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आत्महत्या की बात पर अड़ी रही शिवानी

पलंग के ऊपर एक देशी तमंचा और पलंग के दाहिनी ओर फर्श पर एक खाली खोखा पड़ा हुआ था. श्री त्रिपाठी ने सावधानी बरतते हुए वह तमंचा रुमाल द्वारा उठाया और खाली कारतूस के खोखे को भी कब्जे में ले लिया. रोने के कारण कपिल की पत्नी शिवानी की आंखें लाल हो गई थीं. वह पास ही खड़ी हो कर अभी भी सुबक रही थी.

“यह घटना कितने बजे की है शिवानी, जब कपिल ने आत्महत्या करने के लिए गोली चलाई?’’ श्री त्रिपाठी ने शिवानी से प्रश्न किया.

“उस वक्त घड़ी में ढाई बज रहे थे साहब. मैं सोई हुई थी. गोली चलने की आवाज से मैं अपनी चारपाई पर उठ कर बैठ गई. पति के कराहने की आवाजें कानों में पड़ी तो मैं चौंक कर इन के कमरे में आई. वो बिस्तर पर गिरे तड़प रहे थे. मैं ने तुरंत अपनी ससुराल फलावदा में इन के भतीजे सचिन को फोन द्वारा इन के आत्महत्या करने की जानकारी दी और मकान मालिक तथा पड़ोसियों की मदद से इन्हें एमएमजी अस्पताल ले कर भागी.’’

“कपिल ने आत्महत्या क्यों की?’’ शिवानी के चेहरे पर नजरें गड़ा कर श्री त्रिपाठी ने पूछा.

“कई दिनों से यह परेशान चल रहे थे, मैं पूछती थी तो कह देते थे कि कामधंधे में सौ प्रकार के टेंशन होते हैं, तुम्हें क्या बताऊं, मैं खामोश हो जाती थी. उसी टेंशन में इन्होंने रात को खुद को गोली मार ली.’’

“तुम पतिपत्नी के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था?’’ श्री त्रिपाठी ने पूछा.

“हम खुश थे साहब. कपिल कभी टेंशन नहीं देते थे. काम पर से लौटते थे तो मेरे और बच्चों के लिए खानेपीने का सामान ले कर आते थे. कल भी वह आम ले कर आए थे. हम ने साथ खाना खाया था, वह 10 बजे सोने के लिए अपने पलंग पर आ जाते थे. रात को भी वह 10 बजे अपने पलंग पर सोने के लिए चले गए थे. मैं बच्चों के साथ अपने कमरे में जा कर सो गई थी कि रात को इन्होंने खुद को गोली मार ली.’’

“तुम कैसे कह सकती हो कि गोली कपिल ने खुद चला कर आत्महत्या की है, कोई दूसरा भी तो गोली चला सकता है.’’ श्री त्रिपाठी ने गंभीरता से अपनी बात कही.

“तमंचा तो इन्हीं का ही था साहब. कोई बाहरी व्यक्ति यदि इन्हें मारने आता तो अपना हथियार ले कर आता न कि इन का तमंचा संदूक से निकाल कर इन्हें गोली मारता.’’

“बात तो तुम ठीक कह रही हो.’’ श्री त्रिपाठी ने होंठों को सिकोड़ कर मन ही मन शिवानी के तर्क की प्रशंसा की, लेकिन उन्हें शिवानी के तर्क में एक खामी भी नजर आ गई. वह यह कि कमरे में कपिल की हत्या करने आए व्यक्ति को संदूक से कपिल का तमंचा निकाल कर भी दिया जा सकता है. और यह काम शिवानी ही कर सकती है, क्योंकि उस घर में कपिल के साथ शिवानी ही मौजूद थी.

‘शिवानी ने यदि ऐसा किया है तो क्यों?’ श्री त्रिपाठी को इसी का उत्तर तलाश करना था.

“क्या रात को तुम ने दरवाजा खुला छोड़ा था?’’ श्री त्रिपाठी ने शिवानी के चेहरे पर नजरें जमा कर पूछा.

शिवानी के खिलाफ मिलते गए ठोस सबूत

शिवानी के चेहरे के भाव बदले. वह थोडा घबराई, फिर खुद को संभालते हुए जल्दी से बोली, ‘‘मैं क्यों दरवाजा खुला छोड़ूंगी साहब, मैं ने रात को अच्छे से दरवाजा बंद किया था. मेरे पति ने जब गोली मारी, तब पड़ोसियों की मदद लेने के लिए मैं ने खुद दरवाजा खोला था.’’

