझे जीने नहीं देंगे. इसलिए मैं चाहती हूं कि गोलू को अपने साथ रख लूं.’’

गुडि़या के पिता तैयार नहीं थे. लेकिन गुडि़या ने उन्हें ऊंचनीच समझाई तो वह भी तैयार हो गए. उस के बाद गुडि़या ने गोलू को अपने साथ रख लिया. गोलू गुडि़या के साथ उस के पति की हैसियत से रहने लगा. समय अपनी गति से बीतता रहा. पिछले साल गुडि़या के मातापिता की मौत हो गई तो गुडि़या और गोलू ही रह गए.

गोलू को पा कर गुडि़या के जीवन में एक बार फिर रौनक आ गई थी. गुडि़या के पास पैसा था ही, गांव नयाखेड़ा में एक छोटा सा प्लौट ले कर उस ने अपना छोटा सा मकान बनवा लिया. लेकिन वह उस में रहती नहीं थी. रहने के लिए उस ने गजियाखेड़ा में एक मकान किराए पर ले रखा था.

पिछले साल जनवरी महीने में गुडि़या की बड़ी बेटी सोनम अपने पति दीपक वर्मा के साथ गुडि़या के घर पहुंची. उस ने मां को बताया कि पिता ने उस की तो शादी कर दी है, लेकिन दोनों छोटी बहनों पर वह बहुत अत्याचार करते हैं.

बेटियों पर अत्याचार करने की बात सुन कर गुडि़या ने सोनम को एक मोबाइल फोन देते हुए कहा, ‘‘गोलू के साथ होने से मैं हर तरह से मजबूत हो गई हूं. किसी तरह तुम यह मोबाइल फोन कंचन तक पहुंचा दो. मैं उस से अपने साथ रहने की बात करूंगी. अगर वह मेरे साथ रहने को तैयार हो जाती है तो मैं उसे ला कर अपने पास रख लूंगी.’’

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