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सुपारी किलर राशिद कालिया मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शहर महोबा का रहने वाला था, लेकिन कानपुर में ही उस का बचपन बीता था और कानपुर से ही उस ने अपराध जगत में अपना पहला कदम रखा था.

उस का बचपन कानपुर बेगमपुरवा के जम्मे वाली पार्क से क्रिकेट खेलने से शुरू हुआ था. कुछ मोहल्ले की आबोहवा ऐसी थी कि अपनी दबंगई से राशिद उर्फ कालिया ने बम बनाना सीखा और फिर यहीं से उस के अपराध की दुनिया में कदम रखा था.

राशिद की लंबाई जब औसत से कुछ ज्यादा हुई तो लोग उसे राशिद ऊंट के नाम से जानने लगे. बातबात पर बमबाजी और गोली चलाना उस का शौक बन गया था. यहीं से उस की दहशत का दौर शुरू हुआ और उस के बाद उसे चरस, स्मैक की लत लग गई.

तब उस समय के क्रिमिनल शफीक बोल्ट, सरताज चिट्ठा, पप्पू चिकना और रईस हनुमान का उस ने साथ पकड़ लिया. कुछ दिनों तक इन शातिर अपराधियों की शागिर्दी करने के बाद राशिद का कद बढ़ता चला गया.

राशिद कालिया के खिलाफ 20 साल पहले कानपुर के चकेरी थाने में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. इस के 15 साल के बाद झांसी में मोहसिन के अपहरण के बाद हत्या से उस का नाम चर्चा में आया था. अपराध की दुनिया में उस ने फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक हत्याएं करता चला गया. कई हत्याओं में तो पुलिस उस का सुराग भी नहीं लगा सकी.

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