कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

राकेश ड्यूटी जाता तो कृष्ण आ जाता. कईकई घंटे दोनों बंद दरवाजे के पीछे रहते. उस दिन भी वह कृष्ण के साथ कमरे में बंद हो कर वासना का अनैतिक खेल खेल रही थी कि पति राकेश तबीयत खराब होने पर घर आ गया. पूजा ने कृष्ण को भाग निकलने में पूरी होशियारी दिखाई. यही नहीं, राकेश के आगे टेसुए बहा कर उस का गुस्सा भी शांत कर दिया. राकेश को लगा, उस ने खामखां पूजा पर शक किया, वह तो नेक, शरीफ और पतिव्रता है. वह शांत मन से ड्यूटी पर जाता रहा.

लेकिन पूजा और कृष्ण कुमार मीणा का प्रेम प्रसंग लोगों की नजरों से छिप न सका. एक दिन किसी जानकार ने उसे बताया कि उस की पत्नी पूजा किसी युवक के साथ इश्क लड़ाती घूम रही है, उस ने 2-3 बार पूजा को पार्क और एक होटल में देखा है. यह सुन कर राकेश को लगा कि जैसे किसी ने उसे बीच चौराहे पर नंगा कर के जूते मारे हों. वह भारी कदमों से शराब के ठेके पर गया और शराब पी कर घर आया.

उस रात उस ने पूजा की जम कर धुनाई कर दी. वह पूरी रात पूछता रहा कि वह किस के साथ पार्कों और होटलों में घूमती है. लेकिन पूजा ने अपने आशिक का नाम नहीं बताया. उस दिन के बाद से यह रोज का किस्सा बन गया. उन में रोज पूजा के तथाकथित प्रेमी को ले कर कलह होने लगी. राकेश ने पूजा का घर से निकलना भी बंद कर दिया. रोजरोज के झगड़े ने पूजा के मन में पति के प्रति नफरत पैदा कर दी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...