50 लाख की फिरौती के लिए किडनैपर सहायक उद्योग कमिश्नर रमणलाल वसावा को किडनैप कर
गुप्तस्थान पर ले जा रहे थे. फिरौती की रकम हासिल करने के बाद उन का मकसद वसावा की हत्या
करना था. क्या बदमाश अपनी योजना में सफल हो पाए?
पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा अपहरण की सूचना प्रसारित होते ही पूरे जिले के सभी थानों की पुलिस के साथ
पीसीआर वाले और लोकल क्राइम ब्रांच भी अलर्ट हो गई. घटना गुजरात की राजधानी गांधीनगर के थाना
चीलोड़ा के अंतर्गत घटी थी, इसलिए थाना चीलोड़ा के एसएचओ ए.एस. अंसारी अपनी टीम के साथ तुरंत
घटनास्थल पर पहुंच गए. लेकिन उन के पहुंचने के पहले ही वहां एक पीसीआर वैन पहुंच चुकी थी.
अपहरण गियोड स्थित मंदिर के पास हुआ था. मंदिर के पास खड़े कुछ लोगों ने अपहरण होते हुए देखा
था, इस के साथ सामने से आ रही पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ी के 2 कर्मचारियों ने भी देखा था.
गुजरात के जिला पालनपुर के सहायक उद्योग कमिश्नर रमणलाल वसावा तबीयत खराब होने की वजह
से 3 दिनों से छुट्टी ले कर गांधीनगर स्थित अपने घर पर ही थे. 25 मई, 2024 की दोपहर को वह
हिम्मतनगर के किसी डाक्टर को दिखाने के लिए अपनी कार से घर से निकले.

वह गांधीनगर से थोड़ी दूर गियोड मंदिर के पास पहुंचे थे कि पीछे से आ रही एक सफेद और दूसरी
आसमानी रंग की कार ने उन्हें घेर कर रोक लिया. सफेद रंग की कार से 3 लोग उतरे और रमणलाल
वसावा को उन की कार से जबरदस्ती खींच कर उतारा और अपनी कार में बैठा कर ले गए.
वहां खड़े कुछ लोगों ने यह देखा तो उन्हें समझते देर नहीं लगी कि मामला कुछ तो गड़बड़ है. उन्होंने
तुरंत इस घटना की सूचना फोन द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी.


 
 
 
            



 
                
                
                
                
                
                
                
                
                
               
 
                
                
                
               
