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24 अक्टूबर की रात के 9 बज चुके थे. योगिता ने उस दिन पति को खुश करने का फैसला कर लिया था. इस के लिए उस ने विशेष रूप से आकर्षक ड्रेस पहनी थी. कालिका सिंह जब घर पहुंचा तो वह शराब के नशे में था.

योगिता ने दरवाजा खोलते हुए कहा, ‘‘आज से हम सब कुछ भूल कर एक नए जीवन की शुरुआत करेंगे. मैं ने पिछली सारी बातें भुला दी हैं, तुम भी सब भूल जाओ.’’

कालिका सिंह उस वक्त काफी नशे में था. कुछ योगिता ने उकसाया और कुछ उस का खुद का मन बहकने लगा. उसी मन:स्थिति में उस ने योगिता से पूछा, ‘‘बच्चे सो गए क्या?’’

‘‘हां, बच्चों को मैं ने खिलापिला कर सुला दिया है.’’ योगिता ने कातिलाना अंदाज में कहा. फिर वह कालिका को बेडरूम में ले गई और मिलन के लिए उकसाने लगी. कालिका सिंह जवान तो था ही, बहकने लगा. तब योगिता बोली, ‘‘मैं ने तुम्हारे लिए एक खास दवा का इंतजाम किया है. उसे खा लो, जोश बढ़ेगा तो लगेगा हम कुछ खास कर रहे हैं. आज मैं तुम्हारे प्यार में सबकुछ भूल जाना चाहती हूं.’’

शारीरिक सुख के चक्कर में आदमी सब कुछ भूल जाता है. उस वक्त वह सिर्फ एक ही बात सोचता है कि अपनी पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा आनंद उठाए. कालिका सिंह के साथ भी यही हुआ.

योगिता ने उसे फुसला कर जरूरत से ज्यादा सैक्सवर्धक दवा खिला दी. शराब के नशे में कालिका ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया. दोनों ने कपड़े भी उतार दिए. लेकिन मिलन की स्थिति आने से पहले ही कालिका सिंह बेहोश हो गया.

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