“ठीक है,’’ श्री त्रिपाठी ने खून के नमूने और अन्य साक्ष्य एकत्र करने का काम एसआई हरेंद्र सिंह को सौंप कर उन्हें यह भी हिदायत दे दी कि वह आसपास पड़ोसियों से शिवानी के चरित्र की जानकारी भी गुप्त तरीके से एकत्र करें और उन्हें रिपोर्ट करें. हिदायत देने के बाद श्री त्रिपाठी थाना नंदग्राम की ओर लौट गए.

एसएचओ प्रदीप कुमार त्रिपाठी की आंखों में तीखी चमक उभर आई. वह आगे की ओर झुक गए. उन के सामने एसआई हरेंद्र, हैडकांस्टेबल सगीर खान और कांस्टेबल सोनू मावी बैठे हुए थे. एसआई हरेंद्र ने कुछ ही देर पहले श्री त्रिपाठी को कपिल की संभावित हत्या के पीछे की एक खास जानकारी दी थी. एसआई हरेंद्र की आंखों में झांक कर श्री त्रिपाठी ने पूछा, ‘‘तुम ने जो जानकारी जुटाई है, वह सही है न?’’

“बिलकुल सही है सर. कपिल के आसपास हम ने गुप्त तरीके से शिवानी के चरित्र के विषय में पूछताछ की. 2-4 जगह से हमें बताया गया है कि शिवानी का किसी युवक से इश्कविश्क का चक्कर चल रहा है.  मृतक कपिल और शिवानी के बीच उन्होंने उस युवक को ले कर झगडऩे की आवाजें भी सुनी हैं, जो कभीकभी रात के सन्नाटे में उन्हें सुनाई दे जाती थीं. कपिल शायद अपनी इज्जत को डरता रहा है, इसलिए उस ने कभी ऊंची आवाज में उस युवक को ले कर शिवानी से झगड़ा नहीं किया.

“उस युवक का नामपता मालूम हुआ?’’ श्री त्रिपाठी ने पूछा.

“नहीं, लेकिन मैं ने मुखबिरों को यह पता लगाने के काम पर लगा दिया है सर, बहुत जल्द उस युवक का नामपता मालूम हो जाएगा.’’

“शिवानी को फिलहाल अंधेरे में रखना है मिस्टर हरेंद्र. हमें शिवानी के खिलाफ ठोस सबूत मिल जाएं, तभी शिवानी पर हाथ डाला जाएगा.’’

“ठीक है सर.’’ एसआई ने कहा, ‘‘बहुत सावधानी से मैं उस युवक की जानकारी हासिल करूंगा.’’ एसआई हरेंद्र ने कहा और कुरसी छोड़ दी, ‘‘इजाजत चाहूंगा सर.’’

श्री त्रिपाठी ने सिर हिला दिया. एसआई हरेंद्र हेडकांस्टेबल सगीर खान को साथ ले कर कक्ष से बाहर निकल गए. कपिल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई थी, उस से श्री प्रदीप त्रिपाठी के इस शक की पुष्टि हो गई कि कपिल ने आत्महत्या नहीं की है, उस की गोली मार कर हत्या की गई है.

प्रेमी अंकुश तक पहुंच गई पुलिस

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, कपिल को हत्या से पहले नींद की गोलियां खिलाई गई थीं. उस को बाईं कनपटी पर बहुत नजदीक से गोली मारी गई थी, जो खोपड़ी के दाहिनी ओर से निकल गई थी. इसी से कपिल की मौत हुई थी. जिस रात कपिल की हत्या की गई, कमरे में उस की पत्नी शिवानी और छोटे बच्चे ही थे. जाहिर था, कपिल को शिवानी ने ही नशे की गोलियां खाने या दूध में मिला कर दी होंगी.

शिवानी शक के दायरे में थी, लेकिन श्री त्रिपाठी उसपर हाथ डालने से पहले उस युवक तक पहुंचना जरूरी समझते थे ताकि शिवानी को गुनाह कुबूल करवाया जा सके.  एसएचओ प्रदीप त्रिपाठी का सोचना था कि शिवानी ने अपने प्रेमी से पति को गोली मरवाई है. कपिल कुमार की हत्याकी पुष्टि हो जाने के बाद 16 मार्च, 2023 को कपिल के भतीजे सचिन की ओर से भादंवि की धारा 302 के तहत रिपोर्टदर्ज कर ली गई.

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