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संदीप का सोचना था कि इसी बहाने वह आगरा आता रहेगा, जहां उसे प्रेमिका से मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी. शिवम को लगभग 1 लाख रुपए के रेडीमेड कपड़े दिलवा दिए गए. जिस से कमा कर देने की कौन कहे, शिवम ने पूंजी भी गंवा दी. संदीप को गड़बड़ी का आभास हुआ तो वह देवेंद्र के साथ आगरा पहुंचा.

आगरा पहुंच कर दोनों भाइयों को पता चला कि शिवम ने व्यापारियों से पैसे ले कर जुए और शराब पर खर्च कर दिए हैं. यह जान कर संदीप ने शिवम की पिटाई तो की ही, फिरोजाबाद ले जा कर बहन से भी उस की शिकायत की. यही नहीं, उस की प्रेमिका को बुला कर उस से भी सारी बात बता दी. जब शिवम की प्रेमिका को पता चला कि उसे गर्भवती बता कर शिवम ने मामा से पैसे ठगे हैं तो उसे बहुत गुस्सा आया. उस ने उसी दिन शिवम से संबंध तोड़ लिए.

संदीप ने तो अपनी समझ से शिवम के लिए अच्छा किया था, पर उस की यह हरकत शिवम को ही नहीं, मंजू को भी नागवार गुजरी. बहन ने बेटे को समझाने के बजाय उस का पक्ष लिया. मां की शह मिलने से शिवम का हौसला और बुलंद हो गया. फिर क्या था, वह मामा से बदला लेने की सोचने लगा.

संदीप समझ गया कि अब शिवम कभी नहीं सुधरेगा, इसलिए उस ने सोच लिया कि अब वह उस की कोई मदद नहीं करेगा. दूसरी ओर शिवम मामा से अपने अपमान का बदला लेने की योजना बनाने लगा. इस के लिए उस ने आगरा के थाना सिकंदरा के मोहल्ला नीरव निकुंज में दीवानचंद ट्रांसपोर्टर के मकान में ऊपर की मंजिल में एक कमरा किराए पर लिया. अब वह इस बात पर विचार करने लगा कि मामा को कैसे गुड़गांव से आगरा बुलाया जाए, जिस से वह उस से बदला ले सके?

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