parivarik kahani : मां जैसी भी हो, मां ही होती है. औलाद की जन्मदात्री. कंचन को क्या पता था कि जिस बेटे को 9 महीने कोख में रख कर अपना खून पिलाया, 24 साल पाला, एक दिन पराई औरत के लिए वही उस का दुश्मन बन कर...

अनीता शुक्रवार की शाम पौने 5 बजे अपनी भाभी कंचन वर्मा के घर पहुंची. उस ने दरवाजे पर लगी कालबेल बजाई. लेकिन कई बार घंटी बजाने के बाद भी जब अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो उस ने दरवाजे को धक्का दिया. इस से दरवाजा खुल गया. अनीता अंदर पहुंची. उस ने भाभी को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. बैडरूम में टीवी चल रहा था और मोबाइल भी बैड पर पड़ा था. तभी उस की नजर बाथरूम की ओर गई. उस ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो वह हैरान रह गई. वहां फर्श पर भाभी कंचन बेहोश पड़ी थीं. घर का सामान अस्तव्यस्त पड़ा हुआ था.

यह सब देखते ही अनीता चीखती हुई बाहर की ओर भागी. उस ने यह जानकारी आसपास के लोगों व भाई कुलदीप वर्मा को दी. यह 19 फरवरी, 2021 की बात है. अनीता के चीखनेचिल्लाने की आवाज सुन कर आसपास के लोग एकत्र हो गए. अनीता ने बगल में रहने वाली उस की दूसरी भाभी व भाई कुलदीप वर्मा को फोन कर बुलाया. इस बीच किसी ने यह सूचना थाना क्वार्सी को दे दी. तभी सर्राफा कारोबारी कुलदीप वर्मा अपने नौकर के साथ घर पहुंचे और अपनी पत्नी को मैडिकल कालेज ले जाने के साथसाथ अपनी दोनों बेटियों व बेटे को फोन किया. डाक्टरों ने जांच के बाद कंचन वर्मा को मृत घोषित कर दिया.

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